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Majboot SHANI Wale Vyakti Ke Kya Gun Hote Hain

Majboot Shani Wale Vyakti Ke Kya Gun Hote Hain, मजबूत शनि वाले व्यक्ति के क्या गुण होते हैं?, कुंडली में शनि के मजबूत होने पर क्या होता है?, मजबूत शनि की विशेषताएं क्या होती हैं?, शनि प्रधान व्यक्ति की विशेषताएं क्या होती हैं? , हमें कैसे पता चलेगा कि जन्म कुंडली में शनि मजबूत है?| वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह का बहुत अधिक महत्व है क्यूंकि अक्सर देखा गया है की शनि की दशा में जातक सबसे बड़े परिवर्तनों से गुजरता है |  शनि ग्रह की शक्ति से जातक में अनुशासन, समर्पण, जिम्मेदारी, सहनशक्ति, दृढ़ता, कड़ी मेहनत, समय की पाबंदी आदि गुण देखने को मिलते हैं |  दीर्घकालिक योजनाओं में सफलता के लिए भी शनि ग्रह जिम्मेदार होता है |  मकर या कुम्भ राशि शनि की स्व राशि होती है |  वैदिक ज्योतिष में शनि से गंभीर रोगों, भूमि और वाहन सुखों को भी देखा जाता है |  जन्म कुंडली में शनि दसवें और ग्यारहवें घर में प्रबल होते हैं |  शनि ग्रह की उच्च राशि तुला है और नीच राशि मेष है |  शनि देव की तीन दृष्टियां होती हैं तीसरी, सातवीं और दसवीं( 3,7,10)|  Majboot SHANI Wale Vyakti Ke Kya Gun Hote Hain Majboot SHANI Wale Vy

Kaise jane Ki Shani Shubh Fal De Raha Hai

कैसे जानें कि जन्म कुंडली में शनि शुभ फल दे रहा है, जन्म पत्रिका में शनि की शुभता को कैसे जाने ?, sakaratmak shani ki pahchan. वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि का सम्बन्ध लम्बे समय तक चलने वाले निर्माण कार्य, भूमि, न्याय, पुरातत्व विज्ञान, खदानें, लोहा, मजदूर, तेल, मेहनत, समर्पण, सेवा, त्याग, तपस्या, वैराग्य आदि से होता है | शनि का सम्बन्ध वात रोगों से भी होता है |  मकर और कुम्भ राशि के स्वामी है शनि देव | ये सबसे धीमे चलते हैं इसी कारण ये एक राशि में ढाई साल रहते हैं फिर दूसरे राशि में गोचर करते हैं | Kaise jane Ki Shani Shubh Fal De Raha Hai Read in english how to know saturn is giving positive results? जन्म कुंडली में शनि की शुभता को अनेक प्रकार से देखा जाता है जैसे - वृषभ, मिथुन और कन्या राशि में शनि मौजूद हो तो शुभ फल देते हैं | तुला राशि में शनि हो तो उच्च के होते हैं और अती शुभ फल देते हैं | शुक्र और शनि की युति हो कुंडली में तो भी बहुत अच्छा माना जाता है | पढ़िए शनि दोष के लक्षण क्या होते हैं ? Watch Video here बिना जन्म कुंडली के कैसे जाने की शनि शुभ है?: अगर जन्म पत्रिका न ह

Shani Pradoosh Vrat Kab Hai

Shani pradosh kya hota hai, kinki puja hoti hai shani pradosh ko, kya fayde hain shani pradosh vrat ke| भगवान शिव और शनि देव की पूजा करने का शुभ दिन है शनि प्रदोष | प्रदोष व्रत एक हिंदू व्रत है जो चंद्र मास के 13वें दिन (तिथि) को मनाया जाता है, जब यह दिन शनिवार को पड़ता है तो उसे शनि प्रदोष  कहा जाता है । यह व्रत भगवान शिव और शनि देव को समर्पित है और माना जाता है कि इस दिन पूजन करने से, स्वास्थ्य और सम्पन्नता प्राप्त होती है |  15 july 2023को है शनि प्रदोष का चमत्कारी दिन | “प्रदोष" शब्द का अर्थ "गोधूलि" है, और इसीलिए इस दिन की मुख्य पूजा गोधूलि के समय की जाती है। शनि प्रदोष व्रत के अनुष्ठानों में स्नान करना, मंदिर क्षेत्र की सफाई करना, भगवान शिव और शनि देव की पूजा करना, मंत्रों का जाप करना और आरती के साथ समापन करना शामिल है। भक्त किसी मंदिर में भी जा सकते हैं, पीपल के पेड़ के नीचे दीया जला सकते हैं और सात्विक भोजन के साथ अपना उपवास तोड़ सकते हैं। Shani Pradoosh Vrat Kab Hai शनि प्रदोष व्रत उन लोगों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है जो शनि देव के नकारात्मक प्रभाव

Shani Vakri Kab Honge

 shani vakri 2023, शनि कब होंगे वक्री, क्या होगा असर लोगो पर, अशुभ शनि के उपाय | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कर्मो के फल को देने वाले ग्रह हैं शनिदेव,मेहनत और इमानदारी देने वाले ग्रह है शनि देव | इस समय shani अपनी स्व राशि कुम्भ में मौजूद है गोचर कुंडली में 17 जून 2023 की रात्री को लगभग 10:57 से वे अपनी ही राशि में वक्री हो जाएंगे और 4 नवम्बर 2023 तक वक्री ही रहेंगे | कुछ पंचांग में 18 तारीख का जिक्र मिलता है |  शनि के वक्री होने से महत्वपूर्ण घटनाएं घटित होंगी | जन्म कुंडली में शनि की स्थिति के अनुसार इसका फल जीवन में दिखेगा |  शनि की चाल सबसे धीमी होती है इसीलिए इसका असर भी जीवन में गहरा और लम्बा दिखता है | शनि के प्रभाव से जातक में चुनौतियों और बाधाओं का सामना करने की ताकत मिलती है |  जन्म कुंडली में कुम्भ और मकर राशि के स्वामी होते हैं शनि देव | मेष राशि में नीच के और तुला राशि में उच्च के होते हैं |  Shani Vakri Kab Honge Read in English When will saturn Retrograde in 2023? shani Dev जिस भाव में रहेंगे उस भाव से तीसरे, सातवें और दसवें भाव को देखते हैं अर्थात इन भावो पर सबसे ज्यादा

Shani Jayanti Ka Mahattw In Hindi

शनि जयंती कब है और क्या महत्त्व है,  क्या करे शनि जयंती को सफलता के लिए,  Shani Jayanti Ka Mahattw In Hindi,  शनि पूजा का आसान तरीका. शनि देव का सम्बन्ध न्याय से है इसी कारण लोग साधारणतः शनि से डरते हैं. शनि जयंती एक विशेष दिन है जब लोग शनि की विशेष पूजा पाठ करते हैं ताकि शनि की कृपा प्राप्त किया जा सके. ये दिन विशेष महत्त्व रखता है इसिलिये भक्त शनि स्त्रोत, शनि मंत्र, शनि का अभिषेक करते हैं, हवन करते हैं , जरूरतों की मदद करते हैं. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय और कर्म का देवता माना गया है। शनिदेव व्यक्ति को अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार ही शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं। शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा काफी प्रभावी होती है। शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनि जयंती तिथि 2023 ऐसी मान्यता है कि शनिदेव की तिरछी द्दष्टि बहुत ही कष्टकारी होती है। शनि की तिरछी नजर से बचने के लिए शनि देव की उपासना का विशेष महत्व होता है। शनि जयंती पर उपाय करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।  शनि भगवान की विशेष कृपा और सभी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए शनि जयंत

Ashubh Shani Ke Upaay Jyotish Me

अशुभ शनि के उपाय, जानिए कुछ आसान उपाय शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के, कैसे पायें शनि की कृपा. ashubh shani ke upay शनि के उपाय जानने से पहले आइये जानते हैं की ख़राब शनि और कमजोर शनि में क्या अंतर है. अशुभ शनि मतलब है की शनि शत्रु राशि में बैठा है परन्तु कमजोर शनि शुभ और अशुभ दोनों हो सकता है.इस लेख में हम सिर्फ अशुभ शनि के उपाय ही देखने वाले है. कमजोर और दूषित शनि के उपाय अलग अलग होते हैं अतः भ्रमित नहीं होना चाहिए.शनि हमारे जीवन में बहुत महत्त्व रखता है और वैदिक ज्योतिष के हिसाब से शनि का सम्बन्ध चमड़ा, सीमेंट, तेल, आवागमन के साधन, रबर, लकड़ी, मशीनरी, भूमि आदि से है. अगर कुंडली में शनि शुभ है तो जातक को सफल और आनंदायक जीवन की प्राप्ति बहुत ही आसानी से हो जाती है. वही दूषित शनि अनेको समस्याएं उत्पन्न करता है जीवन में. आइये सबसे पहले जानते हैं की अशुभ शनि कब होता है कुंडली में ? जब कुंडली में शनि मेष राशी का बैठा हो तो बहुत अशुभ परिणाम देता है | जन्मपत्रिका में कर्क राशी का शनि भी अशुभ होता है| कुंडली में सिंह राशि का शनि भी बहुत हानी देता है | वृश्चिक राशि में अगर शनि

Shani Dosh Ke Lakshan in Hindi jyotish

शनि दोष, शनि की दशा, वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि दोष के लक्षण, ज्योतिषी द्वारा उपाय। ज्योतिष प्रेमियों को एक बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह के बारे में जानने में अत्यधिक रुचि है जो की अपने न्याय और कठोर प्रकृति के लिए जाने जाते है। हाँ ! मैं ज्योतिष में शनि ग्रह के बारे में बात कर रहा हूं। Shani Dosh Ke Lakshan in Hindi jyotish इस ग्रह से संबंधित लोगों के मन में कई सवाल उठते हैं: शनि दोष क्या है? ज्योतिष के अनुसार जातक के जीवन में शनि के प्रभाव क्या हैं? मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरे जीवन में शनि का प्रभाव है? कैसे मजबूत उपायों का उपयोग करके शनि दोष से छुटकारा पाएं? शनि दशा कब तक चलती है? शनि दशा क्या है? शनि दशा के दौरान क्या होता है? संपर्क करे ज्योतिष से मार्गदर्शन के लिए >> आइए सबसे पहले जानते हैं कि शनि दोष क्या है? न्याय के लिए सबसे शक्तिशाली ग्रह शनि है। शनि का प्रभाव जीवन में अवश्यंभावी है और सभी को समय-समय पर महादशा, अंतर्दशा और प्रत्यंतरदशा से गुजरना होता है । जहां भी यह कुंडली में बैठता है, उसके हिसाब से व्यक्ति के जीवन को बदल देता है। लोग आमतौर पर श

Shani Prakop Se Bachne Ke Totkay

शनि प्रकोप से बचने के टोटके, shani sade sati se bachne ke upaay, शनि ग्रह दोष निवारक टोटके, ज्योतिष समाधान. Shani Prakop Se Bachne Ke Totkay शनि ग्रह सभी ग्रहों में सबसे ज्यादा क्रूर माने जाते हैं परन्तु सही बात ये है की सूर्य पुत्र शनि देव न्याय से सम्बन्ध रखते हैं, पाप और पुण्य का फल देना उनके ही हाथो में है, इसी कारण लोगो को उनसे भय लगता है.  जब शनि साड़े साती किसी की जीवन में आती है तो जातक को विभिन्न प्रकार के बड़े बदलाव नजर आते हैं जो की अच्छे भी होते हैं और बुरे भी. परन्तु लोगो को ग़लतफ़हमी है की शनि सिर्फ पीड़ा ही देते हैं अतः इस सोच को बदलना जरुरी है.  आइये जानते हैं की जब शनि पीड़ा देते हैं तो क्या-क्या हो सकता है? शनि के बुरे प्रभाव से शारीरिक पीड़ा बढ़ सकती है. ख़राब शनि के प्रभाव से लम्बे समय तक रोग रह सकता है. प्रेम संबंधो में समस्या उत्पन्न हो सकती है. रंजिशे बढ़ सकती है दोस्तों, रिश्तेदारों से. जातक को अपमान और उपेक्षा का सामना करना पड़ सकता है. जातक को कानूनी अड़चनो का सामना करना पड़ सकता है. बार बार असफलता जीवन में आती है. धन हानि का सिलसिला शुरू हो जाता है

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