Skip to main content

Latest Astrology Updates in Hindi

Bhariav Ashtmi Ka Mahattw

Bhariav Ashtmi Kab hai, Kaalbhairav ashtmi ki tarikh 2025, कौन है भैरव जी, काल भैरव की पूजा से क्या फायदे होते हैं, उज्जैन में मौजूद अष्ट-भैरव, भैरव अष्टमी का महत्त्व, उज्जैन में कैसे मनता है काल भैरव अष्टमी, भैरव पूजा से समस्या समाधान, kab hai kalbhairav ashtm i 2025. साल 2025 में 12 November, Budhwar को भैरव अष्टमी मनाई जाएगी | अष्टमी तिथि 11 तारीख को Ratri में लगभग 11:10  बजे से शुरू होगी और 12 तारीख को Ratri को लगभग 10:59 तक रहेगी | Bhariav Ashtmi  2025: हिन्दू पंचाग के अनुसार अगहन महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी भैरव अष्टमी के रूप में मनाया जाता है. मान्यता के अनुसार इस दिन भैरव जी का जन्म हुआ था. उज्जैन में भैरव अष्टमी बहुत ही हर्षोल्लास से मनता है. इस दिन काल भैरव मंदिर और अष्ट भैरव मंदिरों को खूब सजाया जाता है और विशेष पूजा अर्चना होती है. अर्ध रात्री को बाबा की आरती की जाती है.  कौन है काल भैरव ? भगवन शिव के रूद्र अवतार के रूप में काल भैरव को पूजा जाता है | ये शिवजी का प्रचंड रूप है  और इनकी पूजा से हर प्रकार के डर से जातक को निजात मिलती है |  जो लोग त...

Vivah Ke Baad Anaitik Sambandh Aur Jyotish

विवाह के बाद अनैतिक सम्बन्ध और ज्योतिषीय कारण

Extra Marital Affair ke Jyotishiy Karan: आज के समय में असंतोष, इच्छाओं की अधिकता और भावनात्मक दूरी जैसे कारणों से अवैध और अनैतिक संबंधों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इससे न केवल तलाक के केस बढ़े हैं बल्कि घरेलू कलह और पारिवारिक विघटन भी हो रहा है।

Vivah Ke Baad Prem Sambandh aur Jyotish
Vivah Ke Baad Anaitik Sambandh Aur Jyotish

अनैतिक संबंधों के आम कारण

  1. विवाह से पूर्व के प्रेम संबंधों को न भूल पाना।
  2. विवाह के बाद नए प्रेम संबंधों की शुरुआत।
  3. दैनिक जीवन की ऊब और नयापन खोजने की इच्छा।
  4. भावनात्मक जुड़ाव की कमी।
  5. आपसी समझ की कमी।
  6. यौन असंतोष और संतुलन की कमी।
  7. मजबूरी में किया गया विवाह।
  8. अकेलापन दूर करने की चाह।
  9. करियर में उन्नति के लिए अनैतिक संबंध (विशेषकर कामकाजी वर्ग में)।

इन कारणों से पारिवारिक जीवन खतरे में पड़ सकता है। यदि ऐसा कुछ हो रहा है, तो समय रहते इसे समझना और सुधारना ज़रूरी है।

🔗 जरूर पढ़ें: पति-पत्नी के रिश्ते सुधारने के ज्योतिषीय उपाय

Extra Marital Affairs के ज्योतिषीय कारण

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ ग्रह योग ऐसे होते हैं जो व्यक्ति को विवाह के बाद भी अनैतिक संबंधों की ओर ले जाते हैं:

  • शक्तिशाली मंगल: यौन संतुष्टि की तीव्र चाह, यदि पूरी न हो तो दूसरा संबंध बन सकता है।
  • मंगल + शुक्र की युति: सप्तम या अष्टम भाव में यह युति विवाहेतर संबंधों की ओर झुका सकती है।
  • विवाह भाव का दूषित होना: असंतोष को जन्म देता है, जिससे व्यक्ति दूसरा साथ ढूंढ़ता है।
  • शक्तिशाली शुक्र: आकर्षण और वासना में वृद्धि करता है।
  • राहु + शुक्र की युति: भटकाव, कपट और अस्थिरता को जन्म देती है।

इस प्रकार कुंडली के विभिन्न ग्रह योग अनैतिक संबंधों में भूमिका निभा सकते हैं। समय रहते अनुभवी ज्योतिषी से मार्गदर्शन लेना सही उपाय है।

🔗 जानें: जीवनसाथी कैसा होगा? जानिए ज्योतिष अनुसार


📚 संबंधित लेख पढ़ें


👉 और पढ़ें: Extra marital affair ke jyotishiy karan

Comments

Popular posts from this blog

Kuldevi Strotram Lyrics

Kuldevi Strotram Lyrics, कुलदेवी स्त्रोत्रम पाठ के फायदे, कुलदेवी का आशीर्वाद कैसे प्राप्त करें, कुलदेवी को प्रसन्न करने का शक्तिशाली उपाय, Hindi Meanings of Lyrics | हिन्दुओं में कुलदेवी या कुलदेवता किसी भी परिवार के मुख्य देवी या देवता के रूप में पूजे जाते हैं और ये उस परिवार के मुख्य रक्षक भी होते हैं | किसी भी विशेष कार्य को करने से पहले कुलदेवी या कुलदेवता को पूजने की मान्यता है |  आज के समय में बहुत से परिवारों को उनके कुलदेवी या कुलदेवता का पता नहीं होता है अतः ऐसे में चिंता की बात नहीं है| कुलदेवी स्त्रोत्रम का पाठ करके और सुनके हम अपने कुलदेवी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं |  Kuldevi Strotram Lyrics सुनिए YouTube में कुलदेवी स्त्रोत्रम  Lyrics of Kuldevi Strotram:  ॐ नमस्ते श्री  शिवाय  कुलाराध्या कुलेश्वरी।   कुलसंरक्षणी माता कौलिक ज्ञान प्रकाशीनी।।1   वन्दे श्री कुल पूज्या त्वाम् कुलाम्बा कुलरक्षिणी।   वेदमाता जगन्माता लोक माता हितैषिणी।।2   आदि शक्ति समुद्भूता त्वया ही कुल स्वामिनी।   विश्ववंद्यां महाघोरां त्राहिमाम्...

Mahakal Kawacham || महाकाल कवच

महाकाल कवच के बोल, महाकाल कवचम के क्या फायदे हैं। Mahakal Kavacham || Mahakaal Kavach || महाकाल कवच || इस लेख में अति गोपनीय, दुर्लभ, शक्तिशाली कवच के बारे में बता रहे हैं जिसे की विश्वमंगल कवच भी कहते हैं। कवच शब्द का शाब्दिक अर्थ है सुरक्षा करने वाला | जिस प्रकार एक योद्धा युद्ध में जाने से पहले ढाल या कवच धारण करता है, उसी प्रकार रोज हमारे जीवन में नकारात्मक्क शक्तियों से सुरक्षा के लिए महाकाल कवच ढाल बना देता है | जब भी कवच का पाठ किया जाता है तो देविक शक्ति दिन भर हमारी रक्षा करती है |  कवच के पाठ करने वाले को अनैतिक कार्यो से बचना चाहिए, मांसाहार नहीं करना चाहिए, किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं करना चाहिए | Mahakal Kavach का विवरण रुद्रयामल तंत्र में दिया गया है और ये अमोघ रक्षा कवच है | Mahakal Kawacham || महाकाल कवच  किसी भी प्रकार के रोग, शोक, परेशानी आदि से छुटकारा दिला सकता है महाकाल कवच का पाठ | इस शक्तिशाली कवच के पाठ से हम बुरी शक्तीयो से बच सकते हैं, भूत बाधा, प्रेत बाधा आदि से बच सकते हैं | बच्चे, बूढ़े, जवान सभी के लिए ये एक बहुत ही फायदेमंद है | बाबा महाकाल ...

Bank Account kab khole jyotish anusar

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बैंक खाता कब खोलें, बैंक खाता खोलने के लिए सबसे अच्छा दिन चुनकर सौभाग्य कैसे बढ़ाएं,  when to open bank account as per astrology ,  ज्योतिष के अनुसार बैंक खाता खोलने का शुभ दिन, नक्षत्र और समय, ज्योतिष के अनुसार बचत कैसे बढ़ाएं? बैंक खाता खोलने का निर्णय एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय है और इसलिए इसे खोलने के लिए सबसे अच्छा दिन, सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र, सर्वश्रेष्ठ महुरत चुनना अच्छा होता है । शुभ समय पर खोला गया बैंक खाता व्यक्ति को आसानी से संपन्न बना देता है |  बिना प्रयास के सफलता नहीं मिलती है अतः अगर हमे सफल होना है ,धनाढ्य बनना है, अमीर बनना है तो हमे सभी तरफ से प्रयास करना होगा, हमे स्मार्ट तरीके से काम करना होगा |  प्रत्येक व्यवसाय या कार्य में बैंक खाता आवश्यक है। चाहे आप एक कर्मचारी या उद्यमी हों चाहे आप एक व्यवसायी हों या एक गैर-कामकाजी व्यक्ति, बैंक खाता आमतौर पर हर एक के पास होता है। बैंक खाता हर एक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम इस पर अपनी बचत रखते हैं, यह इसीलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रत्येक लेनदेन बैंक खाते के माध्यम...