Surya ka kark rashi mai gochar kab hoga 2025, सूर्य का गोचर कर्क राशि में, क्या असर होगा 12 राशियों पर, Rashifal in Hindi Jyotish. Surya Ka kark Rashi Mai Gochar: वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह एक बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह है क्योंकि इसके राशि परिवर्तन से मौसम में, लोगों के जीवन में, राजनीति में बड़े बदलाव होने लगते हैं। सूर्य हर महीने राशि बदलता है और उसके अनुसार हमारे जीवन में भी बदलाव होते रहते हैं। सूर्य 16 जुलाई, 2025 को भारतीय समय के अनुसार शाम में लगभग 05:16 बजे कर्क राशि में गोचर करेंगे । यहाँ ये 17 अगस्त 2025 तक रहेंगे | कर्क राशी में सूर्य सम के हो जाते हैं | कर्क राशि वालों के लिए यह गोचर महत्वपूर्ण है। इस समय के दौरान, कर्क राशि के लोग अधिक भावुक और सहज महसूस कर सकते हैं, और वे अपने आप के साथ अधिक संपर्क में रह सकते हैं। वे दूसरों का अधिक पोषण करने वाले और देखभाल करने वाले भी हो सकते हैं। यह गोचर अन्य राशियों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि सूर्य एक शक्तिशाली ग्रह है जो सकारात्मक ऊर्जा और अवसर लाने में मदद करता है। Surya Ka ...
हम ये अक्सर देखते हैं की लोग किसी न किसी प्रकार के रत्न की अंगूठी या पेंडेंट धारण करते हैं और इसके पीछे उनका विश्वास है की ये ऊर्जा के स्त्रोत होते हैं और भाग्य को भी जगा देते हैं. ये रत्न महंगे भी होते हैं साथ ही दशको से प्रयोग किये जा रहे हैं. ये सिर्फ हमारे शारीर का सजाने के ही काम नहीं आते अपितु इनको पहनना समाज में भी एक अलग पहचान दिलाता है. हमे रत्नों के शक्ति के पीछे के रहस्य को जानना चाहिए. क्यों रत्न पुरे दुनिया में प्रचलित हैं और क्यों लोग रत्न पहनने के पीछे दीवाने हैं.
रत्नों का प्रयोग ज्योतिष में उपायों के लिए भी बहुत प्रयोग किया जाता है. साधारणतः 9 रत्न प्रचलित हैं और ये हैं माणिक्य, मोती, मूंगा, पन्ना, पुखराज, हीरा, नीलम, गोमेद और लहसुनिया और ये 9 ग्रहों से सम्बन्ध रखते हैं और वो है सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहू और केतु.
इनके अलावा ये रत्न 12 राशियों से भी सम्बन्ध रखते हैं और वो हैं मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला वृश्चिक, धनु , मकर, कुम्भ मीन.
शोध के अनुसार पाया गया है की हर रत्न में विशेष प्रकार के किरणों को सोखने के शक्ति होती है और यही नहीं रत्न उर्जा सोख के उसे संचारित भी करते हैं. जो भी रत्नों को धारण करता है उसे इसका लाभ मिलता है. इसका ये मतलब कतई नहीं है की किसी को भी कोई भी रत्न धारण कर लेना चाहिए. इसे धारण करने से पहले अच्छे ज्योतिष से सलाह जरुर ले लेना चाहिए. ये संभव है की बिना सही मार्गदर्शन के रत्न धारण करने से विभिन्न प्रकार के समस्याओं को हम निमंत्रण दे जैसे रोग, दुर्घटना, दुर्भाग्य आदि.
रत्नों को धारण के पीछे भी वैज्ञानिक कारण होते हैं जिसे हम आसानी से समझ सकते हैं. ज्योतिष के हिसाब से हर ग्रह में एक विशेष प्रकार की शक्ति होती है और हर व्यक्ति के अन्दर विभिन्न प्रकार की उर्जा मौजूद होती है. कभी किसी विशेष प्रकार की उर्जा के अभाव में व्यक्ति को किसी विशेष प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. अगर उस उर्जा को किसी प्रकार से शारीर में बढ़ा लिया जाए तो सफलता मिल सकती है, समस्या का समाधान हो सकता है.
जिस प्रकार किसी विशेष विटामिन की कमी शारीर में होने से डॉक्टर हमे सप्लीमेंट देते हैं और शारीर फिर से शक्तिवान हो जाता है उसी प्रकार रत्न भी हमे शक्ति देते हैं.
रत्न उर्जा ट्रांसमीटर की तरह से कार्य करते हैं परन्तु इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की उर्जा अधिक मात्र में न ले लें अन्यथा हानि हो सकती है. उदाहरण के लिए कई बार हमने सुना है की किसी व्यक्ति को रत्न पहनने के बाद नुक्सान हो गया , किसी को घबराहट होने लग गई, किसी की दुर्घटना हो गई आदि. इससे ये भी पता चलता है की रत्नों में शक्ति तो होती है बस उसे सही तरीके से प्रयोग करना आना चाहिए. और यही ज्योतिष का महत्तव समझ आता है. एक अच्छा और अनुभवी ज्योतिष ही हमे बता सकता है की कौन सा रत्न हमारे लिए श्रेष्ठ है, उत्तम है और इसके लिए कुंडली का अध्ययन किया जाता है.
ऐसे भी लोग है जो सिर्फ शौक के तौर पर रत्न धारण कर लेते हैं, कुछ लोग सिर्फ किताब पढ़के रत्न धारण कर लेते हैं, कुछ सिर्फ जन्म तारीख से रत्न धारण कर लेते हैं, कुछ नाम के हिसाब से रत्न धारण कर लेते हैं, ये सब ठीक नहीं होता है. बिना ग्रहों की स्थिति को जाने रत्नों का निर्णय सही तरीके से नहीं किया जा सकता है. कुंडली में सभी पहलुओ को ध्यान में रखके ही रत्नों को धारण किया जाता है. कई बार मैंने ये भी देखा है की किसी व्यक्ति को कोई भी रत्न धारण करने की जरुरत नहीं होती है.
Ratn kaise kaam karte hain, रत्नों के शक्ति का रहस्य, राशी और रत्न.
मेरे अनुभव में ऐसी कई कुंडलियाँ आई है जिनको देखके मैंने उन्हें रत्न धारण करने से मन कर दिया. साधारणतः लोग रत्नों के शुभ और अशुभ परिणामो से परिचित नहीं होते हैं और इसी कारण ज्योतिष से सलाह लेना अच्छा माना जाता है.
मेरे पास ऐसे फ़ोन आते रहते हैं जिसमे लोग सीधे ही पूछते हैं की हम तो शुक्र की शक्ति बढ़ाना चाहते हैं- हीरा पहन ले, हम मंगल की शक्ति बढ़ाना चाहते हैं – मूंगा पहन ले. मेरा सभी से यही निवेदन रहता है की पहले अपनी जन्म की जानकारी भेजा करे जिससे की उसका अध्ययन कर ले फिर ही सही सलाह दे सकते हैं.
ज्योतिष को उनका काम करने देना चाहिए, अपने मन से कुछ भी धारण नहीं कर लेना चाहिए.
आगे के लेखो में हम जानेंगे की कैसे जाने रत्नों की गुणवत्ता, कैसे धारण करे रत्न, कैसे करें रत्नों की सुरक्षा, क्यों जरुरी है रत्नों को उर्जित करना आदि. पढ़ते रहिये ज्योतिष संसार में लेख.
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