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Kamdev Sadhna Safaltaa Ke liye Hindi Mai

Kamdev sadhna safalta ke liye, kaun hai kam dev, what to do for healthy love relationship, kaamshakti badane ke liye saadhna, vyaktigat jivan ko sukhi banaane ke upay. कामदेव साधना के द्वारा सफलता. जीवन में हर कोई प्रेम चाहता है, अपने मन पसंद साथी के साथ जीना चाहता है, अपनी शारीरिक शक्ति को बढ़ाना चाहता है, वीर्य शक्ति को बढ़ाना चाहता है और सुखी वैवाहिक जीवन जीना चाहता है. इन सभी विषयो को साधना के लिए अगर हम किसी आसान उपाय की बात करते हैं तो वो है “कामदेव साधना”. हमारे शाश्त्रो में भी कामदेव से जुड़े साधना के विषय में बहुत कुछ बताया गया है. kamdev sadhna in hindi अब सवाल ये है की कौन है ये काम देव? कामदेव भी देवता है जो की हमारे अन्दर प्रेम और काम शक्ति को जागृत करते है. “रती” इनकी अर्धांगिनी हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार जब कोई व्यक्ति तपस्या करता है तो काम देव उनकी परीक्षा जरुर लेते है और जो साधक उनकी परीक्षा मई सफल होता है वो उच्च गति प्राप्त करता है. सभी के मन में सुन्दर बनने की चाहत होती है, आकर्षक बन्ने की इच्छा होती है जिससे लोग उसकी तरफ ध्यान दे. चाहत और खींचा

Supt Shaktiyo Ko Kaise Jagrut Karen

हमारे अन्दर की असीमित शक्तियों को कैसे जागृत करें, क्या फायदे हैं सुप्त शक्तियों को जागृत करने के, super energy generator in our body, जानिए वो तरीके जिनसे हम पा सकते हैं अद्भुत और अविश्वसनीय शक्तियां |  हमारा शरीर अद्भुत तरीके से बना हुआ है जिसमे पञ्च तत्त्व को सभी ने स्वीकारा है जिसमे शामिल हैं पृथ्वी, जल, आकाश, वायु और अग्नि और इसी के कारण हम इनके बिना जीवित नहीं रह सकते हैं |  योग ग्रंथो के अनुसार जब शरीर में पंचतत्त्व बिगड़ते हैं तो रोगों की उत्पत्ति होती है और जो व्यक्ति इनको बैलेंस कर लेता है वो एक स्वस्थ और सफल जीवन जीता है | और जो व्यक्ति इन पञ्च तत्त्वों पर अधिकार कर लेता है वो सिद्ध हो जाते हैं और अपनी ईच्छा से कुछ भी करने में समर्थ हो जाते हैं | योग ग्रंथो के अनुसार हमारे शरीर में असीमित शक्तियां मौजूद हैं जिन्हें हम जागृत भी कर सकते हैं और एक अलग ही दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं जहाँ दिव्यता है, परम शांति, परम शक्तियां हैं, परम आनंद है | Supt Shaktiyo Ko Kaise Jagrut Karen  ये हमारा दुर्भाग्य है की जानकारी के अभाव में हम सुख और शांति के लिए दोस्त ढूंढते हैं, नए रिश्ते

Swadhishtan Chakra Ke Jagrut Hone Par Kya Hota Hai

 स्वधिस्थान चक्र के जागने पर क्या होता है, swasdhisthan Chakra Ke Jagrut Hone Par kya hota hai|  मूलाधार चक्र के बाद जो दूसरा शक्ति केंद्र है हमारे शरीर में वो है स्वाधिष्ठान चक्र | इस लेख में हम जानेंगे की  swadhisthan chakr ko jaagrut karne ke kya fayde hote hain ?, स्वाधिष्ठान चक्र कितने दिनों में जागृत हो जाता है?, स्वाधिष्ठान चक्र को जागृत कैसे किया जाता है?, क्या फायदे हैं, स्वाधिष्ठान चक्र का मंत्र कौन सा है, स्वाधिष्ठान चक्र कहां होता है, स्वाधिष्ठान चक्र का बीज मंत्र कौन सा है आदि |  स्वाधिष्ठान चक्र को Sacral Chakra भी कहा जाता है |जब भी कोई साधक साधना शुरू करता है तो सबसे पहले उसे मूलाधार चक्र को जागृत करना पड़ता है और उसके बाद उसे स्वधिस्थान चक्र से होते हुए आगे बढ़ना होता है |  Swadhishtan Chakra Ke Jagrut Hone Par Kya Hota Hai स्वाधिष्ठान चक्र की जाग्रति से साधक में स्पष्टता बढती जाती है जीवन को लेके और व्यक्तित्व में विकास और भी  तेजी से होने लगता है |  Swadhisthan chakra का सम्बन्ध जल तत्त्व से हैं |  स्वाधिष्ठान चक्र के जागृत होने पर साधक में प्रसन्नता, निष्ठा, आत्मव

Mooladhar Chakra Ke Jagrut Hone Par kya hota hai

 मूलाधार चक्र के जागने पर क्या होता है, Mooladhar Chakra Ke Jagrut Hone Par kya hota hai   जो लोग साधना मार्ग में आते है उनके मन में बहुत से प्रश्न जागते हैं जैसे क्या होता है जब मूलाधार चक्र जागृत होता है?, मूलाधार चक्र कितने दिनों में जागृत हो जाता है?, मूलाधार चक्र को जागृत कैसे किया जाता है?, mooladhar chakr का मंत्र कौन सा है, मूलाधार चक्र कहां होता है, मूलाधार चक्र बीज मंत्र कौन सा है आदि | तो इस लेख में हम यही सब जानेंगे |  मूलाधार चक्र को root chakra भी कहा जाता है |जब भी कोई साधक साधना शुरू करता है तो सबसे पहले उसे मूलाधार चक्र को जागृत करना पड़ता है क्यूंकि यहीं पर भगवती कुंडलिनी शक्ति का वास है | योग ग्रंथो के अनुसार इस चक्र में पिछले जन्मो के कर्म संचित रहते हैं | जब साधक इस चक्र की साधना शुरू करता है तो रहस्यमय अनुभव होने लगते हैं |जन्मो जन्मो के आवरण हटने लगते हैं | यही वो रहस्यमय स्थान है जहाँ से शक्ति जागने के बाद सहस्त्रधार तक जाती है और साधक को जन्म मरण के बंधन से मुक्त कर देती है |  Mooladhar Chakra Ke Jagrut Hone Par kya hota hai Mooladhar chakra में जब उर्जा की

Karthaveeryarjuna Pooja se milta hai jo khoya hai

Karthaveeryarjuna Stotram, कार्तवीर्यार्जुन द्वादशनाम स्तोत्रम् के पाठ के फायदे क्या है,कैसे करना चाहिए पाठ| जीवन में से कुछ भी खो गया हो जैसे मान सम्मान, धन, कोई वस्तु, कोई व्यक्ति, स्वास्थ्य तो इनकी पूजा से बहुत लाभ मिलता है, ऋण से मुक्ति मिलती है, शत्रुओ का नाश होता है |  चन्द्र वंश के महाराजा कृतवीर्य के पुत्र हैं कार्तवीर्यार्जुन| इनका नाम इनके पिता के ऊपर ही रखा गया है | उनका जन्म महाराज हैहय की 10वीं पीढ़ी में माता पद्मिनी के गर्भ से हुआ था। उनका जन्म नाम एकवीर तथा सहस्रार्जुन भी है। कार्तवीर्यार्जुन को भगवान विष्णु का 24 वा अवतार भी माना जाता है । वे भगवान दत्तात्रेय के भक्त थे और दत्तात्रेय की उपासना करने पर उन्हें सहस्र भुजाओं का वरदान मिला था इसीलिए उन्हें सहस्रबाहु अर्जुन के नाम से भी जाना जाता है। वे एक सिद्ध योगी राजा थे और उनके पास अनेक रहस्यमयी शक्तियां थी | उन्होंने करीब ८५०० साल समस्त सुख सुविधाओं के साथ राज किया और वीरता, दानवीरता, वैराग्य, ज्ञान और अन्य सद्गुणों में अर्जुन के समान किसी अन्य राजा की तुलना नहीं की जा सकती। कार्तवीर्य अर्जुन वैदिक युग के सबसे लंबे

Shaktichalini Mudra Kundlini jagaane ke liye

Shakti Chalini Kriya, क्या फायदे है शक्ति चालन मुद्रा के, कैसे करें इस क्रिया को, कुंडलिनी जागृत करने के फायदे, किन रोगों में फायदा होता है अश्विनी मुद्रा से ? | जब बात आती है शरीर के अन्दर मौजूद सुप्त शक्तियों को जगाने की तब कुंडलिनी जागरण का विषय जरुर उठेगा क्यूंकि यही वो शक्ति है जो जब जागती है तो व्यक्ति को अपने देवत्व का पता चलता है, हमे अपने अन्दर मौजूद एक दिव्य दुनिया की जानकारी मिलती है | योग ग्रंथो के अनुसार महाशक्ति कुंडलिनी मूलाधार चक्र में मौजूद है हर व्यक्ति के अन्दर वो चाहे नर हो, नारी हो या बच्चा हो परन्तु ये शक्ति सुप्त अवस्था में रहती है इसीलिए हमे अपने अन्दर मौजूद शक्तियों का भान नहीं होता है | योग क्रियाओं द्वारा हमे शारीर की शुद्धि करते हैं, शरीर को ताकतवर बनाते हैं ताकि हम कुंडलिनी शक्ति को जगा सके और उनकी शक्ति को संभाल भी सके |  अनुक्रमणिका : किन बातो का ध्यान रखना चाहिए शक्तिचालन क्रिया को करने से पहले ? क्या है शक्तिचालनी मुद्रा/अश्विनी मुद्रा ? शक्ति चालिनी मुद्रा में शुरू में क्या परेशानी आ सकती है ? कैसे करें शक्तिचालिनी मुद्रा का अभ्यास ? Shakti chalini

Kundlini Shakti Kya hai kaise hota hai shatchakra bhedan

Kundalini Shakti kya hai, कैसे जागृत करें कुंडलिनी शक्ति को, शक्ति चक्रों को जाग्रत करने के बीज मन्त्र कौन से है ?, कैसे जागृत होती है कुंडलिनी शक्ति ?  कुंडलिनी साधना अत्यंत ही रहस्यमय और गोपनीय साधना है जिसका वर्णन हमारे योग ग्रंथो में दिया गया है | परन्तु ये सभी के लिए आवश्यक है, ये जीवन की सत्यता को समझने के लिए अति आवश्यक है | अपने अंदर की सुप्त शक्तियों को जगाने का सबसे सशक्त तरीका है |  अगर आप ढूंढ रहे हैं मूलाधार चक्र जगाने का मंत्र/Mooladhaar chakra jagaane ka mantra, स्वाधिष्ठान चक्र जगाने का मंत्र/Swadhishthaan chakra jagaane ka mantra, मणिपुर चक्र जगाने का मंत्र/Manipurak chakra jagaane ka mantra, अनहद चक्र जगाने का मंत्र/Anhad chakra jagaane ka mantra, विशुद्ध चक्र जगाने का मंत्र/Vishuddh chakra jagaane ka mantra, आज्ञा चक्र जगाने का मंत्र/Agya chakra jagaane ka mantra, सहस्त्र दल चक्र जगाने का मंत्र/Sahastrdal chakra jagaane ka mantra.  अनुक्रमणिका: कुण्डलिनी शक्ति क्या है/kundlini shakti kya hai ? शक्ति चक्र क्या हैं?/Shakti chakra kya hai? सुषुम्ना नाडी का महत्व/Sus

Dattatray Jayanti Ka Mahattw in Hindi

kab hai datt jayanti 2023, दत्त जयंती का महत्त्व हिंदी में, गुरु दत्तात्रय जन्मदिन, दत्त पूर्णिमा को क्या करते हैं भक्त सफलता के लिए. इस महत्त्वपूर्ण और पवित्र दिन में भक्त विशेष पूजा अर्चना करते हैं और जीवन में गुरु कृपा का आवाहन करते हैं. हर साल दिसम्बर महीने में जो पूर्णिमा आती है उसे दत्त पूर्णिमा/दत्त जयंती भी कहा जाता हैं. गुरु दत्तात्रय में ३ भगवानो की शक्ति समाहित है – ब्रह्मा, विष्णु और महेश.  Dattatray Jayanti Ka Mahattw in Hindi इनको अवधूत और दिगंबर भी कहा जाता है. आज भी लोग भगवान् दत्तात्रेय की उपस्थिति का अनुभव प्राप्त करते हैं. भारत के महाराष्ट्र और गुजरात में गुरु दत्त की पूजा बहुत ज्यादा होती है. साधारण लोग ही नहीं अपितु तांत्रिक भी उनकी विशेष रूप से पूजा करते हैं क्यूंकि ऐसी मान्यता है की तंत्र क्रियाओं में सफलता के लिए उनकी पूजा जरुरी होती है. Read about dutt jayanti significance in english>> इस साल 2023 में 26 दिसम्बर, मंगलवार को दत्त जयंती मनाई जायेगी | आइये जानते हैं दत्त भगवान् से जुडी कथा : दत्तात्रेयजी अत्री ऋषि और उनकी अर्धांगिनी अनुस

Khatushyam baba kaun hai

 कौन हैं खाटूश्याम बाबा, कहां है खाटूश्याम बाबा का मंदिर, कैसे पहुंचे khatushyam mandir, शास्त्रों में खाटूश्याम बाबा की असली कहानी, खाटूश्याम मंदिर के पास हम क्या देख सकते हैं?, खाटू श्यामजी की पूजा करने के फायदे?. भारत में एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। कई भक्त हैं जो नियमित रूप से मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या वार्षिक आधार पर मंदिर जाते हैं। भक्तों ने इच्छा पूरी करने वाले भगवान की उपस्थिति का अनुभव किया है और इसलिए वे आशीर्वाद लेने के लिए नियमित रूप से मंदिर जाते हैं। || हारे का सहारा, खाटू श्याम बाबा हमारा || व्यवसायियों को व्यापार में वृद्धि प्राप्त होती है। भगवान श्याम की कृपा से नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति मिलती है। गरीबी दूर हो जाती है। बेरोजगारों को नौकरी मिलती है । भगवान श्याम की कृपा से आय के स्रोत खुलते हैं। भगवान खाटूश्याम का आवाहन करने से कष्ट दूर होते हैं। Khatushyam baba kaun hai Read in english about who is khatushyam baba? इस लेख में हम जानेंगे: कौन हैं खाटूश्याम बाबा?. खाटूश्याम बाबा का मंदिर कहाँ है कैसे पहुंचे बार्बरिक मंदिर?. शास्त्रों में खाटूश्याम बाबा की

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