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Deepawali Ki Pooja Kab Kare?

Deepawali Ki Pooja Kab Kare 2025,  दीपावली पूजा का समय,  Deepawali ki pooja kab kare, Diwali puja muhurat 2025, Diwali puja ka samay, Laxmi puja muhurat 2025, Diwali puja timing. दीपोत्सव बहुत ही ख़ास होता है हर हिन्दू के लिए क्यूंकि इस दिन विशेष रूप से धन की देवी महालक्ष्मी की पूजा होती है जो की अपने भक्तो को प्रसन्न होने पर धन, वैभव प्रदान करती है जिससे व्यक्ति इस भौतिक संसार में ऐशो आराम से जीता है.  आइये जानते हैं दिवाली पूजन की सही तारीख 2025 : अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दिन में लगभग 3:45 पे शुरू होगा और 21 अक्टूबर को शाम 5:54 बजे तक रहेगा अतः दीपावली पूजन 20 की रात्री को ही करना शुभ रहेगा | Deepawali Ki Pooja Kab Kare? दिवाली प्रकाश का उत्सव है और ये कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है. भारतीय लोग इस उत्सव को बहुत ही हर्ष और उल्लास से मनाते हैं पूरी दुनिया में.  हर व्यक्ति के लिए धन बहुत महत्त्व रखता है और इसी कारण रोज हर कोई धन पाने के लिए संघर्ष करता रहता है. दिवाली पर पूजन करने से माता की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के आय के स्त्र...

Vakri Grah Ka Jivan Par Pravah

कुंडली में वक्री ग्रह का प्रभाव, क्या होता है वक्री का मतलब ज्योतिष मे, अशुभ वक्री ग्रह के प्रभाव जानिए. 

ज्योतिष में जब कुंडली बनती है तो हमे कुछ ग्रह वक्री भी मिल सकते हैं. ज्योतिष प्रेमी लोगो को वक्री ग्रह के प्रभाव को जानने का भी बहुत मन होता है. परन्तु इस विषय पर विभिन्न मत मौजूद है जिसके कारण अलग अलग ज्योतिष अलग अलग भविष्यवाणी करते हैं और उस आधार पर उपाय भी अलग अलग देते हैं.
vakri grah ka asar jivan me hindi jyotish
vakri grah aur jyotish

वक्री ग्रह क्या होता है?

हर ग्रह सामान्य तौर पर आगे की और चलते हैं अर्थात पहले मेष राशी में रहेगा फिर वृषभ पर फिर मिथुन पर आदि. परन्तु जब कोई ग्रह आगे जगह पीछे की तरफ चलने लग जाए तो इस चाल को वक्री गति कहा जाता है ज्योतिष में. जैसे की मिथुन के बाद कर्क राशि में जाना चाहिए परन्तु कोई अगर मिथुन के बाद वृषभ में जाए तो इसका मतलब है की वो ग्रह वक्री हो गया है. 
इसी लिए कई बार हम ज्योतिष में सुनते हैं की इस समय शनि वक्री है, इस समय बुध वक्री है आदि.

कौन से ग्रह सदा वक्री रहते हैं?

राहू और केतु सदा ही कुंडली में वक्री रहते हैं.
कौन से ग्रह कुंडली में कभी भी वक्री नहीं हो सकते हैं?
सूर्य और चन्द्रमा कभी भी किसी के कुंडली में वक्री नहीं होंगे. ये दोनों ग्रह हमेशा ही सामान्य चाल को बनाए रखते हैं.

आइये अब जानते हैं की वक्री ग्रह को लेके कितने प्रकार के धारणाएं सुनने को मिलते हैं?

  1. कुछ ज्योतिशो का मानना है की अगर कोई ग्रह वक्री हो जाए तो सदा ही अशुभ फल देगा.
  2. कुछ ज्योतिषों का मानना है की अगर अशुभ ग्रह वक्री हो तो शुभ फल देगा और शुभ ग्रह वक्री हो तो अशुभ फल देगा.
  3. कुछ का मानना है की अलग अलग ग्रह वक्री होने पर अलग अलग फल देता है.

आइये अब जानते हैं वक्री ग्रह को लेके कुछ महत्त्वपूर्ण बाते:

  • वक्री ग्रह हमेशा अशुभ फल देगा ऐसा नहीं है अतः ये धारणा अपने मन से निकाल दे.
  • सिर्फ शनि ग्रह ऐसा है जो की वक्री होने पर अशुभ फल देता ही है भले ही कुंडली में वो शुभ हो.
  • शनि को छोडके दुसरे ग्रह अगर कुंडली में शुभ है तो वक्री होने पर भी अशुभ फल देंगे, ऐसा जरुरी नहीं है.

ज्योतिष में ग्रह किस राशि के साथ बैठा है, इसके आधार पर उस ग्रह के असर को जीवन में देखा जाता है अतः सिर्फ चाल बदलने से कोई ग्रह उल्टा परिणाम देगा, ऐसी धारणा रखना ठीक नहीं है. 

क्या अशुभ असर देखने को मिल सकते हैं जातक पर किसी ग्रह के वक्री हो जाने पर:

  • वक्री ग्रह के कारण जातक के व्यक्तिगत जीवन पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है अगर वक्री ग्रह सुख स्थान या फिर पार्टनर भाव पर असर डाल रहा हो.
  • वक्री ग्रह के कारण स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है अगर स्वास्थ्य भाव में कोई वक्री ग्रह बुरा असर डाल रहा हो.
  • विद्या स्थान पर अशुभ वक्री ग्रह का प्रभाव पड़ने पर पढ़ाई में समस्या उत्पन्न हो सकती है.
  • विवाह स्थान पर वक्री ग्रह का अशुभ प्रभाव पड़ने से विवाह में देरी या फिर विवाह के बाद परेशानी रह सकती है.

अगर आपके कुंडली में भी वक्री ग्रह है तो घबराने की जरुरत नहीं है अच्छे ज्योतिष से सलाह ले और सही उपाय कर के जीवन को सफल बनाए. 


कुंडली में वक्री ग्रह का प्रभाव, क्या होता है वक्री का मतलब ज्योतिष मे, अशुभ वक्री ग्रह के प्रभाव जानिए. 

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