🙏 २३ प्रसिद्द गणेश मंदिर 🙏 विश्व प्रसिद्द दिव्य गणेश मंदिरों के बारे में जानिए श्री गणेश हिन्दू मान्यता के अनुसार प्रथम पूज्य हैं और ऐसा माना जाता है कि वे सर्व विघ्नों का नाश करने की क्षमता रखते हैं। इसीलिए उनका एक नाम “विघ्नहर्ता” भी है। 📍 23 Prasiddh Ganesh Mandir आइये जानते हैं इन गणेश मंदिरों के नाम और स्थान ओमकार गणपति – प्रयाग, इलाहाबाद धुंडीराज गणपति – काशी, वाराणसी चिंतामणि गणेश – कलमब बरार (यवतमाल) चिंतामन गणेश – उज्जैन खजराना गणेश – इंदौर मयूरेश्वर गणेश – मोरेश्वर (पुणे) शिव गणेश – राजन गाँव, पुणे पार्वती गणेश – सह्याद्री, पुणे लक्ष विनायक – बेलौर, एलोरा (औरंगाबाद) शमी गणेश – अदोष, सामनेर (नागपुर के पास) मंगलमूर्ति – परिनीर, नर्मदा किनारे भालचंद्र गणपति – गंगामसले (मनमाड, महाराष्ट्र) विज्ञान गणेश – राक्षस भुवन (गोदावरी तट) ब्रह्म गणेश – येंगर (पुणे) विष्णु गणेश – सिद्धटेक (बोरीवली, ...
Kundli Ke 12 Bhavo Mai KETU Ka prahbav, जानिए कुंडली के अलग-अलग भावों में केतु का शुभ और अशुभ प्रभाव, द्वादश भाव में केतु का फल, Ketu Grah Ka Kundli ke 12 Bhavo mai Prabhav | केतु वैदिक ज्योतिष में नौ ग्रहों में से एक है। इसे ड्रैगन टेल के नाम से भी जाना जाता है। केतु एक छाया ग्रह है अर्थात इसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं है। केतु आध्यात्मिकता, वैराग्य और मुक्ति से जुड़ा है। ऐसा कहा जाता है कि यह पिछले जन्मों के कर्म अवशेषों का प्रतिनिधित्व करता है, और जातक को वास्तविकता की गहरी समझ देता है। केतु मानसिक क्षमताएं और गुप्त विद्या में गहरी अंतर्दृष्टि भी प्रदान कर सकता है। अंक ज्योतिष के अनुसार केतु ग्रह का अंक 7 होता है | Kundli Ke 12 Bhavo Mai KETU Ka prahbav केतु से जुड़े कुछ सकारात्मक लक्षण: आध्यात्मिकता अलगाव मुक्ति मानसिक क्षमताएँ सहज ज्ञान युक्त अंतर्दृष्टि बुद्धि विवेक करुणा केतु से जुड़े कुछ नकारात्मक लक्षण: नुकसान लगाव एकांत अवसाद डर जुनून लत मतिभ्रम केतु एक शक्तिशाली ग्रह है जो जातक के जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। केतु की शक्ति का अच्छे के लिए उपयोग करन...