Vakri Guru Ka 12 Rashiyo Par Kya Prabhav Hoga, गुरु वक्री कब होंगे 2025, वक्री गुरु का 12 राशियों पर क्या प्रभाव होगा, किन लोगो की किस्मत चमकेगी, किन लोगो को विशेष ध्यान रखने की जरुरत होगी, जानिए राशिफल | Vakri Guru 2025: ज्योतिष में गुरु ग्रह का बहुत अधिक महत्त्व होता है क्यूंकि इनका सम्बन्ध ओज, भाग्य, संतान, धर्म, ज्ञान, शिक्षा, अहंकार, मान-सम्मान, सुख -समृद्धि, विवाह, पाचन शक्ति आदि से होता है | गुरु 11 नवंबर 2025 को कर्क राशि में वक्री होंगे। वे 11 मार्च 2026 तक वक्री अवस्था में रहेंगे. 11 नवंबर 2025 को, ज्ञान, विस्तार और भाग्य का ग्रह बृहस्पति (गुरु) वैदिक ज्योतिष में अपनी उच्च राशि कर्क में वक्री होगा। इस गोचर का सभी 12 राशियों पर गहरा कर्मिक और भावनात्मक प्रभाव पड़ेगा। वक्री बृहस्पति अक्सर आत्मनिरीक्षण, विकास में देरी और चिंतन को बढाता है । Vakri Guru Ka 12 Rashiyo Par Kya Prabhav Hoga आइये जानते हैं की 12 राशियों पर वक्री गुरु का क्या प्रभाव होगा ? मेष राशिफल : सकारात्मक: चौथे भाव में बृहस्पति का वक्री होना आंतरिक शांति, पारिवारिक बंधन और संपत्ति से संबं...
ग्रहण दोष निवारण पूजा | कुंडली में ग्रहण योग का समाधान | जानिए कुछ आसान उपाय ग्रहण योग के प्रभाव को कम करने के
ग्रहण दोष निवारण पूजा बहुत जरुरी है उन पुरुष और महिलाओं के लिए जो इसके प्रभाव से ग्रस्त है. इस पूजा द्वारा ग्रहण दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन को सरल बनाया जा सकता है.
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| Grahan Shanti Pooja In Hindi |
- अगर कोई ग्रहण योग के कारण पढ़ाई नहीं कर पा रहा है तो ग्रहण दोष निवारण पूजा करनी चाहिए.
- अगर किसी के शादी में देरी हो रही है ग्रहण योग के कारण तो ये पूजा करनी चाहिए.
- अगर किसी को स्वास्थ्य हानि हो रही है लगातार ग्रहण योग के कारण तो भी ये पूजा करनी चाहिए.
- अगर कोई बचत नहीं कर पा रहा है और सम्पन्नता से वंचित है ग्रहण योग के कारण तो भी शांति पूजा से लाभ हो सकता है.
- अगर रोजगार में बाधा आ रही है तो भी इस पूजा से लाभ उठाया जा सकता है.
- अगर किसी को संतान होने में समस्या आ रही है ग्रहण दोष के कारण तो भी इस पूजा से लाभ लिया जा सकता है.
ग्रहण योग क्या होता है ?
मेरे पिछले लेख में इस विषय में जानकारी दी है अतः “ग्रहण योग क्या है"इस लेख को पढ़े.
जब भी राहू और केतु के साथ कोई ग्रह किसी भाव में बैठ जाए तो ग्रहण योग का निर्माण हो जाता है. इसके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए लगातार पूजा करते रहना चाहिए.
इसके कारण समाज में नाम, ख्याति, सफलता प्राप्त करने में परेशानी आती है.
आइये जानते हैं किस प्रकार की पूजाएँ की जाती है ग्रहण योग की शांति के लिए ?
चूँकि राहू और केतु के कारण ये योग बनता है तो बहुत से लोग इन्ही दो ग्रहों की पूजाए कर लेते है परन्तु ये तरीका ठीक नहीं है. कौन सी पूजाए करनी चाहिए , इसका निर्णय करने के लिए कुंडली को देखना जरुरी होता है और जिस ग्रह के कारण परेशानी आ रही है उससे सम्बंधित उपाय करने होते हैं.
आइये जानते हैं कुछ फ्री समाधान ग्रहण योग के जो आसानी से किया जा सकता है :
- अगर आप चन्द्रग्रहण योग से ग्रस्त है तो रोज शिव मंदिर में पूजा करने का नियम बना ले. रोज अभिषेक करके शिव मन्त्र का जप करना लाभदायक होता है.
- अगर आप सूर्य ग्रहण दोष से ग्रस्त है तो रोज सूर्य को अर्ध्य देके अपने सफल जीवन के लिए प्रार्थना करे.
- अगर आप गुरु ग्रहण योग से ग्रस्त है तो ब्राह्मणों और गुरुजनों का आशीर्वाद लेना न भूले समय समय पर.
- गणेशजी की पूजा भी ऐसे में लाभ देती है.
- शांति पूजा के बाद कवच भी मंगवा के आप धारण कर सकते हैं.
- कुंडली दिखवा के भाग्यशाली रत्न भी धारण किया जा सकता है.
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| jyotish dwara grahan yog ka samadhan |
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