Shani Sade Sati Dhaiya 2026, शनि की पनौती किस पर, किन राशियों पर रहेगा शनि का असर रहेगा, shani effect 2026. नए साल 2026 में शनि मीन राशि में मौजूद रहेंगे जिसके कारण मेष, मीन और कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। सिंह और धनु राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव रहेगा । मेष राशि पर साड़े साती का पहला चरण रहेगा, मीन राशि पर साड़े साती का दूसरा चरण रहेगा और कुम्भ राशि पर शनि साड़े साती का अंतिम चरण रहेगा. Naye Saal 2026 Par Shani Sade Sati Aur Dhaiya Watch Details On YouTube आइये जानते हैं शनि साड़े साती और ढैय्या का क्या प्रभाव होगा मेष राशि : शनि मेष राशि से 12वें भाव में रहेगा 2026 में जिसके कारण मेष राशि पर शनि के साड़े साती का पहला चरण रहेगा. इसके कारण गहरे अंदरूनी बदलाव और कर्मों की सफ़ाई का दौर जारी रहेगा । यह साल आपको धीमा होने, अपने अंदर झाँकने और अनसुलझे डर, आदतों और इमोशनल बोझ का सामना करने के लिए शक्ति प्रदान करेगा । खर्चे बढ़ सकते हैं, चाहे सेहत, यात्रा या दूसरों की मदद करने से, इसलिए सोच-समझकर फ़ाइनेंशियल प्लानिंग करना ज़रूरी रहेगा । नींद...
Moti ratna rahasya in hindi, मोती का महत्तव, मोती का प्रयोग कैसे करे सफलता के लिए, कैसे धारण करे मोती, रत्न रहस्य.
जब भी शांति प्राप्त करने के लिए रत्न की बात होती है, जब चन्द्रमा को बल देने के लिए बात होती है तो मोती नमक रत्न की बात दिमाग में आती है. मोती को अंग्रेजी में PEARL कहते हैं जो की चन्द्रमा का प्रतिनिधित्व करता है ज्योतिष के हिसाब से.
माता का सम्बन्ध भी चन्द्रमा से होता है अतः माता से संबंधो को सुधरने के लिए भी इस रत्न का प्रयोग होता है. मोती का प्रयोग दशको से स्वास्थ्य, सम्पन्नता के लिए होता आया है.
जब भी शांति प्राप्त करने के लिए रत्न की बात होती है, जब चन्द्रमा को बल देने के लिए बात होती है तो मोती नमक रत्न की बात दिमाग में आती है. मोती को अंग्रेजी में PEARL कहते हैं जो की चन्द्रमा का प्रतिनिधित्व करता है ज्योतिष के हिसाब से.
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| moti ratn ke fayde in hindi jyotish |
माता का सम्बन्ध भी चन्द्रमा से होता है अतः माता से संबंधो को सुधरने के लिए भी इस रत्न का प्रयोग होता है. मोती का प्रयोग दशको से स्वास्थ्य, सम्पन्नता के लिए होता आया है.
किस प्रकार के मोती का प्रयोग नहीं करना चाहिए?
- अगर मोती में कही दरार दिखाई दे तो उसे प्रयोग न करे.
- अगर उस पर किसी प्रकार के काले धब्बे हो तो उसे स्तेमाल ना करे.
- खुरदुरा सतह वाला मोती भी शुभ नहीं है.
- मोती पर रेखाए न हो.
किन बातो का ध्यान रखना चाहिए मोती धारण करने से पहले?
- ज्योतिष से सलाह लेके सही वजन का मोती धारण करे.
- सही धातु का स्तेमाल करे अंगूठी बनवाने में.
- सही समय में इसे धारण करे.
- धारण करने से पहले चन्द्र मंत्रो का जप करना चाहिए या फिर इसकी सही पूजा करवा लेनी चाहिए.
मोती की संरचना :
ये भी मिनरल केटेगरी में अत है और कैल्शियम कार्बोनेट से बनता है. ये प्राकृतिक तौर बनता है ओएस्टर्स के अन्दर जो की एक जीव है. आज के इस दौर में मोती को भी अप्राकृतिक तौर पर बनाया जा रहा है. इसके कई प्रकार आज उपलब्ध है जैसे की ओएस्टर मोती, कोंच मोती, हॉग मोती, बम्बू मोती, कोबरा मोती, स्काई मोती आदि. परन्तु जो सबसे ज्यादा प्रचलन में हैं वो है ओएस्टर मोती जो की सफ़ेद रंग का होता है और कुछ क्रीम रंग के भी होते है.
मोती के फायदे:
- इसका प्रयोग करने से माता से संबंधो में सुधार होता है.
- धारण करने वाले का दिमाग शांत होता है.
- व्यक्ति के अन्दर उदारता बढती है.
- आँखों के लिए भी लाभदायक है.
- अवसाद, नींद में कमी, कब्ज, गुस्से आदि को ठीक करने के लिए इस रत्न का प्रयोग किया जाता है.
- मोती का स्तेमाल सुन्दरता को भी बढ़ाता है.
किनको प्रयोग करना चाहिए मोती रत्न का ?
चूँकि इसका सम्बन्ध चन्द्रमा से है अतः कर्क राशि वालो के लिए ये बहुत अच्छा माना जाता है ज्योतिष के हिसाब से. परन्तु धारण करने से पहले कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति का पता लगा लेना चाहिए.
जो लोग द्रव्य से सम्बंधित व्यापार में सलग्न है जैसे की दूध, पानी आदि उनके लिए भी मोती सहायक हो सकता है.
आयात और निर्यात करने वालो के लिए भी ये रत्न बहुत सहायक हो सकता है.
अगर मोती आपके लिए शुभ है तो ये निश्चित है की सफलता के रास्ते खोल देगा और स्वस्थ्य, सम्पन्नता को जीवन में लाएगा.
कैसे ख़रीदे मोती?
हालांकि आज मोती बहुतायत में मिल रहे हैं परन्तु अच्छा यही होगा की आप सर्टिफाइड मोती ले जिससे मन में कोई शंका न रहे. इसका मूल्य वजन और क्वालिटी के हिसाब से बदलता रहता है.
मोती के उपरत्न:
दुधिया हकिक, सफ़ेद पत्थर , खिरनी की जड़ आदि के उपरत्न हैं. अपने बजट के हिसाब से सलाह लेके रत्नों को धारण किया जा सकता है.
कैसे प्रयोग करे मोती का सफलता के लिए?
पहले तो इसे अंगूठी या फिर हार में जड़वा लेना चाहिए, चांदी में इसे बनवाना शुभ रहता है. अच्छे परिणाम के लिए इसे शुक्ल पक्ष के सोमवार को चन्द्रमा के उदय होने पर धारण करना होता है, या फिर जब चन्द्रमा अपनी राशि में प्रवेश करे उस समय भी इसको धारण किया जा सकता है.
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अपने संबंधो को सुधारने के लिए प्रयोग करे मोती का, स्वास्थ्य और सम्पन्नता के लिए प्रयोग करे मोती का , चन्द्रमा को मजबूत करने के लिए धारण करे मोती.
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