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Tarpan Kya Hota Hai

Tarpan kya hota hai, जानिए हिंदी में तर्पण के बारे में, कैसे मुक्ति पायें पितृ दोष से, कैसे पायें सफलता जीवन में, कैसे पायें पितरो से आशीर्वाद. ऐसा देखा जाता है की कुंडली में पितृ दोष होने के कारण लोग बहुत परेशान रहते हैं, जीवन में हर कदम पर परेशानी आती रहती है. व्यक्तिगत जीवन और काम-काजी जीवन में हद से जयादा परेशानी आती है. और कितनी भी कोशिश करे , परेशानी ख़त्म नहीं हो पाती है. पितृ दोष को अगर सही तरीके से समझ जाएँ तो इससे मुक्ति पाई जा सकती है, इस लेख में पितृ दोष से मुक्ति के लिए एक विशेष प्रयोग की जानकारी दी जा रही है जिसे तर्पण कहते हैं. Tarpan Kya Hota Hai जब भी कोई व्यक्ति शारीर का त्याग करता है तो उसकी मुक्ति के लिए कुछ विशेष पूजाओ का जिक्र हमारे ग्रंथो में किया गया है , इन क्रियाओं को करने से आत्मा क्षण भंगुर संसार के मोह को त्याग कर मुक्ति हो जाती है और इसका पुण्य क्रिया करने वाले को मिलता है. ऐसी मान्यता है की अगर मृत्यु के पश्चात कर्मो को ठीक ढंग से नहीं किया जाता है तो आत्मा मुक्त नहीं होती है और इधर उधर भटकती रहती है. इससे पितृ दोष, प्रेत दोष आदि की उत्

Bhadrapad Amavasya Kab Hai jyotish upaay

Bhadrapad Amavasya 2024 Date, Amavasya Kab Hai, भाद्रपद अमावस्या कब है 2024, कुश ग्रहणी अमावस्या के लिए ज्योतिष उपाय  |

इस साल कुशग्रहणी अमावस्या 2 दिन मिलेगी 2 और 3 सितम्बर को  साथ ही सोमवती अमावस्या का संयोग भी मिलेगा |

हिंदी पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने की अमावस्या को कुश ग्रहणी और कुशोत्पतिनी अमावस्या के नाम से भी जानते हैं| ये अती महत्त्वपूर्ण दिन है और इस दिन जीवन में से बाधाओं को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार की पूजाओं को किया जाता है |

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Bhadrapad Amavasya Kab Hai jyotish upaay

Read in english about When is Bhadrapad amavasya

इस अमावस्या का एक नाम कुश ग्रहणी अमावस्या है जिससे पता चलता है की इस दिन एक पवित्र घास को इकट्टा किया जाता है और पूरे साल प्रयोग किया जाता है, इस घास का नाम है कुश | हर पूजा में इसका प्रयोग किया जाता है, हर कर्मकांड में इसका उपयोग होता है| पूजन के अवसर पर हम अनामिका अंगुली में कुश की अंगूठी पहनते हैं जिसे की पवित्री कहा जाता है |

आइये जानते हैं कुश घास का महत्त्व पुराणों के अनुसार :

मान्यता के अनुसार वराह के रोयें से कुश घास की उत्पत्ति मानी जाती है और कुशा की जड़ में भगवान ब्रह्मा, मध्य भाग में भगवान विष्णु तथा शीर्ष भाग में भगवान शिव विराजते हैं।

कुश आसन पर जप और ध्यान करने से शीघ्र ही सिद्धि मिलती है | 

कुश को Desmostachya bipinnata के नाम से वनस्पति विज्ञान में जानते हैं और अंग्रेजी में इसे Sacrificial Grass के नाम से जानते हैं |

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Bhadrapada Amavasya Date and Time 2024:

इस साल भाद्रपद की अमावस्या 2 सितम्बर सोमवार को प्रातः लगभग 5:23 बजे से शुरू होगी और 3 तारीख को सुबह 7:25 बजे तक रहेगी |

अमावस्या की रात्री 2 की रहेगी |

आइये जानते हैं क्या क्या कर सकते हैं भाद्रपद अमावस्या को जीवन को सुखी बनाने के लिए:

  1. वैदिक ज्योतिष अनुसार कुश ग्रहणी/ कुशोत्पतिनी अमावस्या  को की गई पूजाओ से दुर्भाग्य से छुटकारा मिलता है |
  2. भाद्रपद अमावस्या को पितरो के निमित्त तर्पण करना चाहिए जिससे पितृ गण प्रसन्न होते हैं और हमे आशीर्वाद देते हैं जिससे परिवार में खुशहाली आने लगती है |
  3. अगर आपके आस पास कही कुश घास लगी हो तो आप पूर्व की तरफ मुंह करके इनकी पूजा करके इन्हें एकत्रित कर सकते हैं और पुरे साल पूजा में उपयोग कर सकते हैं |
  4. अगर कुंडली में पितृ दोष हो तो भाद्रपद अमावस्या को पूजा कर सकते हैं |
  5. अगर किसी ने कुछ किया कराया है या फिर बंधन दोष से गुजर रहे हैं तो उसका उतारा भी इस दिन होता है |
  6. अगर आप नकारात्मक शक्तियों या फिर काले जादू के प्रयोग के कारण परेशां है तो इस दिन पूजा कर सकते हैं या फिर करवा सकते हैं |
  7. भाद्रपद अमावस्या को अपनी क्षमता अनुसार जरुरत मंदों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करना चाहिए, इससे पुण्य प्राप्त होता है |
  8. मनोकामनाओ को पूरा करने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा भी हम कर सकते हैं |
  9. भाद्रपद अमावस्या को नदी में सबकी भलाई और सुखो की कामना से दीप दान करना चाहिए |
  10. घर में बड़े और बुजुर्गो का आशीर्वाद लेना चाहिए | 
  11. नदी तट पर पिंड दान भी कर सकते हैं पितरो की शांति के लिए |
  12. अगर कुंडली में कालसर्प दोष, प्रेत दोष हो तो भी इस दिन पूजन कर सकते हैं |

आइये जानते हैं की कैसे आसानी से हम पूजन कर सकते हैं कुश ग्रहणी/ कुशोत्पतिनी अमावस्या को ?

  • प्रातः काल जल्दी उठे और अगर किसी पवित्र नदी के पास घर हो तो नदी में स्नान करे |
  • भगवान् सूर्य को अर्ध्य दे और अपने पितरो के उन्नति शांति  के लिए प्रार्थना करें |
  • उसके बाद पवित्र नदी जैसे गंगा, यमुना, नर्मदा क्षिप्रा  आदि के तट पे पिंड दान करें |
  • फिर जरुरतमंदो को अन्न, धन, वस्त्र का दान करें सामर्थ्य अनुसार |
  • भाद्रपद अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ की पूजा करें और सरसों के तेल का दीप दान करें, सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करें |

जानिए ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी गोचर कुंडली में भाद्रपद अमावस्या 2024 में :

  • सूर्य अपने ही राशि सिंह में रहेंगे |
  • चन्द्रमा अपने मित्र राशि सिंह में रहेंगे |
  • मंगल अपने शत्रु राशि मिथुन में रहेंगे |
  • बुध अपने शत्रु राशि कर्क में रहेंगे |
  • गुरु शत्रु राशि वृषभ में रहेंगे |
  • शुक्र अपने नीच राशि कन्या में रहेंगे |
  • शनि स्व राशि कुम्भ में रहेंगे |
  • राहू अपने मित्र राशि मीन में रहेंगे |
  • केतु अपने मित्र राशि कन्या में रहेंगे |
तो इस प्रकार हम कुश ग्रहणी/ कुशोत्पतिनी अमावस्या/भाद्रपद अमावस्या को अपनी क्षमता अनुसार पूजा पाठ करके अपने जीवन में से समस्याओं को कम कर सकते हैं, पितृ कृपा से जीवन को सुखी कर सकते हैं |

अगर आप अपनी कुंडली के अनुसार जानना चाहते हैं अपने जीवन के बारे में, अपनी लव लाइफ के बारे में, अपने करियर के बारे में, अपने विवाह के बारे में, बिमारी के समाधान के बारे में, अपने लिए भाग्यशाली रत्न के बारे में तो आप संपर्क करें विश्वसनीय ज्योतिष सलाह के लिए |

सभी को भाद्रपद अमावस्या की बहुत बहुत शुभकामनाये, पितृ कृपा से सभी का जीवन सुखी हो यही कामना |

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