May 2025 में कौन से ग्रह बदलेंगे चाल, जानिए तारीख और समय , May 2025 Grah Gochar, कौन से महत्त्वपूर्ण बदलाव होंगे इस महीने गोचर कुंडली में. May 2025 Grah Gochar: ग्रहों की चाल समय समय पर बदलती रहती है जिसका असर हमारे जीवन में देखने को मिलता है | May 2025 में भी कई ग्रह अपना राशि परिवर्तन करेंगे जिसके कारण कुछ लोगो को बहुत लाभ होगा व्यापार और नौकरी में, कुछ लोगो की चिंताएं बढेंगी, कुछ लोगो को बिमारी से राहत मिलेगी, कुछ लोगो की अधूरी इच्छाएं पूरी होंगी आदि | मई २०२५ के महीने में 6 ग्रहों का राशि परिवर्तन होने वाला है जो की हैं बुध, सूर्य, गुरु, राहु, केतु और शुक्र जिसके कारण जन जीवन में, वैश्विक स्तर पर बहुत बड़े परिवर्तन देखने को मिलेंगे. May Mai Kaun Se Grah Badlenge Rashi WatchVideo here आइये जानते हैं Grah Gochar May 2025: 7 मई को बुध मेष राशि में प्रवेश करेंगे तड़के लगभग 3:54 AM बजे. Read rashifal here 14 मई को सूर्य वृषभ राशि में गोचर करेंगे रात्री में लगभग 11:51 बजे. 15 मई को गुरु ग्रह मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे रात्री में लगभग 2:30 AM पे....
Shakambhari Navratri Ka Mahattw Hindi Mai, क्या है शाकम्भरी नवरात्री, क्या करे सफलता के लिए.
माता शाकम्भरी शक्ति का ही रूप है और इन्ही की पूजा के लिए विशेष दिन है “शाकम्भरी नवरात्री ’. भक्तगण इन दिनों अपनी मनोकामना सिद्धि हेतु माता की आराधना करते हैं.
शाकम्भरी नवरात्री गुप्त नवरात्रियो में से एक है इसीलिए ज्यादा विख्यात नहीं है साधारण लोगो में परन्तु तांत्रिक और साधक गण इससे परिचित हैं और इस समय का पुरे साल इन्तेजार करते हैं. तंत्र, मंत्र के साधक और अध्यात्म की बढ़ने के उत्सुक लोग भी इन दिनों का इन्तेजार करते हैं.
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shakambhari navratri |
शाकम्भरी नवरात्री को “बाणशंकरी नवरात्री” भी कहते हैं. मान्यता के अनुसार माता शाकम्भरी का सम्बन्ध हरी सब्जियों, पत्ते, फल आदि से है. इनका अवतरण भूखों को भोजन देने के लिए हुआ था.
अतः ऐसा विश्वास है की इनकी पूजा से घर मैं भोजन की कमी नहीं रहती है.
शाकम्भरी गुप्त नवरात्री का समय कब होता है?
शाकम्भरी नवरात्री हर साल पौष महीने के अष्टमी पर शुरू होता है और पूर्णिमा को ख़त्म होता है. ये नवरात्री मात्र ८ दिनों के लिए होती है. आखरी दिन को शाकम्भरी पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है.
आइये जानते हैं शाकम्भरी पूर्णिमा का महत्त्व :
जैसे की हमने जाना की इनका सम्बन्ध भोजन से है अतः इनकी पूजा से अन्न-धन की कमी नहीं रहती है. स्वस्थ जीवन के लिए अच्छा भोजन जरुरी होता है और ये प्राप्त होता है माता की पूजा से.हालांकि सिर्फ इसी के लिए इनकी पूजा नही होती है, माता की आराधना से तांत्रिक और साधक गण शक्तियां भी प्राप्त करते हैं जीवन मे सफलता प्राप्त करने के लिए.
शाकम्भरी नवरात्री मुख्यतः दक्षिण भारत, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान मे प्रचलित है. दक्षिण भारत मे “बानदा अष्टमी” बहुत प्रचलित है और देवी मंदिरों मे विशेष पूजा – आराधना होती है.
इस समय तांत्रिक विशेष आराधना करते हैं, अध्यात्म में आगे बढ़ने के इच्छुक लोग भी साधना करते हैं. जो लोग देवी से आशीर्वाद चाहते हैं और शक्ति प्राप्त करना चाहते हैं, वो नवरात्री मे साधना करते हैं.
आइये जानते हैं की शाकम्भरी देवी के मुख्या मंदिर कहा हैं :
Shakambhari Navratri Ka Mahattw Hindi Mai, क्या है शाकम्भरी नवरात्री, क्या करे सफलता के लिए.पहला तो राजस्थान मे अरावली पहाडियों मैं सकराय माताजी के नाम से प्रसिद्द है, ये सीकर जिले मे है.
दूसरा शाकम्भर मंदिर राजस्थान के ही साम्भर जिले मे है.
तीसरा सहारनपुर, उत्तरप्रदेश मे मौजूद है जो की शाकम्भरी तीर्थ के नाम से प्रसिद्द है.
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