Skip to main content

Hindi Jyotish Website

Hindi astrology services || jyotish website in hindi|| Kundli reading || Birth Chart Calculation || Pitru Dosha Remedies || Love Life Reading || Solution of Health Issues in jyotish || Career Reading || Kalsarp Dosha Analysis and remedies || Grahan Dosha solutions || black magic analysis and solutions || Best Gems Stone Suggestions || Kala Jadu|| Rashifal || Predictions || Best astrologer || vedic jyotish || Online jyotish || Phone jyotish ||Janm Kundli || Dainik Rashifal || Saptahik Rashifal || love rashifal

Vastu Purush Ko Kaise Khush Kare Safalta Ke Liye

वास्तु पुरुष की पूजा क्यों जरुरी है, कैसे करे रोज घर में वास्तु पुरुष की पूजा, नैवेद्य अर्पित करने का मन्त्र जानिए, वास्तु परामर्श |

हम सभी वास्तु देवता के बारे में अवश्य जानते हैं वास्तु देवता पृथ्वी के हर कण-कण में मौजूद है जब भी कोई घर दुकान फैक्ट्री इंडस्ट्री हॉस्पिटल आदि कोई भी वास्तु का कार्य होता है तो नियम है कि वहां पर वास्तु देवता की पूजा अवश्य होनी चाहिए | वास्तु देवता का पूजा ना करने पर विभिन्न प्रकार के समस्याओं से वास्तु मालिक को गुजरना पड़ सकता है, इसका कारण यह है की वास्तु देवता को ब्रह्मा जी का आशीर्वाद प्राप्त है कि जब भी कोई वास्तु का कार्य होगा वास्तु में निर्माण होगा वास्तु में गृह प्रवेश होगा तो वहां पर वास्तु पुरुष का पूजन अनिवार्य होगा |

Vastu Purush Ko Kaise Khush Kare Safalta Ke Liye
Vastu Purush Ko Kaise Khush Kare Safalta Ke Liye

इसीलिए किसी भी निर्माण कार्य से पहले वास्तु पुरुष का पूजन किया जाता है | और जो व्यक्ति जानते हुए भी उनकी पूजा नहीं करते हैं उन्हें विभिन्न प्रकार के कष्टों से गुजरना पड़ता है,  उन्हें बात-बात पर विघ्नों, अवरोधों की प्राप्ति होती है |

तो इस प्रकार अगर देखा जाए तो वास्तु की पूजा हम सभी के लिए जरूरी होती है इन्हें करना भी चाहिए इससे हमारे जीवन में मौजूद विभिन्न प्रकार के कष्टों का समाधान अनायास ही हो जाता है और इनकी पूजन करना कठिन कार्य नहीं है आराम से कोई भी इनका पूजन आसानी से कर सकते है |

अब सवाल यह है कि वास्तु पुरुष की पूजा कब करनी चाहिए?

  1. जब वस्तु पर पहली बार निर्माण शुरू हो रहा हो किसी भी प्रकार का जैसे घर बनाना शुरु कर रहे हैं हो, कोई ऑफिस बनाना शुरू कर रहे हो, कोई बिल्डिंग बनाना शुरू कर रहे हो, हॉस्पिटल बनाना शुरू कर रहे हो, कोई इंडस्ट्री स्थापित करने केलिए काम शुरू कर रहे हो आदि, किसी भी प्रकार की काम की शुरुआत से पहले वास्तु पुरुष का पूजन करना जरुरी है |
  2. उसके बाद वहां पर जब दरवाजे लगना शुरू होते हैं तो दरवाजे लगने से पहले भी वास्तु पुरुष की पूजा की जाती है|
  3. उसके बाद जो वास्तु में सब कुछ बन के तैयार हो जाता है आपका घर मकान ऑफिस जो भी हो, गृह प्रवेश का समय होता है तो उस अवसर पर भी वास्तु पुरुष का पूजन किया जाता है |

इस प्रकार 3 महत्वपूर्ण अवसर होते हैं जब वास्तु पुरुष का पूजन जरूरी होता है पहला गृह निर्माण शुरू होने से पहले दूसरा दरवाजे लगाने से पहले और तीसरा ग्रह प्रवेश से पहले अगर इस बात का ध्यान रखा जाए तो इसमें कोई शक नहीं है कि हमें बहुत अच्छे परिणाम पूरे जीवन भर इसके देखने को मिलते हैं |

पढ़िए वास्तु में खात महुरत का महत्त्व 

पढ़िए वास्तु पुरुष शांति मंत्र के बारे में 

आइए आप जानते हैं कि वास्तु पुरुष को नैवेद्य कैसे लगाए या उनको कैसे खुश कर सकते हैं आसानी से ?

देखा जाए तो वास्तु पुरुष की पूजा हम रोज भी कर सकते हैं और करना भी चाहिए परंतु चूँकि रोज क्रिया को करना सबके लिए संभव नहीं हो पता है इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि हम अमावस्या और पूर्णिमा को वास्तु पुरुष की पूजा अवश्य करें |

अब हम यह जानेंगे कि हमें उनकी पूजा किस प्रकार से करनी चाहिए |

वास्तु पुरुष को मकान के संरक्षक के रूप में जाना जाता है जो मकान में रहने वालों की रक्षा करते हैं, घर में सुख शांति के वातावरण को बनाए रखने के लिए ऊर्जा भी वहां रहने वालों को प्रदान करते हैं |

अतः यह जरूरी है कि हम अपने संरक्षक को रोज सम्मान दें, जब विशेष कोई कार्यक्रम हो तो उससे पहले उनकी पूजा करे , नैवेद्य अर्पित करे |

  1. इसके लिए सबसे पहले हमारे भोजन की थाली बना ले उसमें कुछ तुलसी के पत्ते भी डाल दें | 
  2. फिर जहां पर भी वास्तु पुरुष को आपके मकान में स्थान दिया गया हो पूजन के समय अर्थात जहां पर भी वास्तु पुरुष की मूर्ति को आपने गाढ़ा है उस तरफ वहां पर जाकर थाली को रख दे, जल घुमा दे| 
  3. और फिर वास्तु पुरुष को वहां पर हमें 5 ग्रास निकालना है और ये सोच के की उन्हें हम ये खिला रहे हैं और उसके बाद आखरी में छठे बार भी दिखाना है | जब हम भोजन दिखाएं खिलाने के हिसाब से तो हमें कुछ मंत्रों का प्रयोग करना है जो की आगे दिए हैं :

  • प्राणाया स्वाहा
  • अपानाय स्वाहा
  • व्यानाय स्वाहा
  • उदानाय स्वाहा
  • समानाय स्वाहा

नैवेद्य दिखाने के पश्चात हमें वह नैवेद्य हमारे बाकी के भोजन में मिला देना है और उसे ही सबको ग्रहण करना चाहिए इससे वास्तु देवता की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख शांति देखने को मिलने लगेगी | इसे हर अमावस्या और पूर्णिमा को तो अवश्य करना चाहिए कुछ समय करने पर आपको पता चलेगा की आपके घर में शुभता का प्रवेश होना शुरू हो गया है आपको सुख और शांति महसूस होने लगेगी इस प्रकार हम वास्तु देवता की कृपा को बहुत ही आसानी से प्राप्त कर सकते हैं |

आइए जानते हैं कि इस वास्तु देवता की पूजा को किन-किन को करना चाहिए ?

तो वास्तु देवता की पूजा हर कोई को करना चाहिए भले ही आप किराए के मकान में रहते हो क्योंकि उनकी कृपा जब होगी तो उनकी कृपा से आपको स्वयं के मकान बनाने में भी मदद मिलेगी आपकी उन्नति होगी आप अगर व्यापार करते हैं तो व्यापार में बढ़ोतरी होगी, अगर नौकरी में है तो वहां आपको शुभ परिणाम मिलेंगे,  आप लगातार उन्नति करते चले जाएंगे, इसलिए वास्तु देवता की पूजा अवश्यंभावी है | हमें वास्तु देवता की पूजा तो किसी भी हालत में नहीं छोड़ना चाहिए इसे स्वास्थ्य लाभ होता है, सम्पन्नता आती है, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है इसलिए अगर हमें जीवन में को सफल बनाना है हमें वास्तु देवता की पूजा तो करनी ही चाहिए |

उम्मीद है इस लेख में आपको वास्तु देवता को प्रसन्न करने की आसान विधि प्राप्त हुई होगी आप इस विधि का प्रयोग करके अपने घर वास्तु ऑफिस कहीं पर भी अगर कोई दोष भी हो तो उससे भी बड़ी आसानी से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं, तो प्रयोग कीजिए वास्तु देवता के पूजन का और बनाइए अपने जीवन को सुखी, समृद्ध और स्वास्थ्य से पूर्ण |

अगर आपके जीवन में परेशानियां चल रही है आप चाहते हो उसका ज्योतिष एवं वास्तु समाधान तो संपर्क कर सकते हैं |

ज्योतिष से दिखा सकते हैं अपनी कुंडली को और आप जान सकते हैं अपने लिए भाग्यशाली रत्न, आप जान सकते हैं अपने लिए सबसे बेहतर पूजा, आप जान सकते हैं अपने लिए दान और बना सकते हैं अपने जीवन को सफल|

वास्तु पुरुष की पूजा क्यों जरुरी है, कैसे करे रोज घर में वास्तु पुरुष की पूजा, Why is it important to worship Vastu Purusha,  नैवेद्य अर्पित करने का मन्त्र जानिए, वास्तु परामर्श |

Comments

Popular posts from this blog

84 Mahadev Mandir Ke Naam In Ujjain In Hindi

उज्जैन मंदिरों का शहर है इसिलिये अध्यात्मिक और धार्मिक महत्त्व रखता है विश्व मे. इस महाकाल की नगरी मे ८४ महादेवो के मंदिर भी मौजूद है और विशेष समय जैसे पंचक्रोशी और श्रवण महीने मे भक्तगण इन मंदिरों मे पूजा अर्चना करते हैं अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए. इस लेख मे उज्जैन के ८४ महादेवो के मंदिरों की जानकारी दी जा रही है जो निश्चित ही भक्तो और जिज्ञासुओं के लिए महत्त्व रखती है.  84 Mahadev Mandir Ke Naam In Ujjain In Hindi आइये जानते हैं उज्जैन के ८४ महादेवो के मंदिरों के नाम हिंदी मे : श्री अगस्तेश्वर महादेव मंदिर - संतोषी माता मंदिर के प्रांगण मे. श्री गुहेश्वर महादेव मंदिर- राम घाट मे धर्मराज जी के मंदिर मे के पास. श्री ढून्देश्वर महादेव - राम घाट मे. श्री अनादी कल्पेश्वर महादेव- जूना महाकाल मंदिर के पास श्री दम्रुकेश्वर महादेव -राम सीढ़ियों के पास , रामघाट पे श्री स्वर्ण ज्वालेश्वर मंदिर -धुंधेश्वर महादेव के ऊपर, रामघाट पर. श्री त्रिविश्तेश्वर महादेव - महाकाल सभा मंडप के पास. श्री कपालेश्वर महादेव बड़े पुल के घाटी पर. श्री स्वर्न्द्वार्पलेश्वर मंदिर- गढ़ापुलिया

om kleem krishnaay namah mantra ka mahattw

om kleem krishnaya namah benefits in hindi, ॐ क्लीं कृष्णाय नमः मंत्र के लाभ और अर्थ, ॐ क्लीं नमः का जाप कैसे करे, क्लीं बीज का रहस्य वशीकरण मंत्र ॐ क्लीं कृष्णाय नमः का रहस्य.  क्लीं बीज मंत्र काली देवी से संबंधित है और बहुत शक्तिशाली है। इस मंत्र के जाप से एक दिव्य आभा और आकर्षण शक्ति विकसित होती है जो दैवीय ऊर्जाओं के साथ-साथ भौतिक सुखों को आकर्षित करने में मदद करती है।  श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं और महान व्यक्तित्व, प्रेम, ज्ञान और बुद्धि के प्रतीक हैं। om kleem krishnaay namah mantra ka mahattw " ॐ क्लीं कृष्णाय नमः " एक अद्भुत मंत्र है जो जप करने वाले को सब कुछ प्रदान करने में सक्षम है और इसलिए भक्तों द्वारा दशकों से इसका उपयोग किया जाता रहा है। यह मंत्र देवी दुर्गा के साथ-साथ कृष्ण की भी शक्ति रखता है और इसलिए यह उन सभी के लिए एक दिव्य मंत्र है जो जीवन में जल्द ही सफलता चाहते हैं। "ॐ क्लीं कृष्णाय नमः" एक शक्तिशाली मंत्र है जो आंतरिक आध्यात्मिक ऊर्जा का आह्वान करता है जिसका लगातार जप किया जाता है इसलिए जो लोग आध्यात्मिक विकास चाहते हैं उनके लिए

Suar Ke Daant Ke Totke

Jyotish Me Suar Ke Daant Ka Prayog , pig teeth locket benefits, Kaise banate hai suar ke daant ka tabij, क्या सूअर के दांत का प्रयोग अंधविश्वास है. सूअर को साधारणतः हीन दृष्टि से देखा जाता है परन्तु यही सूअर पूजनीय भी है क्यूंकि भगवान् विष्णु ने वराह रूप में सूअर के रूप में अवतार लिया था और धरती को पाताल लोक से निकाला था. और वैसे भी किसी जीव से घृणा करना इश्वर का अपमान है , हर कृति इस विश्व में भगवान् की रचना है | बहुत से अनुभवी लोगो का मनना है कि सुअर के दांत के कई फायदे होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि वे इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प को बढ़ाते हैं, बाधाओं को दूर करने में मदद करते हैं, वित्तीय समृद्धि लाते हैं, नकारात्मक प्रभावों से बचाते हैं, प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देते हैं, यौन शक्ति को बढ़ाते हैं आदि। Suar Ke Daant Ke Totke सूअर दांत के प्रयोग के बारे में आगे बताने से पहले कुछ महत्त्वपूर्ण बाते जानना चाहिए : इस प्रयोग में सिर्फ जंगली सूअर के दांत का प्रयोग होता है. किसी सूअर को जबरदस्त मार के प्रयोग में लाया गया दांत काम नहीं आता है अतः किसी भी प्रकार के हिंसा से ब