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Budh Ka Vrishcik Raashi mai gochar kab hoga

Budh grah ka vrischik rashi mai gochar kab hoga October 2025, जनिये राशिफल, वृश्चिक राशि में बुध का प्रभाव 2025, Budh ka gochar October. Budh Gochar Vrischik Rashi Mai: बुध 24 अक्टूबर 2025 को दिन में लगभग 12:24  पे वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे | वैदिक ज्योतिष के हिसाब से बुध का सम्बन्ध बुद्धि, एकाग्रता, वाणी, त्वचा, सौंदर्य,  मित्र, बोलने-सुनने की शक्ति, सुगंध आदि से होता है | यहाँ विशेष बात जो ध्यान रखने वाली है वो ये की वृश्चिक रहस्यमय राशि है | वृश्चिक राशि अपने भावुक, चुंबकीय और अक्सर रहस्यमय स्वभाव के लिए जानी जाती है। यह गहराई, तीव्रता और परिवर्तन से जुड़ी राशि है। अतः बुध का ये गोचर जीवन को गहराई से समझने और छिपी हुई सच्चाइयों को उजागर करने की हमारी क्षमता को बढ़ा सकता है। वृश्चिक राशि में बुध खोजी बातचीत, मनोवैज्ञानिक अंतर्दृष्टि और दिखावे के पीछे छिपे सत्य को पहचानने की गहरी नज़र को प्रोत्साहित करता है। कुछ लोगों के संचार शैली का विकास होगा, कुछ लोगों के अन्दर ईर्ष्या की भावना का विकास होगा, कुछ लोग अंतर्ज्ञान की खोज में लग जायेंगे, कुछ लोग आत्म निरिक्षण में लग...

Chaitra Amavasya mai kya kare

 chaitra amavasya kab hai 2022 mai, date and time of chaitra amavasya, चैत्र अमावस्या मे क्या करे|

हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र महीने की अमावस्या बहुत ही ख़ास होती है क्यूंकि इस दिन अनेक दोषों से छुटकारे के लिए पूजाएँ होती है और साथ ही शक्ति आराधना के लिए चैत्र नवरात्री की शुरुआत होती है |

2022 मे चैत्र अमावस्या को लेके संशय बना हुआ है तो इस लेख में हम सही तिथि जानेंगे और साथ ही ये भी देखेंगे की क्या कर सकते हैं जीवन में से परेशानियों को दूर करने के लिए |

chaitra amavasya kab hai 2022 mai, date and time of chaitra amavasya, चैत्र अमावस्या मे क्या करे|
Chaitra Amavasya mai kya kare

Read in english about when is chaitra Amavasya.

आइये सबसे पहले जानते हैं की chaitra amavasya कब से शुरू होगा और कब तक रहेगा ?

  • अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी 31 मार्च बृहस्पतिवार को दोपहर 12:24 पे |
  • अमावस्या तिथि समाप्त होगी  01 अप्रैल को दिन में 11:55 पे |

तो देखा जाए तो जो लोग अमावस्या की रात्रि को कोई पूजा करना चाहते हैं तो उनके लिए 31 मार्च की रात्रि ठीक है और अमावस्या जो लोग श्राद्ध कर्म, दान, पूजा आदि करना चाहते हैं, उनके लिए 1 अप्रैल ठीक रहेगा |

चैत्र अमावस्या में अनेक प्रकार की पूजाएँ होती है जीवन को सफल बनाने के लिए :

  1. अगर किसी के कुंडली में पितृ दोष हो और हर काम में बाधा आ रही हो तो chaitra amavasya मे पूजाएँ होती है |
  2. किसी के कुण्डली में प्रेत दोष हो तो भी इस दिन बचाव के लिए अनुष्ठान होते हैं |
  3. अगर दरिद्रता पीछा नहीं छोड़ रही है तो चैत्र अमावस्या से पूरे नवरात्री में माँ लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं |
  4. अगर रोग पीछा नहीं छोड़ रहा है तो भी इस दिन रोग निवारण पूजा की जा सकती है |
  5. जिन लोगो को संतान सुख प्राप्त नहीं हो रहा है या फिर बार बार गर्भपात हो रहा है तो वे भी इस दिन विशेष पूजा अर्चना कर सकते हैं |
  6. जिन लोगो की कुंडली में कालसर्प योग बना हुआ है, वे भी इस दिन का लाभ ले सकते हैं | 
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आइये जानते हैं कुछ ख़ास उपाय चैत्र अमावस्या पर करने के लिए जिससे दुर्भाग्य दूर हो :

  • इस दिन ब्रह्म महुरत में उठके पवित्र नदी में स्नान करके पितरो के निमित्त तर्पण करना चाहिए, श्राद्ध कर्म भी कर सकते  हैं साथ ही ब्राहमणों को, गाय को, कुत्तो को, कौवों को भोजन कराना चाहिए | ये कार्य अगर दिन में 11:30 पे किया जाए तो बहुत अच्छा होगा | इसके बाद पितरो से हाथ जोड़ कर आशीर्वाद माँगना चाहिए |
  • चैत्र अमावस्या को पीपल के पेड़ की पूजा करना भी शुभ होता है, इस दिन पीपल के पेड़ पे मीठा जल अर्पित करे, भोग अर्पित करे, दीपक अर्पित करे, धूप दे और फिर पीपल के पेड़ की 7, 21 या 108 परिक्रमा करना चाहिए |
  • अगर किसी के कुंडली में कालसर्प योग बना हुआ है तो ऐसे में चांदी या ताम्बे के नाग नागिन के जोड़े की पूजा करके किसी बहती नदी में विसर्जित करे या फिर किसी शिव मंदिर में भी छोड़ सकते हैं |
  • पितरो के निमित्त चैत्र अमावस्या को भगवद्गीता का पाठ भी कर सकते हैं |
  • इस दिन एक ताम्बे के लौटे में जल ले, उसमे लाल चन्दन डाले, लाल पुष्प डाले, 1 चुटकी गुड डाले और फिर सूर्य देव को अर्ध्य दे |
  • अपनी क्षमता अनुसार गरीबो को अन्न, वस्त्र और धन देना चाहिए चैत्र अमावस्या को, इससे भी पितृ संतुष्ट होते हैं |
  • रोग निवारण के लिए chaitra amavasya ko रुद्राभिषेक भी करवा सकते हैं |
  • अगर शत्रु बहुत परेशां कर रहे हो तो ऐसे में चैत्र अमावस्या से माँ काली की पूजा शुरू करनी चाहिए और पूरे नवरात्री में करना चाहिए| देवी के 1008 नामो का जप करना चाहिए |

तो इस प्रकार 2022 मे चैत्र अमावस्या का पूरा लाभ हम सभी ले सकते हैं और दुर्भाग्य को दूर कर सकते हैं |

अगर आप जानना चाहते हैं की आपके कुंडली के अनुसार कौन सी पूजा आपके लिए शुभ रहेगी, कौन सा रत्न धारण करना चाहिए, कौन सा दिन आपके लिए भाग्यशाली है, कब होगा विवाह, कब मिलेगी तरक्की आदि तो आप ज्योतिष से संपर्क कर सकते हैं |

आइये जानते हैं 2022 में चैत्र अमावस्या में ग्रहों की स्थिति कैसी रहने वाली है ?

  1. इस बार chaitra navratri मे बुधादित्य नमक राज योग बना रहेगा जो की सभी को लाभ देगा, इस दिन जरुर से अपनी क्षमता अनुसार पूजा पाठ करना चाहिए |
  2. सूर्य, केतु और शुक्र अपने मित्र राशि में रहेंगे गोचर कुंडली में |
  3. मंगल अपने उच्च राशि में रहेंगे |
  4. शनि स्व राशि में रहेंगे|
  5. बुध अपने नीच राशि में रहेंगे  अतः जिन लोगो के कुंडली में बुध अशुभ है उन्हें इस दिन कोई भी बड़ा निर्णय नहीं लेना चाहिए |

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