शनि जयंती कब है और क्या महत्त्व है, क्या करे शनि जयंती को सफलता के लिए, Shani Jayanti Ka Mahattw In Hindi, शनि पूजा का आसान तरीका.
शनि देव का सम्बन्ध न्याय से है इसी कारण लोग साधारणतः शनि से डरते हैं. शनि जयंती एक विशेष दिन है जब लोग शनि की विशेष पूजा पाठ करते हैं ताकि शनि की कृपा प्राप्त किया जा सके. ये दिन विशेष महत्त्व रखता है इसिलिये भक्त शनि स्त्रोत, शनि मंत्र, शनि का अभिषेक करते हैं, हवन करते हैं , जरूरतों की मदद करते हैं.
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय और कर्म का देवता माना गया है। शनिदेव व्यक्ति को अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार ही शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं। शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा काफी प्रभावी होती है। शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं।
शनि जयंती तिथि 2023
ऐसी मान्यता है कि शनिदेव की तिरछी द्दष्टि बहुत ही कष्टकारी होती है। शनि की तिरछी नजर से बचने के लिए शनि देव की उपासना का विशेष महत्व होता है। शनि जयंती पर उपाय करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनि भगवान की विशेष कृपा और सभी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा-उपासना का विशेष महत्व होता है।
इस दिन आप सरसों के तेल, काले तिल, उड़द की दाल,नीले फूल और नीले वस्त्र अर्पित करते हुए तेल का दीपक जलाएं और ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जप करते रहें।
19 may २०२३ को है शनि जयंती
शाश्त्रो के अनुसार ज्येष्ठ महीने के अमावस्या को हुआ था शनि देव का जन्म, इनके माता पिता है सूर्य देव और छाया देवी , यमराज और यमुना इनके भाई बहन हैं |
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Shani Jayanti Ka Mahattw In Hindi |
अंग्रेजी मे शनि को Saturn कहा जाता है, ज्योतिष के हिसाब से ये एक कठोर ग्रह है और इसका सम्बन्ध भूमि, लोहा, आन्तरिक शारीरिक अंग, काला रंग आदि से होता है. ये पश्चिम दिशा का स्वामी है.
ऐसी भी मान्यता है की शनि देव का जन्म ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को हुआ था इसी कारण हर साल लोग बड़े हर्षोल्लास से इसी दिन शनि जयंती मनाते हैं.
२०२३ मे शनि जयंती का महत्त्व :
२०२३ मे शनि जयंती 19 मई, शुक्रवार को आ रहा है , इस दिन को अमावस्या है. अतः ये दिन बहुत ख़ास हो जाता है उन लोगो के लिए जो शनि देव को खुश करना चाहते हैं.- अगर कुंडली मे शनि खराब हो तो शनि की पूजा इस दिन करे.
- अगर कोई नकारात्मक उर्जा , काला जादू, नजर दोष से ग्रस्त हो तो भी शनि जयंती का दिन पूजा के लिए बहुत अच्छा है.
- अगर कोई सिर्फ शनी देव से आशीर्वाद चाहते हो तो भी ये दिन बहुत ख़ास है.
- अगर किन्ही की कुंडली मे पितृ दोष हो तो भी इस दिन पूजा कर सकते हैं क्यूंकि अमावस्या पड़ रही है.
अतः किसी भी हालत मे इस दिन को छोड़िये मत.
अच्छे योग बन रहे है शनि जयंती को.
अच्छे योग बन रहे है शनि जयंती को.
आइये जानते हैं SHANI JAYANTI को ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी ?
- सूर्य और राहू अपने शत्रु राशि में रहेंगे गोचर कुंडली में |
- चन्द्रमा और बुध सम राशि में रहेगे |
- मंगल अपने नीच राशि में रहेंगे |
- गुरु शुक्र और केतु अपने मित्र राशि में रहेंगे |
- शनि स्व राशि में रहेंगे |
- shani jayanti को गोचर कुंडली में चन्द्र ग्रहण योग और चंडाल योग भी बना रहेगा
जानिए शनि दोष से बचने के लिए शनि गायत्री मंत्र जप के फायदे
आइये जानते है आसान तरीके शनि को खुश करने के :
शनि जयंती का महत्त्व हिंदी मे, क्या करे शनि जयंती को सफलता के लिए, शनि पूजा का आसान तरीका.
- इस दिन जल्दी उठिए और दैनिक कार्यो से निवृत्त हो जाएँ |
- अगर शरीर साथ दे तो पूरे दिन उपवास करने का संकल्प भी आप ले सकते हैं |
- पूजन के लिए शनि देव की प्रतिमा सामने रखे और धूप, दीप, नैवेद्य , दक्षिणा अर्पित करे.
- उनका अभिषेक करे पंचामृत से.
- तेल से भी अभिषेक कर सकते हैं शनि मंत्रो का जप करते हुए.
- शनि चालीसा, शनि स्त्रोत्रम, शनि गायत्री मन्त्र आदि का पाठ भी शुभ है.
- अपने स्वस्थ, संपन्न और बाधा रहीत जीवन के लिए प्रार्थना करे.
- जरुरतमंदों की मदद करे.
- भूखे लोग और जानवरों को भोजन दे.
- पूरे दिन जब भी समय मिले तो शनि मंत्रो का जप करते रहे.
- शनि जयंती के मौके पर पीपल की जड़ में कच्चा दूध मिश्रित मीठा जल चढ़ाने व तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है।
- अगर आपके ऊपर शनि की साढ़ेसाती या ढय्या चल रही हो तो पीपल के पेड़ की पूजा करके और उसकी परिक्रमा करें |
- शनिदेव के दिव्य मंत्र ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: का इस दिन जप करने से प्राणी भयमुक्त रहता है।
- शनिदेव के आराध्य भगवान शिव हैं। शनि दोष की शांति के इस दिन शनिदेव की पूजा के साथ-साथ शिवजी पर काले तिल मिले हुए जल से ॐ नमः शिवाय का उच्चारण करते हुए अभिषेक करना चाहिए।
जय शनि देव
भारत मे शनि जयंती का बहुत महत्त्व है और इसमे कोई शक नहीं की भक्त अपनी पूजा का विशेष फल जरुर पाते है , इसिलिये दशको से ये रीती रिवाज चले आ रहे है.
भारत मे शनि जयंती का बहुत महत्त्व है और इसमे कोई शक नहीं की भक्त अपनी पूजा का विशेष फल जरुर पाते है , इसिलिये दशको से ये रीती रिवाज चले आ रहे है.
शनि जयंती का महत्त्व हिंदी मे, क्या करे शनि जयंती को सफलता के लिए, Shani Jayanti Ka Mahattw In Hindi, शनि पूजा का आसान तरीका.
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