दिवाली से एक दिन पहले नरक चौदस क्यों मनाते हैं, नरक चौदस की कहानी, जानिए Narak Chaudas Ki katha | Diwali पर देखा जाए तो 5 पर्व एक साथ आते हैं पहला धनतेरस, दूसरा नरक चौदस, तीसरा दिवाली, चौथा गोवर्धन पूजा और पांचवा है भाईदोज | इस लेख में हम जानेंगे की दिवाली के एक दिन पहले नरक चौदस क्यों मनाई जाती है, क्या मान्यता है इसके पीछे | Narak Chaturdashi ki katha in hindi Narak chaudas katha : ऐसी मान्यता है की नरक चतुर्दशी को दीप दान करने से अकाल मृत्यु से बचाव होता है और पापो से मुक्ति मिलती है साथ ही सौभाग्य की प्राप्ति होती है | Narak chaudas को छोटी दीपावली भी कहा जाता है और इस दिन शाम को यमराज के नाम से दीपदान किया जाता है | Read Narak chaturdashi story in english आइये जानते हैं पौराणिक कथायें और मान्यताएं नरक चौदस को लेके : पहली मान्यता ये है की कार्तिक मास के चौदस को श्री कृष्ण से नरकासुर नाम के अत्याचारी और दुराचारी असुर का वध किया था और सोलह हजार एक सौ कन्याओं को नरकासुर के बंदी गृह से मुक्त कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था। Narak chaudas को लेके दूसरी मान्यता ये है की प्राचीन