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Kartik Poornima Ka Mahattw In Hindi

Kartik Poornima 2025,  जानिए कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व, क्या करे कार्तिक पूनम को सफलता के लिए, कैसे प्राप्त करे स्वास्थ्य और सम्पन्नता, poornima ka 12 rashiyo par prabhav. 2025 में 5 नवम्बर बुधवार को है कार्तिक पूर्णिमा | Poornima Tithi 4 तारीख को रात्री में लगभग 10:38 बजे से शुरू होगी और 5 तारीख को शाम में लगभग 6:49 बजे तक रहेगी | तो उदया तिथि के अनुसार 5 तारीख को पूर्णिमा का व्रत रखा जायगा. कार्तिक पक्ष की पूर्णिमा एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण दिन है जब हम स्वास्थ्य और सम्पन्नता के लिए पूजा पाठ कर सकते हैं. इस पवित्र दिन में भक्त भगवान् विष्णु और माता तुलसी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सफल बना सकते हैं. इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और घाटो पर पूजा-पाठ करते हैं. Kartik Poornima Ka Mahattw In Hindi 🌕 कार्तिक पूर्णिमा का आध्यात्मिक और वैदिक महत्व: कार्तिक पूर्णिमा, जिसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है और पूजा पाठ के लिए, पुण्य अर्जित करने के लिए ख़ास दिन होता है । इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर पर विजय प्राप्त की थी. इसी दिन भगान वि...

9 Graho Ka Jivan Sathi Par Kya Asar Hota Hai Jyotish Anusar Janiye

विवाह कब होगा? जीवनसाथी कैसा होगा? किस दिशा से आएगा जीवनसाथी? जानिए 9 ग्रहों के प्रभाव और ज्योतिषीय संकेतों के आधार पर।

कहते हैं शादी का लड्डू जो खाए वो पछताए और जो न खाए वो भी पछताए। परंतु अधिकतर लोग शादी का लड्डू खाना ही चाहते हैं। हर व्यक्ति जीवन में प्रेम, संग-साथ और समझदार जीवनसाथी की कामना करता है। पर क्या आप जानते हैं कि आपकी कुंडली ही इन सभी सवालों का उत्तर छुपाए बैठी है?

9 Graho Ka Jivan Sathi Par Asar

9 ग्रह और जीवनसाथी पर असर: जानिए ज्योतिष अनुसार

🔮 कुंडली से जानिए शादी का समय, दिशा और जीवनसाथी का स्वभाव

वैदिक ज्योतिष में सप्तम भाव (7th house) और उस पर ग्रहों का प्रभाव यह दर्शाता है कि व्यक्ति की शादी कब होगी, जीवनसाथी कैसा होगा, उनका स्वभाव, संस्कार, सोच, और वैवाहिक जीवन की दशा-दिशा कैसी होगी।

📌 सप्तम भाव का महत्व

सप्तम भाव और उस पर दृष्टि डालने वाले ग्रहों का विश्लेषण करके पता लगाया जा सकता है कि प्रेम विवाह होगा या अरेंज, वैवाहिक सुख कैसा होगा, और शादी किस दिशा में संभावित है।

⏳ विवाह में देरी के कारण – ज्योतिषीय विश्लेषण

कई बार कुंडली में विशेष दोषों या ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण विवाह में अनावश्यक देरी, अयोग्य साथी से विवाह या वैवाहिक जीवन में परेशानियाँ आती हैं।

🌌 9 ग्रहों का जीवनसाथी पर असर – जानिए विस्तार से

हर ग्रह का अपना अलग प्रभाव होता है और वह वैवाहिक जीवन को सकारात्मक या नकारात्मक दिशा में ले जा सकता है:

  • ☀️ सूर्य – नेतृत्व क्षमता या अहंकार
  • 🌙 चंद्रमा – भावनात्मक जुड़ाव या मानसिक अस्थिरता
  • 🔥 मंगल – ताकतवर साथी या झगड़ालू स्वभाव
  • 🧠 बुध – बुद्धिमत्ता या चालाकी
  • 📿 गुरु – आध्यात्मिकता या अहंकार
  • 💘 शुक्र – प्रेम और सौंदर्य या वासना और लालच
  • 🪓 शनि – स्थिरता या उदासी और दूरी
  • 🐍 राहु – रहस्यात्मकता या भ्रम
  • ☸️ केतु – वैराग्य या उदासीनता

वैवाहिक समस्याओं के लिए ज्योतिषीय उपाय

  1. दोषयुक्त ग्रहों की शांति पूजा
  2. रक्षाकवच या उतारा
  3. कुल देवी-देवता की पूजा
  4. रत्न धारण करना
  5. विशेष मंत्र जाप
  6. घर में वास्तु सुधार

📚 संबंधित ज्योतिष लेख पढ़ें:

जानिए विवाह कब होगा, जीवनसाथी कैसा होगा, और 9 ग्रहों का विवाह पर असर विस्तार से।

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