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Bhadrapad Amavasya Kab Hai jyotish upaay

Bhadrapad Amavasya 2022 Date, Amavasya Kab Hai, भाद्रपद अमावस्या कब है 2022, कुश ग्रहणी अमावस्या के लिए ज्योतिष उपाय  |

इस साल कुशग्रहणी अमावस्या 2 दिन मिलेगी 26 और 27 अगस्त साथ ही शनि अमावस्या का संयोग भी मिलेगा |

हिंदी पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने की अमावस्या को कुश ग्रहणी और कुशोत्पतिनी अमावस्या के नाम से भी जानते हैं| ये आती महत्त्वपूर्ण होती है और इस दिन जीवन में से बाधाओं को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार की पुजायो को किया जाता है |

Bhadrapad Amavasya 2022 Date, Amavasya Kab Hai, भाद्रपद अमावस्या कब है 2022, कुश ग्रहणी अमावस्या के लिए ज्योतिष उपाय  |
Bhadrapad Amavasya Kab Hai jyotish upaay

Read in english about Bhadrapad amavasya 2022 date , significance and astrology tips to remove hurdles of life.

इस अमावस्या के नाम से पता चलता है की इस दिन एक पवित्र घास को इकट्टा किया जाता है और पुरे साल प्रयोग किया जाता है, इस घास का नाम है कुश | हर पूजा में इसका प्रयोग किया जाता है, हर कर्मकांड में इसका उपयोग होता है| पूजन के अवसर पर हमने अनामिका अंगुली में कुश की अंगूठी पहनी होगी जिसे की पवित्री कहा जाता है |

आइये जानते हैं कुश घास का महत्त्व पुराणों के अनुसार :

भगवान वाराह के रोयें से कुश घास की उत्पत्ति मानी जाती है और कुशा की जड़ में भगवान ब्रह्मा, मध्य भाग में भगवान विष्णु तथा शीर्ष भाग में भगवान शिव विराजते हैं।

कुश आसन पर जप और ध्यान करने से शीघ्र ही सिद्धि मिलती है | 

कुश को Desmostachya bipinnata के नाम से वनस्पति विज्ञान में जानते हैं और अंग्रेजी में इसे Sacrificial Grass के नाम से जानते हैं |

Bhadrapada Amavasya Date 2022:

इस साल भाद्रपद की अमावस्या 26 अगस्त, शुक्रवार को दोपहर 12:25 पे शुरू होगी और 27 अगस्त को दोपहर 1:48 तक रहेगी अतः हमे 2 दिन मिलेंगे पूजा पाठ करने के लिए और यही नहीं हमे शनि अमावस्या भी मिलेगी क्यूंकि 27 को शनिवार पड़ रहा है | 

उदया तिथि के आधार पर भाद्रपद अमावस्या 27 अगस्त शनिवार को है परन्तु अमावस्या की रात्री 26 की रात्रि रहेगी |

आइये जानते हैं क्या क्या कर सकते हैं भाद्रपद अमावस्या को जीवन को सुखी बनाने के लिए:

  1. वैदिक ज्योतिष अनुसार कुश ग्रहणी/ कुशोत्पतिनी अमावस्या  को की गई पूजाओ से दुर्भाग्य से छुटकारा मिलता है |
  2. भाद्रपद अमावस्या को पितरो के निमित्त तर्पण करना चाहिए जिससे पितृ गन प्रसन्न होते हैं और हमे आशीर्वाद देते हैं जिससे परिवार में खुशहाली आने लगती है |
  3. अगर आपके आस पास कही कुश घास लगी हो तो आप पूर्व की तरफ मुंह करके इनकी पूजा करके इन्हें एकत्रित कर सकते हैं और पुरे साल पूजा में उपयोग कर सकते हैं |
  4. अगर कुंडली में पितृ दोष हो तो भाद्रपद अमावस्या को पूजा कर सकते हैं |
  5. अगर किसी ने कुछ किया कराया है या फिर बंधन दोष से गुजर रहे हैं तो उसका उतरा भी इस दिन होता है |
  6. अगर आप नकारात्मक शक्तियों या फिर काले जादू के प्रयोग के कारण परेशां है तो इस दिन पूजा कर सकते हैं या फिर करवा सकते हैं |
  7. भाद्रपद अमावस्या को अपनी क्षमता अनुसार जरुरत मंदों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करना चाहिए, इससे पुण्य प्राप्त होता है |
  8. मनोकामनाओ को पूरा करने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा भी हम कर सकते हैं |
  9. भाद्रपद अमावस्या को नदी में सबकी भलाई और सुखो की कामना से दीप दान करना चाहिए |
  10. घर में बड़े और बुजुर्गो का आशीर्वाद लेना चाहिए | 
  11. नदी तट पर पिंड दान भी कर सकते हैं पितरो की शांति के लिए |
  12. अगर कुंडली में कालसर्प दोष प्रेत दोष हो तो भी इस दिन पूजन कर सकते हैं |

आइये जानते हैं की कैसे आसानी से हम पूजन कर सकते हैं कुश ग्रहणी/ कुशोत्पतिनी अमावस्या को ?

  • प्रातः काल जल्दी उठे और अगर किसी पवित्र नदी के पास घर हो तो नदी में स्नान करे |
  • भगवान् सूर्य को अर्ध्य दे और अपने पितरो के उन्नति शांति  के लिए प्रार्थना करें |
  • उसके बाद पवित्र नदी जैसे गंगा, यमुना, नर्मदा क्षिप्रा  आदि के तट पे पिंड दान करें |
  • फिर जरुरतमंदो को अन्न, धन, वस्त्र का दान करें सामर्थ्य अनुसार |
  • भाद्रपद अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ की पूजा करें और सरसों के तेल का दीप दान करें, सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करें |

जानिए ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी गोचर कुंडली में भाद्रपद अमावस्या २०२२ में :

इस बार 6 ग्रह शुभ के रहेंगे गोचर में जिसके कारण पूजा पाठ करने वालो को काफी लाभ मिलेगा, मनोकामना पूर्ण होने में मदद मिलेगी |

  • सूर्य अपने ही राशि सिंह में रहेंगे |
  • चन्द्रमा स्व राशि के रहेंगे अर्थात कर्क राशि में रहेंगे |
  • बुध अपने उच्च राशि में रहेंगे |
  • गुरु अपने ही राशि मीन में रहेंगे |
  • शनि भी स्व राशि मकर में रहेंगे |
  • केतु अपने मित्र राशि तुला में रहेंगे |
  • शुक्र और राहू शत्रु राशि में रहेंगे जिसके कारण कुछ लोगो को काफी समस्या का सामना करना पड़ सकता है विशेषकर वो लोग जिनके कुंडली में शुक्र और राहू ख़राब है |

तो इस प्रकार हम कुश ग्रहणी/ कुशोत्पतिनी अमावस्या/भाद्रपद अमावस्या को अपनी क्षमता अनुसार पूजा पाठ करके अपने जीवन में से समस्याओं को कम कर सकते हैं, पितृ कृपा से जीवन को सुखी कर सकते हैं |

अगर आप अपनी कुंडली के अनुसार जानना चाहते हैं अपने जीवन के बारे में, अपनी लव लाइफ के बारे में, अपने करियर के बारे में, अपने विवाह के बारे में, बिमारी के समाधान के बारे में, अपने लिए भाग्यशाली रत्न के बारे में तो आप संपर्क करें विश्वसनीय ज्योतिष सलाह के लिए |

सभी को भाद्रपद अमावस्या की बहुत बहुत शुभकामनाये, पितृ कृपा से सभी का जीवन सुखी हो यही कामना |

Bhadrapad Amavasya 2022 Date, Amavasya Kab Hai, भाद्रपद अमावस्या कब है 2022, कुश ग्रहणी अमावस्या के लिए ज्योतिष उपाय  |

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