देव शयनी एकादशी कब है 2025 में , पद्मा एकादशी , हरी शयनी एकादशी किसको कहते है, क्या करे देव शयनी एकादशी को सफलता के लिए, जानिए ग्रहों की स्थिति . Devshayani Ekadashi 2025: अषाढ़ शुक्ल पक्ष का ग्यारहवां दिन बहुत ख़ास होता है भारत मे विशेषतः क्यूंकि मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान् विष्णु क्षीर सागर मे सोने के लिए चले जाते हैं. अलग अलग प्रान्तों मे अषाढ़ मास के ग्यारस को अलग लग नामो से जाना जाता है जैसे पद्मा एकादशी, प्रथमा एकादशी, हरी शयनी एकादशी आदि. इस पुरे दिन और रात भक्त गण भगवान् विष्णु की पूजा और आराधना मे लगे रहते हैं. इसी दिन चातुर्मास की शुरुआत भी होती है अर्थात इस दिन से ४ महीने तक साधू संत विशेष पूजा आराधना करते हैं और कहीं जाते आते भी नहीं है. Watch Video here वर्ष 2025 मे हरी शयनी एकादशी 6 जुलाई को है| मान्यता के अनुसार पद्मा एकादशी की शुरुआत राजा मानदाता से जुडी है. इन्होने अंगीरा ऋषि के कहने से अषाढ़ मास के ग्यारस को व्रत और विशेष पूजा की जिससे की इनके राज्य मे वर्षा हुई और सम्पन्नता आई. तभी से लोग भी इस दिन को मनाने लगे. Devshaya...
संतान प्राप्ति साधना, जानिए किस साधना से संतान प्राप्त की जा सकती है, कौन सी पूजा बच्चा पाने के लिए करे, कुंडली में संतान भाव के दोषों को कैसे दूर करे. जो साधना संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है उसे संतान प्राप्ति साधना कहा जाता है. स्वस्थ संतान की चाहत हर दंपत्ति की होती है, माता पिता बनना हर दंपत्ति की ख्वाहिश होती है. अगर सही समय पर संतान हो जाए तो ये बहुत ही भाग्य की बात है परन्तु बहुत से लोग ऐसे है जिनको संतान सुख नहीं मिलता है पूर्ण रूप से स्वस्थ होने पर, सारी क़ाबलियत होने पर भी. Santan Prapti Saadhna ऐसे लोगो के कुंडली को देखने पर बहुत से कारण सामने आये हैं जैसे कुंडली में संतान भाव का दूषित होना, इसके कारण जातक को संतान होने में बहुत समय लग जाता है या फिर संतान स्वस्थ नहीं हो पाती है. कुछ दंपत्ति तो काले जादू के कारण भी संतान बाधा से ग्रस्त रहते हैं. कुछ महिलाओं में गर्भपात होता रहता है कमजोर ग्रहों के कारण. अगर चिकित्सा करने पर भी दंपत्ति को कोई फायदा नहीं होता है तो ऐसे में अनुभवी ज्योतिष से परामर्श लेना चाहिए. संपर्क करे ज्योतिष से मार्गदर्शन के लिए >> ...