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Guru Grah Ka Kundli ke 12 Bhavo mai Prabhav

Kundli Ke 12 Bhavo Mai Guru Ka prahbav, जानिए कुंडली के अलग-अलग भावों में गुरु का शुभ और अशुभ प्रभाव, द्वादश भाव में बृहस्पति का फल, Guru Grah Ka Kundli ke 12 Bhavo mai Prabhav | वैदिक ज्योतिष में सूर्य को राजा, मंगल को सेनापति, बुध को युवराज की उपाधि प्राप्त है और बृहस्पति तो सभी के मार्गदर्शक है | जन्म कुंडली में गुरु ग्रह धनु और मीन राशि के स्वामी हैं | कुंडली में बृहस्पति कर्क राशि में उच्च के होते हैं और मकर में नीच के होते हैं | इसे सूर्य की परिक्रमा करने में लगभग 12 वर्षो का समय लगता है |  किसी भी कुंडली में गुरु की शुभ और अशुभ अवस्था जीवन को बदलने की जबरदस्त शक्ति होती है | अशुभ गुरु जहाँ जातक का जीवन संघर्षो से भर देता है, विद्याहीन, मूर्ख, बिना सोचे समझे कार्य करने वाला, असंतोषी बना देता है वहीँ शुभ बृहस्पति जातक को राजा बना देता है, मान-सम्मान दिलाता है, प्रभावशाली व्यक्तित्त्व देता है |  Guru Grah Ka Kundli ke 12 Bhavo mai Prabhav वैदिक ज्योतिष में गुरु ग्रह का सम्बन्ध किन विषयो से होता है  : GURU ग्रह को अंग्रेजी में Jupiter कहा जाता है वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंड

Vivah Bandhan Dosh ka Samadhan

Vivah Bandhan Dosh ka Samadhan, विवाह बंधन दोष के उपाय , शादी में देरी के कारण और शीघ्र शादी के उपाय | कुछ लोग ऐसे है जिनके पास हर तरह की खूबियाँ हैं, लायक है, धन की कमी नहीं है, शरीर भी अच्छा है परन्तु एक अच्छा जीवन साथी नहीं मिल रहा है |  ऐसे लोगो के माता पिता और रिश्तेदार भी योग्य जीवन साथी की तलाश में घूमते रहते हैं परन्तु सफलता नहीं मिल पाती है | इसके कारण चिंता बनी रहती है | कभी कुंडली मिलान नहीं होता है तो कभी परिवार नहीं जमता है तो कहीं वैचारिक मतभेद के कारण रिश्ते नहीं हो पाते हैं |  सबकुछ होते हुए भी सही जीवन साथी नहीं मिलने के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे : जन्म कुंडली में विवाह स्थान का दूषित होना | सप्तम भाव पर किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि होना | कुंडली के सुख स्थान में अशुभ ग्रहों का बैठना | विवाह स्थान के स्वामी का अत्यंत कमजोर होना | किसी का श्राप होना | विवाह स्थान पर पितृ दोष बनना | विवाह स्थान में ग्रहण दोष बनना | इसके अलावा नवमांश कुंडली में सुख भाव और विवाह भाव का दूषित होना भी शादी में अड़चने पैदा करता है | Read in english about obstacles in marriage so

Budh ka Vrishabh Rashi Mai Gochar Ka Fal

Budh ka gochar vrishabh rashi mai 7 june 2023 ko, जानिए राशिफल, वृषभ राशि में बुध का क्या फल होगा, mercury transit june 2023 | ग्रहों के राजकुमार बुध 7 जून को वृषभ राशि में गोचर करेंगे जो की बुध की मित्र राशि है | वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, व्यापार के कारक ग्रह माने गए हैं | जन्म कुंडली में शुभ बुध के कारण जातक को वाक् चातुर्यता प्राप्त होती है, निर्णय लेने की अच्छी क्षमता प्राप्त होती है, व्यापार में सफलता मिलती है, जातक की पहचान दूर दूर तक रहती है | 7 जून २०२३ बुधवार को शाम को लगभग 7:40 बजे ग्रहों के राजकुमार बुध अपनी राशि परिवर्तन करेंगे और वृषभ राशि में गोचर करेंगे | Budh ka Vrishabh Rashi Mai Gochar Ka Fal Read in english about When will Mercury Transit in Taurus Sign in June 2023? आइए जानते हैं कि बुध के वृष राशि में गोचर से 12 राशियों के जीवन में क्या प्रभाव होगा ? मेष राशिफल : 7 जून २०२३ को बुध के वृषभ राशि में गोचर से मेष राशि के लोगो को धन लाभ होगा, व्यवसाय या फिर नौकरी के लिए किसी यात्रा पर जाना पड़ सकता है | भाई बहनों के साथ किसी पिकनिक पे जा सकते ह

Rashi Anusaar Mantra Safalta Ke Liye

१२ राशियों से सम्बंधित मंत्र, ज्योतिष के अनुसार १२ राशियों के लिए बीज मंत्र, जानिए राशी मंत्र को जपने के फायदे.  हम सभी जानते हैं की वैदिक ज्योतिष के हिसाब से १२ राशियाँ होती है और हर व्यक्ति की कोई न कोई राशि होती है जिसका प्रभाव उसके जीवन में पड़ता ही है. ये १२ राशियाँ हैं (मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ, मीन). १२ राशियों से सम्बंधित मंत्र हर राशि का कोई न कोई मंत्र भी है और अगर अपने राशि के अनुसार मंत्र का जप करे तो बहुत फायदे होते हैं और सफलता के रास्ते खुलते हैं.   मंत्रो का जप सबसे अच्छा तरीका है किसी भी शक्ति की कृपा को पाने के लिए और जीवन को बेहतर बनाने के लिए. जब भी Rashi Mantra का जप किया जाता है सही तरीके से तो जपकरता के अन्दर ऊर्जा बढ़ने लगती है जिसका फायदा जातक को भौतिक जीवन, अध्यात्मिक जीवन और व्यक्तिगत जीवन में दिखने लगता है |  यहाँ पर चन्द्र राशि अनुसार मंत्र दिए जा रहे हैं जिसका जप धन, स्वास्थ्य, सम्पन्नता दिलाएगा |  आप किसी भी देश में हो आप किसी भी शुभ समय से अपने Rashi Mantra का जप शुरू कर सकते हैं और इसे नियमित करें |

Bandhan Dosh Kya Hota Hai Tantra Mai

बंधन दोष प्रभाव और निवारण, तंत्र बंधन से मुक्ति कैसे पायें, बंधन मुक्ति के चमत्कारी उपाय पढ़िए, काला जादू क्या है? , बंधन दोष के प्रकार. बंधन एक तामसिक क्रिया होती है, काले जादू के अंतर्गत जिसके अंतर्गत मंत्र शक्ति से किसी भी व्यक्ति की सफलता को रोकने के लिए उसके व्यापार को बाँध दिया जा सकता है, व्यक्ति को बाँध दिया जा सकता है, किसी की कोख को बाँध दिया जा सकता है, किसी के घर को भी बाँधा जा सकता है. बंधन दोष क्या है? ये एक विशेष प्रकार का तंत्र प्रयोग होता है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति को किसी कार्य करने से रोक दिया जाता है, या फिर उसे किसी चीज को प्राप्त करने से रोक दिया जाता है, ताकि व्यक्ति नष्ट हो जाए, उसका परिवार नष्ट हो जाये. ये प्रयोग शत्रु द्वारा किया जाता है तंत्र का स्तेमाल करके. इसके परिणाम बहुत ही भयंकर होते हैं अतः ये जरुरी है की अच्छे ज्योतिष से सलाह लेके उपाय किये जाएँ अगर कोई जीवन में गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है लम्बे समय से. अगर स्वास्थ्य समस्याएं बहुत गंभीर हो गई है, अगर दवाई काम नहीं कर रही है, अगर परिवार में अचानक से मृत्यु होने लगी है, अगर बार बार

kaalbhairav ashtkam ke fayde

कालभैरव अष्टकम संस्कृत में, कालभैरव अष्टकम के क्या लाभ हैं, काल भैरव अष्टकम का हिंदी अर्थ, kaalbhairav ashtkam with hindi meaning। आदि शंकराचार्यजी द्वारा रचित श्री कालभैरव अष्टकम एक बहुत शक्तिशाली पाठ है जिसके द्वारा शिव के उग्र रूप को प्रसन्न किया जा सकता है। अष्टकम में आठ श्लोक हैं। ये भजन बहुत शक्तिशाली हैं और दैवीय शक्तियों का आह्वान करते हैं। भगवान भैरव काले रंग के हैं और खोपड़ी की माला पहनते हैं। सर्प उनके आभूषण हैं; अनिष्ट शक्तियों को नष्ट करने के लिए उनके पास 3 नेत्र और अस्त्र हैं । ज्योतिषी जीवन की विभिन्न समस्याओं को दूर करने के लिए इस दिव्य मंत्र का जाप करने की सलाह देते हैं। kaalbhairav ashtkam ke fayde भगवान कालभैरव से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु: कुत्ता बाबा कालभैरव का वाहक है। वह भगवान शिव का उग्र रूप है वह मृत्यु और समय को नियंत्रित करता है। कलयुग में भगवान भैरव की पूजा का बहुत ही शीघ्र फल मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान कालभैरव भारत में काशी के स्वामी हैं। योगी आज्ञा चक्र पर कालभैरव का ध्यान करते हैं। कालभैरव अष्टकम का पाठ करने के क्या लाभ

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om kleem krishnaay namah mantra ka mahattw

om kleem krishnaya namah benefits in hindi, ॐ क्लीं कृष्णाय नमः मंत्र के लाभ और अर्थ, ॐ क्लीं नमः का जाप कैसे करे, क्लीं बीज का रहस्य वशीकरण मंत्र ॐ क्लीं कृष्णाय नमः का रहस्य.  क्लीं बीज मंत्र काली देवी से संबंधित है और बहुत शक्तिशाली है। इस मंत्र के जाप से एक दिव्य आभा और आकर्षण शक्ति विकसित होती है जो दैवीय ऊर्जाओं के साथ-साथ भौतिक सुखों को आकर्षित करने में मदद करती है।  श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं और महान व्यक्तित्व, प्रेम, ज्ञान और बुद्धि के प्रतीक हैं। om kleem krishnaay namah mantra ka mahattw " ॐ क्लीं कृष्णाय नमः " एक अद्भुत मंत्र है जो जप करने वाले को सब कुछ प्रदान करने में सक्षम है और इसलिए भक्तों द्वारा दशकों से इसका उपयोग किया जाता रहा है। यह मंत्र देवी दुर्गा के साथ-साथ कृष्ण की भी शक्ति रखता है और इसलिए यह उन सभी के लिए एक दिव्य मंत्र है जो जीवन में जल्द ही सफलता चाहते हैं। "ॐ क्लीं कृष्णाय नमः" एक शक्तिशाली मंत्र है जो आंतरिक आध्यात्मिक ऊर्जा का आह्वान करता है जिसका लगातार जप किया जाता है इसलिए जो लोग आध्यात्मिक विकास चाहते हैं उनके लिए