Bhadrapad Amavasya 2025 Date, Amavasya Kab Hai, भाद्रपद अमावस्या कब है 2025, कुश ग्रहणी अमावस्या के लिए ज्योतिष उपाय | इस साल कुशग्रहणी अमावस्या 23 अगस्त को है और शनिवार होने के कारण "शनि अमावस्या" भी रहेगा | अमावस्या तिथि प्रारंभ : २२ अगस्त को दिन में लगभग 11:57 बजे. अमावस्या तिथि समाप्त : २३ अगस्त को दिन में लगभग 11:36 बजे हिंदी पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने की अमावस्या को कुश ग्रहणी और कुशोत्पतिनी अमावस्या के नाम से भी जानते हैं| ये अती महत्त्वपूर्ण दिन है और इस दिन जीवन में से बाधाओं को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार की पूजाओं को किया जाता है | Bhadrapad Amavasya Kab Hai jyotish upaay Watch Details on YouTube इस अमावस्या का एक नाम कुश ग्रहणी अमावस्या है जिससे पता चलता है की इस दिन एक पवित्र घास को इकट्टा किया जाता है और पूरे साल प्रयोग किया जाता है, इस घास का नाम है कुश | हर पूजा में इसका प्रयोग किया जाता है, हर कर्मकांड में इसका उपयोग होता है| पूजन के अवसर पर हम अनामिका अंगुली में कुश की अंगूठी पहनते हैं जिसे की पवित्री कहा जाता है | आइये जानते है...
Shri Ram Sita Strotram Hanuman Ji Dwara Racha Gaya, श्री राम-सीता स्त्रोत्रम पाठ, H indi Meanings, divine mantra, मनोकामना पूरी करने वाला मंत्र. यह स्तोत्र भगवान **श्रीराम** और **माता सीता** की स्तुति है, जिसमें उनके दिव्य स्वरूप, कुल, गुण, चरित्र और परस्पर प्रेम का अत्यंत सुंदर वर्णन किया गया है। इस स्तोत्र के नियमित पाठ से भक्त को आध्यात्मिक उन्नति, सुख, समृद्धि, शांति और अंततः मोक्ष की प्राप्ति होती है। हनुमान द्वारा रचित यह स्तोत्र पुण्यदायक और तुरंत मुक्ति देने वाला है; जो इसका नियमित पाठ करते हैं उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. Shri Ram Sita Strotram Hanuman Ji Dwara Racha Gaya **श्री राम-सीता स्त्रोत्रम के पाठ का महत्त्व :** 🌟 १. भगवान राम और सीता का दिव्य स्मरण: यह स्तोत्र भगवान श्रीराम को **अयोध्या के नेता**, **रघुकुल के आभूषण**, तथा माता सीता को **मिथिला की नायिका**, **वैदेही कुल की शोभा** के रूप में दर्शाता है। इनका स्मरण करने से मन में **पवित्रता**, **धैर्य**, और **धर्म के प्रति आस्था** जाग्रत होती है। 🌺 **२. आदर्श दंपत्ति का वर्णन:** श्रीर...