Pitra Moksha Amavasya 2025 Date, पितृ मोक्ष अमावस्या का महत्तव, क्या है सर्वपितर अमावस्या, कैसे प्राप्त करे पितरों की कृपा, श्राद्ध अमवस्या की तारीख क्या है 2025 में . Pitra Moksha Amavasya 2025: हर साल हिन्दू लोग 16 दिन तक विशेष पूजा पाठ करते हैं अपने पितरो की कृपा प्राप्त करने के लिए, ये सोलह दिन श्राद्ध पक्ष कहलाते हैं, पितर पक्ष कहलाते हैं , कुछ जगह पर इसे महालय भी कहते हैं. भारतीय संतो ने ये दिन निकाले थे जिससे की लोग अपने जीवन को सुखमय कर सके और अपने साथ साथ अपने पूर्वजो का कल्याण भी कर सके. पितृ पक्ष की समाप्ति पितृ मोक्ष अमावस्या के साथ होती है. सन 2025 में 21 September को श्राद्ध अमवस्या का दिन होगा | पितृ मोक्ष अमावस्या वास्तव में ये हमारा कर्त्तव्य है की हम अपने पूर्वजो को पितरो को समय समय पर याद करे और उनकी कृपा के लिए उनका धन्यवाद दे. क्यूंकि हम इस सुन्दर धरती पर अगर है तो उनके कारण. हिन्दू शाश्त्रो में पितरो को पूजने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं जिससे की लोग सुखी और संपन्न जीवन जी सके. हिन्दू पंचांग के हिसाब से आश्विन माह में ये सोलह दिन आते हैं जब...
देव शयनी एकादशी कब है 2025 में , पद्मा एकादशी , हरी शयनी एकादशी किसको कहते है, क्या करे देव शयनी एकादशी को सफलता के लिए, जानिए ग्रहों की स्थिति .
ऐसी भी मान्यता है की देव शयनी एकादशी के बाद विवाह महुरत नहीं होते हैं. इस दिन से अगले ४ महीने सिर्फ साधना के लिए महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं. मौसम भी अनुकूल हो जाता है.
तो देव शयनी एकादशी का लाभ उठाये.
देव शयनी एकादशी कब है 2025 में , पद्मा एकादशी , हरी शयनी एकादशी किसको कहते है, क्या करे देव शयनी एकादशी को सफलता के लिए, जानिए ग्रहों की स्थिति, Devshayani Ekadashi 2025 .
Devshayani Ekadashi 2025:
अषाढ़ शुक्ल पक्ष का ग्यारहवां दिन बहुत ख़ास होता है भारत मे विशेषतः क्यूंकि मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान् विष्णु क्षीर सागर मे सोने के लिए चले जाते हैं. अलग अलग प्रान्तों मे अषाढ़ मास के ग्यारस को अलग लग नामो से जाना जाता है जैसे पद्मा एकादशी, प्रथमा एकादशी, हरी शयनी एकादशी आदि.
इस पुरे दिन और रात भक्त गण भगवान् विष्णु की पूजा और आराधना मे लगे रहते हैं. इसी दिन चातुर्मास की शुरुआत भी होती है अर्थात इस दिन से ४ महीने तक साधू संत विशेष पूजा आराधना करते हैं और कहीं जाते आते भी नहीं है.
वर्ष 2025 मे हरी शयनी एकादशी 6 जुलाई को है|
मान्यता के अनुसार पद्मा एकादशी की शुरुआत राजा मानदाता से जुडी है. इन्होने अंगीरा ऋषि के कहने से अषाढ़ मास के ग्यारस को व्रत और विशेष पूजा की जिससे की इनके राज्य मे वर्षा हुई और सम्पन्नता आई. तभी से लोग भी इस दिन को मनाने लगे. Devshayani Ekadashi 2025
पढ़िए विष्णु स्त्रोत्रम के फायदे
आइये जानते हैं की 6 july को ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी?
- सूर्य अपने सम राशि मिथुन में रहेंगे.
- चंद्रमा अपने सम राशि तुला में रहेंगे.
- मंगल अपने मित्र राशि सिंह में रहेंगे.
- बुध अपने शत्रु राशि कर्क में रहेंगे.
- गुरु अपने शत्रु राशि मिथुन में रहेंगे.
- शुक्र स्व राशि वृषभ में रहेंगे.
- शनि सम राशि मीन में रहेंगे.
- राहू अपने मित्र राशि कुम्भ में रहेंगे.
- केतु अपने शत्रु राशि सिंह में रहेंगे. Devshayani Ekadashi 2025
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
आइये जानते है क्या करे देव शयनी एकादशी को अच्छे जीवन के लिए :
देव शयनी एकादशी का महत्त्व, पद्मा एकादशी , हरी शयनी एकादशी किसको कहते है, क्या करे देव शयनी एकादशी को सफलता के लिए.- प्रातः काल ब्रह्म महुरत मे उठ कर अपने नित्य कर्म से मुक्त होके घर के मंदिर मे विष्णुजी के सामने संकल्प ले की आज पुरे दिन और रात आप उपवास करेंगे सभी के सुख के लिए या परिवार के भलाई के लिए.
- अगर कोई बीमार है या व्रत नहीं कर सकते तो नहीं करना चाहिए.
- इस दिन आप भगवान् विष्णु का अभिषेक कर सकते है, पूजा कर सकते हैं.
- उनके १००८ मंत्रो का जप भी कर सकते हैं.
- उनके सबसे प्रचलित मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जप भी बहुत शुभ रहता है.
- विष्णु सहस्त्रनाम का जाप कर सकते हैं |
- भगवान् विष्णु को भोग लगाए और लोगो मे प्रसाद बांटे.
- सभी के शुभता के लिए प्रार्थना करे. Devshayani Ekadashi 2025
तो देव शयनी एकादशी का लाभ उठाये.
देव शयनी एकादशी कब है 2025 में , पद्मा एकादशी , हरी शयनी एकादशी किसको कहते है, क्या करे देव शयनी एकादशी को सफलता के लिए, जानिए ग्रहों की स्थिति, Devshayani Ekadashi 2025 .
Comments
Post a Comment