विवाह कब होगा? जीवनसाथी कैसा होगा? किस दिशा से आएगा जीवनसाथी? जानिए 9 ग्रहों के प्रभाव और ज्योतिषीय संकेतों के आधार पर।
कहते हैं शादी का लड्डू जो खाए वो पछताए और जो न खाए वो भी पछताए। परंतु अधिकतर लोग शादी का लड्डू खाना ही चाहते हैं। हर व्यक्ति जीवन में प्रेम, संग-साथ और समझदार जीवनसाथी की कामना करता है। पर क्या आप जानते हैं कि आपकी कुंडली ही इन सभी सवालों का उत्तर छुपाए बैठी है?

9 ग्रह और जीवनसाथी पर असर: जानिए ज्योतिष अनुसार
🔮 कुंडली से जानिए शादी का समय, दिशा और जीवनसाथी का स्वभाव
वैदिक ज्योतिष में सप्तम भाव (7th house) और उस पर ग्रहों का प्रभाव यह दर्शाता है कि व्यक्ति की शादी कब होगी, जीवनसाथी कैसा होगा, उनका स्वभाव, संस्कार, सोच, और वैवाहिक जीवन की दशा-दिशा कैसी होगी।
📌 सप्तम भाव का महत्व
सप्तम भाव और उस पर दृष्टि डालने वाले ग्रहों का विश्लेषण करके पता लगाया जा सकता है कि प्रेम विवाह होगा या अरेंज, वैवाहिक सुख कैसा होगा, और शादी किस दिशा में संभावित है।
⏳ विवाह में देरी के कारण – ज्योतिषीय विश्लेषण
कई बार कुंडली में विशेष दोषों या ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण विवाह में अनावश्यक देरी, अयोग्य साथी से विवाह या वैवाहिक जीवन में परेशानियाँ आती हैं।
- मंगल दोष (Mangal Dosh)
- ग्रहण दोष (Grahan Dosh)
- पितृ दोष (Pitru Dosh)
- अशुभ शुक्र
- कालसर्प योग (Kaal Sarp Yog)
🌌 9 ग्रहों का जीवनसाथी पर असर – जानिए विस्तार से
हर ग्रह का अपना अलग प्रभाव होता है और वह वैवाहिक जीवन को सकारात्मक या नकारात्मक दिशा में ले जा सकता है:
- ☀️ सूर्य – नेतृत्व क्षमता या अहंकार
- 🌙 चंद्रमा – भावनात्मक जुड़ाव या मानसिक अस्थिरता
- 🔥 मंगल – ताकतवर साथी या झगड़ालू स्वभाव
- 🧠 बुध – बुद्धिमत्ता या चालाकी
- 📿 गुरु – आध्यात्मिकता या अहंकार
- 💘 शुक्र – प्रेम और सौंदर्य या वासना और लालच
- 🪓 शनि – स्थिरता या उदासी और दूरी
- 🐍 राहु – रहस्यात्मकता या भ्रम
- ☸️ केतु – वैराग्य या उदासीनता
वैवाहिक समस्याओं के लिए ज्योतिषीय उपाय
- दोषयुक्त ग्रहों की शांति पूजा
- रक्षाकवच या उतारा
- कुल देवी-देवता की पूजा
- रत्न धारण करना
- विशेष मंत्र जाप
- घर में वास्तु सुधार
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जानिए विवाह कब होगा, जीवनसाथी कैसा होगा, और 9 ग्रहों का विवाह पर असर विस्तार से।
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