शंख गायत्री मंत्र: अर्थ, महत्व और आध्यात्मिक लाभ मंत्र: ॐ पंचजन्याय विद्महे पवमानाय धीमहि। तन्नो शङ्खः प्रचोदयात्॥ भारतीय सनातन परंपरा में शंख (Conch Shell) को अत्यंत पवित्र और दिव्य माना गया है। यह केवल एक वाद्य यंत्र नहीं, बल्कि धर्म, शुद्धता और चेतना का प्रतीक है। शंख से संबंधित गायत्री मंत्र को शंख गायत्री मंत्र कहा जाता है, जिसका जप और श्रवण साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। Shankh Gayatri Mantra ke Fayde शंख गायत्री मंत्र का अर्थ ॐ पंचजन्याय विद्महे हम भगवान विष्णु के दिव्य शंख पाञ्चजन्य को जानते हैं। पवमानाय धीमहि जो शुद्धता, पवित्रता और प्राण ऊर्जा का संचार करता है, उसका हम ध्यान करते हैं। तन्नः शङ्खः प्रचोदयात् वह पवित्र शंख हमारी बुद्धि और चेतना को प्रेरित करे। यह मंत्र शंख की दिव्य शक्ति से हमारी बुद्धि, प्राणशक्ति और आत्मा को शुद्ध व जाग्रत करने की प्रार्थना है। शंख का आध्यात्मिक महत्व शंख को भगवान विष्णु का प्रतीक माना गया है यह पांच महाभूतों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) का संतुलन करता है शंखनाद से नक...
कुंडली में चन्द्र ग्रहण दोष को जानिए, कैसे बनता है चन्द्र ग्रहण योग, क्या प्रभाव होता है चन्द्र ग्रहण दोष का जीवन पर, क्या करे चन्द्र ग्रहण दोष के प्रभाव को कम करने के लिए. Chandra Grahan Dosh Ko Janiye Jyotish Me लोग विभिन्न प्रकार के प्रश्न करते हैं चन्द्र ग्रहण को लेके जैसे – क्या चन्द्र ग्रहण व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है? क्या चन्द्र ग्रहण काम काजी जीवन को प्रभावित करता है ? क्या चन्द्र ग्रहण प्रेम जीवन को प्रभावित करता है ? क्या चन्द्र ग्रहण वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है ? क्या इसके कारण काले जादू से भी ग्रस्त हो सकते हैं ? क्या कोई तरीका है जिससे चन्द्र ग्रहण के परेशानियों से छुटकारा मिल सके ? अतः ऐसे बहुत से प्रश्न हैं जो की लोग पूछते हैं जिनके कुंडली में चन्द्र ग्रहण दोष होता है. इस लेख में हम यही जानेंगे की कैसे चन्द्र ग्रहण हमारे जीवन को प्रभावित करता है, कैसे जियें सफल जीवन. आइये जानते हैं सबसे पहले की क्या होता है चन्द्र ग्रहण योग? राहू या केतु की युति जब चन्द्रमा के साथ होती है तो चन्द्र ग्रहण योग का निर्माण होता है कुंडली में....