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Showing posts with the label Janmashtmi aur Jyotish in hindi

Latest Astrology Updates in Hindi

RinHarta Ganesh Stotra With Lyrics And Hindi Meaning

RinHarta Ganesh Stotra With Lyrics And Hindi Meaning, ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र | तुरंत फल देने वाला ऋण हर्ता गणेश स्त्रोत्रम.  RinHarta Ganesh Stotra:  यह स्तोत्र भगवान गणेश के उस दिव्य रूप का स्मरण कराता है जो भक्तों के जीवन से ऋण, बाधाएँ, कष्ट और आर्थिक तंगी जैसी समस्याओं को दूर करने वाला माना जाता है। नियमित रूप से श्रद्धा और शुद्ध भाव से इसका पाठ करने से मन में आत्मविश्वास बढ़ता है, नकारात्मकता दूर होती है और जीवन में स्थिरता तथा समृद्धि का मार्ग खुलता है। यह स्तोत्र मानसिक शांति प्रदान करता है और व्यक्ति को अपने कार्यों में सफल होने की प्रेरणा देता है। मान्यता है कि भगवान गणेश की कृपा से असमर्थता दूर होकर जीवन में उन्नति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साधक हर प्रकार के ऋण, दुःख और दरिद्रता से मुक्ति पाता है. RinHarta Ganesh Stotra With Lyrics And Hindi Meaning सुनिए YouTube में  Lyrics Of RinHarta Ganesh Strotram : विनियोगः ॐ अस्य श्रीऋण-हरण-कर्तृ-गणपति-मन्त्रस्य सदा-शिव ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्रीऋण-हर्ता गणपति देवता, ग्लौं बीजं, गं शक्तिः, गों कीलकं, मम सकल...

Janmashtmi Par Rashi Anusar Kya Bhog Lagaayen | Shri Krishn Janmashtmi Vishesh

Janmashtmi Par Rashi Anusar Kya Bhog Lagaayen | Shri Krishn Janmashtmi Vishesh, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर राशि अनुसार क्या भोग लगाएँ? मेष से मीन तक हर राशि के लिए शुभ भोग सुझाव, लाभ एवं पूजा टिप्स। माखन-मिश्री और तुलसी पत्ता सहित संपूर्ण मार्गदर्शिका। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भक्ति, प्रेम और आनंद का प्रतीक है। इस दिन भक्तगण व्रत रखते हैं, झूला सजाते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और भगवान श्रीकृष्ण को भोग अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यदि आप राशि अनुसार भोग लगाएँ तो इसे और भी शुभ एवं फलदायक माना जाता है। Janmashtmi Par Rashi Anusar Kya Bhog Lagaaye Watch Video On Youtube विशेष नोट: माखन और मिश्री का भोग सभी को लगाना चाहिए क्योंकि यह भगवान का प्रिय है। भोग के साथ तुलसी पत्ता अवश्य रखें। सामग्री-सूची मेष वृषभ मिथुन कर्क सिंह कन्या तुला वृश्चिक धनु मकर कुंभ मीन निष्कर्ष ...

Janmashtmi Mahattw In Hindi and Jyotish

Janmashtmi 2025 me kab hai, 2025 में जन्माष्टमी की वास्तविक तिथि की जानकारी?, कब रखें जन्माष्टमी व्रत?, रोहिणी नक्षत्र कब से कब तक है?, कृष्ण जन्म के लिए ज्योतिष उपाय | शाश्त्रो के हिसाब से श्रीकृष्ण का जन्म- अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृषभ राशि और बुधवार के दिन हुआ था |  2025 में जन्माष्टमी 16 अगस्त शनिवार को है | अष्टमी तिथि 15 तारीख को रात्री में लगभग 11:51 पे शुरू होगी और 16 तारीख को रात्री में लगभग 9:35 PM तक रहेगी | तो उदया तिथि के अनुसार जन्माष्टमी का व्रत 16 को किया जायेगा. janmashtmi 2025 Watch Video On Youtube जन्माष्टमी 2025 पूजा मुहूर्त (Janmashtami 2025 Puja Muhurat): श्रीकृष्ण पूजा का समय - 16 अगस्त को रात्री में 12:04 से 12:47 AM तक (निशीथ काल ) पूजा अवधि - 43 मिनट कृष्ण जन्माष्टमी एक ऐसा उत्सव है जो की सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु संसार के कई देशो में बहुत धूम धाम से मनाया जाता है. इसका कारण ये है की कृष्ण भक्त पुरे संसार में फैले हुए हैं. जन्माष्टमी वह दिन हैं जब कृष्ण जी ने धरती पर जन्म लिया था. कृष्ण जी को भगवान् विष्णु का अवतार माना जाता ह...

Janmashtami Mai VASHIKARAN Sadhnaayen Kyu Hoti Hai

जन्माष्टमी मे वशीकरण साधना क्यों करते है लोग, क्या फायदे हो सकते हैं वशीकरण साधना के, जन्माष्टमी रहस्य. janmashtmi me vashikaran इससे पहले की हम आगे बढे कुछ गलतफहमियो को दूर करना जरुरी है वशीकरण विद्या के सम्बन्ध मे. साधारणतः लोगो की धरना ये है की वशीकरण का मतलब होता है काले जादू के मंत्रो का स्तेमाल करके लड़के, लड़कियों, व्यक्ति या किसी नारी को वश में कर लेना परन्तु ये सत्य नहीं है.  पढ़िए जन्माष्टमी की सही तारीख 2025 में  वशीकरण विद्या सिर्फ किसी व्यक्ति विशेष को ही वश में करने तक ही सिमित नहीं है. इस विद्या के अभ्यास से व्यक्ति स्वास्थ्य , संपत्ति, सम्पन्नता और दिव्य शक्तियों की कृपा भी प्राप्त कर सकता है. अतः दिमाग मे किसी प्रकार की गलत धारणाओं को निकाल के विद्या के सही प्रयोग को जानना चाहिए और लाभ उठान चाहिए. कुछ काले जादू के अभ्यास लोगो ने वशीकरण शब्द को गलत तरीके से फैलाया है जिससे की भ्रम उत्पन्न हो और लोगो के अन्दर भय उत्पन्न हो, ऐसे लोग इस विद्या के नाम का प्रयोग सिर्फ धन अर्जित करने के लिए ही करते हैं. अगर कोई वशीकरण विद्या का प्रयोग सही तरीके स...

Janmashtmai Mai Kaun Si Poojaaye Shubh Hoti Hai

जनमष्टमी मे कौन सी पूजाएँ शुभ होती है, कौन सी पूजाएँ की जाती है गोकुलाष्ट्मी मे , कैसे करे इच्छाएं पूरी कृष्ण जन्माष्टमी मे . Janmashtmai Mai kaun si puja जन्माष्टमी का दिन अति महत्त्वपूर्ण है और इस दिन अनेक प्रकार की पूजाए होती है. संतान गोपाल कृष्ण पूजा संतान गोपाल मंत्र का जप कृष्णा का अभिषेक और अर्चन विष्णु शाश्त्रनाम का जप माखन अभिषेक द्वारा शुभता कैसी आएगी ? कृष्णा और बलराम की पूजा क्यों करना चाहिए ? राधा कृष्णा की पूजा साथ मे क्यों करे? पढ़िए जन्माष्टमी पर क्या भोग लगायें राशि अनुसार  हर जगह कृष्णा का जन्मदिन बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. शाश्त्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार कृष्णा का जन्म भाद्रपद के कृष्णा पक्ष मे अष्टमी तिथि को हुआ था , इस दिन रोहिणी नक्षत्र था. ये दिन गोकुल अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. भाद्रपद महीने में कृष्णा पक्ष की अष्टमी तिथि को बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है साधना के दृष्टि से, पूजा पाठ की दृष्टि से. पढ़िए जन्माष्टमी की सही तारीख 2025 में  आइये जानते है कुछ पूजाओ का महत्त्वा जन्माष्टमी के दिन: इस दिन स...