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Guru Poornima Importance In Hindi

Guru purnima kab hai 2025,  Guru Poornima Importance In Hindi, गुरु पूर्णिमा का महत्तव हिन्दी में, क्या करे गुरु पूर्णिमा को. Guru Purnima 2025:  गुरु पूर्णिमा एक हिंदू त्योहार है  और इस दिन हम शिक्षक और आध्यात्मिक गुरुओं का सम्मान करते हैं |  यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़  महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। "गुरु" शब्द संस्कृत के शब्द "गु" से आया है जिसका अर्थ है "अंधकार" और "रु" का अर्थ है "दूर करना।" इसलिए गुरु वह होता है जो अज्ञानता के अंधकार को दूर करते है और हमें सत्य का प्रकाश देखने में मदद करते है। हिंदू धर्म में, गुरु पूर्णिमा हमारे सभी जीवित और ब्र्हम्लीन गुरुओं का सम्मान करने का समय है। हम उनके मार्गदर्शन और शिक्षाओं के लिए अपना आभार व्यक्त करते हैं, और उनके निरंतर आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। गुरु पूर्णिमा पर, लोग आमतौर पर अपने गुरुओं से मिलते हैं, उनका पूजन करते हैं, उन्हें उपहार देते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं |  यह उन लोगों को याद करने का दिन है जिन्होंने हमें बढ़ने और सीखने में मदद की है,...

Shri Tulsi Stotram Lyrics With Hindi Meaning

श्री तुलसी स्तोत्रम्‌, shree tulsi stotram lyrics with hindi meaning, Tulsi Strotram Paath Ke Fayde|

दरिद्रता और दुर्भाग्य को दूर करती है तुलसी माता | वे सकारात्मक उर्जा का स्त्रोत हैं |

हिंदू धर्म में भगवान विष्णु जी की पूजा तुलसी पूजा के बिना अधूरी मानी जाती है | विष्णु भगवान को तुलसी बहुत प्रिय हैं। तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। मान्यता के अनुसार जिस घर में रोजाना तुलसी की पूजा की जाती है उस घर में हमेशा सुख और समृद्धि बनी रहती है।

तुलसी माता की पूजा करके "श्री तुलसी स्तोत्रम्‌" का पाठ किया जाए तो निश्चित ही माता की कृपा प्राप्त होती है| 

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Shri Tulsi Stotram Lyrics With Hindi Meaning


श्री तुलसी स्तोत्रम्‌ पढ़ने के फायदे :

जहाँ पर श्री तुलसी स्तोत्रम्‌ का पाठ किया जाता है वहां सकारात्मक उर्जा बढ़ने लगती है |

समस्त नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है |

आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

देह छोड़ने के बाद विष्णु लोक में स्थान प्राप्त होता है |


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Lyrics Of Tulsi Strotam:

जगद्धात्रि नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे ।

यतो ब्रह्मादयो देवाः सृष्टिस्थित्यन्तकारिणः ॥१॥


नमस्तुलसि कल्याणि नमो विष्णुप्रिये शुभे ।

नमो मोक्षप्रदे देवि नमः सम्पत्प्रदायिके ॥२॥


तुलसी पातु मां नित्यं सर्वापद्भ्योऽपि सर्वदा ।

कीर्तितापि स्मृता वापि पवित्रयति मानवम् ॥३॥


नमामि शिरसा देवीं तुलसीं विलसत्तनुम् ।

यां दृष्ट्वा पापिनो मर्त्या मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषात् ॥४॥


तुलस्या रक्षितं सर्वं जगदेतच्चराचरम् ।

या विनिहन्ति पापानि दृष्ट्वा वा पापिभिर्नरैः ॥५॥


नमस्तुलस्यतितरां यस्यै बद्ध्वाञ्जलिं कलौ ।

कलयन्ति सुखं सर्वं स्त्रियो वैश्यास्तथाऽपरे ॥६॥


तुलस्या नापरं किञ्चिद् दैवतं जगतीतले ।

यथा पवित्रितो लोको विष्णुसङ्गेन वैष्णवः ॥७॥


तुलस्याः पल्लवं विष्णोः शिरस्यारोपितं कलौ ।

आरोपयति सर्वाणि श्रेयांसि वरमस्तके ॥८॥


तुलस्यां सकला देवा वसन्ति सततं यतः ।

अतस्तामर्चयेल्लोके सर्वान् देवान् समर्चयन् ॥९॥


नमस्तुलसि सर्वज्ञे पुरुषोत्तमवल्लभे ।

पाहि मां सर्वपापेभ्यः सर्वसम्पत्प्रदायिके ॥१०॥


इति स्तोत्रं पुरा गीतं पुण्डरीकेण धीमता ।

विष्णुमर्चयता नित्यं शोभनैस्तुलसीदलैः ॥११॥


तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी ।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमनःप्रिया ॥12॥


लक्ष्मीप्रियसखी देवी द्यौर्भूमिरचला चला ।

षोडशैतानि नामानि तुलस्याः कीर्तयन्नरः ॥१३॥


लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत् ।

तुलसी भूर्महालक्ष्मीः पद्मिनी श्रीर्हरिप्रिया ॥१४॥


तुलसि श्रीसखि शुभे पापहारिणि पुण्यदे ।

नमस्ते नारदनुते नारायणमनःप्रिये ॥१५॥


॥ इति श्रीपुण्डरीककृतं तुलसीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥


श्री तुलसी स्तोत्रम्‌ का हिंदी अर्थ:

तुलसी माँ को मेरा प्रणाम, आप सबका कल्याण करती हैं, आप श्री हरि की परम प्रिय हैं| आपके कारण ही ब्रह्मा जी के साथ अन्य देवतागण सृष्टि के निर्माण, उसके पालन पोषण और विनाश करने में सक्षम हैं |

देवी तुलसी जी आपको मेरा प्रणाम, आप कल्याण करने वाली हैं, आपको नमस्कार हैं, आप श्री विष्णु जी की प्रिय हैं और शुभ हैं| आपको नमस्कार हैं आप मुक्ति प्रदान करने वाली और समृद्धि प्रदान करने वाली हैं |

देवी तुलसी को नमस्कार, हे देवी, कृपया मुझे सभी प्रकार के दुर्भाग्य और विपत्तियों से बचाए रखना, हे देवी आपकी महिमा का वर्णन करना, यहां तक कि आपका स्मरण मात्र ही मनुष्य को पवित्र बना देता है।

देवी तुलसी जी को प्रणाम, मैं देवी तुलसी को पूरी श्रद्धा के साथ प्रणाम करता हूं, जो देवियों में सबसे प्रमुख हैं और जिनका तेजोमय रूप है, जिसे देखकर इस नश्वर संसार के सभी पापी अपने पापों से मुक्त हो जाते हैं।

देवी तुलसी को मेरा प्रणाम, इस पूरे विश्व को देवी तुलसी जी ने संरक्षित किया है| तुलसी के दर्शन से ही पापियों के पाप खत्म हो जाते हैं।

देवी तुलसी को मेरा प्रणाम, जो भी श्रद्धा के साथ देवी तुलसी के सामने हाथ जोड़कर प्रणाम करते हैं, वे इस कलयुग के बंधनों को पार कर जाते हैं और सभी प्रकार के सुख और प्रसन्नता को प्राप्त करते हैं |
देवी तुलसी को मेरा नमस्कार, देवी तुलसी के समान इस पृथ्वी पर और कोई देवता नहीं है, देवी विश्व को उसी प्रकार शुद्ध करती हैं जैसे वैष्णव भगवान विष्णु जी के संग से शुद्ध होते हैं।

देवी तुलसी को मेरा प्रणाम, जो भी व्यक्ति इस कलयुग में भगवान विष्णु जी के सिर पर तुलसी जी को अर्पित करता है, उसके ऊपर हमेशा विष्णु जी का आशीर्वाद बना रहता है।

तुलसी देवी को नमस्कार, तुलसी में हमेशा सभी देवताओं का निवास रहता है, इसीलिए इस संसार में तुलसी जी की पूजा करना सभी देवताओं की पूजा के समान है। इसका अर्थ ​है कि तुलसी की पूजा से सभी देवों की पूजा संपन्न हो जाती है।

देवी तुलसी को मेरा नमस्कार, जो सब कुछ जानने वाली हैं और भगवान विष्णु जी की प्रिय हैं, हे आप आपने भक्तों को सभी प्रकार की समृद्धि प्रदान करती हैं, देवी कृपया मुझे प्रकार के पापों से बचाएं।

 देवी तुलसी जी को नमस्कार, पहले के समय में यह भजन बुद्धिमान पुण्डरीक के द्वारा हर रोज भगवान विष्णु जी की पूजा करते हुए और उन्हें तुलसी के पत्तों से अलंकृत करते हुए गाया जाता था।

देवी तुलसी जी को नमस्कार, जिनके विभिन्न नाम हैं, तुलसी, श्री, महालक्ष्मी, विद्या, ज्ञान, अविद्या, यशस्विनी, धर्म्या, धर्मानना, देवी, देवीदेवमनः प्रिया ।

लक्ष्मी जी की प्रिय सखी, देवी, स्वर्ग, भूमि यानी पृथ्वी, अचला , चला - देवी तुलसी के इन 16 नामों का भक्त गण पाठ करते हैं।

देवी के 16 नामों का पाठ करने वाले भक्त आसानी से श्री हरि की भक्ति प्राप्त करते हैं और आखिर में भगवान विष्णु जी के चरण कमलों को प्राप्त करते हैं।

देवी तुलसी को मेरा नमस्कार, देवी लक्ष्मी की सखी तुलसी जी शुभ प्रदान करती हैं, पापों को दूर कर देती हैं और सभी को पवित्र बनाती हैं, पुण्य प्रदान करती हैं, आपको प्रणाम है। देवी तुलसी जिनकी प्रशंसा देवर्षि नारद द्वारा की जाती है और श्री नारायण की प्रिय हैं।

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