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Saptahik Rashifal

Saptahik Rashifal Aur Panchang, 28 जुलाई से 3 अगस्त  2024 तक की भविष्यवाणियां| प्रेम जीवन की भविष्यवाणी, आने वाले सप्ताह में किस राशि के जातकों को लाभ मिलेगा, आने वाले सप्ताह के महत्वपूर्ण दिन और राशिफल, जानें आने वाले सप्ताह में कितने सर्वार्थ सिद्धि योग और महत्वपूर्ण दिन मिलेंगे। आगामी साप्ताहिक सर्वार्थ सिद्धि योग: 28जुलाई को सूर्योदय से 3:34 दिन तक रहेगा सर्वार्थ सिद्धि योग | 30 जुलाई को सूर्योदय से 1:07 दिन तक रहेगा सर्वार्थ सिद्धी योग | 31 तारीख को सूर्योदय से रात्री अंत तक रहेगा सर्वार्थ सिद्धि योग | Saptahik Rashifal आइए अब जानते हैं कि आने वाले सप्ताह में हमें कौन से महत्वपूर्ण दिन मिलेंगे: पंचक 23 जुलाई मंगलवार को 12:07 दिन से शुरू होंगे और 27 तारीख को शाम 5:06 बजे तक रहेंगे | शीतला सप्तमी 27 को है | श्रावण सोमवार 29 को है। मंगला गौरी व्रत 30 जुलाई को है। कामिका एकादशी 31 जुलाई बुधवार को है। कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत 1 अगस्त गरुवार को है | शिव चतुर्दशी व्रत 2 तारीख शुक्रवार को है | आगामी सप्ताह का पूरा पंचांग और महूरत पढ़ें आइए अब जानते हैं 28 जुलाई से 03 अगस्त  २०२४  के बी

Shree Krishn Kawach Ke Fayde Aur Lyrics

श्रीकृष्ण कवचम् || Shri Krishna Kavacham by Gargasamhita with meaning in hindi, krishn kavach ke fayde|

ये श्रीकृष्ण कवचम् गर्गसंहिता के गोलोकखण्ड दिया गया है | 

यह सबकी रक्षा करने वाला परम दिव्य ‘श्रीकृष्ण-कवच’ है। इसका उपदेश भगवान विष्णु ने अपने नाभि कमल में विद्यमान ब्रह्माजी को दिया था।

ब्रह्माजी ने शम्भु को, शम्भु ने दुर्वासा को और दुर्वासा ने नन्द मन्दिर में आकर श्रीयशोदा जी को इसका उपदेश दिया था।

इसका पाठ गोपियों ने किया था । यह श्रीकृष्ण-कवच सबकी रक्षा करने वाला,विशेषकर बच्चों के लिए परम दिव्य है।

श्रीकृष्ण कवचम् || Shri Krishna Kavacham by Gargasamhita with meaning in hindi, krishn kavach ke fayde|
Shree Krishn Kawach Ke Fayde Aur Lyrics


श्रीकृष्ण कवचम्

सर्वतो बालकं नीत्वा रक्षां चक्रुर्विधानतः ।

कालिंदीपुण्यमृत्तोयैर्गोपुच्छभ्रमणादिभिः ॥

गोमूत्रगोरजोभिश्च स्नापयित्वा त्विदं जगुः ॥

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गोप्य ऊचुः –

श्रीकृष्णस्ते शिरः पातु वैकुण्ठः कण्ठमेव हि ।

श्वेतद्वीपपतिः कर्णौ नासिकां यज्ञरूपधृक् ॥ १॥


नृसिंहो नेत्रयुग्मं च जिह्वां दशरथात्मजः ।

अधराववतां ते तु नरनाराणावृषी ॥ २॥


कपोलौ पातु ते साक्षात्सनकाद्याः कला हरेः ।

भालं ते श्वेतवाराहो नारदो भ्रूलतेऽवतु ॥ ३॥


चिबुकं कपिलः पातु दत्तात्रेय उरोऽवतु ।

स्कन्धौ द्वावृषभः पातु करौ मत्स्यः प्रपातु ते ॥ ४॥


दोर्दण्डं सततं रक्षेत्पृथुः पृथुलविक्रमः ।

उदरं कमठः पातु नाभिं धन्वन्तरिश्च ते ॥ ५॥


मोहिनी गुह्यदेशं च कटिं ते वामनोऽवतु ।

पृष्ठं परशुरामश्च तवोरू बादरायणः ॥ ६॥


बलो जानुद्वयं पातु जङ्घे बुद्धः प्रपातु ते ।

पादौ पातु सगुल्फौ च कल्किर्धर्मपतिः प्रभुः ॥ ७॥


|| फलस्त्रुतिः||


सर्वरक्षाकरं दिव्यं श्रीकृष्णकवचं परम् ।

इदं भगवता दत्तं ब्रह्मणे नाभिपङ्कजे ॥ ८॥


ब्रह्मणा शम्भवे दत्तं शम्भुर्दुर्वाससे ददौ ।

दुर्वासाः श्रीयशोमत्यै प्रादाच्छ्रीनन्दमन्दिरे ॥ ९॥

|| इति गर्गसंहितायां गोलोकखण्डे त्रयोदशाध्यान्तर्गतं गोपीभिः कृतं श्रीकृष्णरक्षाकवचम् ||

पढ़िए जन्माष्टमी का महत्त्व 

श्री कृष्ण कवच का अर्थ :

बच्चे को ले जाकर गोपियों ने सब ओर से विधिपूर्वक उसकी रक्षा की। यमुनाजी की पवित्र मिट्टी लगाकर उसके ऊपर यमुना-जल का छींटा दिया, फिर उसके ऊपर गाय की पूँछ घुमायी। गोमूत्र और गोरजमिश्रित जल से उसको नहलाया और निम्नांकित रूप से कवच का पाठ किया।

पढ़िए ॐ क्लीम कृष्णाय नमः के फायदे 

गोप्य ऊचुः –

श्री गोपियाँ बोलीं – मेरे लाल ! श्रीकृष्ण तेरे सिर की रक्षा करें और भगवान वैकुण्ठ कण्ठ की। श्वेतद्वीप के स्वामी दोनों कानों की, यज्ञरूपधारी श्रीहरि नासिका की, भगवान नृसिंह दोनों नेत्रों की, दशरथ नन्दन श्रीराम जिह्वाकी और नर-नारायण ऋषि तेरे अधरों की रक्षा करें।

साक्षात श्रीहरि के कलावतार सनक-सनन्दन आदि चारों महर्षि तेरे दोनों कपोलों की रक्षा करें। भगवान श्वेतवाराह तेरे भालदेश की तथा नारद दोनों भ्रूलताओं की रक्षा करें।

भगवान कपिल तेरी ठोढ़ी को और दत्तात्रेय तेरे वक्षःस्थल को सुरक्षित रखें। भगवान ऋषभ तेरे दोनों कन्धों की और मत्स्य भगवान तेरे दोनों हाथों की रक्षा करें।

कृष्ण अष्टकम के फायदे 

पृथुल-पराक्रमी राजा पृथु सदा तेरे बाहुदण्डों को सुरक्षित रखें। भगवान कच्छप उदर की और धंवंतरी तेरी नाभि की रक्षा करें।

मोहिनी रूपधारी भगवान तेरे गुह्यदेश को और वामन तेरी कटि को हानि से बचायें। परशुरामजी तेरे पृष्ठभाग की और बादरायण व्यास जी तेरी दोनों जाँघों की रक्षा करें।

बलभद्र दोनों घुटनों की और बुद्धदेव तेरी पिंडलियों के रक्षा करें। धर्म पालक भगवान कल्कि गुल्फों सहित तेरे दोनों पैरों को सकुशल रखें ।

यह सबकी रक्षा करने वाला परम दिव्य ‘श्रीकृष्ण-कवच’ है। इसका उपदेश भगवान विष्णु ने अपने नाभि कमल में विद्यमान ब्रह्माजी को दिया था।

चमत्कारी कृष्ण गायत्री मंत्र के फायदे 

ब्रह्माजी ने शम्भु को, शम्भु ने दुर्वासा को और दुर्वासा ने नन्द मन्दिर में आकर श्रीयशोदा जी को इसका उपदेश दिया था।

अनेन रक्षां कृत्वा स्या गोपीभिः श्रीयशोमती । पाययित्वास्तीनं दानं विप्रेभ्यः‍ प्रददौ महत् ॥

इस कवच के द्वारा गोपियों सहित श्री यशोदा ने नन्दनन्दन की रक्षा करके उन्हें अपना स्तन पिलाया और ब्राह्मणों को प्रचुर धन दिया ।

||इति गर्गसंहिता, गोलोकखण्ड 13 । 15-24 श्रीकृष्ण कवचम् समाप्त ॥

श्रीकृष्ण कवचम् || Shri Krishna Kavacham by Gargasamhita with meaning in hindi, krishn kavach ke fayde|

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