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Showing posts with the label Amavasya and jyotish(अमावस्या और ज्योतिष)

Latest Astrology Updates in Hindi

Mokshda Ekadashi ka Mahattw in Hindi

मोक्षदा एकादशी का महत्त्व हिंदी ज्योतिष में, क्या फायदे होते हैं जानिए, क्यों करे mokshda ekadashi ka vrat, व्रत और आसान पूजा विधि. एकादशी तिथि ११ दिसम्बर बुधवार को तडके लगभग  ३:४४ AM पे शुरू होगी और १२ दिसम्बर गुरुवार को रात्री में ही लगभग १:१० AMतक रहेगी अतः  उदय तिथि के अनुसार इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत 11 दिसंबर 2024 को रखा जाएगा। अगर कुंडली में पितृ दोष है या फिर स्वप्न में पितरो के दर्शन हो रहे हैं, या फिर जीवन में बार बार रूकावटो के कारण समस्याएं आ रही है तो मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखके पूजन करने से बहुत लाभ होते हैं.  Mokshda Ekadashi ka Mahattw in Hindi ऐसी मान्यता है की इस व्रत के पुण्य से पितरो के लिए मोक्ष का रास्ता खुल जाता है और जीवन से पितृ दोष के कारन जो समस्याएं आ रही हो वो भी हट जाती है. इस दिन श्रद्धा और भक्ति से विष्णु आराधना करने से पापो से मुक्ति मिलती है. ऐसी मान्यता है की मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण के मुख से श्रीमदभगवद् गीता (Shrimad Bhagwat Geeta) का जन्म हुआ था. इसीलिए मोक्षदा एकादशी के दिन ...

Aghan Amavasya Kab hai

अगहन अमावस्या कब है, aghan amavasya 2024 की तिथि और मुहूर्त, जीवन की परेशानियां दूर करने के लिए क्या करें, सफल जीवन के ज्योतिष उपाय, ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी । अगहन अमावस्या भी का बहुत अधिक महत्त्व है हिन्दू धर्म में, ये वो दिन है जब हम पितरो की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा अर्चना कर सकते हैं |  2024 Aghan Amavasya Date and Timings: अगहन महीने की अमावस्या 30 नवम्बर को दिन में लगभग 10:31 बजे शुरू होगी और 1 दिसम्बर को दीन में लगभग 11:51 बजे तक रहेगी | उदय तिथि के अनुसार अमावस्या का व्रत 1 दिसम्बर को किया जाएगा  पर अमावस्या की रात्री 30 तारीख की रात्री रहेगी | Watch YouTube Aghan Amavasya Kab hai अब आइये जानते हैं की धुप, ध्यान, स्नान दान कब करें ? शाश्त्रो के अनुसार पितरो के लिए धुप ध्यान करने का सबसे अच्छा समय दोपहर का माना जाता है अतः 30 तारीख अर्थात शनिवार को पितरो के निमित्त दोपहर में धुप, ध्यान, तर्पण, पिंड दान आदि करना चाहिए | 1 दिसम्बर यानि रविवार को पवित्र नदी में स्नान करके दान, धर्म, ब्राहमण भोज आदि करना चाहिए | Read in english about when is Aghan Amavasy...

Bhadrapad Amavasya Kab Hai jyotish upaay

Bhadrapad Amavasya 2024 Date, Amavasya Kab Hai, भाद्रपद अमावस्या कब है 2024, कुश ग्रहणी अमावस्या के लिए ज्योतिष उपाय  | इस साल कुशग्रहणी अमावस्या 2 दिन मिलेगी 2 और 3 सितम्बर को  साथ ही सोमवती अमावस्या का संयोग भी मिलेगा | हिंदी पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने की अमावस्या को कुश ग्रहणी और कुशोत्पतिनी अमावस्या के नाम से भी जानते हैं| ये अती महत्त्वपूर्ण दिन है और इस दिन जीवन में से बाधाओं को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार की पूजाओं को किया जाता है | Bhadrapad Amavasya Kab Hai jyotish upaay Read in english about When is Bhadrapad amavasya इस अमावस्या का एक नाम कुश ग्रहणी अमावस्या है जिससे पता चलता है की इस दिन एक पवित्र घास को इकट्टा किया जाता है और पूरे साल प्रयोग किया जाता है, इस घास का नाम है कुश | हर पूजा में इसका प्रयोग किया जाता है, हर कर्मकांड में इसका उपयोग होता है| पूजन के अवसर पर हम अनामिका अंगुली में कुश की अंगूठी पहनते हैं जिसे की पवित्री कहा जाता है | आइये जानते हैं कुश घास का महत्त्व पुराणों के अनुसार : मान्यता के अनुसार वराह के रोयें से कुश घास की उत्पत्ति...

Somwati Amavasya Ka Mahattwa In Hindi

2024 में सोमवती अमावस कब है?, सोमवती अमावस्या को क्या करना चाहिए?, सोमवती अमावस्या का महत्व क्या है?, ज्योतिष उपाय सफल जीवन के लिए,  अमावस्या के लिए मंत्र, bhadrapad amavasya . भारत मे साधारणतः ये देखा जाता है की सोमवती अमावस्या को लोग पवित्र नदियों मे स्नान करते है, विशेष पूजा पाठ करते है , दान करते है. 2 September 2024 को है "सोमवती अमावस्या"  जब कुंडली में मौजूद चन्द्र दोष और पितृ दोष से छुटकारे के लिए विशेष पूजन किया जा सकता है |  अमावस्या तिथि 2 तारीख को subha 5:23 बजे शुरू हो जाएगी और 3 tarikh को सुबह 7:25 तक रहेगी | |   Somwati Amavasya Ka Mahattwa In Hindi आइये समझते है सोमवती अमावस्या को: जब अमावस सोमवार को आती है तब उसे सोमवती अमावस कहते हैं. ये भगवान् शिव के पूजा का विशेष दिन माना जाता है, पितरो के पूजन के लिए भी शुभ दिन है साथ ही चन्द्र देव के पूजन के लिए भी  शक्तिशाली  दिन माना जाता है ज्योतिष के अनुसार. Watch Video Here महाभारत मे भीष्म पितामह ने युधिस्ठिर को भी सोमवती अमावस्या के महत्त्व के बारे मे बताया था. इस दिन भगवान् शि...

Hariyali Amavasya Ka Mahattw

हरियाली अमावस्या कब है 2024, कौन सी पूजाएँ फायदा देती है हरियाली अमावस्या  को, जनिये सावन अमावस्या का महत्त्व, हरियाली अमावस और ज्योतिष. वर्ष 2024 में हरियाली अमावस्या 4 अगस्त, रविवार को है। इस दिन रवि पुष्य योग भी रहेगा। अमावस्या तिथि 3 अगस्त को दोपहर लगभग 3:50 बजे शुरू होगी और 4 अगस्त को शाम लगभग 4:42 बजे समाप्त होगी। सावन का महिना बहुत ख़ास होता है और इस महीने में पड़ने वाले अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहते हैं. ये दिन मानसून के महत्त्व को भी बताता है और हर तरफ हरियाली का प्रतिक है. हरियाली अमावस्या को इस दिन विशेषकर हिन्दू लोग अलग अलग प्रकार के कर्म काण्ड करते हैं जीवन को सफल बनाने के लिए. भक्त गण भगवान् शिव की विशेष पूजा अर्चना करते हैं श्रद्धा भक्ति से. Hariyali Amavasya Ka Mahattw आइये जानते हैं की हरियाली अमावस्या को किन किन नामो से जाना जाता है? आन्ध्र प्रदेश में इसे “चुक्काला अमावस्या” के नाम से जाना जाता है. महाराष्ट्र में इसे “गटारी अमावस्या” के नाम से जाना जाता है. उड़ीसा में इसे “चिटालागी अमावस्या” के नाम से मनाया जाता है. गुजरात में इसे “दिव...

Ashadh amavasya kab hai

आषाढ़ माह की अमावस्या की तिथि 2024, halharini amavasya ka mahattw?, आषाढ़ अमावस्या पर हमें क्या करना चाहिए?, What is the significance of ashada Amavasya?, जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए ज्योतिष उपाय। Ashadha Amavasya 2024: अषाढ़ माह ज्योतिष के हिसाब से काफी महत्त्व रखता है और इस महीने की जो अमावस्या है वो तो अती महत्त्वपूर्ण है | हिन्दू पंचांग के अनुसार ये चौथा महिना होता है और इसके बाद श्रावण का महीना शुरू होगा |  Ashadh amaavasya को हलहारिणी अमावस्या या फिर आषाढी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है |  2024 में हमे आषाढी अमावस्या 5 july शुक्रवार को है |  अषाढ़ महीने की अमावस्या 5 july शुक्रवार को तडके लगभग 5 बजे शुरू होगी और 6 तारीख को सुबह लगभग 4:28 तक रहेगी |   Ashadh amavasya kab hai Read in english about Significance of Ashad month amavasya आइये जानते हैं अषाढ़ महीने की अमावस्या का महत्त्व : हलहारिणी अमावस पितृ शान्ति के लिए अती उत्तम दिनों में से एक है | अगर किसी की कुंडली में कालसर्प योग या फिर पितृ दोष हो तो ऐसे में इस दिन पूजन करके लाभ लिया जा सकता है...

Jyeshta Amavasya Kab Hai

ज्येष्ठ अमावस्या कब है 2024, kya karen jyesth amavasya ko, जून 2024 में अमावस्या की तारीख और उपाय | ज्येष्ठ अमावस्या 2024 : जून 2024 में 6 तारीख बृहस्पतिवार  को अमावस्या तिथि है |  हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्त्व है यह एक ऐसा समय है जब हम अपने पूर्वजों और दिवंगत आत्माओं के सम्मान में अनुष्ठान करते हैं |  अमावस्या तिथि 5 जून बुधवार को लगभग शाम में 7:57  बजे से शुरू होगा और अमावस्या तिथि 6 तारीख को शाम में लगभग 6:08 बजे तक रहेगा | Jyeshta Amavasya Kab Hai Watch Video Here 2024 में ज्येष्ठ अमावस्या की ख़ासा बातें : इस दिन शनि जयंती , वट सावित्री व्रत और अमावस्या का संयोग मिलेगा हमे 6 तारीख को जिससे ये दिन विशेष हो जायेगा | इस दिन वृषभ राशि में 5 ग्रहों की युति देखने को मिलेगी | गोचर कुंडली में चन्द्र, बुध, शुक्र, मंगल, राहू, केतु, और शनि ग्रह शुभ के रहेंगे | सूर्य और गुरु शत्रु राशि में रहेंगे | इस दिन रोहिणी नक्षत्र रहेगा अतः भगवान् शिव के पूजन से भी विशेष लाभ मिलेगा |   गोचर कुंडली में गजकेसरी योग और बुधादित्य राज योग भी बना रहेगा |  ज्येष्ठ...

Shani Amavas Ka Mahatw In Hindi

Shani amavas ka b hai 2023,  कैसे छुटकारा पायें शनि के बुरे प्रभाव से, शनि अमवस्या को क्या करे सफलता के लिए?, शनि के टोटके, शनि पीड़ा से मुक्ति के उपाय,  शनि अमावस्या अनुष्ठान| 2023  में 21 जनवरी, शनिवार को रहेगा साल का पहला शनि अमावस्या | हिन्दू परंपरा के अनुसार शनि अमवस्या का बहुत अधिक महत्तव है. इस दिन पवित्र नदियों के किनारे मैले जैसा वातावरण हो जाता है, लोग पवित्र नदियों में स्नान करते है और नदी तट पर ही पूजा पाठ आदि करते हैं कृपा प्राप्त करने के लिए. इस दिन पितृ शांति की पूजा होती है, काले जादू से मुक्ति हेतु भी ये दिन विशेष महत्तव रखता है, नजर दोष, उपरी हवा से बचाव के लिए भी इस दिन विशेष क्रियाये की जाती है. इस दिन शनि पूजा का भी बहुत लाभ मिलता है. इसी कारण शनिवार को पड़ने वाले अमावस्या का बहुत अधिक महत्तव होता है. Read in english about when is shani amavasya in 2023? shani amavasya ka mahattw शनि अमावस्या सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वह दिन है जब हम अपने दुर्भाग्य, गरीबी, काला जादू, बुरी नजर प्रभाव, शनि दोष, जन्म कुंडली में श्राप आदि से उब...

Chaitra Amavasya mai kya kare

 chaitra amavasya kab hai 2022 mai, date and time of chaitra amavasya, चैत्र अमावस्या मे क्या करे| हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र महीने की अमावस्या बहुत ही ख़ास होती है क्यूंकि इस दिन अनेक दोषों से छुटकारे के लिए पूजाएँ होती है और साथ ही शक्ति आराधना के लिए चैत्र नवरात्री की शुरुआत होती है | 2022 मे चैत्र अमावस्या को लेके संशय बना हुआ है तो इस लेख में हम सही तिथि जानेंगे और साथ ही ये भी देखेंगे की क्या कर सकते हैं जीवन में से परेशानियों को दूर करने के लिए | Chaitra Amavasya mai kya kare Read in english about when is chaitra Amavasya . आइये सबसे पहले जानते हैं की chaitra amavasya कब से शुरू होगा और कब तक रहेगा ? अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी 31 मार्च बृहस्पतिवार को दोपहर 12:24 पे | अमावस्या तिथि समाप्त होगी  01 अप्रैल को दिन में 11:55 पे | तो देखा जाए तो जो लोग अमावस्या की रात्रि को कोई पूजा करना चाहते हैं तो उनके लिए 31 मार्च की रात्रि ठीक है और अमावस्या जो लोग श्राद्ध कर्म, दान, पूजा आदि करना चाहते हैं, उनके लिए 1 अप्रैल ठीक रहेगा | चैत्र अमावस्या में अनेक प्रकार की पूजाए...

Ashwin amavasya Ka Mahattw

अशिवन अमावस्या का महत्त्व, कैसे दूर करे दुर्भाग्य को, क्या करे १६ अक्टूबर, शक्रवार को, क्या होगा इस दिन पूजा-पाठ, दान करने से, जानिए ज्योतिष अनुसार. भारत में अमावस्या का बहुत महत्त्व है क्यूंकि ज्योतिष अनुसार इस दिन किया गया पूजन, दान पितरों की कृपा प्राप्त करने के सबसे अच्छा साधन होता है| तंत्र की दृष्टि से भी अमावस्या विशेष महत्त्व रखता है और इसीलिए दिवाली की रात्रि भी अमावस्या को आती है जब विशेष साधना लोग कर पाते हैं मनोकामना पूरी करने हेतु | Ashwin amavasya Ka Mahattw १६ अक्टूबर 2020, शुक्रवार को आश्विन मास की अमावस्या आ रही है और इसी दिन रात्रि को १:०१ मिनट पर अधिक मास ख़त्म होगा और नवरात्री शुरू हो जाएगी. यही नहीं सूर्य भी तुला राशी में प्रवेश कर जाएगा १७ को और १ महीने तक नीच का रहेगा जिसकी पूरी जानकारी मैंने पिछले विडियो और लेख में दिया है | १६ अक्टूबर 2020, शुक्रवार को अमावस्या सुबह ४:५३ से शुरू हो जायेगी और रात्रि १:०१ तक रहेगी| ये अमावस्या अत्यंत महत्त्वपूर्ण है क्यूंकि इस दिन हम दुर्भाग्य को दूर करने के लिए अनेक प्रयोग कर सकते हैं साथ ही पितरो की कृपा प्राप्त करने के ल...

Amavasya Ke saath shani jayanti ka mahattw

वैदिक ज्योतिष के अनुसार अमावस्या के साथ शनि जयंती का महत्व, इस शुभ दिन क्या करे सुखी जीवन के लिए, ज्योतिषी मार्गदर्शन और भविष्यवाणियां, धन और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए क्या करना चाहिए। भारत में शनि जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है और शनि देव के मंदिर में भगवान शनि के भक्त विशेष प्रार्थना करते हैं। इस लेख में हम देखेंगे कि यह दिन क्यों महत्वपूर्ण हो जाता है जब शनि जयंती अमावस्या के साथ आती है । Amavasya Ke saath shani jayanti ka mahattw 22 मई, 2020 को शनि जयंती पड़ रही है और इसके साथ ही अमावस्या भी है जिससे इस दिन का महत्व बहुत बढ़ जाता है | शनि देव न्याय के देवता है और इसलिए सभी को भगवान शनि का भय होता है क्योंकि शनि के गोचर के दौरान वैदिक ज्योतिष के अनुसार पूर्व के किये कर्मो का अच्छा और बुरा फल प्राप्त होता है। और इसलिए शनि देव से संबंधित प्रार्थनाएँ और पूजाएँ सभी के लिए विशेष महत्व रखती हैं। शनि जयंती जब अमावस्या पर पड़ती है तो इस दिन की शक्ति और बढ़ जाती है और जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए बहुत ही शक्त दिन की प्राप्ति होती है | जिन लोगों को कुंडली...

Mauni Amavasya In Hindi

मौनी अमावस्या महत्व | Significance of Mauni Amavasya, क्या करे मौनी अमावस्या को सफलता के लिए, सफलता सूत्र, कब है माघी अमावस्या. मौन शक्ति को जागृत करने और शक्ति का संचय करने का सबसे आसान तरीका है. मौन का अंग्रेजी मई अर्थ होता है silence . साधारणतः हम मौन का अर्थ जुबान से चुप रहने को समझते है परन्तु सत्यता ये है की मौन का अर्थ है तन, मन से मौन रहना, शांति में रहना. जब अन्तर से हम मौन होते हैं तो हमे अपनी ही शक्तियों के बारे में जानकारी होती है. परन्तु इस मौन को प्राप्त करने के लिए अत्यंत घोर साधना की जरुरत होती है. जिसकी शुरुआत हम मौनी अमावस्या को कर सकते हैं. 2022 में मौनी अमावस्या की तारीख है 1 फ़रवरी, मंगलवार  mauni amavasya ka mahattw Read about Mauni amavasya significance in english . ये अमवास्या माघ महीने में आती है हर वर्ष जो की ठण्ड के दिनों में पड़ती है. ये दिन हमे मौका देता है की हम मौन का अभ्यास कम से कम एक दिन तो करके देखे. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी बहुत महत्व है. इस दिन पित्र शांति, ग्रहण शांति, काले जादू से बचाव के लिए पूजाए भी की जाती है. भ...

Saal ke Shuru Mai Shani Amavasya

साल के शुरू में शनि अमावस्या ! क्या करे, कैसे बनाए जीवन को सफल, कौन की पूजा करे शनि-अमावस को. 2019 की शुरुआत ज्योतिष की दृष्टि से बहुत अच्छी हो रही है, साल का पहला दिन एकादशी रहेगी अर्थात भगवान् विष्णु की पूजा से हम सभी नए साल का स्वागत कर सकते हैं.  Saal ke Shuru Mai Shani Amavasya वहीँ दूसरी तरफ पहले ही हफ्ते हमे शनि अमावस्या भी मिलेगी जो की पितृ दोष शांति एवं शनि शांति के लिए बहुत ही शुभ दिन होगा. अमावस्या देखा जाए तो वैसे भी बहुत महत्त्व रखता है क्यूंकि इस दिन तंत्र साधनाए भी होती है, उतारे भी होते हैं, देवी देवताओं, पितरों को प्रसन्न करने के लिए भी पूजा-पाठ होता हैं. जिनके ऊपर शनि के ढैया या साढ़ेसाती का प्रभाव चल रहा है उनके लिए तो साल के शुरुआत में शनि अमावस्या का पड़ना वरदान से कम नहीं है क्यूंकि शुरुआत में ही आप शनि देव को खुश कर अपने संकटों को कम कर सकते हैं. पढ़िए नया साल का प्रभाव आपके राशि पर क्या असर होने वाला है >> 5 जनवरी २०१९ उन सभी लोगो के लिए ख़ास है जो शनि ग्रह से पीड़ित हैं, जिनको नौकरी नहीं मिल रही है, जिनका विवाह शनि के कारण बिगड़ रहा है,...