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Latest Astrology Updates in Hindi

Shukra ka Meen Rashi Mai Gochar ka Rashifal

शुक्र का गोचर मीन राशि में कब होगा 2025 में, मीन राशि में शुक्र आने पर 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?, jyotish sansar rashifal| Shukra Gochar 2025:  प्रेम, रोमांस, ग्लेमर, सौन्दर्य, चकाचौंध से जुड़ा ग्रह शुक्र 28 January 2025 को राशि परिवर्तन करेंगे और अपने उच्च राशि मीन में जायेंगे | इसका असर सभी के जीवन में नजर आएगा |  कुछ लोगो को अपार धन की प्राप्ति होगी, कुछ के प्रेम जीवन में खुशियाँ छा जायेंगी, कुछ को अपना मन पसंद जीवन साथी मिलेगा, कुछ को अपने काम काज में अपार सफलता मिलेगी | jyotishsansar.com के इस लेख में हम जानेगे की शुक्र के राशि बदलने के समय और 12 राशियों पर प्रभाव के बारे में | Time of Shukra Gochar in Pisces : 28 January मंगलवार को प्रातः लगभग 6:41 बजे शुक्र अपने उच्च राशि मीन में पवेश करेंगे और अनेक लोगो के जीवन में खुशियाँ आएँगी | Shukra ka Meen Rashi Mai Gochar ka Rashifal Watch Video On YouTube आइये जानते हैं राशिफल: मेष राशिफल : 28 जनवरी 2025 को शुक्र के मीन राशि में गोचर से मेष राशि के लोगो के नए लोगो से संपर्क बढ़ेंगे जिससे व्यस्तता बढ़ेगी ...

Astavakra Kaun Hain

अष्टावक्र कौन थे, जानिए उनसे जुडी 3 कथाएं, जानिए अष्टावक्र गीता की रचना कैसे हुई, Ashtavakra kaun the.  अष्टावक्र एक ऐसे ज्ञानी पुरुष थे जिनका नाम आध्यात्मिक जगत में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है | आमतौर पर अष्टावक्र के जीवन के बारे में तीन कथाएं प्रचलित हैं जिनसे पता चलता है कि वह ज्ञानियों में शिरोमणि है| इन्हें गर्भ में ही आत्मज्ञान हो गया था | Astavakra Kaun Hain आइये जानते हैं 3 अद्भुत घटनाएं जो ashtavakra जी की महानता को प्रमाणित करते हैं : 1.पहली कथा - जब यह गर्भ में थे उस समय उनके पिता एक दिन वेद पाठ कर रहे थे तो इन्होंने गर्भ से ही अपने पिता को टोक दिया कि रुको यह सब बकवास है शास्त्रों में ज्ञान कहाँ,  ज्ञान तो स्वयं के भीतर है सत्य शास्त्रों में नहीं स्वयं में है शास्त्र तो शब्दों का संग्रह मात्र है यह सुनते ही उनके पिता श्री को अहंकार जाग उठा वे आत्मज्ञानी तो थे नहीं शास्त्रों के मात्र ज्ञाता थे और जिन्हें शास्त्रों का ज्ञान होता है उनमें इस जानकारी का अहंकार होता है इसी अहंकार के कारण व आत्म ज्ञान से वंचित रहते हैं |उन्हीं का वह पुत्र उन्हें उपदेश दे रह...

Narak Chaturdashi ki katha in hindi

दिवाली से एक दिन पहले नरक चौदस क्यों मनाते हैं, नरक चौदस की कहानी, जानिए Narak Chaudas Ki katha | Diwali पर देखा जाए तो 5 पर्व एक साथ आते हैं पहला धनतेरस, दूसरा नरक चौदस, तीसरा दिवाली, चौथा गोवर्धन पूजा और पांचवा है भाईदोज |  इस लेख में हम जानेंगे की दिवाली के एक दिन पहले नरक चौदस क्यों मनाई जाती है, क्या मान्यता है इसके पीछे | Narak Chaturdashi ki katha in hindi Narak chaudas katha : ऐसी मान्यता है की नरक चतुर्दशी को दीप दान करने से अकाल मृत्यु से बचाव होता है और पापो से मुक्ति मिलती है साथ ही सौभाग्य की प्राप्ति होती है |  Narak chaudas को छोटी दीपावली भी कहा जाता है और इस दिन शाम को यमराज के नाम से दीपदान किया जाता है |  Read Narak chaturdashi story in english आइये जानते हैं पौराणिक कथायें और मान्यताएं नरक चौदस को लेके : पहली मान्यता ये है की कार्तिक मास के चौदस को श्री कृष्ण से नरकासुर नाम के अत्याचारी और दुराचारी असुर का वध किया था और सोलह हजार एक सौ कन्याओं को नरकासुर के बंदी गृह से मुक्त कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था।  Narak chaudas को लेके दूसरी मान्य...