Kundli Ke Pahle Ghar Mai Shani Ka Fal, लग्न में शनि का प्रभाव, कुंडली के पहले भाव में शनि का फल, लग्न में शनि के उपाय, Saturn in 1st house. जन्म कुंडली में पहला घर जिसे की लग्न भी कहा जाता है बहुत महत्त्वपूर्ण होता है क्यूंकि इसका सम्बन्ध हमारे मस्तिष्क से होता है और इसीलिए हमारे निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है, लग्न में मौजूद ग्रह और राशि का बहुत गहरा प्रभाव जातक पर रहता है जीवन भर | Kundli Ke Pahle Ghar Mai Shani Ka Fal Read in English - Saturn in First House Impacts अब आइये जानते हैं शनि ग्रह के बारे में कुछ ख़ास बातें ज्योतिष के अनुसार : हमारे कर्मो के फल को देने वाले ग्रह हैं शनिदेव इसीलिए इन्हें न्याय के साथ जोड़ा जाता है | वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि का सम्बन्ध मेहनत, अनुशाशन, गंभीरता, जिम्मेदारी, स्वाभिमान, दुःख, अहंकार, देरी, भूमि, रोग आदि से होता है | शनि ग्रह मेष राशि में नीच के होते हैं और तुला राशि में उच्च के होते हैं | शनि ग्रह की मित्र राशियाँ हैं – वृषभ, मिथुन और कन्या| शनि ग्रह की शत्रु राशियाँ है – कर्क, सिंह और वृश्चिक| Watch Video Here शनि की दृष्
Karwachoth Kab hai 2023 mai, करवा चौथ का महत्तव, कैसे करे करवा चौथ की पूजा, ज्योतिष और करवा चौथ hindi में .
एक ऐसा दिन जिसका इन्तेजार पुरे साल भर किया जाता है ख़ास तौर पर विवाहित महिलाए इस दिन का इन्तेजार पुरे जोर शोर से करती है. इस दिन महिलाए व्रत रखती है अपने पति की लम्बी आयु के लिए और इसके लिए माता करवा की पूजा की जाती है.
भारत में कर्वाचोथ को बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है, इस दिन पतियों की पूजा की जाती है रात्री को जिसके कारण उनको भी इस दिन का इन्तेजार रहता है.
भारत में कर्वाचोथ को बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है, इस दिन पतियों की पूजा की जाती है रात्री को जिसके कारण उनको भी इस दिन का इन्तेजार रहता है.
2023 मे करवाचौथ 01 नवम्बर , बुधवार को है
करवा चौथ का महत्तव |
करवा चौथ शरद पूर्णिमा के 4 दिन बाद आता है और दीपावली से पहले भी आता है, इस दिन को महिलाए पूरे आनंद से मनाती है, खेलती है, मस्ती करती है, भजन करती है, पूजन करती है और सबसे ख़ास उनको अपने पतियों से उपहार भी प्राप्त होता है जिसका इन्तेजार वो करती है.
कर्वाचोथ कार्तिक महीने की शुरुआत में आता है जब हलकी हलकी गुलाबी ठण्ड भी दस्तक दे रही होती है. कार्तिक महिना अपने आप में एक पवित्र महिना माना जाता है जब साधनाओ को सफलतापूर्वक किया जा सकता है विभिन्न मनोकामनाओ को पूरा करने के लिए.
करवाचौथ के दिन महिलायें मेहंदी लगाती है, नए वस्त्र और विभिन्न प्रकार के आभूषण धारण करती है, इस दिन को मनाने के लिए कई दिन पहले से तैयारियां भी चलती है , बाजार भी खूब सजते हैं खरीदारी के लिए.
Read in English about when is KARWACHOTH in 2022?
आइये जानते हैं कुछ ख़ास बातें करवाचौथ के बारे में बिन्दुओं में:
- इस दिन विवाहित महिलाए व्रत रखती हैं और रात्रि को अपने पति की भी आरती और पूजा करती है अपने पति की अच्छी सेहत और लम्बी आयु के लिए.
- करवा चौथ के दिन माता करवा की पूजा होती है जो की वास्तव में माता पार्वती ही हैं जो की भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं.
- इस दिन बहुएं अपनी सास को भी उपहार स्वरुप कुछ देती है ऐसे भी परंपरा कई जगह देखने को मिलती है.
- कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार कर्वाचोथ का त्यौहार उस महिला करवा के नाम पर मनाया जाता है जिसने अपने पति के जीवन को पाने के लिए यमराज को भी विवश कर दिया था.
- करवा चौथ के दिन रात्रि को पति के हाथो से ही जल पी के अपना व्रत खोलती हैं.
- कर्वाचोथ है अपने संबंधो को वापस से ठीक करने का, गिले शिकवे मिटाने का और एक दुसरे के लिए प्रेम को व्यक्त करने का.
- महिलायें इस दिन करवे पर स्वस्तिक बनती है और उसमे, गंगाजल, गुलाब जल, दूध आदि डालके रखती है.
- इस दिन पुरे शिव परिवार की पूजा करना अच्छा माना जाता है, कुछ लोग श्री कृष्ण की पूजा भी साथ में करते हैं.
- रात्रि को चन्द्रमा के उदय होने के बाद करवा माता की पूजा होती है फिर महिलाए छलनी से चन्द्रमा के दर्शन करती है और फिर अपने पति को देखती है.
- महिलाए करवामाता की कथाये भी सुनती है.
- पूजन के बाद बड़ो का और पति का आशीर्वाद लेना चाहिए.
- पति के भोजन के बाद भोजन करना शुभ माना जाता है.
आइये अब जानते हैं कर्वाचोथ से जुड़ी कुछ मान्यताएं :
- कर्वाचोथ का व्रत सूर्योदय से सूर्यास्त तक रखा जाता है.
- इस व्रत में जल पीना मना रहता है अर्थात निर्जला उपवास किया जाता है.
- इस दिन अच्छा श्रृंगार करना चाहिए और आभूषण भी धारण करना चाहिए.
- अगर पत्नी बीमार हो या कमजोर हो तो पति भी ये व्रत कर सकते हैं.
- कुछ विद्वानों का ये मानना है की ये व्रत शादी शुदा महिलाओं और जिन कन्याओं का विवाह पक्का हो चूका हो उनको ही करना चाहिए.
- इस दिन पीले और लाल वस्त्रो को धारण करना शुभ माना जाता है.
आइये जानते हैं अब करवा चौथ के ज्योतिषीय महत्तव को:
Karwachoth Ka Mahatwa , करवा चौथ का महत्तव, कैसे करे करवा चौथ की पूजा, ज्योतिष और करवा चौथ hindi में .
जैसा की हम सभी जानते हैं की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का भारतीय ज्योतिष के हिसाब से बहुत अधिक महत्त्व है, चतुर्थी तिथि को अपने समस्याओं से मुक्ति हेतु पूजा पाठ करने की परंपरा रही है. ऐसी मान्यता है की अगर कोई हर महीने की चतुर्थी को हृदय से पूजा , प्रार्थना करे तो उसकी समस्याओं का समाधान अवश्य होता है. अतः साधारणतः भी चतुर्थी को लोग व्रत और पूजा- अर्चना करते हैं.
करवा चौथ भी कार्तिक मास की कृष्णा पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है जिसके कारण इसका महत्त्व बहुत बढ़ जाता है. कार्तिक मास को साधना , पूजा पाठ के लिए बहुत शुभ माना जाता है अतः करवा चौथ को किया गया पूजन बहुत शुभ होता है.
- करवाचौथ को सूर्य अपने नीच राशि तुला में रहेंगे |
- चन्द्रमा अपने उच्च राशि वृषभ में रहेगे |
- मंगल अपने सम राशि तुला में रहेंगे |
- बुध अपने मित्र राशि तुला में रहेंगे |
- गुरु अपने मित्र राशि मेष में रहेंगे |
- शुक्र अपने शत्रु राशि सिंह में रहेंगे |
- शनि स्व राशि कुम्भ में रहेंगे |
- राहू अपने मित्र राशि मीन में रहेंगे |
- केतु अपने मित्र राशि कन्या में रहेंगे |
ज्योतिष संसार की तरफ से सभी को करवा चौथ की शुभ कामनाये
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