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Pitra Moksha Amavasya Ka Mahatwa पितृ मोक्ष अमावस्या

Pitra Moksha Amavasya 2025 Date, पितृ मोक्ष अमावस्या का महत्तव, क्या है सर्वपितर अमावस्या, कैसे प्राप्त करे पितरों की कृपा, श्राद्ध अमवस्या की तारीख क्या है 2025 में . Pitra Moksha Amavasya 2025:  हर साल हिन्दू लोग 16 दिन तक विशेष पूजा पाठ करते हैं अपने पितरो की कृपा प्राप्त करने के लिए, ये सोलह दिन श्राद्ध पक्ष कहलाते हैं, पितर पक्ष कहलाते हैं , कुछ जगह पर इसे महालय भी कहते हैं. भारतीय संतो ने ये दिन निकाले थे जिससे की लोग अपने जीवन को सुखमय कर सके और अपने साथ साथ अपने पूर्वजो का कल्याण भी कर सके. पितृ पक्ष की समाप्ति पितृ मोक्ष अमावस्या के साथ होती है. सन 2025 में 21 September को श्राद्ध अमवस्या का दिन होगा | पितृ मोक्ष अमावस्या वास्तव में ये हमारा कर्त्तव्य है की हम अपने पूर्वजो को पितरो को समय समय पर याद करे और उनकी कृपा के लिए उनका धन्यवाद दे. क्यूंकि हम इस सुन्दर धरती पर अगर है तो उनके कारण. हिन्दू शाश्त्रो में पितरो को पूजने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं जिससे की लोग सुखी और संपन्न जीवन जी सके. हिन्दू पंचांग के हिसाब से आश्विन माह में ये सोलह दिन आते हैं जब...

9 Graho Ka Jivan Sathi Par Kya Asar Hota Hai Jyotish Anusar Janiye

विवाह कब होगा? जीवनसाथी कैसा होगा? किस दिशा से आएगा जीवनसाथी? जानिए 9 ग्रहों के प्रभाव और ज्योतिषीय संकेतों के आधार पर।

कहते हैं शादी का लड्डू जो खाए वो पछताए और जो न खाए वो भी पछताए। परंतु अधिकतर लोग शादी का लड्डू खाना ही चाहते हैं। हर व्यक्ति जीवन में प्रेम, संग-साथ और समझदार जीवनसाथी की कामना करता है। पर क्या आप जानते हैं कि आपकी कुंडली ही इन सभी सवालों का उत्तर छुपाए बैठी है?

9 Graho Ka Jivan Sathi Par Asar

9 ग्रह और जीवनसाथी पर असर: जानिए ज्योतिष अनुसार

🔮 कुंडली से जानिए शादी का समय, दिशा और जीवनसाथी का स्वभाव

वैदिक ज्योतिष में सप्तम भाव (7th house) और उस पर ग्रहों का प्रभाव यह दर्शाता है कि व्यक्ति की शादी कब होगी, जीवनसाथी कैसा होगा, उनका स्वभाव, संस्कार, सोच, और वैवाहिक जीवन की दशा-दिशा कैसी होगी।

📌 सप्तम भाव का महत्व

सप्तम भाव और उस पर दृष्टि डालने वाले ग्रहों का विश्लेषण करके पता लगाया जा सकता है कि प्रेम विवाह होगा या अरेंज, वैवाहिक सुख कैसा होगा, और शादी किस दिशा में संभावित है।

⏳ विवाह में देरी के कारण – ज्योतिषीय विश्लेषण

कई बार कुंडली में विशेष दोषों या ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण विवाह में अनावश्यक देरी, अयोग्य साथी से विवाह या वैवाहिक जीवन में परेशानियाँ आती हैं।

🌌 9 ग्रहों का जीवनसाथी पर असर – जानिए विस्तार से

हर ग्रह का अपना अलग प्रभाव होता है और वह वैवाहिक जीवन को सकारात्मक या नकारात्मक दिशा में ले जा सकता है:

  • ☀️ सूर्य – नेतृत्व क्षमता या अहंकार
  • 🌙 चंद्रमा – भावनात्मक जुड़ाव या मानसिक अस्थिरता
  • 🔥 मंगल – ताकतवर साथी या झगड़ालू स्वभाव
  • 🧠 बुध – बुद्धिमत्ता या चालाकी
  • 📿 गुरु – आध्यात्मिकता या अहंकार
  • 💘 शुक्र – प्रेम और सौंदर्य या वासना और लालच
  • 🪓 शनि – स्थिरता या उदासी और दूरी
  • 🐍 राहु – रहस्यात्मकता या भ्रम
  • ☸️ केतु – वैराग्य या उदासीनता

वैवाहिक समस्याओं के लिए ज्योतिषीय उपाय

  1. दोषयुक्त ग्रहों की शांति पूजा
  2. रक्षाकवच या उतारा
  3. कुल देवी-देवता की पूजा
  4. रत्न धारण करना
  5. विशेष मंत्र जाप
  6. घर में वास्तु सुधार

📚 संबंधित ज्योतिष लेख पढ़ें:

जानिए विवाह कब होगा, जीवनसाथी कैसा होगा, और 9 ग्रहों का विवाह पर असर विस्तार से।

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