Vivah samasya ka samadhan maa katyaayni ki pooja se, जानिए माँ कात्यायनी की पूजा से क्या क्या लाभ मिल सकता है ?|
माता की पूजा गोपियों ने भी की थी भगवन कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए और तभी से कुंवारी कन्याएं अपनी मनपसंद साथी को प्राप्त करने के लिए माता की पूजा करती आ रही है |
या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
अर्थ : सर्वत्र विराजमान माँ कात्यायनी के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूं।
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Vivah samasya ka samadhan kaatyaayni pooja se |
Read in english about Marriage problem solutions By worshipping goddess KATYAAYNI.
अनुक्रमणिका:
- कुछ ख़ास बाते माँ कात्यायनी की पूजा से सम्बंधित
- माँ कात्यायनी का ध्यान कैसे करें
- माँ कात्यायनी की पूजा से क्या क्या लाभ मिलता है ?
- ज्योतिष अनुसार कब आती है विवाह में बाधाएं ?
- माँ कात्यायनी मंत्र
हिन्दू शाश्त्रो के अनुसार नवरात्री में विशेषकर छ्टे दिन माँ कात्यायनी की पूजा होती है | परन्तु जिनका विवाह नहीं हो रहा हैं या बहुत अड़चने आ रही है वे माता कात्यायनी की पूजा रोज करती है |
माँ की पूजा से जीवन की परेशानियां समाप्त होती है, शत्रु परस्त होते हैं, ग्रह बढायें समाप्त होती है और हम सुखी जीवन व्यतित कर पाते हैं |
आइये जानते हैं कुछ ख़ास बाते माँ कात्यायनी की पूजा से सम्बंधित :
- इनकी पूजा गोधुली बेला में करना अच्छा माना जाता है |
- इनका ध्यान आज्ञा चक्र में करना चाहिए |
- महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की। इसी कारण से यह कात्यायनी कहलाईं।
- माँ ने ही महिशासुर का वध किया था |
- ब्रज में गोपियों ने माँ कात्यायनी का ही पूजन किया था भगवान कृष्ण को पतिरूप में पाने के लिए कालिन्दी-यमुना के तट पर।
- माँ कात्यायनी ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं आज भी ।
माँ कात्यायनी का ध्यान कैसे करें :
- माँ की अभा सोने जैसी है|
- माता की 4 भुजाएं है जिसमे की दाहिनी तरफ का ऊपरवाला हाथ अभयमुद्रा में तथा नीचे वाला वरमुद्रा में रहता है। बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है।
- माँ कात्यायनी का वाहन शेर है।
- लाल रंग और शहद माँ को अत्यंत प्रिय है |
आइये जानते हैं माँ कात्यायनी की पूजा से क्या क्या लाभ मिलता है ?
- जो लोग भी धर्म, अर्थ काम और मोक्ष की कामना रखते हैं उन्हें नित्य माता की आराधना करना चैये, इनका ध्यान करना चाहिए |
- माता के आशीर्वाद से भक्त को भौतिक और अध्यात्मिक सफलता प्राप्त होती है इसमें कोई शक नहीं |
- अगर गंभीर रोगों से परेशां है तो भी माता की आराधना से रोगों का नाश होता है |
- जो लोग नित्य माता का ध्यान करते हैं, भक्ति करते हैं उनके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश होता है |
- जिन लडकियों को विवाह में परेशानी आ रही है, शादी में देरी हो रही है, मनपसंद वर नहीं मिल रहा है उन्हें माँ कात्यायनी की पूजा नित्य करनी चाहिए |
- जो लोग शत्रुओ से परेशान है उन्हें भी माँ कात्यायनी का पूजन करना चाहिए क्यूंकि माँ को शत्रु हन्ता भी कहते हैं | जैसे इन्होने महिशाशुर का वध किया था वैसे ही ये शत्रुओ को भी परास्त करने की शक्ति भक्तो को देती है |
- अगर कोई काले जादू या नजर दोष या फिर बुरी शक्तियों से परेशां है तो वे भी माता कात्यायनी का पूजन कर के जीवन को बाधामुक्त कर सकते हैं |
ज्योतिष अनुसार कब आती है विवाह में बाधाएं ?
- जब कुंडली में मौजूद विवाह भाव अर्थात सप्तम भाव दूषित हो तब जातक को विवाह में समस्या आती है |
- अगर सप्तम भाव पर किसी ख़राब ग्रह की दृष्टि हो तो भी शादी में देरी होती है या फिर शादी के बाद जीवन में परेशानी आती है |
- अगर कुंडली में मंगल दोष हो तो भी शादी में देरी होती है या फिर बढायें आती है |
- अगर विवाह भाव का स्वामी कमजोर हो तो भी शादी में अड़चने आती है या फिर वैवाहिक जीवन सुखी नहीं रहता |
- ऐसे में माँ कात्यायनी का पूजन अत्यंत ही लाभदायक होता है, माँ के आशीर्वाद से बाधाओं का नाश होता है और सफलता प्राप्त होती है |
माँ कात्यायनी मंत्र :
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
या फिर
चन्द्रहासोज्जवलकरा शार्दूलावरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्यादेवी दानव घातिनी॥
अगर आपके जीवन में समस्याएं आ रही हैं तो अपनी कुंडली दिखवाने के लिए संपर्क करे ज्योतिष मार्गदर्शन के लिए |
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