Shree Parmeshwar Stutih(Devdaruvanasth Krutam) Lyrics, Hindi Meaning of Shree Parmeshwar Stutih, शिव स्तुति. “श्री परमेश्वर स्तुतिः (देवदारुवनस्थ मुनि कृतम्)” एक अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक स्तोत्र है, जिसकी रचना देवदारु वन में तपस्या करने वाले मुनि ने भगवान शिव की आराधना स्वरूप की थी। यह स्तुति भगवान परमेश्वर के साक्षात् स्वरूप की भक्ति, ज्ञान और तप की भावना को प्रकट करती है। इसमें शिव के निराकार और साकार दोनों रूपों की प्रशंसा की गई है, जो यह दर्शाती है कि वे सम्पूर्ण सृष्टि के मूल कारण, पालक और संहारकर्ता हैं। इस स्तुति का पाठ साधक के मन को शुद्ध करता है, अहंकार को दूर कर आत्मज्ञान और मोक्ष की ओर अग्रसर करता है। देवदारु वन, जहाँ यह स्तुति उत्पन्न हुई, केवल एक भौगोलिक स्थान नहीं बल्कि तप, वैराग्य और अंतर्मन की शांति का प्रतीक है। यह स्तुति भारतीय आध्यात्मिक परंपरा और शिवभक्ति की अखंड धारा का प्रतिनिधित्व करती है। “श्री परमेश्वर स्तुतिः” का श्रवण या पाठ मन को शांति, शक्ति और दिव्यता से भर देता है, और भक्त को परमात्मा के साथ एकत्व का अनुभव कराता है। इस प्रकार, यह स्तोत्र...
तलाक के मुख्य कारण जो की उत्प्रेरक का कार्य करते हैं. जानिए उन कारणों को जो संबंधो को तलाक तक पहुंचा देते हैं, ज्योतिषीय कारण जानिए तलाक के, जानिए ज्योतिष समाधान तलाक के. आज के दौर में तलाक के बढ़ते मामले सही मायने में एक गंभीर विषय है पुरे संसार के लिए. अब ये समय आ गया है की इस विषय पर गंभीरता से विचार किया जाए और कारणों को जाना जाए. तलाक से अपने आपको बचाने के लिए भी समाधान खोजना चाहिए. Talaak Ke Karan Aur Jyotish Samadhan तलाक को लेके कुछ महत्त्वपूर्ण सवाल आते हैं जैसे : आज के कुछ युवा लोग क्यों विवाह के संबंधो को निभा नहीं पा रहे हैं? क्यों आज कोई एक साथी संघर्ष के समय दुसरे का साथ नहीं दे पाता है? क्यों अहंकार इतना महत्त्वपूर्ण हो गया है की बात तलाक तक पहुँच जाती है. क्यों लम्बे समय तक रहने के बाद दंपत्ति तलाक लेने लगे हैं. क्या ज्योतिष तलाक को रोकने में सहायक हो सकता है? क्यों आज कुछ समय के बाद प्रेम संबंधो में दरार आ जाता है? क्यों हम अपने वैवाहिक जीवन को रोज नवीनता से नहीं देख पाते हैं? क्यों ले तलाक? क्यों लोग तलाक के बाद के परिणामो पर विचार नहीं कर प...