July 2025 Grah Gochar, कौन से ग्रह बदलेंगे राशि जुलाई महीने में, किन राशियों को मिलेगा फायदा, july prediction, जुलाई में कब कौन सा ग्रह करेगा गोचर, planetary transits in july 2025. July 2025 Grah Gochar: गोचर कुंडली में ग्रहो का राशि परिवर्तन बहुत ही रोचक घटना है जिसके कारण बाजार में, व्यक्तिगत जीवन में, राजनीती में, मौसम में बहुत बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं | वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु एक निश्चित अवधि में निरंतर राशि बदलते रहते हैं | प्रत्येक ग्रह की चाल अलग अलग होती है जैसे चंद्रमा, सूर्य, बुध, मंगल और शुक्र बहुत जल्दी जल्दी राशि बदलते हैं जबकि बृहस्पति, शनि, राहु और केतु को राशि बदलने में सबसे ज्यादा समय लगता है | इस ज्योतिषीय लेख में हम जानेंगे की July 2025 में कौन से ग्रह बदलेंगे राशि, कौन से शुभ और अशुभ योग का निर्माण होगा और क्या प्रभाव होगा 12 राशियों पर | July Ka Grah Gochar Watch On YouTube आइये अब जानते हैं की July 2025 में कौन से ग्रह बदलेंगे राशि (July 2025 Grah Gochar): जुलाई 2025 में बड़े ...
Janmashtmi 2024 me kab hai, 2024 में जन्माष्टमी की वास्तविक तिथि की जानकारी?, कब रखें जन्माष्टमी व्रत?, रोहिणी नक्षत्र कब से कब तक है?, कृष्ण जन्म के लिए ज्योतिष उपाय |
शाश्त्रो के हिसाब से श्रीकृष्ण का जन्म- अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृषभ राशि और बुधवार के दिन हुआ था |
2024 में जन्माष्टमी 26 अगस्त सोमवार को है | अष्टमी तिथि 26 तारीख को लगभग तडके 3:41 AM पे शुरू होगी और 27 तारीख को रात्री में लगभग 2:21 AM तक रहेगी |
रोहिणी नक्षत्र 26 तारीख को दोपहर में लगभग 3:56 PM से शुरू होगा और 27 तारीख को लगभग 3:37 PM बजे तक रहेगा |
जन्माष्टमी 2024 पूजा मुहूर्त (Janmashtami 2024 Puja Muhurat):
- श्रीकृष्ण पूजा का समय - 27 अगस्त को रात्री में 12:01 से 12:45 AM तक (निशीथ काल )
- पूजा अवधि - 44 मिनट
कृष्ण जन्माष्टमी एक ऐसा उत्सव है जो की सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु संसार के कई देशो में बहुत धूम धाम से मनाया जाता है. इसका कारण ये है की कृष्ण भक्त पुरे संसार में फैले हुए हैं.
जन्माष्टमी वह दिन हैं जब कृष्ण जी ने धरती पर जन्म लिया था.
कृष्ण जी को भगवान् विष्णु का अवतार माना जाता है और उनके अवतार लेने की दिव्य घटना अष्टमी की रात्री को घटी थी हिन्दू पंचांग के हिसाब से. अतः तभी से जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाने लगा. इस दिन लोग पूरी रात संकीर्तन , कृष्ण मंत्र का जप आदि किया करते हैं.
Read in English about when is Janmashtmi in 2024
आइये जानते हैं जन्माष्टमी का ज्योतिषी महत्तव:
इस रात्रि का इन्तेजार भक्त लोग पुरे साल करते हैं, पूरी रात भक्तगण कृष्ण नाम के साथ झूमते हैं , गाते हैं, जगह जगह झांकियां सजाई जाती हैं, लोग घरो में भी झांकियां सजाते हैं और उत्सव मानते हैं.
झूला लगाया जाता है, उसमे बालगोपाल की मूर्ती रखी जाती है, रात्रि को लोग ह्रदय से बड़े हर्ष और उल्लास के साथ पूजन करते हैं बालगोपाल का.
- हिन्दू ग्रंथो के अनुसार साल में 4 ऐसी रात्रियाँ आती है जिनको की महारात्रि कहा जाता है. ये है- ‘शिव रात्रि ’, ‘होली रात्री’, ‘दिवाली रात्रि’ और ‘जन्माष्टमी रात्रि’.
- जन्माष्टमी को ‘मोहरात्रि’ के नाम से भी जाना जाता है. जन्माष्टमी की रात्रि का बहुत महत्तव है और ये रात तंत्र, मंत्र, साधना को सिद्ध करने के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है. इसी कारण तांत्रिक, अघोरी लोग, साधक गण मान्त्रिक इस रात का पुरे वर्ष इन्तेजार करते हैं.
- इस रात्रि को वशीकरण क्रियाओं को भी सिद्ध किया जाता है.
- साधारण लोग भी इस रात का उपयोग दिव्य कृपा को प्राप्त करने के लिए करते हैं और इसके लिए नाम जप और संकीर्तन का सहारा लेते हैं.
- जन्माष्टमी की रात्रि एक दिव्य रात्रि है और पूरा वातावरण कृष्णमय हो जाता है इस दिन और रात को. भगवान् कृष्ण का जन्म धरती पर से पापियों के नाश के लिए हुआ था और उन्होंने ये काम बहुत अच्छी तरह से किया , इसी कारण लोग उनको आज भी पूजते हैं जिससे की उनके जीवन से भी नकारात्मकता का नाश हो.
पढ़िए कृष्ण कवचम के फायदे
दही-हांडी के खेल का महत्तव जन्माष्टमी को :
कृष्ण जन्म के अवसर पर एक विशेष आयोजन होता है और उसे कहते हैं दही-हांडी फोड़ प्रतियोगिता, इसके अंतर्गत एक निश्चित ऊँचाई पर एक हांडी या मटकी में दही भर के लटका दिया जाता है और लोगो को आमंत्रित किया जाता है इसे फोड़ने के लिए , जो फोड़ता है उसे इनाम भी मिलता है. इसको देखने के लिए लोगो की भीड़ लगी रहती है.
वास्तव में ये प्रतियोगिता कृष्ण जी के नटखट स्वभाव को याद करने के लिए किया जाता है, कृष्ण जी जब छोटे थे तो माखन चुरा के खा लिए करते थे, और गोपियों की मटकी फोड़ दिया करते थे. आज भी लोग उनकी शैतानियों को याद करके खुश होते हैं और विभिन्न आयोजन करते हैं.
2024 के कृष्ण जन्माष्टमी को गोचर कुंडली में ग्रहों की स्थिति :
इस साल जन्माष्टमी 26 अगस्त सोमवार को आ रही है और कृष्ण जी के पूजा के समय ग्रहों की स्थिति इस प्रकार की रहेगी -
- गोचर कुंडली में गजकेसरी योग बना रहेगा |
- चन्द्रमा अपने उच्च राशि वृषभ में रहेंगे |
- मंगल अपने शत्रु राशी मिथुन में रहेंगे |
- बुध अपने शत्रु राशी कर्क में रहेंगे |
- बृहस्पति अपने शत्रु राशी वृषभ में रहेंगे |
- शुक्र अपने नीच राशि कन्या में रहेंगे |
- शनि स्व राशि कुम्भ में रहेंगे |
- राहू अपने मित्र राशी मीन में रहेंगे |
- केतु अपने मित्र राशि कन्या में रहेंगे |
जन्माष्टमी को पूजा अर्चना करके विभिन्न प्रकार के कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती है.
घर में जन्माष्टमी उत्सव मनाने का आसान तरीका :
- घर में किसी जगह को साफ़ करे और पवित्र जल छिड़क कर जगह को शुद्ध भी करे.
- वहाँ पर झुला लगाएं, बाल गोपाल जी की मूर्ति या फोटो लगाए और अपनी क्षमता के अनुसार आकर्षक सजाये.
- वहाँ पर पंचामृत, कपडे, भोग, धूप , दीप, शंख, फूल,फल आदि रखे |
- ठीक अर्ध रात्रि में बाल गोपाल की पूजा करे, इसके लिए उनका अभिषेक करे, उन्हें नए वस्त्र पहनाये फिर उनका पूजन कर भोग अर्पित करे , आरती करे और जीतना हो सके कृष्ण मंत्र जपे. फिर स्वास्थ्य और सम्पन्नता के लिए प्रार्थना करे.
- फिर प्रसाद बांटे घर के लोगो में, पड़ोसियों में, भक्तो में.
इस प्रकार से कोई भी बहुत आसान तरीके से घर में भी पूजन कर सकते हैं बाल गोपाल का.
- जन्माष्टमी की पूजा से स्वास्थ्य और सम्पन्नता प्राप्त किया जा सकता है.
- जन्माष्टमी की पूजा से काले जादू के असर को भी ख़त्म किया जा सकता है.
- बुरी नजर की समस्या से भी निजात पाई जा सकती है.
- बाल गोपाल की कृपा से भाग्योदय होता है |
- जो लोग संतान समस्या से गुजर रहे हैं, वे लोग भी लाभ ले सकते हैं |
अतः इस पवित्र और शक्तिशाली रात्री का स्तेमाल करे और बनाए अपने जीवन को धन्य.
||आप सबको जन्माष्टमी की बहुत बहुत शुभकामनाएं || जय श्री कृष्णा ||
Janmashtmi 2024 me kab hai, 2024 में जन्माष्टमी की वास्तविक तिथि की जानकारी?, कब रखें जन्माष्टमी व्रत?, रोहिणी नक्षत्र कब से कब तक है?, कृष्ण जन्म के लिए ज्योतिष उपाय |
Comments
Post a Comment