vivah kab hoga, vivah bhavishyawani in hindi, shaadi samasya samadhaan
विवाह जीवन का एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव है, ये वो समय होता है जब व्यक्ति गृहस्थ आश्रम मे प्रवेश करता है और किसी और की जिम्मेदारियों को भी उठाने के लिए कदम आगे बढ़ाता है. इस लेख मे हम जानेंगे कुंडली मे विवाह योग के बारे मे, हम जानेंगे कब होगा विवाह, हम जानेंगे विवाह समय के बारे मे.
विवाह जीवन का एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव है, ये वो समय होता है जब व्यक्ति गृहस्थ आश्रम मे प्रवेश करता है और किसी और की जिम्मेदारियों को भी उठाने के लिए कदम आगे बढ़ाता है. इस लेख मे हम जानेंगे कुंडली मे विवाह योग के बारे मे, हम जानेंगे कब होगा विवाह, हम जानेंगे विवाह समय के बारे मे.
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vivah jyotish in hindi |
अगर कोई ये जानने का इच्छुक हो की कब होगा विवाह, अगर कोई दुबारा शादी करना चाहते हो, अगर कोई जीवन साथी को पाने के लिए इच्छुक हो तो इस लेख मे बहुत कुछ मिलेगा. हालांकि अपनी कुंडली को खुद ही देख लेना इतना भी आसान नहीं होता है अतः किसी अच्छे ज्योतिष से भी परामर्श जरुर लेना चाहिए.
अगर शादी मे देर हो रही हो, अगर कोई साथी जीवन मे नहीं आ रहा है, अगर तलाक के बाद कोई फिर से विवाह करना चाहते हो, तो चिंता न करे, “हर चीज का एक समय होता है”. और ये भी हो सकता हो की कुंडली मे कोई ख़राब योग हो जिससे की समस्या उत्पन्न हो रही हो ऐसे मे ज्योतिष से सहायता लेनी चाहिए.
ये लेख मे ये कोशिश रहेगी की विवाह से सम्बंधित विषयों को समझाया जा सके जैसे –
- शादी मे देरी के क्या कारण हो सकते है ?
- जल्द शादी के क्या कारण हो सकते हैं ?
- मेरी शादी कब होगी ?
- क्या कुंडली मे दूसरी शादी के योग हैं ?
- विवाह से सम्बंधित बाधाओं को दूर करने के उपाय क्या हो सकते हैं ?
वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत कुंडली का अध्ययन किया जाता है प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए. अगर कोई सहि जन्म तारीख, सही जन्म स्थान, सही जन्म समय दे तो जीवन से सम्बंधित बहुत सी बातो को जाना जा सकता है.
आइये अब जानते है विवाह से सम्बंधित भाव को कुंडली मे :
कुंडली मे १२ भाव होते हैं परन्तु उनमे से सातवाँ घर विवाह सम्बंधित बातो के लिए जाना जाता है. अगर ये भाव अच्छा हो तो व्यक्ति को विवाह सम्बंधित परेशानी नहीं आती और वो सुखी जीवन अपने साथी के साथ व्यतीत करता है.
विवाह भाव के दूषित होने से शादी मे बाधा, शादी मे देरी , असंतुष्टि, तलाक आदि के योग बनते हैं.
परन्तु रुकिए ! किसी भी निर्णय पर पहुचने से पहले और भी सम्बंधित ग्रहों को और स्थितियों को देखना चाहिए जैसे शुक्र की स्थिति, विवाह भाव के स्वामी की स्थिति आदि.
विवाह भाव के दूषित होने से शादी मे बाधा, शादी मे देरी , असंतुष्टि, तलाक आदि के योग बनते हैं.
परन्तु रुकिए ! किसी भी निर्णय पर पहुचने से पहले और भी सम्बंधित ग्रहों को और स्थितियों को देखना चाहिए जैसे शुक्र की स्थिति, विवाह भाव के स्वामी की स्थिति आदि.
आइये अब जानते है की चौथे घर का सातवे घर के साथ क्या सम्बन्ध है ?
कुंडली का चौथा घर भी बहुत महत्त्वपूर्ण है क्यूंकि ये सुख भाव है और इसिलिये सातवे घर से इसका बहुत निकट सम्बन्ध है. अगर सुख भाव मे समस्या है तो भी व्यक्ति सुखी जीवन जीवन साथी के साथ नहीं बिता सकता है.
विवाह मे असंतोष का कारण :
अगर कुंडली का सातवां घर कमजोर हो या फिर शत्रु ग्रह या नीच ग्रह से पीड़ित हो तो बहुत हद तक ये संभव है की व्यक्ति को वैवाहिक जीवन मे असंतोष हो, तलाक का वातावरण बने आदि.
इसके अलावा मांगलिक लोगो को भी वैवाहिक जीवन मे परेशानी होती है, इसिलिये मांगलिक को मांगलिक जीवन साथी से विवाह करने की सलाह दी जाती है.
इसके अलावा मांगलिक लोगो को भी वैवाहिक जीवन मे परेशानी होती है, इसिलिये मांगलिक को मांगलिक जीवन साथी से विवाह करने की सलाह दी जाती है.
विवाह का समय कब होता है ?
शादी के समय को जानने के लिए महादशा, अन्तर्दशा, प्रत्यांतार्दशा, गोचर आदि का अध्ययन किया जाता है, कुछ लोगो का विवाह सातवे घर के ग्रह की महादशा या अन्तर्दशा मे हो जाता है, कुछ का विवाह विवाह भाव के राशी के स्वामी के दशा मे होता है, कुछ का गुरु और शुक्र की महादशा मे होता है, कुछ लोगो का विवाह चन्द्रमा की दशा मे भी होता है अतः कोन सा समय सही हो सकता है, इसका कारण सभी के कुंडली मे अलग हो सकता है. अतः ज्योतिष से सलाह लेना चाहिए. और पढ़िए जीवन साथी कैसा होगा ?
प्रेम विवाह के सफल होने की संभावनाएं :
प्रेम विवाह सभी का सपना होता है पर सभी इसमे सफल नहीं हो पाते हैं. प्रेम विवाह मे सफलता का पता करने के लिए जोड़ी-मिलान करवाना चाहिए. इसके अंतर्गत लड़का और लड़की की कुंडली को मिलाया जाता है और जाना जाता है की दोनों एक दुसरे के लिए सही है की नहीं.
चौथे, पांचवे और सातवे घर का अध्ययन भी बारीकी से किया जाता है फिर कोई निर्णय लिया जाता है. और यही नहीं ! इनके अलावा भी और भी कारणों को देखा जा सकता है.
चौथे, पांचवे और सातवे घर का अध्ययन भी बारीकी से किया जाता है फिर कोई निर्णय लिया जाता है. और यही नहीं ! इनके अलावा भी और भी कारणों को देखा जा सकता है.
दुबारा विवाह की संभावनाएं:
ऐसे बहुत से लोग है जो की तलाक के बाद दुबारा विवाह करना चाहते हैं या फिर साथी के देहांत के बाद दूसरा विवाह करना चाहते हैं ताकि जीवन को सरलता से जिया जा सके.
यहाँ ये बताना चाहेंगे की अगर वैवाहिक जीवन मे परेशानी है तो ये तो निश्चित है की सातवे भाव मे कोई परेशानी है परन्तु ये जरुरी नहीं की ये जीवन भर रहेगा.
कई बार महादशा, अन्तर्दशा आदि के बदलने से जीवन बदल जाता है. अतः ये संभव है की दुबारा विवाह हो और अच्छा जीवन जिया जा सके. कई बार कुछ पूजाओ , दान आदि को करके भी समस्याओं को कम किया जा सकता है.
अच्छा और सफल जीवन जीने के लिए ये जरुरी है की हम सकारात्मक सोच रखे और अच्छे के लिए खोज करते रहे.
अतः ज्योतिष से सलाह लेके जाने की कोन सा कारण जीवन मे समस्या उत्पन्न कर रहा है और उसके हल क्या हो सकते हैं.
यहाँ ये बताना चाहेंगे की अगर वैवाहिक जीवन मे परेशानी है तो ये तो निश्चित है की सातवे भाव मे कोई परेशानी है परन्तु ये जरुरी नहीं की ये जीवन भर रहेगा.
कई बार महादशा, अन्तर्दशा आदि के बदलने से जीवन बदल जाता है. अतः ये संभव है की दुबारा विवाह हो और अच्छा जीवन जिया जा सके. कई बार कुछ पूजाओ , दान आदि को करके भी समस्याओं को कम किया जा सकता है.
अच्छा और सफल जीवन जीने के लिए ये जरुरी है की हम सकारात्मक सोच रखे और अच्छे के लिए खोज करते रहे.
अतः ज्योतिष से सलाह लेके जाने की कोन सा कारण जीवन मे समस्या उत्पन्न कर रहा है और उसके हल क्या हो सकते हैं.
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सर जी मेरी शादी कब तक होगी मेरी जन्मतिथि है 23जुलाई1990।।
जवाब देंहटाएंkripya contact us page par jaaye aur nirdesho ke hisab se details email kariye taki aapko sahi margdarshan diya jaa sake--http://www.jyotishsansar.com/p/contact-us.html
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