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Shivratri Ko Kya Kare Jyotish Ke Hisab Se

Mahashivratri kab hai 2023 mai, क्या करे शिवरात्रि को, कैसे कर सकते है शिव पूजा, किस प्रकार की पूजाए संभव है शिवरात्रि मे, समस्याओं का समाधान महाशिवरात्रि मे.

हिन्दू धर्म ग्रंथो के अनुसार शिवरात्रि एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण रात्रि होती है,साधनाओ को करने हेतु महाशिवरात्रि एक शक्तिशाली रात्रि मानी गई है. भौतिक इच्छाओं को पूरी करना हो या फिर अध्यात्मिक, शिवरात्रि बहुत महत्तवपूर्ण समय होता है अनुष्ठानो को करने के लिए |

ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि की दिव्य रात्रि में की गई पूजा से  हजारो वर्षों की पूजा का फल मिलता है |


Mahashivratri kab hai 2023 mai, क्या करे शिवरात्रि को, कैसे कर सकते है शिव पूजा, किस प्रकार की पूजाए संभव है शिवरात्रि मे, महाशिवरात्रि के लिए उपाय
Shivratri Ko Kya Kare Jyotish Ke Hisab Se

यह दिव्य रात्रि पुरुष, स्त्री, प्रेमी, रोगी सभी के लिए उपयोगी है क्योंकि शिवरात्रि को हम अपनी किसी भी मनोकामना के लिए अनुष्ठान कर सकते हैं।

शिवरात्रि की रात पूजा और ध्यान करने से पापों का नाश संभव है।

इस रात को भगवान शिव और देवी पार्वती का आह्वान करने से मनोकामना पूरी होती है।

शिवरात्रि की रात पूजा करने से हम श्रापों से मुक्त हो सकते हैं।

शिवरात्रि की रात शक्तिशाली अनुष्ठान करके व्यक्ति आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने के रास्ते खोल सकता है।

व्यक्ति जन्म कुंडली में मौजूद दोषों से दूर हो सकता है और कुंडली में मौजूद ग्रहों के बुरे प्रभाव से भी दूर हो सकता है।


महाशिवरात्रि से जुड़ी 2 मान्यताएं हैं :
  1. फाल्गुन मास की चतुर्दशी को शिव, अग्नि स्तंभ के रूप में विष्णु और ब्रह्मा के सामने प्रकट हुए।
  2. इस दिन शिव और पार्वती का विवाह हुआ था।

सन 2023 में महाशिवरात्रि 18 फ़रवरी  शनिवार को है, चतुर्दशी तिथि 18  को रात्री में लगभग 8:04 बजे शुरू हो जायेगी |




अगर पुरे विश्वास और श्रद्धा से शिवरात्रि को साधना की जाती है तो निश्चय ही सफलता कदम चूमती है. साधारणतः हमे किसी भी साधना को करने हेतु विशेष समय की जरुरत होती है. परन्तु शिवरात्रि तंत्र की दृष्टि से भी एक प्रबल रात्रि मानी गई है जब किसी भी प्रकार की साधना को किया जा सकता है. हिन्दू ग्रंथो मे भी इस विषय पर बहुत कुछ उल्लेख मिलता है जिससे इस रात्रि का महत्त्व पता चलता है.

काश्मीर शैवैज्म मे उल्लेख है की पूरा विश्व भगवान् शिव का ही प्रकटीकरण है, इस विश्व मे ऐसा कुछ नहीं जो शिव नहीं.

शिवरात्रि को शिव की कृपा का अनुभव हर भक्त कर सकते है. इस दिन और रात्रि को पुरे विश्व मे शिव भक्त शिव पूजा मे लगे रहते हैं जिससे की वातावरण शिवमय हो जाता है. शिवजी का मंदिर साधारणतः हर जगह पाया जाता है.

महा शिवरात्रि को अनेक प्रकार की पूजाएँ हो सकती है :

इस दिव्य और शक्तिशाली रात्रि को विभिन्न प्रकार के पूजाए की जाती है ग्रह दोषों और नकारात्मक उर्जाव से सुरक्षा हेतु. कई प्रकार के समाधान आसानी से इस रात्रि को हो जाते हैं. 
  1. अगर कुंडली मे कालसर्प दोष हो तो इस रात्रि को समाधान हेतु पूजा होती है.
  2. ग्रहण योग का समाधान भी शिवरात्रि को किया जा सकता है.
  3. नकारात्मक उर्जा से सुरक्षा हेतु भी शिवरात्रि को पूजाए होती है.
  4. तंत्र सिद्धि हेतु भी ये रात्रि उपयुक्त है.
  5. अध्यात्मिक साधक भी इस रात्रि को शिव की कृपा प्राप्त करते हैं.
  6. रोगों से छुटकारे हेतु भी इस दिन पूजा की जा सकती है.
  7. ग्रह दोषों से छुटकारे हेतु भी शिवरात्रि शुभ होती है.
  8. काले जादू से बचाव हेतु भी इस दिन उपाय किये जा सकते हैं.
  9. विवाह समस्याओं का समाधान हेतु भी इस रात्रि को पूजा होती है.
  10. अगर आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं तो इस रात को पूजा करके पहन सकते हैं |

सिद्धि हेतु शुभ और शक्तिशाली रात्रि :

इस रात्रि को सिद्धि हेतु साधना की जाती है अतः जो लोग मंत्र सिद्धि , तंत्र सिद्धि करना चाहते है वो इस रात्रि को गुरु के सानिध्य मे साधना करते हैं. इसमे कोई शक नहीं की गुरु और शिव कृपा से सिद्धि अवश्य मिलती है.

  • इस दिव्य रात्री की पूजा जीवन को बदलने, गुण, धन, ज्ञान और समग्र सफलता प्राप्त करने में मदद करती है।
  • भगवान शिव के आशीर्वाद से भौतिकवादी सफलता मिल सकती है |
  • जो लोग आध्यात्मिक मार्ग में आगे बढ़ना चाहते हैं, वे भी शिवरात्रि की रात ध्यान, पूजा-अर्चना कर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
  • महाशिवरात्रि की रात अनुष्ठान करने से व्यक्ति बुरी नजर के प्रभाव, काले जादू के डर से दूर हो सकता है और सुरक्षा प्राप्त कर सकता है।
  • अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए इस दिन पूजा करना चाहिए |
  • भगवान शिव के आशीर्वाद से मन की शांति प्राप्त होती है |
  • भगवान शिव और देवी पार्वती के आशीर्वाद से रिश्तों में सफलता मिल सकती है।

आइये जानते हैं की महाशिवरात्रि को ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी ?

  • बृहस्पति अपनी ही राशि मीन में रहेंगे जो आध्यात्मिक साधकों के लिए बहुत अच्छा है।
  • शुक्र उच्च के रहेंगे गोचर कुंडली में विशेष रूप से उन लोगों के लिए सहायक होगा जो रिश्ते के मुद्दे को हल करने के लिए पूजा करना चाहते हैं।
  • शनि स्वराशि में होंगे जो आध्यात्मिक साधको के लिए बहुत ही शुभ है |
  • केतु अपनी मित्र राशि में रहेंगे जो तंत्र साधना करने में मदद करेगा।

कुछ सावधानियां जो की शिवरात्रि को रखनी चाहिए :

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ये रात्री साधना के लिए है और इस दिन और रात को लोग विभिन्न प्रकार की पूजाएँ, टोटके आदि करते हैं अतः कुछ सावधानियां रखनी चाहिए. जहा लोग सबकी भलाई के लिए प्रयोग करते हैं वही कुछ नकारात्मक विचारधारा के लोग गलत प्रयोग करने से भी नहीं चुकते हैं. अतः सावधानी ही सुरक्षा है.
  • अगर कुंडली मे ग्रहों की स्थिति कमजोर है तो घर से इस रात्रि को नहीं निकलना चाहिए और शिव-आराधना करनी चाहिए.
  • अगर कुंडली मे ग्रहण योग हो किसी प्रकार का तो भी इस रात्रि को भटकना नहीं चाहिए.
  • अगर कुंडली मे अंगारक योग हो तो भी इस रात्री को पूजा पाठ मे समय बिताना चाहिए.
  • इस रात्रि को मांस – मदीरा का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
  • इस दिन सेक्स भी नहीं करना चाहिए.
  • अगर आपके शत्रु अधिक है तो इस रात्रि को घुमने के  बजाय शिव आराधना करना चाहिए.
  • किसी भी हालत मे काले जादू का सहारा नहीं लेना चाहिए अन्यथा भोगना होता है.
शिवरात्रि एक पवित्र रात्रि है जब की कोई भी शिव कृपा प्राप्त करने हेतु साधना कर सकता है. इस रात्रि को व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए.

अपनी सफलता हेतु शिव पूजा करे, अपने पूर्वजो की उन्नति हेतु शिव आराधना करे, अपने परिवार के कल्याण हेतु प्रार्थना करे.

ऐसा माना जाता है की शिवजी को प्रसन्न करना आसान है , वो बहुत भोले होते हैं अतः जो भी उन्हें ह्रदय से पुकारता है , वो उनकी अवश्य सुनते हैं.

“ॐ नमः शिवाय ” मंत्र के द्वारा आसानी से उनका स्मरण किया जा सकता है. जीवन मे शुभता लाने हेतु ये मंत्र ही काफी है.

शिवरात्रि के लिए 3 शक्तिशाली मंत्र :

1. Aghor Mantra Sadhna/अघोर मन्त्र साधना :

ॐ अघोरेभ्योऽथ घोरेभ्यो घोर घोर तरेभ्यः

सर्वेभ्यस् सर्व सर्वेभ्यो नमस्तेऽस्तु रुद्र रूपेभ्यः

ॐ नमः शिवाय महादेवाय नीलकंठाय आदि रुद्राय अघोरमंत्राय अघोर रुद्राय अघोर भद्राय सर्वभयहराय मम सर्वकर्यफल प्रदाय हन हनाय ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ टं टं टं टं टं घ्रीं घ्रीं घ्रीं घ्रीं घ्रीं हर हराय सर्व अघोररुपाय त्र्यम्बकाय विरुपाक्षाय ॐ हौं हः हीं हः ग्रं ग्रं ग्रं हां हीं हूं हैं हौं हः क्षां क्षीं क्षूं क्षैं क्षौं क्षः ॐ नमः शिवाय अघोरप्रलयप्रचंड रुद्राय अपरिमितवीरविक्रमाय अघोररुद्रमंत्राय सर्वग्रहोच्चाटनाय सर्वजनवशीकरणाय सर्वतोमुख मां रक्ष रक्ष शीघ्रं हूं फट् स्वाहा ।

ॐ क्षां क्षीं क्षूं क्षैं क्षौं क्षः ॐ हां हीं हूं हैं हौं हः स्वर्गमृत्यु पाताल त्रिभुवन सच्चरित देव ग्रहाणां दानव ग्रहाणां ब्रह्मराक्षस ग्रहाणां सर्ववातग्रहाणां सर्ववेतालग्रहाणां शाकिनीग्रहाणां डाकिनीग्रहाणां सर्वभूतग्रहाणां कमिनीग्रहाणां सर्वपिंडग्रहाणां सर्वदेषग्रहाणां सर्वपस्मारग्रहाणां हन हन हन भक्षय भक्षय भक्षय विरूपाक्षाय दह दह दह हूं फट् स्वाहा ॥


अघोर मंत्र साधना के लाभ:

  • बुरी शक्तियों से छुटकारा मिलता है ।
  • हh अपनी भौतिकवादी और आध्यात्मिक इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं |
  • शत्रुओं के भय से मुक्ति मिलती है |
  • रिश्तों की समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है |
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर कर सकते हिं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं |
  • प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ की बाधाएं दूर कर सकते हैं |
  • मोक्ष प्राप्ति में भी सहायक है इस रात्रि की पूजा |
  • भूत, प्रेत, बुरी नजर प्रभाव काले जादू से सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं |
  • मुकदमेबाजी और अदालती मामलों में जीत हासिल करने का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं महादेव से |
  • छिपे या अनदेखे खतरों और नकारात्मक ताकतों के खिलाफ ढाल विकसित कर सकते हैं शिव रात्रि को पूजन करके |
  • अगर किसी ने मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन प्रयोग किया हो तो बचा जा सकता है shivrati को पूजन करके | 

2. रुद्र मंत्र साधना :

दूसरा शक्तिशाली मंत्र है रूद्र मंत्र |
|| ॐ नमो भगवते रुद्राय ||

3. मृत्युंजय मंत्र साधना :

तीसरा चमत्कारी मंत्र है भगवन शिव का महामृत्युंजय मन्त्र |

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।




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