विवाह के बाद अनैतिक सम्बन्ध और ज्योतिषीय कारण
Extra Marital Affair ke Jyotishiy Karan: आज के समय में असंतोष, इच्छाओं की अधिकता और भावनात्मक दूरी जैसे कारणों से अवैध और अनैतिक संबंधों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इससे न केवल तलाक के केस बढ़े हैं बल्कि घरेलू कलह और पारिवारिक विघटन भी हो रहा है।

अनैतिक संबंधों के आम कारण
- विवाह से पूर्व के प्रेम संबंधों को न भूल पाना।
- विवाह के बाद नए प्रेम संबंधों की शुरुआत।
- दैनिक जीवन की ऊब और नयापन खोजने की इच्छा।
- भावनात्मक जुड़ाव की कमी।
- आपसी समझ की कमी।
- यौन असंतोष और संतुलन की कमी।
- मजबूरी में किया गया विवाह।
- अकेलापन दूर करने की चाह।
- करियर में उन्नति के लिए अनैतिक संबंध (विशेषकर कामकाजी वर्ग में)।
इन कारणों से पारिवारिक जीवन खतरे में पड़ सकता है। यदि ऐसा कुछ हो रहा है, तो समय रहते इसे समझना और सुधारना ज़रूरी है।
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Extra Marital Affairs के ज्योतिषीय कारण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ ग्रह योग ऐसे होते हैं जो व्यक्ति को विवाह के बाद भी अनैतिक संबंधों की ओर ले जाते हैं:
- शक्तिशाली मंगल: यौन संतुष्टि की तीव्र चाह, यदि पूरी न हो तो दूसरा संबंध बन सकता है।
- मंगल + शुक्र की युति: सप्तम या अष्टम भाव में यह युति विवाहेतर संबंधों की ओर झुका सकती है।
- विवाह भाव का दूषित होना: असंतोष को जन्म देता है, जिससे व्यक्ति दूसरा साथ ढूंढ़ता है।
- शक्तिशाली शुक्र: आकर्षण और वासना में वृद्धि करता है।
- राहु + शुक्र की युति: भटकाव, कपट और अस्थिरता को जन्म देती है।
इस प्रकार कुंडली के विभिन्न ग्रह योग अनैतिक संबंधों में भूमिका निभा सकते हैं। समय रहते अनुभवी ज्योतिषी से मार्गदर्शन लेना सही उपाय है।
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