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Upchaya Chandra Grahan Kya Hota Hai

क्या होता है उपछाया चंद्र ग्रहण, जानिए कैसा होगा 5 मई को लगने वाला Lunar Eclipse, जानिए ग्रहों की स्थिति गोचर कुंडली में, 12 राशियों पर प्रभाव | २०२३ में 5 मई को लगेगा उपछाया चंद्र ग्रहण(upchaya chandra grahan)| तो क्या होता है ये | खगोल विज्ञान के अनुसार जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो चंद्र ग्रहण होता है। जब पृथ्वी की परछाई सीधी चंद्रमा पर न पड़े तो इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं। उपछाया चंद्र ग्रहण(penumbral lunar eclipse) में पृथ्वी की सीधी छाया चंद्र पर नहीं पड़ती है. इसमें चंद्रमा धुंधला नजर आता है और चंद्रमा का एक भाग कटा हुआ नजर आता है |  ग्रहण का समय किसी भी प्रकार की साधना के लिए उत्तम समय माना जाता है अर्थात मंत्र सिद्धि, तंत्र सिद्धि, यन्त्र सिद्धि, ईष्ट साधन के लिए उत्तम समय होता है | Upchaya Chandra Grahan Kya Hota Hai क्या भारत में upchaya chandra grahan सूतक मान्य होगा ? भारत में चंद्र ग्रहण नजर नहीं आएगा इसीलिए सूतक मान्य नहीं होगा | Read in English about Penumbral Lunar Eclipse Details   आइये अब जानते हैं की कहाँ कहाँ दिखेगा ये चन्द्र ग्रहण ? 5

Chandra Grahan Ka Mahattwa In Hindi

Chandra Grahan kab lagega november 2022 me, क्या करे चन्द्र ग्रहण के समय, क्या न करे ग्रहण के समय, जानिए कैसे बनाए जीवन को सुखी ग्रहण काल में, chandra grahan ka mahattw i hindi jyotish. ग्रहण देखा जाए तो ठीक नहीं माना जाता है विज्ञान के हिसाब से क्यूंकि इस समय हानिकारक किरणे निकलती है जिससे की वातावरण दूषित होता है और जो लोग इसके संपर्क में ज्यादा आते हैं उनको कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. अतः ये सलाह दी जाती है की ग्रहण काल में बहार ना निकला करे. परन्तु इसका एक दूसरा बहुत ही अच्छा पक्ष है और वो ये की ग्रहण काल में की गई साधना शीघ्र फल प्रदान करती है, मंत्र सिद्धी, यन्त्र सिद्धी, तंत्र सिद्धी के लिए इससे ज्यादा अच्छा समय नहीं होता है. यही कारण है की विद्वान् लोग, तांत्रिक, मान्त्रिक और अन्य साधक ग्रहण का इन्तेजार लम्बे समय तक करते हैं. chandra grahan ki tarikh aur samay Read in english about when is 2022 chandra grahan ? वैदिक ज्योतिष के हिसाब से चन्द्र का सम्बन्ध माता से होता है, मन से होता है, ठंडक से होता है, स्वप्न से होता है आदि. कर्क राशि का स्वामी

Suraya grahan Mai Kya kare Jyotish Anusar

October 2022 में सूर्य ग्रहण कब है, ज्योतिष के अनुसार महत्व, सफलता के लिए क्या करें, सूर्य ग्रहण के समय विभिन्न राशियों पर प्रभाव, ग्रहों की स्थिति। Solar Eclipse 2022: दिवाली पर लगेगा साल का आखिरी सूर्यग्रहण| साल 2022 का सूर्य ग्रहण 25 october मंगलवार को लगेगा। सामान्य तौर पर लोगों को ग्रहण का डर होता है और यह सही है कि अगर हम सूर्य ग्रहण के समय बाहर जाते हैं तो हमें विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। Suraya grahan Mai Kya kare Jyotish Anusar सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और इसलिए सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती हैं। कहां दिखाई देगा यह सूर्य ग्रहण? यह ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण है जो 2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण होगा. ग्रहण मुख्य रूप से यूरोप, उत्तर-पूर्वी अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा भारत में ग्रहण नई दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, उज्जैन, वाराणसी, मथुरा में दिखाई देगा,  यह भी बताया जा रहा है कि पूर्वी भारत को छोड़कर सारे भारत में इस सूर्य ग्रहण को देखा जा सकत

19 november 2021 ko chandra grahan ka rashifal

चन्द्र ग्रहण कब लगेगा नवम्बर 2021 में, चन्द्र ग्रहण का समय, १२ राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, जानिए ज्योतिष से भविष्यवाणी| 19 नवम्बर, शुक्रवार को दशको बाद सबसे लम्बा चन्द्र ग्रहण लगने जा रहा है जिसकी अवधि लगभग 3 घंटे 28 मिनट 24 सेकंड रहेगा | 19 november 2021 ko chandra grahan ka rashifal आइये जानते हैं कुछ ख़ास बाते इस चन्द्र ग्रहण के बारे में : ये आंशिक चन्द्र ग्रहण होगा जो की पूरे भारत में नजर नहीं आएगा केवल अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ हिस्सों में दिखेगा | भारत के अलावा ये चन्द्र ग्रहण उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई देगा।  19 नवम्बर को लगने वाले इस चन्द्र ग्रहण दोपहर को 12:48 से शुरू होगा और शाम को 4:17 मिनट तक रहेगा तो लगभग 3 घंटे 28 मिनट 24 सेकंड होगी अवधि ग्रहण की जो बहुत ही लम्बा समय है और दशको बाद इतना लम्बा चन्द्र ग्रहण देखने को मिलेगा | ज्योतिष के हिसाब से ग्रहण के समय चन्द्रमा वृषभ राशी में रहेंगे और नक्षत्र कृतिका रहेगा | क्या भारत में सूतक मान्य होगा ? तो बताना चाहेंगे की कुछ ही हिस्सों में दिखाई देगा अतः पूर

Grahan Yoga Karan aur samadhan in jyotish

ग्रहन योग के प्रभाव और शक्तिशाली उपाय, कैसे ग्रहण दोष हमारे जीवन को बदलते हैं, ज्योतिषी इस मामले में कैसे मदद कर सकते हैं. अंग्रेजी में ग्रहण का अर्थ eclipse होता है,  हमने देखा है कि जब ग्रहण होता है, तो चारों ओर अंधेरा बढ़ जाता है और यही वह स्थिति है, जो जातक के साथ भी देखा जाता है जिनके पास कुंडली में GRAHAN YOGA है। कुंडली में किसी भी प्रकार के ग्रहण योग वाले व्यक्ति का जीवन कई समस्याओं से ग्रसित होता है। लेकिन मुख्य समस्याएं उस भाव पर निर्भर करती हैं जिसमें ग्रहन योग का निर्माण हुआ है। उदाहरण के लिए, 7 वां घर प्रभावित होता है, तब जातक विवाह में देरी का सामना कर सकता है या विवाह के बाद परेशान हो सकता है या जीवन साथी के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे व्यक्तिगत जीवन में गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। Grahan Yoga Karan aur samadhan in jyotish कुंडली में ग्रहन योग के लिए कौन से ग्रह जिम्मेदार हैं? अब अगला सवाल है कि इस भयानक योग के लिए कौन से ग्रह जिम्मेदार हैं, इसलिए इसका उत्तर राहु और केतु है। जब ये 2 ग्रह कुंडली के किसी भी घर में किसी भी ग्रह के साथ बैठते हैं तो ग्रहण योग बनता है और

Grahan Dosha ka prabhav kundli ke 12 bhavo anusar

कुंडली के 12 घरों में ग्रहण दोष क्या प्रभाव डालता है, जातक को कौन कौन सी समस्याओं का सामना करना होता है ग्रहण योग के कारण, ज्योतिषी द्वारा समाधान | कुंडली में कई प्रकार के योग होते हैं, कुछ बुरे होते हैं, कुछ अच्छे होते हैं, कुछ जातक के लिए वरदान हैं जबकि कुछ अभिशाप हैं और ज्योतिष में ज्योतिषी इन योगों का विश्लेषण करते हुए भविष्यवाणियां देते हैं। इस लेख में हम देखेंगे कि कुंडली के अलग-अलग भावों में ग्रहण योग बनने से जातक को क्या क्या परेशानी आती है और उनका समाधान क्या हो सकता है. Grahan Dosha ka prabhav kundli ke 12 bhavo anusar संपर्क करे ज्योतिष से मार्गदर्शन के लिए >> कुंडली में ग्रहण योग के प्रकार: आम तौर पर ग्रहण योग के 2 प्रमुख प्रकार हैं- सूर्य ग्रहण योग- यह तब बनता है जब सूर्य कुंडली के किसी भी घर में राहु या केतु के साथ बैठता है। चंद्र ग्रहण - यह तब बनता है जब चंद्रमा कुंडली के किसी भी घर में राहु या केतु के साथ बैठता है। चूँकि ज्योतिष में हम जानते हैं कि राहु और केतु जब अन्य ग्रहों के साथ बैठते हैं तो ग्रह योग बनते हैं लेकिन मुख्य रूप से केवल

Grhan Yog Kya Hota Hai Jyotish Me

ग्रहण योग क्या होता है , कैसे बनता है ग्रहण योग कुंडली में, जानिए ग्रहण योग के जीवन में प्रभाव, कैसे बचाए अपने आपको ग्रहण योग के दुष्प्रभाव से. ज्योतिष में ग्रहण योग एक महत्त्वपूर्ण योग है जिसका असर जीवन में बहुत होता है. जिस जातक के कुंडली में ग्रहण योग होता है वो स्वयं ही इसे महसूस कर सकता है. परन्तु ऐसे भी बहुत से लोग है जो जीवन में परेशान तो बहुत है परन्तु उन्हें ये नहीं पाता की क्यों परेशान है.  Grhan Yog Kya Hota Hai Jyotish Me ग्रहण योग के कारण न सिर्फ भौतिक जीवन में परेशानी पैदा होती है बल्कि अध्यात्मिक जीवन में भी सफलता में समस्या पैदा होने लगता है. अतः ये जरुरी है की हम इस योग के बारे में जानकारी ले और जीवन को सुखी करे. क्या होता है ग्रहण योग, कैसे बनता है कुंडली में ग्रहण योग? इसे साधारण तरीके से समझिये. जब भी कुंडली के किसी भाव में राहू और केतु के साथ कोई दूसरा ग्रह बैठ जाता है तो ग्रहण योग का निर्माण हो जाता है. दुसरे जब राहू और केतु के महादशा या अन्तर्दशा में कोई दूसरा ग्रह आता है तो भी ग्रहण योग का निर्माण होता है.  ये एक ऐसा योग है जिसके कारण जीवन म

Chandra Grahan Hai Guru Poornima 16 july 2019 Ko

चन्द्र ग्रहण 16 july, 2019 , मंगलवार, क्या करे ग्रहण काल में, क्या ना करे, राशियों पर असर. भारतीय ज्योतिष के हिसाब से चन्द्र ग्रहण बहुत ही महत्त्व रखता है, ये वो समय होता है जिसका इन्तेजार हर साधक करता है पुरे वर्ष भर. मान्यता है की चन्द्र ग्रहण के समय किसी प्रकार की साधना सफ़लत होती है. इसी कारन तांत्रिक, मान्त्रिक, अध्यात्मिक साधक गण ग्रहण काल में सिद्धि करने हेतु क्रियाएं करते हैं. chandra grahan on 16th july 2019 हिंदू पंचांग के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण आषाढ़ पूर्णिमा की रात्रि को को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लगेगा. यह खंडग्रास चंद्रग्रहण  है और भारत में दिखेगा. करीब 3 घंटे इस ग्रहण का समय रहेगा. आइये जानते हैं ग्रहण के बारे में कुछ ख़ास बाते: इस बार भी गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगेगा जो की भारत में दिखाई देगा.  चन्द्र ग्रहण का समय रहेगा मंगलवार रात 1 बजकर 32 से 4 बजकर 30 मिनट तक .  सूतक करीब ४ बजे से लग जाएगा. इस बार ये ग्रहण भारत के अलावा, पाकिस्तान, युक्रेन, टर्की , ईराक, ईरान, दक्षिण अफ्रीका, अन्टार्क्टिका, साउदी अरब, अफगानिस्तान में दिखाई देगा. 

Grahan Shanti Pooja In Hindi

ग्रहण दोष निवारण पूजा | कुंडली में ग्रहण योग का समाधान | जानिए कुछ आसान उपाय ग्रहण योग के प्रभाव को कम करने के  ग्रहण दोष निवारण पूजा बहुत जरुरी है उन पुरुष और महिलाओं के लिए जो इसके प्रभाव से ग्रस्त है. इस पूजा द्वारा ग्रहण दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन को सरल बनाया जा सकता है. Grahan Shanti Pooja In Hindi अगर कोई ग्रहण योग के कारण पढ़ाई नहीं कर पा रहा है तो ग्रहण दोष निवारण पूजा करनी चाहिए.  अगर किसी के शादी में देरी हो रही है ग्रहण योग के कारण तो ये पूजा करनी चाहिए.  अगर किसी को स्वास्थ्य हानि हो रही है लगातार ग्रहण योग के कारण तो भी ये पूजा करनी चाहिए.  अगर कोई बचत नहीं कर पा रहा है और सम्पन्नता से वंचित है ग्रहण योग के कारण तो भी शांति पूजा से लाभ हो सकता है.  अगर रोजगार में बाधा आ रही है तो भी इस पूजा से लाभ उठाया जा सकता है.  अगर किसी को संतान होने में समस्या आ रही है ग्रहण दोष के कारण तो भी इस पूजा से लाभ लिया जा सकता है.  ग्रहण योग क्या होता है ? मेरे पिछले लेख में इस विषय में जानकारी दी है अतः “ग्रहण योग क्या है" इस लेख को पढ़े. जब