Budh grah ka vrischik rashi mai gochar kab hoga October 2025, जनिये राशिफल, वृश्चिक राशि में बुध का प्रभाव 2025, Budh ka gochar October. Budh Gochar Vrischik Rashi Mai: बुध 24 अक्टूबर 2025 को दिन में लगभग 12:24 पे वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे | वैदिक ज्योतिष के हिसाब से बुध का सम्बन्ध बुद्धि, एकाग्रता, वाणी, त्वचा, सौंदर्य, मित्र, बोलने-सुनने की शक्ति, सुगंध आदि से होता है | यहाँ विशेष बात जो ध्यान रखने वाली है वो ये की वृश्चिक रहस्यमय राशि है | वृश्चिक राशि अपने भावुक, चुंबकीय और अक्सर रहस्यमय स्वभाव के लिए जानी जाती है। यह गहराई, तीव्रता और परिवर्तन से जुड़ी राशि है। अतः बुध का ये गोचर जीवन को गहराई से समझने और छिपी हुई सच्चाइयों को उजागर करने की हमारी क्षमता को बढ़ा सकता है। वृश्चिक राशि में बुध खोजी बातचीत, मनोवैज्ञानिक अंतर्दृष्टि और दिखावे के पीछे छिपे सत्य को पहचानने की गहरी नज़र को प्रोत्साहित करता है। कुछ लोगों के संचार शैली का विकास होगा, कुछ लोगों के अन्दर ईर्ष्या की भावना का विकास होगा, कुछ लोग अंतर्ज्ञान की खोज में लग जायेंगे, कुछ लोग आत्म निरिक्षण में लग...
Karwachoth Kab hai 2025 mai, करवा चौथ का महत्तव, कैसे करे करवा चौथ की पूजा, ज्योतिष और करवा चौथ hindi में .
Karwachoth 2025: एक ऐसा दिन जिसका इन्तेजार पुरे साल भर किया जाता है ख़ास तौर पर विवाहित महिलाए इस दिन का इन्तेजार पुरे जोर शोर से करती है. इस दिन महिलाए व्रत रखती है अपने पति की लम्बी आयु के लिए और इसके लिए माता करवा की पूजा की जाती है.
भारत में कर्वाचोथ को बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है, इस दिन पतियों की पूजा की जाती है रात्री को जिसके कारण उनको भी इस दिन का इन्तेजार रहता है.
भारत में कर्वाचोथ को बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है, इस दिन पतियों की पूजा की जाती है रात्री को जिसके कारण उनको भी इस दिन का इन्तेजार रहता है.
2025 मे करवाचौथ 10 अक्टूबर, शुक्रवार को है
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| करवा चौथ का महत्तव |
करवा चौथ शरद पूर्णिमा के 4 दिन बाद आता है और दीपावली से पहले भी आता है, इस दिन को महिलाए पूरे आनंद से मनाती है, खेलती है, मस्ती करती है, भजन करती है, पूजन करती है और सबसे ख़ास उनको अपने पतियों से उपहार भी प्राप्त होता है जिसका इन्तेजार वो करती है.
कर्वाचोथ कार्तिक महीने की शुरुआत में आता है जब हलकी हलकी गुलाबी ठण्ड भी दस्तक दे रही होती है. कार्तिक महिना अपने आप में एक पवित्र महिना माना जाता है जब साधनाओ को सफलतापूर्वक किया जा सकता है विभिन्न मनोकामनाओ को पूरा करने के लिए. Karwachoth 2025
करवाचौथ के दिन महिलायें मेहंदी लगाती है, नए वस्त्र और विभिन्न प्रकार के आभूषण धारण करती है, इस दिन को मनाने के लिए कई दिन पहले से तैयारियां भी चलती है , बाजार भी खूब सजते हैं खरीदारी के लिए.
आइये जानते हैं कुछ ख़ास बातें करवाचौथ के बारे में बिन्दुओं में:
- इस दिन विवाहित महिलाए व्रत रखती हैं और रात्रि को अपने पति की भी आरती और पूजा करती है अपने पति की अच्छी सेहत और लम्बी आयु के लिए.
- करवा चौथ के दिन माता करवा की पूजा होती है जो की वास्तव में माता पार्वती ही हैं जो की भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं.
- इस दिन बहुएं अपनी सास को भी उपहार स्वरुप कुछ देती है ऐसे भी परंपरा कई जगह देखने को मिलती है.
- कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार कर्वाचोथ का त्यौहार उस महिला करवा के नाम पर मनाया जाता है जिसने अपने पति के जीवन को पाने के लिए यमराज को भी विवश कर दिया था. Karwachoth 2025
- करवा चौथ के दिन रात्रि को पति के हाथो से ही जल पी के अपना व्रत खोलती हैं.
- कर्वाचोथ है अपने संबंधो को वापस से ठीक करने का, गिले शिकवे मिटाने का और एक दुसरे के लिए प्रेम को व्यक्त करने का.
- महिलायें इस दिन करवे पर स्वस्तिक बनती है और उसमे, गंगाजल, गुलाब जल, दूध आदि डालके रखती है.
- इस दिन पुरे शिव परिवार की पूजा करना अच्छा माना जाता है, कुछ लोग श्री कृष्ण की पूजा भी साथ में करते हैं.
- रात्रि को चन्द्रमा के उदय होने के बाद करवा माता की पूजा होती है फिर महिलाए छलनी से चन्द्रमा के दर्शन करती है और फिर अपने पति को देखती है. Karwachoth 2025
- महिलाए करवामाता की कथाये भी सुनती है.
- पूजन के बाद बड़ो का और पति का आशीर्वाद लेना चाहिए.
- पति के भोजन के बाद भोजन करना शुभ माना जाता है.
आइये जानते हैं karwachauth को किन मंत्रो से पूजन करना चाहिए :
- सबसे पहले श्री गणेश का पूजन होगा | श्रीगणेश का मंत्र है - || ॐ गणेशाय नमः ||
- फिर भगवन शिव का मंत्र जपना चाहिए | शिवजी का मंत्र है - || ॐ नमः शिवाय ||
- फिर पार्वतीजी के मंत्र का जप करना चाहिए - || ॐ शिवायै नमः ||
- फिर चंद्रमा का पूजन निम्न मंत्र से करना चाहिए - || ॐ सोमाय नमः ||
- इसके बाद अगर भगवान कार्तिकेय के मंत्र का जप भी कर ले तो पुरे शिव परिवार का आशीर्वाद प्रप्त्प होता है और जीवन में सुख शांति आने लगती है | भगवान कार्तिकेय का मंत्र है : || ॐ षण्मुखाय नमः ||
- इस प्रकार से पूजन करने से भगवन गणेश, माता पार्वती, शिवजी और चन्द्र देव की कृपा से वैवाहिक जीवन सुखी होता है |
करवा चौथ की आरती-
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।। ओम जय करवा मैया।
सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती। Karwachoth 2025
दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।
व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।। Karwachoth 2025
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
आइये अब जानते हैं कर्वाचोथ से जुड़ी कुछ मान्यताएं :
- कर्वाचोथ का व्रत सूर्योदय से सूर्यास्त तक रखा जाता है.
- इस व्रत में जल पीना मना रहता है अर्थात निर्जला उपवास किया जाता है.
- इस दिन अच्छा श्रृंगार करना चाहिए और आभूषण भी धारण करना चाहिए.
- अगर पत्नी बीमार हो या कमजोर हो तो पति भी ये व्रत कर सकते हैं. Karwachoth 2025
- कुछ विद्वानों का ये मानना है की ये व्रत शादी शुदा महिलाओं और जिन कन्याओं का विवाह पक्का हो चूका हो उनको ही करना चाहिए.
- इस दिन पीले और लाल वस्त्रो को धारण करना शुभ माना जाता है.
आइये जानते हैं अब करवा चौथ के ज्योतिषीय महत्तव को:
Karwachoth २०२5 Ka Mahatwa , करवा चौथ का महत्तव, कैसे करे करवा चौथ की पूजा, ज्योतिष और करवा चौथ hindi में .
जैसा की हम सभी जानते हैं की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का भारतीय ज्योतिष के हिसाब से बहुत अधिक महत्त्व है, चतुर्थी तिथि को अपने समस्याओं से मुक्ति हेतु पूजा पाठ करने की परंपरा रही है. ऐसी मान्यता है की अगर कोई हर महीने की चतुर्थी को हृदय से पूजा , प्रार्थना करे तो उसकी समस्याओं का समाधान अवश्य होता है. अतः साधारणतः भी चतुर्थी को लोग व्रत और पूजा- अर्चना करते हैं. Karwachoth 2025
करवा चौथ कार्तिक मास की कृष्णा पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है जिसके कारण इसका महत्त्व बहुत बढ़ जाता है. कार्तिक मास को साधना , पूजा पाठ के लिए बहुत शुभ माना जाता है अतः करवा चौथ को किया गया पूजन बहुत शुभ होता है.
- करवाचौथ को सूर्य अपने सम राशि कन्या में रहेंगे |
- चन्द्रमा अपने उच्च राशि वृषभ में रहेगे |
- मंगल अपने सम राशि तुला में रहेंगे |
- बुध अपने मित्र राशि तुला में रहेंगे |
- गुरु अपने शत्रु राशि मिथुन में रहेंगे | Karwachoth 2025
- शुक्र अपने नीच राशि कन्या में रहेंगे |
- शनि सम राशि मीन में रहेंगे |
- राहू अपने मित्र राशि कुम्भ में रहेंगे |
- केतु अपने शत्रु राशि सिंह में रहेंगे |
Story of karwachauth in hindi :
karwachauth की पहली कथा :
करवा चौथ के दिन पढ़ें यह व्रत कथा, मिलेगा अखंड सौभाग्य - Karva Chauth Katha Hindi
बहुत समय पहले की बात है, एक साहूकार के सात बेटे और एक कन्या थी | सभी सातों भाई अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे। यहां तक कि वे पहले उसे खाना खिलाते और बाद में स्वयं खाते थे। एक बार उनकी बहन ससुराल से मायके आई हुई थी।
शाम को भाई जब अपने काम से वापस लौटे तो देखा उनकी बहन बहुत व्याकुल थी। सभी भाई खाना खाने बैठे और अपनी बहन से भी खाने का आग्रह करने लगे, लेकिन बहन ने बताया कि उसका आज करवा चौथ का निर्जल व्रत है और वह खाना सिर्फ चंद्रमा को देखकर उसे अर्घ्य देकर ही खा सकती है। छोटे भाई को अपनी बहन का भूखा प्यासा रहना समझ नहीं आया अतः उसने एक बनावटी चाँद बना के दिखा दिया | बहन भी अर्घ्य देकर खाना खाने बैठ जाती है।Karwachoth 2025
वह पहला टुकड़ा मुंह में डालती है तो उसे छींक आ जाती है। दूसरा टुकड़ा डालती है तो उसमें बाल निकल आता है और जैसे ही तीसरा टुकड़ा मुंह में डालने की कोशिश करती है तो उसके पति की मृत्यु का समाचार उसे मिलता है। वह बौखला जाती है।
उसकी भाभी उसे सच्चाई से अवगत कराती है कि उसके साथ ऐसा क्यों हुआ। करवा चौथ का व्रत गलत तरीके से टूटने के कारण देवता उससे नाराज हो गए हैं और उन्होंने ऐसा किया है।
सच्चाई जानने के बाद करवा निश्चय करती है कि वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं होने देगी और अपने सतीत्व से उन्हें पुनर्जीवन दिलाकर रहेगी। वह पूरे एक साल तक अपने पति के शव के पास बैठी रहती है। उसकी देखभाल करती है। उसके ऊपर उगने वाली सूईनुमा घास को वह एकत्रित करती जाती है। Karwachoth 2025
एक साल बाद फिर करवा चौथ का दिन आता है। उसकी सभी भाभियां करवा चौथ का व्रत रखती हैं। जब भाभियां उससे आशीर्वाद लेने आती हैं तो वह प्रत्येक भाभी से यम सूई ले लो, पिय सूई दे दो, मुझे भी अपनी जैसी सुहागिन बना दो ऐसा आग्रह करती है, लेकिन हर बार भाभी उसे अगली भाभी से आग्रह करने का कह चली जाती है।
इस प्रकार जब छठे नंबर की भाभी आती है तो करवा उससे भी यही बात दोहराती है। यह भाभी उसे बताती है कि चूंकि सबसे छोटे भाई की वजह से उसका व्रत टूटा था अतः उसकी पत्नी में ही शक्ति है कि वह तुम्हारे पति को दोबारा जीवित कर सकती है, इसलिए जब वह आए तो तुम उसे पकड़ लेना और जब तक वह तुम्हारे पति को जिंदा न कर दे, उसे नहीं छोड़ना। ऐसा कह कर वह चली जाती है। Karwachoth 2025
सबसे अंत में छोटी भाभी आती है। करवा उनसे भी सुहागिन बनाने का आग्रह करती है, लेकिन वह टालमटोली करने लगती है। इसे देख करवा उन्हें जोर से पकड़ लेती है और अपने सुहाग को जिंदा करने के लिए कहती है। भाभी उससे छुड़ाने के लिए नोचती है, खसोटती है, लेकिन करवा नहीं छोड़ती है।
अंत में उसकी तपस्या को देख भाभी पसीज जाती है और अपनी छोटी अंगुली को चीरकर उसमें से अमृत उसके पति के मुंह में डाल देती है।
करवा का पति तुरंत श्रीगणेश-श्रीगणेश कहता हुआ उठ बैठता है। इस प्रकार प्रभु कृपा से उसकी छोटी भाभी के माध्यम से करवा को अपना सुहाग वापस मिल जाता है।
हे श्री गणेश- मां गौरी जिस प्रकार करवा को चिर सुहागन का वरदान आपसे मिला है, वैसा ही सब सुहागिनों को मिले।
karwachauth की दूसरी कथा : Karwachoth 2025
एक बार पांडु पुत्र अर्जुन तपस्या करने नीलगिरी नामक पर्वत पर गए। इधर द्रोपदी बहुत परेशान थीं। उनकी कोई खबर न मिलने पर उन्होंने कृष्ण भगवान का ध्यान किया और अपनी चिंता व्यक्त की।
कृष्ण भगवान ने कहा - बहना, इसी तरह का प्रश्न एक बार माता पार्वती ने शंकरजी से किया था। तब शंकरजी ने माता पार्वती को करवा चौथ का व्रत बतलाया। इस व्रत को करने से स्त्रियां अपने सुहाग की रक्षा हर आने वाले संकट से वैसे ही कर सकती हैं जैसे एक ब्राह्मण ने की थी।
प्राचीन काल में एक ब्राह्मण था। उसके चार लड़के एवं एक गुणवती लड़की थी। एक बार लड़की मायके में थी, तब करवा चौथ का व्रत पड़ा। उसने व्रत को विधिपूर्वक किया। पूरे दिन निर्जला रही। कुछ खाया-पीया नहीं, पर उसके चारों भाई परेशान थे कि बहन को प्यास लगी होगी, भूख लगी होगी, पर बहन चंद्रोदय के बाद ही जल ग्रहण करेगी। भाइयों से रहा नहीं गया, उन्होंने शाम होते ही बहन को बनावटी चंद्रोदय दिखा दिया। Karwachoth 2025
एक भाई पीपल की पेड़ पर छलनी लेकर चढ़ गया और दीपक जलाकर छलनी से रोशनी उत्पन्न कर दी। तभी दूसरे भाई ने नीचे से बहन को आवाज दी - देखो बहन, चंद्रमा निकल आया है, पूजन कर भोजन ग्रहण करो। बहन ने भोजन ग्रहण किया। भोजन ग्रहण करते ही उसके पति की मृत्यु हो गई।
अब वह दुखी हो विलाप करने लगी, तभी वहां से रानी इंद्राणी निकल रही थीं। उनसे उसका दुख न देखा गया। ब्राह्मण कन्या ने उनके पैर पकड़ लिए और अपने दुख का कारण पूछा, तब इंद्राणी ने बताया- तूने बिना चंद्र दर्शन किए करवा चौथ का व्रत तोड़ दिया इसलिए यह कष्ट मिला। अब तू वर्ष भर की चौथ का व्रत नियमपूर्वक करना तो तेरा पति जीवित हो जाएगा।
उसने इंद्राणी के कहे अनुसार चौथ व्रत किया तो पुनः सौभाग्यवती हो गई। इसलिए प्रत्येक स्त्री को अपने पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत करना चाहिए। Karwachoth 2025
द्रोपदी ने यह व्रत किया और अर्जुन सकुशल मनोवांछित फल प्राप्त कर वापस लौट आए। तभी से अपने अखंड सुहाग के लिए हिन्दू महिलाएं करवा चौथ व्रत करती आ रही हैं।
ज्योतिष संसार की तरफ से सभी को करवा चौथ की शुभ कामनाये
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