Skip to main content

Latest Astrology Updates in Hindi

Budh ka kanya rashi me pravesh rashifal in hindi jyotish

Budh ka kanya rashi mai pravesh kab hoga, बुध के कन्याराशि में गोचर का राशिफल | september 2024 में बुध के राशी परिवर्तन का क्या असर होगा 12 राशियों पर, जानिए लव राशिफल | वैदिक ज्योतिष के हिसाब से बुध 23 September को प्रातः लगभग 9:57 पे सिंह राशि से निकल के अपने उच्च राशि कन्या में प्रवेश करेंगे | यहाँ पहले से ही सूर्य और केतु मौजूद है जिससे बुधादित्य राजयोग बनेगा | इस गोचर के कारण काफी अच्छे बदलाव हमे देखने को मिलेंगे सभी तरफ | बुध ग्रह का सम्बन्ध व्यापार, वाणिज्य, दिमागी शक्ति, बैंकिंग, तर्क आदि से होता है अतः देश और दुनिया में बहुत बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं | अन्तराष्ट्रीय स्तर पर नए समझौते हो सकते हैं, बाजार में तेजी मंदी देखने को मिलेगी, शेयर मार्केट भी काफी ऊपर –निचे होगा, व्यापारी वर्ग नई नीतियाँ बना के आगे बढ़ेंगे, हरी सब्जियों की पैदावार बढ़ेगी | Budh ka kanya rashi me pravesh rashifal in hindi jyotish Read in english about Predictions of Mercury transit in virgo in September 2024 बुध ग्रह का मन्त्र है : || ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: || आइये जानते हैं 12 रा

Janm Kundli ka NAVAM BHAV Kya Batata Hai

कुंडली का नवां भाव, Kundli ka navam bhaav, 9th House in birth chart | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली के नवम भाव पर विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव होता है  ? |

जन्म पत्रिका का नवां भाव धर्म से सम्बन्ध रखता है, पिता से जुड़ा हुआ है, भाग्य से सम्बन्ध रखता है, गुरु कृपा को बताता है | इस जीवन में भाग्य का क्या प्रभाव रहेगा इसकी जानकारी नवम  भाव के अध्ययन से पता चलता है | जीवन में संघर्ष का स्तर क्या रहेगा इसका पता चलता है | जातक की प्रवृत्ति धर्म की तरफ कितनी रहेगी ये भी इसी भाव से पता चलता है | जीवन में शिक्षा –दीक्षा के बारे में भी जाना जाता है | जातक को पिता से क्या लाभ हो सकता है इसका अध्ययन भी कुंडली के नवम भाव से किया जाता है |

कुंडली का नवां भाव, Kundli ka navam bhaav, 9th House in birth chart | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली के नवम भाव पर विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव होता है  ? |
Janm Kundli ka NAVAM BHAV Kya Batata Hai

आइए जानते हैं कुछ और महत्त्वपूर्ण बातें जन्म कुंडली के नवं भाव के बारे में :

  • जन्म पत्रिका के नवें भाव को भाग्य भाव या पितृ भाव या धर्म भाव के नाम से भी जानते हैं वैदिक ज्योतिष में |
  • नवम भाव से सम्बंधित प्राकृतिक स्वामी ग्रह और राशि हैं बृहस्पति और धनु|
  • जातक के शिक्षा का स्तर, ज्ञान का स्तर,अध्यात्म में रूचि और सफलता का अध्ययन जन्म कुंडली के नवम भाव से किया जा सकता है | 
  • जीवनसाथी के पराक्रम के बारे में भी जाना जाता है इस भाव से | 

आइये अब जानते हैं की कुंडली के नवम भाव में विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव पड़ता है ?:

जन्म कुंडली के नवम भाव में सूर्य ग्रह का प्रभाव :

जन्म पत्रिका के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली सूर्य जातक को अपार सफलता देता है, विद्वान् बनाता है, जातक तीर्थ यात्रायां करता है, ज्ञानी लोगो के साथ उसके अच्छे सम्बन्ध बनते हैं, पैतृक संपत्ति प्राप्त होती है | धर्म और शिक्षण के क्षेत्र में अगर काम करें तो अपार सफलता प्राप्त होती है |

कुंडली के नवम भाव में अशुभ या कमजोर सूर्य जातक को हर कदम में संघर्ष देता है, पिता से मन मुटाव करा सकता है, जातक झूठी शान दिखाने में धन व्यय कर सक



ता है |

पढ़िए कमजोर सूर्य का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?


जन्म कुंडली के नवम भाव में चन्द्रमा ग्रह का प्रभाव :

जन्म पत्रिका के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली चंद्रमा जातक को देवी कृपा दिलवाता है, अच्छी काल्पनिक शक्ति देता है | ऐसे जातक भावुक भी होते हैं और धर्म के प्रति भी विशेष समझ रखते हैं | 

कुंडली के नवम भाव में अशुभ या कमजोर चंद्रमा जातक को संबंधो में धोखा दिला सकता है, जातक अन्धविश्वासी हो सकता है | सुख पाने की लालसा में इधर उधर भटकता रहता है |

पढ़िए कमजोर चन्द्र का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

जन्म कुंडली के नवम भाव में मंगल ग्रह का प्रभाव :

जन्म पत्रिका के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली मंगल जातक को अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए दृड़ ईच्छा शक्ति देता है | समाज में क्रान्ति लाने की शक्ति ऐसे लोगो में होती है |

कुंडली के नवं भाव में अशुभ या कमजोर मंगल के कारण जातक रूडिवादी परंपरा शिकार हो सकता है | जातक अपने पराक्रम का सही स्तेमाल करने से वंचित रह सकता है जिसके कारण अवसाद से भी गुजरता है |

पढ़िए कमजोर मंगल का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

जन्म कुंडली के नवम भाव में बुध ग्रह का प्रभाव :

जन्म कुंडली के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली बुध जातक को विद्वान् बनाता है, अच्छा सलाहकार बनने में मदद करता है, जातक अच्छा प्रेरक बन सकता है | 

कुंडली के नवम भाव में अशुभ और कमजोर बुध जातक को विद्या प्राप्त करने में परेशानी दे सकता है और समाज में अच्छा नेटवर्क बनाने में भी परेशानी उत्पन्न करता है |

पढ़िए कमजोर बुध का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

जन्म कुंडली के नवम भाव में बृहस्पति ग्रह का प्रभाव :

जन्म पत्रिका के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली गुरु जातक को अद्भुत शक्तियां प्रदान करता है, जातक समाज में एक आदर्श बन सकता है, शिक्षण के क्षेत्र में अद्भुत सफलता प्राप्त कर सकता है, अध्यात्म जगत में नाम कर सकता है |

कुंडली के नवें भाव में अशुभ या कमजोर बृहस्पति जातक को अपने विद्या का पूरा लाभ नहीं लेने देता है, जातक को सफलता देर से मिलती है जिसके कारण अवसाद भी होता रहता है |

पढ़िए कमजोर गुरु का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

जन्म कुंडली के नवम भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव :

जन्म पत्रिका के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली शुक्र जातक के व्यक्तित्त्व में आकर्षण शक्ति देता है जिससे वो समाज में बहुत अच्छे सम्बन्ध बना पाता है | कला जगत के साथ अगर जातक काम करें तो अपार सफलता प्राप्त करता है | संगीत, नृत्य, एक्टिंग आदि में विशेष रूचि देखि जाती है | 

कुंडली के नवें भाव में अशुभ या कमजोर शुक्र जातक की मुश्किलें बढ़ा सकता है| प्रेम संबंधो में धोखा हो सकता है, समाज में नाम और यश प्राप्त करने में समस्या दे सकता है, व्यक्तिगत सुखो में कमी ला सकता है |

पढ़िए कमजोर शुक्र का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

जन्म कुंडली के नवम भाव में शनि ग्रह का प्रभाव :

जन्म पत्रिका के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली शनि जातक को नैतिकता देता है, सिद्धांतवादी बनाता है, अनुशाशन प्रिय बनाता है, धार्मिक बनाता है,भूमि से लाभ दिलवाता है |

कुंडली के नवम भाव में अशुभ या कमजोर शनि जातक को कानूनी समस्या में फंसा सकता है, पैतृक संपत्ति प्राप्त करने में परेशानी दे सकता है, जातक अपने पराक्रम का सही स्तेमाल नहीं कर पाता है |

पढ़िए अशुभ शनि के उपाय ज्योतिष में |

जन्म कुंडली के नवम भाव में राहु ग्रह का प्रभाव :

जन्म पत्रिका के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली राहु जातक को विशेष प्रकार का जुनून देता है अपने लक्ष्य के प्रति | ऐसे जातक जीवन में कुछ विशेष जरुर करते हैं जिसके कारण उन्हें जाना जाता है लम्बे समय तक | ऐसे लोगो का व्यक्तित्त्व थोडा रहस्यमय भी होता है |

कुंडली के नवम भाव में अशुभ या कमजोर राहु जातक को आलसी बना सकता है, अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गलत तरीके भी जातक स्तेमाल कर सकता है | जातक काली शक्तियों को भी सिद्ध करने में उलझ सकता है | जातक नशे में भी बर्बाद हो सकता है |

पढ़िए अशुभ राहु और केतु के उपाय 

जन्म कुंडली के नवम भाव में केतु ग्रह का प्रभाव :

जन्म पत्रिका के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली केतु जातक को अध्यात्म जगत में विशेष सफलता दिला सकता है, धर्म और दर्शन शाश्त्र का ज्ञान जातक को होता है | जातक सत्य को जानने के लिए विशेष प्रयत्न करता है | 

कुंडली के नवम भाव में अशुभ या कमजोर केतु जातक को अलसी बना सकता है, धन हानि करा सकता है, पिता से बैर करा सकता है, जीवन में हर क्षेत्र में संघर्ष दे सकता है |

तो इस प्रकार हमने जाना की वैदिक ज्योतिष में कुंडली का नवम भाव क्या महत्त्व रखता है इस भाव पर विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव पड़ता है |

अगर आप अपनी जन्म कुंडली का विश्लेषण करवाना चाहते हैं तो ज्योतिष से संपर्क करें |

  • जानिए अपने प्रेम जीवन के बारे में |
  • काम काज में उन्नति के उपाय कुंडली अनुसार |
  • भाग्यशाली रत्न|
  • सही पूजा |
  • शुभ और अशुभ ग्रहों का जीवन पर प्रभाव आदि |


और महत्त्वपूर्ण लेख पढ़िए : 


कुंडली का नवां भाव, Kundli ka navam bhaav, 9th House in birth chart | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली के नवम भाव पर विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव होता है  ? |

Comments

Popular posts from this blog

om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi

कामदेव मंत्र ओम क्लीं कामदेवाय नमः के फायदे,  प्रेम और आकर्षण के लिए मंत्र, शक्तिशाली प्रेम मंत्र, प्रेम विवाह के लिए सबसे अच्छा मंत्र, सफल रोमांटिक जीवन के लिए मंत्र, lyrics of kamdev mantra। कामदेव प्रेम, स्नेह, मोहक शक्ति, आकर्षण शक्ति, रोमांस के देवता हैं। उसकी प्रेयसी रति है। उनके पास एक शक्तिशाली प्रेम अस्त्र है जिसे कामदेव अस्त्र के नाम से जाना जाता है जो फूल का तीर है। प्रेम के बिना जीवन बेकार है और इसलिए कामदेव सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका आशीर्वाद जीवन को प्यार और रोमांस से भरा बना देता है। om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi कामदेव मंत्र का प्रयोग कौन कर सकता है ? अगर किसी को लगता है कि वह जीवन में प्रेम से वंचित है तो कामदेव का आह्वान करें। यदि कोई एक तरफा प्रेम से गुजर रहा है और दूसरे के हृदय में प्रेम की भावना उत्पन्न करना चाहता है तो इस शक्तिशाली कामदेव मंत्र से कामदेव का आह्वान करें। अगर शादी के कुछ सालों बाद पति-पत्नी के बीच प्यार और रोमांस कम हो रहा है तो इस प्रेम मंत्र का प्रयोग जीवन को फिर से गर्म करने के लिए करें। यदि शारीरिक कमजोरी

Mrityunjay Sanjeevani Mantra Ke Fayde

MRITYUNJAY SANJEEVANI MANTRA , मृत्युंजय संजीवनी मन्त्र, रोग, अकाल मृत्यु से रक्षा करने वाला मन्त्र |  किसी भी प्रकार के रोग और शोक से बचाता है ये शक्तिशाली मंत्र |  रोग, बुढ़ापा, शारीरिक कष्ट से कोई नहीं बचा है परन्तु जो महादेव के भक्त है और जिन्होंने उनके मृत्युंजय मंत्र को जागृत कर लिए है वे सहज में ही जरा, रोग, अकाल मृत्यु से बच जाते हैं |  आइये जानते हैं mrityunjaysanjeevani mantra : ऊं मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः।। Om mriyunjay mahadev trahimaam sharnagatam janm mrityu jara vyadhi peeditam karm bandanah || मृत्युंजय संजीवनी मंत्र का हिंदी अर्थ इस प्रकार है : है कि हे मृत्यु को जीतने वाले महादेव मैं आपकी शरण में आया हूं, मेरी रक्षा करें। मुझे मृत्यु, वृद्धावस्था, बीमारियों जैसे दुख देने वाले कर्मों के बंधन से मुक्त करें।  Mrityunjay Sanjeevani Mantra Ke Fayde आइये जानते हैं मृत्युंजय संजीवनी मंत्र के क्या क्या फायदे हैं : भोलेनाथ दयालु है कृपालु है, महाकाल है अर्थात काल को भी नियंत्रित करते हैं इसीलिए शिवजी के भक्तो के लिए कु

Tantroktam Devi suktam Ke Fayde aur lyrics

तन्त्रोक्तं देवीसूक्तम्‌ ॥ Tantroktam Devi Suktam ,  Meaning of Tantroktam Devi Suktam Lyrics in Hindi. देवी सूक्त का पाठ रोज करने से मिलती है महाशक्ति की कृपा | माँ दुर्गा जो की आदि शक्ति हैं और हर प्रकार की मनोकामना पूरी करने में सक्षम हैं | देवी सूक्तं के पाठ से माता को प्रसन्न किया जा सकता है | इसमें हम प्रार्थना करते हैं की विश्व की हर वास्तु में जगदम्बा आप ही हैं इसीलिए आपको बारम्बार प्रणाम है| नवरात्री में विशेष रूप से इसका पाठ जरुर करना चाहिए | Tantroktam Devi suktam  Ke Fayde aur lyrics आइये जानते हैं क्या फायदे होते हैं दुर्गा शप्तशती तंत्रोक्त देवी सूक्तं के पाठ से : इसके पाठ से भय का नाश होता है | जीवन में स्वास्थ्य  और सम्पन्नता आती है | बुरी शक्तियों से माँ रक्षा करती हैं, काले जादू का नाश होता है | कमजोर को शक्ति प्राप्त होती है | जो लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं उनके आय के स्त्रोत खुलते हैं | जो लोग शांति की तलाश में हैं उन्हें माता की कृपा से शांति मिलती है | जो ज्ञान मार्गी है उन्हें सत्य के दर्शन होते हैं | जो बुद्धि चाहते हैं उन्हें मिलता है | भगवती की क