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Teej Tyohaar aur jyotish in hindi लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

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Fulera Dooj Ke liye Chamatkaari Upaay

फुलेरा दूज कब है, क्या महत्त्व है, Fulera Duj को कौन से उपाय बदल देते हैं जीवन को, किनकी पूजा करनी चाहिए फुलेरा दोज को?  हिन्दू पंचांग के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन महीने में शुक्ल पक्ष के द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है | ये दिन विशेषकर भगवन कृष्ण और राधाजी से जुड़ा हुआ है |  इस वर्ष 2024 में 12 मार्च मंगलवार  को फुलैरा दूज (phulera dooj) का त्योहार मनाया जायेगा | सबसे अच्छी बात ये है की इस दिन गोचर कुंडली में शुक्र मित्र राशि के रहेंगे जिससे ये दिन वास्तविक प्रेम के प्रतिक राधा कृष्ण की पूजा के लिए अति शुभ दिन होगा |  इसी के साथ गुरु और शनि भी मित्र राशि में रहेंगे जिससे जो लोग अध्यात्मिक साधना की शुरुआत करना चाहते हैं उनके लिए भी समय अति उत्तम रहेगा | जानकारी के अनुसार यही वो शुभ दिन था जब राधा रानी ने कृष्ण जी के साथ फूलों की होली खेली थी | इसी कारण आज भी राधा- कृष्ण जी के भक्त इस दिन खूब उत्साह के साथ इस दिन को मनाते हैं |  मथुरा में  तो फुलेरा दूज के दिन से ही होली की शुरुआत हो जाती है.  पढ़िए प्रेम जीवन में असफलता के ज्योतिषी कारण   Fulera Dooj Ke liye Chamatkaar

Karwachoth Ka Mahatwa| करवा चौथ का महत्तव

Karwachoth Kab hai 2023 mai,  करवा चौथ का महत्तव, कैसे करे करवा चौथ की पूजा, ज्योतिष और करवा चौथ hindi में . एक ऐसा दिन जिसका इन्तेजार पुरे साल भर किया जाता है ख़ास तौर पर विवाहित महिलाए इस दिन का इन्तेजार पुरे जोर शोर से करती है. इस दिन महिलाए व्रत रखती है अपने पति की लम्बी आयु के लिए और इसके लिए माता करवा की पूजा की जाती है. भारत में कर्वाचोथ को बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है, इस दिन पतियों की पूजा की जाती है रात्री को जिसके कारण उनको भी इस दिन का इन्तेजार रहता है. 2023 मे करवाचौथ 01 नवम्बर , बुधवार को है  करवा चौथ का महत्तव करवा चौथ शरद पूर्णिमा के 4 दिन बाद आता है और दीपावली से पहले भी आता  है, इस दिन को महिलाए पूरे आनंद से मनाती है, खेलती है, मस्ती करती है, भजन करती है, पूजन करती है और सबसे ख़ास उनको अपने पतियों से उपहार भी प्राप्त होता है जिसका इन्तेजार वो करती है. कर्वाचोथ कार्तिक महीने की शुरुआत में आता है जब हलकी हलकी गुलाबी ठण्ड भी दस्तक दे रही होती है. कार्तिक महिना अपने आप में एक पवित्र महिना माना जाता है जब साधनाओ को सफलतापूर्वक किया जा सकता

Sharad Poornima Jyotish In Hindi

Sharad poornima kab hai 2023 mai, sharad poornima ka mahattwa, kya kare safaltaa ke liye, kisi pooja kare sharad poornima ko as per jyotish, शरद पूर्णिमा पर hindi में जानिये महत्तव और क्या करे सफलता के लिए. साल की सबसे बड़ी और शक्तिशाली पूर्णिमा है शरद पूर्णिमा और ऐसी मान्यता है की अगर कोई आर्थिक और शारीरिक परेशानी से गुजर रहा हो तो इस रात्रि को पूजन जरुर करना चाहिए, इससे बहुत लाभ मिलता है | ये रात्रि माता लक्ष्मी से भी सम्बन्ध रखता है |  sharadpoornima 2023: वैदिक ज्योतिष के हिसाब से अगर कुंडली में चंद्रमा ग्रह मजबूत हो तो जातक बहुत ही संपन्न जीवन जीता है ऐशो -आराम के साथ वहीँ कमजोर चंद्रमा असंतुष्ट जीवन का प्रतीक होता है |अतः चन्द्रमा अती महत्त्वपूर्ण है हमारे जीवन में | 2023 में शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर शनिवार को है |  पूर्णिमा तिथि 28 को तडके 4:19 मिनट पे शुरू होगी और 29 अक्टूबर को दोपहर में लगभग 1:54 मिनट तक रहेगी | अगर आपको चाह है एक शांति पूर्ण जीवन की, अगर आपको चाह है एक स्वस्थ जीवन की अगर आप चाहते हैं एक सुखी और संपन्न जीवन तो शरद पूर्णिमा की रात्री आपके लिए बहुत ही शु

Hartalika Teej Ka Mahattwa In Hindi

हरतालिका तीज का त्यौहार कब है 2023 में , तीज पूजा का असान तरीका, hartalika teej significance in hindi, क्या फायदे है हरतालिका तीज का , हरतालिका व्रत और कथा, क्या करे मनोकामना पूर्ण करने के लिए हरतालिका तीज को. भारत में भाद्रपद महीने के तृतीय तिथि को एक और महत्त्वपूर्ण त्यौहार मनाया जाता है जिसे हरतालिका तीज कहते है. ये त्यौहार कुंवारी और शादीसुदा महिलाए दोनों के लिए महत्त्व रखता है. कुंवारी कन्याएं और शादी सुदा महिलायें इस त्यौहार को बहुत ही उत्साह से मनाती है.  Hartalika Teej Ka Mahattwa In Hindi Haritalika Teej 2023 Mahurat:  हिन्दू पंचांग अनुसार हरतालिका तीज भाद्रपद शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को आती है | सन 2023 में हरतालिका तीज 18 september सोमवार को मनेगा | इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लम्बी आयु होने, उनके सुखी जीवन और आरोग्यता के लिए व्रत रखती हैं. 2023 हरतालिका तीज व्रत: शुभ मुहूर्त: पंचांग के अनुसार, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 17 तारीख रविवार को दिन में 11:11 बजे से शुरू होगी और 18 तारीख सोमवार को दोहपर 12:40 तक रहेगी |  तो उदय तिथ

Rishi Panchmi Ka Mahattwa In Hindi

ऋषि पंचमी कब है जानिए महत्त्व हिंदी में , क्या करे ऋषि पंचमी को, ऋषि पंचमी की कहानी, कर्मकांड ऋषि पंचमी से जुड़े, सप्त ऋषियों के नाम. भाद्रपद के महीने में गणेश चतुर्थी के दुसरे दिन ऋषि पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है भारत में. ये दिन भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष के पांचवे दिन मनाया जाता है. ये दिन बहुत महत्त्वा रखता है क्यूंकि इस दिन सप्त ऋषयो की पूजा होती है जिनके नाम है – कश्यप, अत्री, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम , जमदग्नि और वशिष्ठ. ऐसी मान्यता है की इनकी पूजा से रजस्वला दोष से मुक्ति मिल सकती है. Rishi Panchmi Ka Mahattwa In Hindi ऋषि पंचमी का दिन महिलाओं के लिए ख़ास महत्त्व रखता है , इस दिन महिलायें व्रत रखती है , पूजाएँ करती है ताकि रजस्वला दोष से मुक्ति मिले. रजस्वला होने पर जाने अनजाने बहुत सी भूल हो जाती है और हिन्दू संस्कृति में इससे मुक्ति का मार्ग भी है और वो है ऋषि पंचमी के दिन सही तरीके से पूजा पाठ करना जिससे पापो से मुक्ति मिलती है. क्या आप जानते हैं की ऋषि पंचमी से २ दिन पहले हरतालिका तीज मनाया जाता है? आइये जानते हैं की क्या करना चाहिए ऋषि पंचमी को ?

Rudrabhishek Pooja Ka Mahattw In Hindi

Rudrabhishek Pooja Ka Mahattw In Hindi, रुद्राभिषेक पूजा का महत्तव, क्यों करे रुद्राभिषेक, सावन में रुद्राभिषेक पूजा का महत्तव. पूजन के दौरान भगवान् का अभिषेक करना हिन्दुओ के अन्दर बहुत ही महत्त्व का माना जाता है और पूरी दिनिया में लोग अभिषेक करते है स्वास्थय और सम्पन्नता के लिए. Rudrabhishek Pooja Ka Mahattw In Hindi क्या होता है अभिषेक ? अभिषेक का मतलब होता है भगवान् के मूर्ति पर दूध, शहद, घी, जल आदि डालना मंत्रो के साथ. ऐसा माना जाता है की ये भगवान् को खुश करने का सबसे अच्छा तरीका है.  भगवान् शिव को रूद्र भी कहा जाता है और उनका अभिषेक जब विशेष स्त्रोत पाठ के द्वारा किया जाता है या विशेष मंत्रो के साथ किया जाता है तो उसे “रुद्राभिषेक” कहा जाता है.  शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए साधारणतया रूद्र सूक्त या रुद्रम का पाठ किया जाता है, इसी को रुद्राभिषेक कहा जाता है. पाठ करते हुए शिवलिंग पर विभिन्न पवित्र सामग्रियां डाली जाती है. रुद्राभिषेक में प्रयोग होने वाली वस्तुएं : इस पूजा में पवित्र वस्तुओ का प्रयोग होता है और इन वस्तुओ को स्वास्थ्यवर्धक भी कहा जाता है. जैसे

Adhik Maas Ka Mahattw Jyotish Mai

Adhik Maas Kab se hai,  malmas importance in hindi,  अधिक मास क्यों है ख़ास,  कैसे कमाए पुण्य पुरुषोत्तम मास मे. अधिक मास का महत्त्व अधिक मास मे साधारणतः हमने लोगो को पूजा आराधना, दान, धर्म करते हुए देखा है. ज्योतिष में भी अधिक महीने के महत्त्व के बारे में बहुत कुछ कहा गया है. ये महिना ख़ास तौर पर धर्म साधना, देव दर्शन, तीर्थ यात्रा, भगवत कथा श्रवण, उपासना आदि के लिए बना है. अधिक मास को खर मास,मल मास या फिर पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है. पंचांग अनुसार इस बार मल मास शुरू हो रहा है 18 July से और 16 August २०२३ तक रहेगा  |   पुरुषोत्तम मास में भक्तगण मंत्र जप, भागवत कथा श्रवण, दान आदि करते हैं. एक और ख़ास बात है जो अधिक मास का महत्त्व और बढ़ाता है वो ये की ऐसे में चन्द्रमा अपनी उच्च राशि में अवस्थित होगा जिसके कारण पूजा पाठ, साधना, दान आदि का महत्त्व और बढ़ जाएगा. अधि मास भगवान् विष्णु को समर्पित है और इस समय में केवल पूजा पाठ , अनुष्ठान आदि ही किया जाने का उल्लेख मिलता है. Adhik Maas Ka Mahattw Jyotish Mai आइये जानते हैं कौन कौन से ख़ास मौके आ रहे हैं इस

Guru Poornima Importance In Hindi

Guru purnima kab hai 2023,  Guru Poornima Importance In Hindi, गुरु पूर्णिमा का महत्तव हिन्दी में, क्या करे गुरु पूर्णिमा को. गुरु पूर्णिमा एक हिंदू त्योहार है  और इस दिन हम शिक्षक और आध्यात्मिक गुरुओं का सम्मान करते हैं |  यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़  महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। "गुरु" शब्द संस्कृत के शब्द "गु" से आया है जिसका अर्थ है "अंधकार" और "रु" का अर्थ है "दूर करना।" इसलिए गुरु वह होता है जो अज्ञानता के अंधकार को दूर करते है और हमें सत्य का प्रकाश देखने में मदद करते है। हिंदू धर्म में, गुरु पूर्णिमा हमारे सभी जीवित और ब्र्हम्लीन गुरुओं का सम्मान करने का समय है। हम उनके मार्गदर्शन और शिक्षाओं के लिए अपना आभार व्यक्त करते हैं, और उनके निरंतर आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। गुरु पूर्णिमा पर, लोग आमतौर पर अपने गुरुओं से मिलते हैं, उनका पूजन करते हैं, उन्हें उपहार देते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं |  यह उन लोगों को याद करने का दिन है जिन्होंने हमें बढ़ने और सीखने में मदद की है, और उनकी शिक्षाओं के

Buddha Poornima Ka Mahattw In Hindi

बुद्ध पूर्णिमा का महत्त्व, Kab hai buddh poornima, वैशाख महीने की पूर्णिमा क्यों महत्त्वपूर्ण है, क्या करे सफलता के लिए वैशाख पूनम को. वैशाख महीने की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से पुरे विश्व मे जाना जाता है. ऐसा माना जाता है की महात्मा बुद्ध का जन्म इस पवित्र दिन हुआ था इसी कारन बुद्ध जयंती मनाई जाती है इस दिन.  बुद्ध पूर्णिमा को भक्तगण उपवास रखते है, अध्यात्मिक साधना करते हैं, कर्मकांड करते हैं, कुछ लोग विष्णु भगवान् की पूजा करते हैं, दान-धर्म करते है अपनी क्षमता अनुसार.  2023 में 5 मई शुक्रवार को है बुद्ध पूर्णिमा का शुभ दिन | Buddha Poornima Ka Mahattw In Hindi जब चन्द्रमा अपनी पूर्णम आभा बिखेर रहा होता है तब भक्तगण अध्यात्मिक साधना करते हैं जीवन को सफल बनाने के लिए. गौतम बुद्ध ने ऐसा मार्ग दिखाया है जिससे की सभी आसानी से जीवन के परम लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं.  उनके नियम किसी जाती से सम्बन्ध नहीं रखते हैं, किसी धर्म से सम्बन्ध नहीं रखते हैं. उन्होंने मुक्ति मार्ग दिखाया सभी को. बुद्ध पूर्णिमा को लोग इसी अवतार को याद करते हैं. बुद्ध को मानने वाले इस दि

Akshay Tritiya Ka Mahatw In Hindi

Akshay tritiya ka mahatw in hindi, क्या है अक्षय तृतीया, धार्मिक महत्तव , क्या करे अक्षय तृतीय को, क्या न करे इस पुण्यशाली दिन को, टोटके अक्षय तृतीय के लिए, 2023 मे अक्षय तृतीय क्यों ख़ास है. अगर आप कोई महत्त्वपूर्ण कार्य का आरंभ करना चाहते हैं, अगर आप पुण्य प्राप्त करने के लिए कोई क्रिया करना चाहते हैं, अगर आप निर्विघ्नता से किसी कार्य को पूर्ण करना चाहते हैं, और अगर आपको मुहुर्त का ज्ञान नहीं है तो कोई बात नहीं है, अक्षय तृतीय का दिन वो शुभ दिन होता है जब कोई भी अच्छा कार्य हम शुरू कर सकते हैं, ये एक स्वयं सिद्ध मुहुर्त है. 2023 में 22 april शनिवार को है स्वयं सिद्ध महुरत अक्षय तृतीया  Akshay Tritiya Ka Mahatw In Hindi क्या है अक्षय तृतीय? इस दिन को “आखा तीज” के रूप में भी जानते हैं. ये दिन भगवान् परशुराम के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है जो की विष्णुजी के छठे अवतार थे. ये वो दिन है जब भगवान् गणेश जी ने महाभारत लिखना प्रारंभ किया था. ये दिन है भाग्य को जगाने का , ये दिन है सफलता के लिए क्रियाओं को करने का, ये दिन है देवी शक्तियों के आशीर्वाद लेने का. Read in eng

Radha Ashtmi Ka Mahattw In Hindi

2022 Radha Ashtmi Ka Mahattw In Hindi, राधा अष्टमी का महत्तव , कौन है राधाजी, क्या करते हैं भक्त राधा अष्टमी को, ज्योतिषीय महत्तव जानिए राधा अष्टमी का. राधा और कृष्णा जी की प्रेम कहानियां विश्वभर में प्रसिद्ध हैं, आज के इस आधुनिक युग में भी लोग राधा और कृष्णाजी की कथाओं का श्रवण करते हैं और अपने आपको धन्य समझते हैं. इनकी कथाये शांति देती हैं, प्रेम की भावनाओं को बल देती है, वास्तविक प्रेम का अर्थ समझाती हैं. radha ashtmi कब है 2022 में राधा अष्टमी ? हिन्दू पंचाग के अनुसार राधा अष्टमी का उत्सव हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष के आठवे दिन बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस साल ये पवित्र दिन 03 सितम्बर, शनिवार को आ रहा है. अष्टमी तिथि 3 सितम्बर को दोपहर 12:29 पे शुरू होगा और 4 सितम्बर को दोपहर दिन में 10:40 तक रहेगा | आइये जानते हैं कौन है राधाजी? राधाजी वृषभानु और किर्तिकुमारी जी की पुत्री के रूप में जानी जाती हैं , इन्हें लोग प्रेम से राधा रानी भी बुलाते हैं. कृष्णा के प्रति अपने अतुल्य प्रेम के कारण राधाजी ने पुरे ब्रह्माण्ड में अपना एक विशेष स्थान बनाया है. बनारस

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