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VASTU Shanti Mantra Ke Fayde in Hindi

VASTU Shanti Mantra Chant वास्तु शांति मन्त्र पूजन Remove All Home Negative Energy, V astu dosh kya hota hai, वास्तु दोष निवारण मन्त्र कौन सा है, वास्तु दोष निवारण मन्त्र जपने के लाभ | जिस प्रकार कुंडली में ख़राब ग्रहों के कारण दोष लगता है वैसे ही जमीन में गलत दिशा में गलत स्थान बना देने से दोष लगता है जिससे उर्जा सही तरीके से वहां रहने वालो को नहीं मिलती है और विभिन्न प्रकार की परेशानियाँ उत्पन्न होती है व्यक्तिगत और कामकाजी जीवन में | वास्तु दोष होने पर जीवन में अशांति और संघर्ष बढ़ जाता है |  वास्तु शाश्त्र के नियमो के अनुसार किसी भी जमीन में दिशाओं का सम्बन्ध पञ्च तत्त्वों अर्थात पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश से होता है और इसी का ध्यान मकान, दूकान, फ्लैट, फैक्ट्री आदि बनाने में रखना चाहिए |  परन्तु ऐसा पूरी तरह से संभव नहीं हो पाता है | अतः ऐसे में वास्तु पुरुष की पूजा करके हम अपने जीवन में सुख, शांति और सम्पन्नता को ला सकते हैं  VASTU Shanti Mantra Ke Fayde in Hindi जब भी हम जमीन पर कुछ बनाते हैं जैसे घर, दूकान, फैक्ट्री, ऑफिस फ्लैट आदि तो वहां पर जरुरी नहीं की हमने वास्तु क

Lucky Bamboo plant Ke Fayde in hindi

भाग्यशाली बम्बू क्या है, लकी बम्बू का असली नाम क्या है?, भाग्यशाली बांस से संबंधित तथ्य?, वास्तु समस्या का समाधान lucky bamboo  से | इन दिनों सबसे अधिक मांग वाले पौधों में से एक लक्की बांस है लेकिन वास्तव में यह पौधा बांस परिवार से संबंधित नहीं है। इस लेख में हम इस भाग्यशाली पौधे से संबंधित तथ्यों जानेंगे जिसका उपयोग भाग्य को आकर्षित करने, वास्तु दोष को दूर करने, सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए किया जाता है। भाग्यशाली बांस का असली नाम ड्रैकेना सैंडरियाना है जो मध्य अफ्रीका में मूल रूप से पाया जाता है और ये Asparagaceae के परिवार के अंतर्गत आता है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में लोग इस पौधे को अलग-अलग नामों से जानते हैं जैसे सैंडर्स ड्रैकैना, रिबन ड्रैकैना, लकी बैम्बू, कर्ली बैम्बू, चाइनीज वाटर बैम्बू, मर्सी प्लांट की देवी, बेल्जियन एवरग्रीन आदि। यह वास्तव में एक अफ्रीकी प्रजाति है।  Lucky Bamboo plant Ke Fayde in hindi Lucky Bamboo पानी और मिट्टी दोनों में पनप सकता है लेकिन हाइड्रोपोनिक विधि सबसे लोकप्रिय है। फेंगसुई में इसका बहुत महत्व है। पढ़िए वास्तु में पेंटिंग्स का प्रयोग कैस

Vastu Purush Ko Kaise Khush Kare Safalta Ke Liye

वास्तु पुरुष की पूजा क्यों जरुरी है, कैसे करे रोज घर में वास्तु पुरुष की पूजा, नैवेद्य अर्पित करने का मन्त्र जानिए, वास्तु परामर्श | हम सभी वास्तु देवता के बारे में अवश्य जानते हैं वास्तु देवता पृथ्वी के हर कण-कण में मौजूद है जब भी कोई घर दुकान फैक्ट्री इंडस्ट्री हॉस्पिटल आदि कोई भी वास्तु का कार्य होता है तो नियम है कि वहां पर वास्तु देवता की पूजा अवश्य होनी चाहिए | वास्तु देवता का पूजा ना करने पर विभिन्न प्रकार के समस्याओं से वास्तु मालिक को गुजरना पड़ सकता है, इसका कारण यह है की वास्तु देवता को ब्रह्मा जी का आशीर्वाद प्राप्त है कि जब भी कोई वास्तु का कार्य होगा वास्तु में निर्माण होगा वास्तु में गृह प्रवेश होगा तो वहां पर वास्तु पुरुष का पूजन अनिवार्य होगा | वास्तु शास्त्र के अनुसार वास्तु पुरुष भूमि पर अधोमुख स्थित है। अधोमुख यानी उनका मुंह जमीन की तरफ और पीठ ऊपर की ओर हैं। सिर ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में, पैर नैऋत्य कोण यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा में है। इस तरह उनकी भुजाएं पूर्व और उत्तर में हैं। Vastu Purush Ko Kaise Khush Kare Safalta Ke Liye इसीलिए किसी भी निर्माण कार्

Vastu Me Khaat Mahurth Kya Hota Hai

वास्तु में खात मुहूर्त क्या है ?, जानते हैं फायदे इसके, कैसे कर सकते हैं निर्माण बिना किसी दिक्कत के?, क्या होगा अगर इसका ध्यान ना रखा जाए? Vastu Me Khaat Mahurth Kya Hota Hai क्या होता है खात मुहूर्त ? जब भी कोई निर्माण कार्य शुरू होता है तो एक विशेष दिशा में सबसे पहले २ फीट का गड्ढा खोद के वहां पे पूजन किया जाता है और वहां पर कुछ चीजो को रखके उसपे ईंटो को चुनवा दिया जाता है उसके बाद ही उस जगह पर निर्माण कार्य शुरू होता है| इसे ही खात मुहूर्त कहा जाता है | खात मुहूर्त वास्तव में शेष नाग से जुड़ा हुआ है, शाश्त्रो में ऐसा बताया गया है की शेषनाग जी हर ३ महीने में अपनी स्थिति बदलते हैं और जिस तरफ उनका मूंह या पूँछ हो वहां पर कभी भी खात मुहूर्त नहीं करना चाहिए अन्यथा भयंकर हानि उठानी पड़ती है | इसीलिए ये जरुरी है की अच्छे जानकार ज्योतिष और वास्तु विद से सही तरीके से परामर्श लेके और मुहूर्त निकलवा के ही निर्माण कार्य शुरू करवाएं | सामान्य तौर पे खात मुहूर्त में पञ्च रत्न और ताम्बे के लौटे में गंगा जल भर के फिर उनकी पूजा करके रख दिया जाता है और उसके ऊपर ईंट चुनवा दिया जाता है | आइये ज

Vastu for beauty parlor in hindi

Vastu for beauty parlor in hindi, how to make interior of makeup room,  हर महिला की पहली ख्वाहिश होती है सुन्दर दिखना और इसके लिए वे मेकअप करती हैं. ब्यूटी पार्लर किसी भी महिला की सुन्दर दिखने की इच्छा को पूरी कर देती है. Vastu for beauty parlor in hindi कुछ पार्लर ऐसे भी रहते हैं जहाँ पर महिलायें बुकिंग करके अपनी बारी पे जाती है जबकि कुछ ब्यूटी पारलर में इक्के दुक्के ही आते हैं | किसी भी ब्यूटी पारलर के ना चलने के २ मुख्य कारण हो सकते हैं – जिसने खोला है उनके ग्रहों का सपोर्ट नहीं मिल रहा हो. दूसरा वहाँ का वास्तु ठीक न हो जिसके कारण जो उर्जा बननी चाहिए, वो बन न रही हो. अगर वास्तु के नियम के अनुसार इंटीरियर किया जाए तो इसमें कोई शक नहीं की पार्लर में सभी संतुष्ट होक जायेंगे और कारोबार बढ़ता जायेगा. आइये जानते हैं कुछ वास्तु के नियम जिससे बयूटी पारलर को वास्तु अनुरूप बनाया जा सकते: ब्यूटी पार्लर में दर्पण उत्तरी या पूर्वी दीवारों पर लगाना चाहिए जिससे बैठने वाले का चेहरा उत्तर या पूर्व की तरफ रहेगा और उन्हें अच्छा महसूस होगा. ब्यूटी पार्लर में प्रवेश के लिए प

vastu kya hai || वास्तु क्या है

Kya hai vastu, वास्तु क्या है, क्या फायदे होते हैं वास्तु के सिद्धांतो को प्रयोग करने से, दिशा और देवो का वास. भारतीय स्थापत्य वेद के अंतर्गत वास्तु का विवरण प्राप्त होता है. स्थापत्य वेद अथर्व वेद का एक भाग है. वास्तु विज्ञान का सम्बन्ध उस जगह की उर्जा से है जहा व्यक्ति काम करता है, रहता है, खेलता है, सोता है, खाना बनता है आदि. पूरा विश्व पञ्च तत्वों के कारण ही अस्तित्व में है जिसमे की अग्नि, वायु, जल, आकाश और धरती शामिल है. इन पञ्च तत्त्वों का असर इस दुनिया पर हर वस्तु पर रहता है अतः पञ्च तत्त्व के बिना विश्व की कल्पना नहीं की जा सकती है. वास्तु शास्त्र में जो सिद्धांत दिए गए हैं वो इन्ही पांच तत्त्वों से जुड़े हैं. अगर किसी जगह में पञ्च तत्त्वों की उर्जा को बराबर कर दिया जाए तो वहां सफलता के रास्ते खुल जाते हैं. इन्ही कारणों से भारत में वास्तु शाश्त्र का बहुत महत्त्व है और लोग अपने घर ऑफिस आदि बनवाने के समय वास्तु सलाह लेते हैं | vastu kya hai || वास्तु क्या है अगर आपका ऑफिस, घर, फैक्ट्री, सही वास्तु के नियमो से बनाया गया है तो ये निश्चित है की सफलता आपके कदम चूमेगी और आप

Kaise Dur Kare Hospital Ke Vastu Dosho Ko

कैसे दूर करे हॉस्पिटल के वास्तु दोषों को, जानिए कुछ खास तरीके हॉस्पिटल को नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाने के. हम कितना भी ध्यान रखे पर १००% वास्तु के सिद्धांतो के हिसाब से निर्माण करना संभव नहीं होता है. कुछ न कुछ दोष तो बन ही जाता है जिसके कारण कुछ न कुछ परेशानियां उत्पन्न होती है. परन्तु ऐसे में ज्यादा डरने की जरुरत नहीं है और साथ ही अगर क्लिनिक, हॉस्पिटल, नर्सिंग होम आदि में कोई वास्तु दोष रह गया हो. अगर हॉस्पिटल में कार्यो में बहुत बाधा उत्पन्न हो रही हो, कर्मचारी संतुष्ट नहीं हो रहे हो सब व्यवस्थाओं के बावजूद, तो इसमें कोई शक नहीं की वहां पर कोई दोष है. ऐसे में ज्योतिष से परामर्श लेके उपाय करने से लाभ होता है. Kaise Dur Kare Hospital Ke Vastu Dosho Ko अगर आपको लगता है की आपके हॉस्पिटल को काले जादू से खतरा है तो भी घबराने की जरुरत नहीं है, कुछ उपाय करके आप अपने को बचा सकते हैं. हम सिद्ध यंत्रो का प्रयोग करके वास्तु दोष को दूर कर सकते हैं. हम फेंगशुई के वस्तुओ का प्रयोग करके वास्तु दोष दूर कर सकते हैं. हम घंटियों का प्रयोग करके नकारात्मक उर्जा को हटा सकते हैं. हम कुछ पौधो

Vastu Me Paintings Ka Prayog Kaise Kare

वास्तु के लिए कौन से चित्र शुभ होते हैं, आइये जानते हैं चित्रों का महत्त्व वास्तु में, कौन से पेंटिंग्स भाग्य को जगाता है, कैसे प्रयोग करे चित्रों का घर, ऑफिस आदि में ज्योतिष और वास्तु के नियमो के हिसाब से. पेंटिंग्स, फोटो, मूर्तियाँ आदि हमारे जीवन में बहुत महत्त्व रखती हैं और हमारे घर, ऑफिस आदि का एक भाग है. अतः हमारे विद्वानों ने कुछ सिद्धांत बनाए हैं जिनके हिसाब से अगर पेंटिंग्स का प्रयोग वास्तु में किया जाए तो निश्चित ही बहुत अच्छे लाभ दीखते हैं. सही जगह पर लगाया गया पेंटिंग वास्तु में ऊर्जा को बढ़ाता है और सफलता के रास्ते खोलता है. Vastu Me Paintings Ka Prayog Kaise Kare पेंटिंगो को लगाने के लिए लोग अलग अलग मत देते हैं जैसे कुछ कहते हैं की उत्तर दिशा की और लगाना चाहिए, कुछ कहते हैं दक्षिण और कुछ कहते हैं पश्चिम आदि. परन्तु सही बात तो ये है की जरुरत और किस प्रकार का पेंटिंग है ये जानने के बाद ही दिशा निर्धारण होता है. विभिन्न प्रकार के चित्रों के लिए विभिन्न दिशा निर्धारित है.  अतः अगर आप चित्रों को लगाने वाले है वास्तु में तो निम्न बातो का ध्यान रखे : किस कारण से आप

Importance Of Vastu || वास्तु का महत्तव

Vastu ka mahaatwa, वास्तु का महत्व क्या है, क्यों जरुरी हैं वास्तु ?,क्यों स्तेमाल करे वास्तु शाश्त्र के नियमो का वास्तु उर्जा के समन्वय का विज्ञान है, इसके सिद्धांतो का ध्यान अगर भवन निर्माण करते हुए रखा जाए तो निश्चित ही स्वस्थ्य और सम्पन्नता उस जगह पर निवास करती है. प्राचीन समय से ही वास्तु कला का स्तेमाल राजा-महाराजा, विद्वान् वर्ग करते आये हैं, प्राचीन काल में ये विद्या सिर्फ कुछ ही लोग जानते थे पर आज के समय में इसका स्तेमाल बहुत किया जा रहा है और साधारण वर्ग भी इसका लाभ ले रहे हैं. Importance Of Vastu || वास्तु का महत्तव स्थापत्य वेद में इस विषय से सम्बंधित अच्छा विवरण प्राप्त होता है, रिग वेद में भी वास्तु देवता को पूजने का वर्णन प्राप्त होता है. वास्तु शाश्त्र 5 तत्त्वों पर आधारित हैं जिन्हें हम धरती, आकाश, अग्नि, वायु और जल के नाम से जानते हैं. मुख्यतः 8 दिशाएँ होती है जिनमे की विभिन्न शक्तियों का वास माना जाता है , भवन निर्माण में इन शक्तियों का भी ध्यान रखा जाता है. उदाहरण के लिए नैरित्य कोण में पितृ शक्ति का वास माना जाता है, उत्तर में कुबेर का वास माना जाता है

Shatru Se Suraksha Ke Liye Vastu Samadhan

Shatru Se Suraksha Ke Liye Vastu Samadhan, शत्रुओ के प्रकार और वास्तु समाधान, कैसे करे वास्तु की सुरक्षा शत्रुओ से. शत्रुओ की समस्या एक गंभीर मसला है आज के इस इलेक्ट्रॉनिक युग में भी. अगर शत्रु शक्तिशाली है तो ये चिंता का विषय होता है. इससे जीवन में बहुत परेशानियां आ सकती है. शत्रु के कारण जीवन नरक जैसा महसूस होने लगता है. एक डर हमेशा दिमाग में छाया रहता है. इसके कारण स्वास्थ्य पर भी ख़राब असर होता है. Shatru Se Suraksha Ke Liye Vastu Samadhan अगर बिना किसी कारण के शत्रु बढ़ रहे हो जीवन में, अगर बिना किसी कारण के जीवन में संघर्ष बढ़ रहे है, वाद विवाद बढ़ रहे है तो जल्द ही सही कदम उठा लेने चाहिए. कभी कभी वास्तु में समस्या के कारण भी जीवन में शत्रु बढ़ने लगते हैं, अतः इस लेख में हम जानेंगे वास्तु के समस्याओं के बारे में और ये की कैसे बचाएं शत्रुओ से. आइये जानते हैं शत्रुओ के प्रकार के बारे मे: शत्रु का पहला प्रकार में हम किसी व्यक्ति विशेष को ले सकते हैं जो की हमे नुक्सान पहुचाना चाहता हो. दुसरे प्रकार में हम नकारात्मक उर्जाव को लेंगे जो की वास्तु के गलत तरीके से बनाने के कारण

Hospitals Ke Liye Vastu Tips

हॉस्पिटल्स, क्लिनिक, नर्सिंगहोम्स के लिए वास्तु टिप्स, फ्री में जानिए कैसे करे वास्तु दोषों को दूर हॉस्पिटल्स से ज्योतिष द्वारा.  हॉस्पिटल्स ऐसी जगह है जहाँ लोग उपचार के लिए आते हैं, बीमारी से छुटकारे के लिए आते हैं, इसका अर्थ ये भी है की हॉस्पिटल्स, क्लीनिक आदि उपचार की जगहों को बहुत ज्यादा सकारात्मक उर्जा की जरुरत होती है. इसी कारण इन जगहों में साधारण से हटके कुछ ज्यादा इन्तेजाम किये जाते हैं जिससे हॉस्पिटल के मालिक, वहां काम करने वाले कर्मचारियों को और साथ ही मरीजो को भी ज्यादा से ज्यादा फायदा हो. Hospitals Ke Liye Vastu Tips वास्तु और ज्योतिष के सिद्धांतो का स्तेमाल करके हॉस्पिटल, क्लिनिक, नर्सिंग होम्स आदि में सकारात्मक ऊर्जा के स्तर को बढ़ाया जा सकता है. हॉस्पिटल्स में कई मुख्य जगह होती हैं जैसे रिसेप्शन , जनरल वार्ड, इमरजेंसी वार्ड, आई.सी.यू., ऑपरेशन थिएटर, वेटिंग रूम, ड्रेसिंग रूम आदि. अगर वास्तु और ज्योतिष का सहारा लिया जाए तो बिना परेशानी के हॉस्पिटल को चलाने में मदद मिलती है , इसमें कोई शक नहीं है. आईये जानते हैं की वास्तु और ज्योतिष से आप क्या फायदा उठा पाये

Achhi Sehat Paayen Sharir Vastu Urja Se

अच्छी सेहत के लिए शारीर वास्तु उर्जा को कैसे बनाए रखे, जानिए फ्री टिप्स शारीर के उर्जा को बनाए रखने के लिए, स्वस्थ और संपन्न जीवन के लिए शारीर वास्तु को जानिए. वास्तु दोष को हटाने का सबसे आसान तरीका होता है की वास्तु की साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए रोज इसी कारण ये सलाह दी जाती है की रोज अपने घर, ऑफिस आदि को साफ़ रखे. अगर हम अपने वास्तु को साफ़ रखेंगे तो इसमें कोई शक नहीं की सम्पन्नता जीवन में प्रवेश करेगी इसी प्रकार अगर हम अपने शारीर को साफ़ सुथरा रखेंगे तो हम एक स्वस्थ जीवन जी पायेंगे. इस लेख में हम यही जानेंगे की किस प्रकार शारीर वास्तु का प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता है. Achhi Sehat Paayen Sharir Vastu Urja Se साधारणतः जब हम नहाते हैं तो रोजमर्रा के काम होने के कारण हम इसे ज्यादा महत्त्व नहीं देते हैं परन्तु इस लेख को पढ़ के हम जरुर शारीर के हर अंग को महत्त्व देना शुरू कर देंगे. आइये जानते है शारीर का महत्त्व: शरीर का बहुत महत्त्व है , अध्यात्मिक रूप से इस शारीर में आत्मा का वास है, संत जन तो ये भी कहते हैं की ये शारीर मंदिर है जिसमे भगवान् का निवास है, अतः सभी दृष्ट

Kaise Kaam karti Hai Vastu Urja, कैसे काम करती है वास्तु उर्जा

Kaise Kaam karti Hai Vastu Urja, कैसे काम करती है वास्तु उर्जा, दिशा और सम्बंधित समस्याए वास्तु विज्ञान भवन निर्माण के सिद्धांतो से भरा हुआ है और जो लोग इसका प्रयोग जीवन में करते हैं वो निश्चित ही किसी न किसी तरह से लाभान्वित होते ही हैं कारण की सकारात्माक उर्जा कभी नुक्सान नहीं करती. वास्तु विज्ञान के हिसाब से दुनिया में सभी तरफ उर्जा है. मुख्यतः जितनी भी दिशाए हैं उन सभी दिशाओं में कोई न कोई विशेष उर्जा का प्रभाव होता है और अगर घर, ऑफिस, फैक्ट्री आदि बनाने में इन वास्तु सिद्धांतो को ध्यान में रखा जाए तो सफलता निश्चित रूप से दिखाई पड़ती है. कैसे काम करती है वास्तु उर्जा वास्तु के सिद्धांत वास्तव में ऊर्जा के समन्वय के सिद्धांत है और जिस जगह पे उर्जाओं का संतुलन होगा वह धन, वैभव, विद्या, शांति सौहार्द्र का वातावरण स्वतः ही उत्पन्न हो जाएगा. परन्तु जहा पर उर्जा का संतुलन नहीं होगा वहां विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होगी जैसे की स्वास्थय समस्याएं, धन समस्याएं, रोजगार की समस्याएं, संबंधों में दरार आदि. अतः उर्जा को संतुलित करना जरुरी है. आइये जानते हैं कुछ दुष्प्रभाव

Ghar Ke Andar Ke Pradushan Ka Prabhav

Ghar Ke Andar Ke Pradushan Ka Prabhav, वास्तु  में प्रदुषण, कैसे बनाए एक स्वस्थ वातावरण, फ्री वास्तु सलाह सफलता के लिए. इसमे कोई शक नहीं की घर के अन्दर के प्रदुषण के कारण सदस्यों को बहुत स्वास्थ्य समस्याओं को भोगना पड़ता है और जो सदस्य लगातार प्रदूषित वातावरण में निवास करते हैं ज्यादा समय तक वो कई गंभीर रोगों से ग्रस्त हो जाते हैं.  घर में प्रदुषण का प्रभाव सिर्फ झाड़ू लगाना और पोचा लगाना ही पर्याप्त नहीं होता है, इसके साथ ही बहुत सी और बातो का ध्यान रखना जरुरी है जिससे की नकारात्मक उर्जाओं से घर को बचाया जा सके.  ये लेख सभी लोगो के लिए लाभ दायक सिद्द हो सकती है क्यूंकि हम सभी कुछ छोटी छोटी गलतियाँ जरुर करते हैं, हमारी कुछ आदते अनायास ही वास्तु उर्जा को बिगाड़ देती है और हमे इस बात की खबर ही नहीं रहती. आइये देखते हैं की वास्तु के अन्दर प्रदुषण कैसे उत्पन्न होता है ? जब रसोई में खाना बनता है तो कई प्रकार के गैसे उत्पन्न होती है जो की अगर बहार न जा सके तो हानिकारक हो सकती है. आज के दौर में लोगो को डीयो और अनेक प्रकार के खुशबू वाले स्प्रे प्रयोग करने की आदत पड़ गई है जो की

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