Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar Ka Prabhav, Surya Mithun Rashi Mai kab jayenge, surya gochar june 2025, मिथुन संक्रांति क्या है, १२ राशियों पर असर | मिथुन संक्रांति का महत्त्व: Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar 2025: जब सूर्य वृषभ राशि से मिथुन में प्रवेश करते हैं तो उसे मिथुन संक्रांति कहते हैं| ज्योतिष के हिसाब से इस दिन के बाद अगले करीब ३१ दिन तक सूर्य मिथुन राशी में रहता है| जब सूर्य मिथुन राशि में रहते हैं तो भारत के गुवाहाटी में कामख्या मंदिर में अम्बुबाची का मेला लगता है जब मंदिर के कपाट कुछ दिनों के लिए बंद किये जाते हैं, ऐसा कहा जाता है की साल में एक बार माता कामख्या रजस्वला होती है अतः इसीलिए कुछ दिनों के लिए मंदिर का पठ बंद रहता है और इन्ही दिनों मंदिर में मेला लगता है | ये सिर्फ साल में एक बार होता है और पुरे विश्व से लोग यहाँ आते है| भारत के बहुत से भागो में इस दिन लोग भगवान् विष्णु की पूजा करते हैं. कई भागो में मानसून आ जाता है और लोग बारिश का भी आनंद लेते हैं| Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar 2025 Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar Ka Pra...
मंगल शांति पूजा के फायदे ज्योतिष अनुसार, benefits of Mangal Shanti pooja, मंगल के दुष्प्रभाव को कैसे दूर करे, जानिए मंगल कैसे जीवन को प्रभावित करता है ? मंगल एक शक्तिशाली ग्रह है जो की शक्ति, जुनून, रचनात्मकता, क्रोध युद्ध, ऊर्जा, इच्छाओं, साहसिक प्रकृति, आक्रामकता आदि का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल का संबंध भाई-बहन, सेना में नौकरी, सुरक्षा के कार्य, सर्जरी, दुर्घटना, हिंसा आदि से भी है। आइये जानते हैं मंगल से सम्बंधित कुछ ख़ास बाते वैदिक ज्योतिष के हिसाब से : धातुओं में ताँबा मंगल से सम्बन्ध रखता है । वैदिक ज्योतिष में मंगल का रत्न है मूंगा । अंक ज्योतिष के हिसाब से मंगल से संबंधित अंक है 9 । मंगल की दिशा दक्षिण है और दिन मंगलवार है। मेष और वृश्चिक राशी का स्वामी है मंगल । जन्म कुंडली में मकर राशि के साथ बैठा मंगल उच्च का होता है और यदि यह कर्क राशि के साथ बैठा हो तो नीच का होता है। अगर मंगल राहू के साथ बैठ जाए किसी भी भाव में तो अंगारक योग बनता है जो की एक घातक योग है | पढ़िए जन्मी कुंडली में 12 भावो में मंगल का क्या फल होता है ? आइये जानते है मांगलिक दोष के बारे...