Skip to main content

Hindi Jyotish Website

Hindi astrology services || jyotish website in hindi|| Kundli reading || Birth Chart Calculation || Pitru Dosha Remedies || Love Life Reading || Solution of Health Issues in jyotish || Career Reading || Kalsarp Dosha Analysis and remedies || Grahan Dosha solutions || black magic analysis and solutions || Best Gems Stone Suggestions || Kala Jadu|| Rashifal || Predictions || Best astrologer || vedic jyotish || Online jyotish || Phone jyotish ||Janm Kundli || Dainik Rashifal || Saptahik Rashifal || love rashifal

Kundli ka Teesra Bhav in Jyotish

कुंडली का तीसरा भाव, Kundli ka Tesra bhaav, 3rd House in Kundli | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में तीसरा भाव पर विभिन्न ग्रहों का प्रभाव क्या होता है  |

जन्म कुंडली का तीसरा भाव अती महत्त्वपूर्ण है क्यूंकि जीवन के अती महत्त्वपूर्ण विषयो का सम्बन्ध इस भाव से है जैसे छोटी यात्राओं को करना, भाई बहन के साथ सम्बन्ध, पराक्रम, माता का स्वास्थ्य, जीवनसाथी का भाग्य, स्वयं का धैर्य आदि |

जैसा की हम अपने पहले लेख में देख चुके है की जन्म पत्रिका में कुल 12 घर होते हैं और 9 ग्रह इन्ही में से किसी में बैठते हैं  और जीवन को प्रभवित करते हैं | हमारे कुंडली हमारे जीवन का दर्पण होता है जिसके अध्ययन से ये पता चलता है की हमारे जीवन में कब लाभ होगा, कब परेशानी आएगी, कौन सा काम ठीक रहेगा, किनसे सावधान रहना चाहिए आदि |

कुंडली का तीसरा भाव, Kundli ka Tesra bhaav, 3rd House in Kundli | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में तीसरा भाव पर विभिन्न ग्रहों का प्रभाव क्या होता है  |
Kundli ka Teesra Bhav in Jyotish

जन्म कुंडली के तीसरे भाव के बारे में महत्वपूर्ण बातें :

  • जन्म पत्रिका का तीसरा भाव पराक्रम भाव और सहज भाव भी कहलाता है|
  • इस भाव से समबंधित प्राकृतिक ग्रह और राशि मिथुन और बुध हैं |
  • हमारे शरीर में श्वास नाली, गर्दन, हाथ, कंधे, कान का सम्बन्ध कुंडली के तीसरे भाव से है |
  • इस भाव का सम्बन्ध छोटी यात्राओं, भाई बहन के साथ सम्बन्ध, पराक्रम, माता का स्वास्थ्य, जीवनसाथी का भाग्य, स्वयं का धैर्य, पडोसी आदि से होता है |

आइये अब जानते हैं की जन्म पत्रिका के तीसरे भाव में विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव होता है ?

1.कुंडली के तीसरे भाव पर सूर्य का असर:

जन्म कुंडली के तीसरे भाव में शुभ और शक्तिशाली सूर्य जातक को भ्रमणशील और ज्ञानी बनाएगा | ऐसे जातक अपने भाई बहनों की जेम्मेदारियां भी बखूबी निभाता है | ऐसे जातक के जीवन साथी भी काफी बुद्धिमान होते हैं | जीवन में चुनातियों को स्वीकार करने की योग्यता भी सूर्य देता है |

Watch Video here

परन्तु अगर तीसरे भाव में सूर्य अशुभ या कमजोर हो जाए तो जातक को विद्या प्राप्ति में परेशानी देता है, पारिवारिक और सामाजिक रिश्तो को बनाए रखने में परेशानी देता है, जातक के जीवन साथी को भी आगे बढ़ने के लिए दुसरो की अपेक्षा ज्यादा मेहनत करना होती है |

पढ़िए कमजोर सूर्य का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

2.कुंडली के तीसरे भाव पर चन्द्रमा का असर:

जन्म पत्रिका के तीसरे भाव में शुभ और शक्तिशाली चंद्रमा जातक को कल्पना शक्ति देता है, ऐसे लोगो के सम्बन्ध भाई बहनों से भी बहुत अच्छे रहते हैं | यात्राओ से जातक को लाभ होता है, परन्तु इसका नकारात्मक पहलु ये है की अगर कोई आपको भावनात्मक रुप से चोट पंहुचा दे तो उससे आपकी कट्टर दुश्मनी हो सकती है |

जन्म कुंडली के तीसरे भाव में ख़राब चंद्रमा पारिवारिक अशांति देता है, संबंधो में परेशानी देता है, श्वास रोग भी हो सकता है |

पढ़िए कमजोर चन्द्र का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

3.कुंडली के तीसरे भाव पर मंगल का असर:

जन्म कुंडली के तीसरे घर में शुभ और शक्तिशाली मंगल जातक को पराक्रमी बनता है, जोखिम उठाने की क्षमता देता है, जातक में नेतृत्त्व क्षमता भी देता है | अगर इस घर में मंगल अशुभ और कमजोर हो जाए तो जातक को आलसी, लापरवाह बना सकता है, भाई बहनों के साथ सम्बन्ध ख़राब कर सकता है|

पढ़िए कमजोर मंगल का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

4.कुंडली के तीसरे भाव पर बुध का असर:

जन्म पत्रिका के तीसरे भाव में शुभ और शक्तिशाली बुध जातक को ऑनलाइन काम करने में सफलता देता है, कुशाग्र बुद्धि देता है, वक्ता, लेखक बन्ने की योग्यता देता है | अगर यहाँ पे अशुभ या कमजोर बुध बैठ जाए तो जातक को गलत संगत में डाल सकता है और रोगी बना सकता है |

पढ़िए कमजोर बुध का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

5.कुंडली के तीसरे भाव पर गुरु का असर:

जन्म कुंडली के तीसरे भाव में शुभ और शक्तिशाली बृहस्पति जातक को विद्वान बनाता है, जिम्मेदारियां देता है और योग्यता भी देता है उन्हें निभाने की | जातक प्रेरक बन सकता है, अध्यापन के क्षेत्र में तरक्की कर सकता है | 

इस भाव में अशुभ और कमजोर गुरु जातक के भाई बहनों के साथ सम्बन्ध ख़राब कर सकता है, पढ़ाई लिखाई का सही उपयोग करने में परेशानी दे सकता है |

पढ़िए कमजोर गुरु का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

6.कुंडली के तीसरे भाव पर शुक्र का असर:

जन्म पत्रिका के तीसरे भाव में शुभ और शक्तिशाली शुक्र जातक को आकर्षक व्यक्तित्त्व देता है, परिवार में ऐसे जातक का अलग ही महत्त्व होता है | परन्तु अगर इस भाव में शुक्र अशुभ हो जाए तो जातक का जीवन अनावश्यक खर्चो के कारण ख़राब होता है |

पढ़िए कमजोर शुक्र का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

7. कुंडली के तीसरे भाव पर शनि का असर:

जन्म कुंडली के तीसरे घर में शुभ और शक्तिशाली शनि जातक को अती जिम्मेदार बना सकता है, जातक अपना पूरा जीवन दुसरो की सेवा में ही बिता सकता है, इमानदारी और न्यायप्रियता जातक में देखने को मिलती है |अगर इस भाव में शनि अशुभ हो जाए तो जातक को कदम कदम पे परेशानी देगा, पारिवारिक कलह दे सकता है |

पढ़िए अशुभ शनि के उपाय ज्योतिष में |

8.कुंडली के तीसरे भाव पर राहू का असर:

कुंडली के तीसरे घर में शुभ और शक्तिशाली राहू जीवन में लोगो से संपर्क बढाने में मदद करता है और साथ ही जातक में नेतृत्त्व क्षमता भी जागृत करता है | अगर इस भाव में राहू अशुभ या कमजोर हो जाए तो जातक के जीवन में संघर्ष बढ़ा देता है, जातक नकारात्मक रूप से सोचने लगता है, रह रह के अवसादग्रस्त होता है |

पढ़िए अशुभ राहु और केतु के उपाय 

9.कुंडली के तीसरे भाव पर केतु का असर:

जन्म कुंडली के तीसरे घर में शुभ और शक्तिशाली केतु जातक को खोजी बना सकता है | जातक सत्य की तलाश में लगा रहता है, धर्म और समाज सेवा के कार्यो में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता है |

इस भाव में अशुभ केतु जातक के अन्दर भ्रम पैदा करता है जिससे जातक अजीबोगरीब शोध कार्यो में धन बर्बाद कर सकता है |

 तो इस प्रकार हमने देखा की kundli के तीसरे भाव का क्या महत्त्व है और विभिन्न ग्रहों का इसपे क्या असर होता है |

अगर आप अपनी कुंडली से जानना चाहते हैं की कौन से ग्रह आपके जीवन में संघर्ष पैदा कर रहे हैं, कौन से ग्रह शुभ हैं और कैसे हम जीवन में सफलता को आकर्षित कर सकते हैं तो ज्योतिष सेवा के लिए संपर्क कर सकते हैं |


और महत्त्वपूर्ण लेख पढ़िए : 


कुंडली का तीसरा भाव, Kundli ka Tesra bhaav, 3rd House in Kundli | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में तीसरा भाव पर विभिन्न ग्रहों का प्रभाव क्या होता है  |

Comments

Popular posts from this blog

om kleem krishnaay namah mantra ka mahattw

om kleem krishnaya namah benefits in hindi, ॐ क्लीं कृष्णाय नमः मंत्र के लाभ और अर्थ, ॐ क्लीं नमः का जाप कैसे करे, क्लीं बीज का रहस्य वशीकरण मंत्र ॐ क्लीं कृष्णाय नमः का रहस्य.  क्लीं बीज मंत्र काली देवी से संबंधित है और बहुत शक्तिशाली है। इस मंत्र के जाप से एक दिव्य आभा और आकर्षण शक्ति विकसित होती है जो दैवीय ऊर्जाओं के साथ-साथ भौतिक सुखों को आकर्षित करने में मदद करती है।  श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं और महान व्यक्तित्व, प्रेम, ज्ञान और बुद्धि के प्रतीक हैं। om kleem krishnaay namah mantra ka mahattw " ॐ क्लीं कृष्णाय नमः " एक अद्भुत मंत्र है जो जप करने वाले को सब कुछ प्रदान करने में सक्षम है और इसलिए भक्तों द्वारा दशकों से इसका उपयोग किया जाता रहा है। यह मंत्र देवी दुर्गा के साथ-साथ कृष्ण की भी शक्ति रखता है और इसलिए यह उन सभी के लिए एक दिव्य मंत्र है जो जीवन में जल्द ही सफलता चाहते हैं। "ॐ क्लीं कृष्णाय नमः" एक शक्तिशाली मंत्र है जो आंतरिक आध्यात्मिक ऊर्जा का आह्वान करता है जिसका लगातार जप किया जाता है इसलिए जो लोग आध्यात्मिक विकास चाहते हैं उनके लिए

Suar Ke Daant Ke Totke

Jyotish Me Suar Ke Daant Ka Prayog , pig teeth locket benefits, Kaise banate hai suar ke daant ka tabij, क्या सूअर के दांत का प्रयोग अंधविश्वास है. सूअर को साधारणतः हीन दृष्टि से देखा जाता है परन्तु यही सूअर पूजनीय भी है क्यूंकि भगवान् विष्णु ने वराह रूप में सूअर के रूप में अवतार लिया था और धरती को पाताल लोक से निकाला था. और वैसे भी किसी जीव से घृणा करना इश्वर का अपमान है , हर कृति इस विश्व में भगवान् की रचना है. Suar Ke Daant Ke Totke सूअर दांत के प्रयोग के बारे में आगे बताने से पहले कुछ महत्त्वपूर्ण बाते जानना चाहिए : इस प्रयोग में सिर्फ जंगली सूअर के दांत का प्रयोग होता है. किसी सूअर को जबरदस्त मार के प्रयोग में लाया गया दांत काम नहीं आता है अतः किसी भी प्रकार के हिंसा से बचे और दुसरो को भी सचेत करे. वैदिक ज्योतिष में सूअर के दांत के प्रयोग के बारे में उल्लेख नहीं मिलता है. इसका सूअर के दांत के प्रयोग को महुरत देख के ही करना चाहिए. कई लोगो का मनना है की सुकर दन्त का प्रयोग अंधविश्वास है परन्तु प्रयोग करके इसे जांचा जा सकता है , ऐसे अनेको लोग है जो अपने बच्चो

84 Mahadev Mandir Ke Naam In Ujjain In Hindi

उज्जैन मंदिरों का शहर है इसिलिये अध्यात्मिक और धार्मिक महत्त्व रखता है विश्व मे. इस महाकाल की नगरी मे ८४ महादेवो के मंदिर भी मौजूद है और विशेष समय जैसे पंचक्रोशी और श्रवण महीने मे भक्तगण इन मंदिरों मे पूजा अर्चना करते हैं अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए. इस लेख मे उज्जैन के ८४ महादेवो के मंदिरों की जानकारी दी जा रही है जो निश्चित ही भक्तो और जिज्ञासुओं के लिए महत्त्व रखती है.  84 Mahadev Mandir Ke Naam In Ujjain In Hindi आइये जानते हैं उज्जैन के ८४ महादेवो के मंदिरों के नाम हिंदी मे : श्री अगस्तेश्वर महादेव मंदिर - संतोषी माता मंदिर के प्रांगण मे. श्री गुहेश्वर महादेव मंदिर- राम घाट मे धर्मराज जी के मंदिर मे के पास. श्री ढून्देश्वर महादेव - राम घाट मे. श्री अनादी कल्पेश्वर महादेव- जूना महाकाल मंदिर के पास श्री दम्रुकेश्वर महादेव -राम सीढ़ियों के पास , रामघाट पे श्री स्वर्ण ज्वालेश्वर मंदिर -धुंधेश्वर महादेव के ऊपर, रामघाट पर. श्री त्रिविश्तेश्वर महादेव - महाकाल सभा मंडप के पास. श्री कपालेश्वर महादेव बड़े पुल के घाटी पर. श्री स्वर्न्द्वार्पलेश्वर मंदिर- गढ़ापुलिया