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Naye Saal 2026 Par Shani Sade Sati Aur Dhaiya Ka Prabhav Kin Par Rahega

Shani Sade Sati Dhaiya 2026, शनि की पनौती किस पर, किन राशियों पर रहेगा शनि का असर रहेगा, shani effect 2026. नए साल 2026 में शनि मीन राशि में मौजूद रहेंगे जिसके कारण मेष, मीन और कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। सिंह और धनु राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव रहेगा ।   मेष राशि पर साड़े साती का पहला चरण रहेगा, मीन राशि पर साड़े साती का दूसरा चरण रहेगा और कुम्भ राशि पर शनि साड़े साती का अंतिम चरण रहेगा. Naye Saal 2026 Par Shani Sade Sati Aur Dhaiya  Watch Details On YouTube आइये जानते हैं शनि साड़े साती और ढैय्या का क्या प्रभाव होगा मेष राशि : शनि मेष राशि से 12वें भाव में रहेगा 2026 में जिसके कारण मेष राशि पर शनि के साड़े साती का पहला चरण रहेगा. इसके कारण गहरे अंदरूनी बदलाव और कर्मों की सफ़ाई का दौर जारी रहेगा । यह साल आपको धीमा होने, अपने अंदर झाँकने और अनसुलझे डर, आदतों और इमोशनल बोझ का सामना करने के लिए शक्ति प्रदान करेगा । खर्चे बढ़ सकते हैं, चाहे सेहत, यात्रा या दूसरों की मदद करने से, इसलिए सोच-समझकर फ़ाइनेंशियल प्लानिंग करना ज़रूरी रहेगा । नींद...

Kalsarp Yoga Kya Hota Hai

कालसर्प योग क्या है? जानिए इसके लक्षण, प्रभाव और उपाय

Kalsarp Yoga kya hai (कालसर्प योग) एक ऐसा ज्योतिषीय योग है जिसे अक्सर दोष के रूप में देखा जाता है। लेकिन वास्तव में यह एक योग है जो व्यक्ति के जीवन में अच्छे और बुरे दोनों प्रभाव डाल सकता है। जानकारी के आभाव में इसे केवल डरावना मानना उचित नहीं है। इस लेख में हम कालसर्प योग के प्रकार, इसके प्रभाव और कालसर्प दोष निवारण उपाय के बारे में विस्तार से जानेंगे।

kundli me kalsarp yog kaise banta hai

कुंडली में कालसर्प योग कैसे बनता है?


क्या आप जानते हैं?

  • कुंडली में कालसर्प योग के विभिन्न प्रकार होते हैं।
  • ज्योतिष शास्त्र में अन्य दोष जैसे पितृ दोष, प्रेत दोष, ब्राह्मण दोष, मातुल दोष आदि का भी वर्णन मिलता है।
  • हर कालसर्प योग खतरनाक नहीं होता है।
  • शिव मंदिर में नाग-नागिन के जोड़े अर्पित करने से बुरे प्रभाव कम हो सकते हैं।
  • शिव पूजा और महामृत्युंजय मंत्र से भी राहत मिलती है।

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कालसर्प योग क्या है?

ज्योतिष अनुसार जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं तो कुंडली में कालसर्प योग का निर्माण होता है। यह योग पूर्ण या आंशिक दोनों हो सकता है।

  • पूर्ण कालसर्प योग: सभी ग्रह राहु-केतु के बीच हों।
  • आंशिक कालसर्प योग: यदि बीच में कुछ भाव खाली हों।

कालसर्प योग के कारण होने वाली समस्याएँ

  1. व्यापार और नौकरी में असफलता।
  2. विवाह में देरी या दांपत्य जीवन में परेशानी।
  3. स्वास्थ्य समस्याएँ और बार-बार बीमार पड़ना।
  4. विद्यार्थियों को पढ़ाई में बाधाएँ।
  5. सामाजिक यश और मान-सम्मान में कमी।
  6. कोई भी काम पहली बार में सफल न होना।

कालसर्प दोष निवारण उपाय

  • नियमित रूप से शिव पूजा करें।
  • महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
  • नवनाग स्तोत्र का पाठ करें।
  • विशेष कालसर्प पूजन करवाएँ।
  • अभिमंत्रित कालसर्प अंगूठी/पेंडेंट धारण करें।

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निष्कर्ष: कालसर्प योग जीवन में चुनौतियाँ तो लाता है लेकिन सही उपाय और शिव पूजा करने से इनके प्रभाव कम किए जा सकते हैं। एक अनुभवी ज्योतिष से परामर्श लेना हमेशा लाभकारी होता है।

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