शनि जयंती कब है और क्या महत्त्व है, Shani janmotsav 2025 क्या करे शनि जयंती को सफलता के लिए, Shani Jayanti Ka Mahattw In Hindi, शनि पूजा का आसान तरीका. Shani Jayanti 2025 : शनि देव का सम्बन्ध न्याय से है इसी कारण लोग साधारणतः शनि से डरते हैं. शनि जयंती एक विशेष दिन है जब लोग शनि की विशेष पूजा पाठ करते हैं ताकि शनि की कृपा प्राप्त किया जा सके. ये दिन विशेष महत्त्व रखता है इसिलिये भक्त शनि स्त्रोत, शनि मंत्र, शनि का अभिषेक करते हैं, हवन करते हैं , जरूरतमंदों की मदद करते हैं. शाश्त्रो के अनुसार ज्येष्ठ महीने के अमावस्या को हुआ था शनि देव का जन्म, इनके माता पिता है सूर्य देव और छाया देवी , यमराज और यमुना इनके भाई बहन हैं | इस साल 26 May सोमवार को मनेगी शनि जयंती शनि देव का जन्मोत्सव | अमावस्या तिथि २६ तारीख को दोपहर में लगभग १२:१३ बजे शुरू होगी और 27 तारीख को प्रातः लगभग ८:३३ बजे समाप्त होगी. Shani Jayanti Ka Mahattw In Hindi वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय और कर्म का देवता माना गया है। शनिदेव व्यक्ति को अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार ...
कौन से रत्न एक साथ नहीं पहनने चाहिए?, कौन से रत्न एक साथ पहन सकते हैं?, मित्र रत्न कौन से हैं ?, जन्म राशि के अनुसार कौन सा रत्न धारण कर सकते हैं ?, Kaun Se Ratn Saath Mai Nahi Pahanna Chahiye, Rashi ratno ki jaankari | ज्योतिष प्रेमियों के लिए एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण प्रश्न ये है की कौन से राशि रत्न साथ में पहन सकते हैं या फिर किन रत्नों को साथ में नहीं पहन सकते हैं | ऐसे बहुत से लोग है जो की अपने सभी उंगलियों में रत्न धारण करते हैं परन्तु रत्न ग्रहों से जुड़े होते हैं और अपने आप में बहुत शक्तिशाली होते हैं | जहाँ सही रत्न जीवन को सकारात्मक रूप से बदल सकता है वहीँ अशुभ रत्न जीवन को बर्बाद कर सकता है | अगर हम शत्रु ग्रहों के रत्नों को साथ में धारण करेंगे तो नुकसान हो सकता है, बीमारियाँ हो सकती है, मानसिक विकार भी हो सकता है | Kaun Se Ratn Saath Mai Nahi Pahanna Chahiye आइये पहले जानते हैं की रत्न क्यों पहनते हैं ? कुंडली में कमजोर ग्रह को मजबूत करने के लिए रत्न धारण किया जाता है | शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढाने के लिए रत्नों को धारण किया जाता है ...