Skip to main content

Latest Astrology Updates in Hindi

Saptahik Rashifal

Saptahik Rashifal Aur Panchang, 28 जुलाई से 3 अगस्त  2024 तक की भविष्यवाणियां| प्रेम जीवन की भविष्यवाणी, आने वाले सप्ताह में किस राशि के जातकों को लाभ मिलेगा, आने वाले सप्ताह के महत्वपूर्ण दिन और राशिफल, जानें आने वाले सप्ताह में कितने सर्वार्थ सिद्धि योग और महत्वपूर्ण दिन मिलेंगे। आगामी साप्ताहिक सर्वार्थ सिद्धि योग: 28जुलाई को सूर्योदय से 3:34 दिन तक रहेगा सर्वार्थ सिद्धि योग | 30 जुलाई को सूर्योदय से 1:07 दिन तक रहेगा सर्वार्थ सिद्धी योग | 31 तारीख को सूर्योदय से रात्री अंत तक रहेगा सर्वार्थ सिद्धि योग | Saptahik Rashifal आइए अब जानते हैं कि आने वाले सप्ताह में हमें कौन से महत्वपूर्ण दिन मिलेंगे: पंचक 23 जुलाई मंगलवार को 12:07 दिन से शुरू होंगे और 27 तारीख को शाम 5:06 बजे तक रहेंगे | शीतला सप्तमी 27 को है | श्रावण सोमवार 29 को है। मंगला गौरी व्रत 30 जुलाई को है। कामिका एकादशी 31 जुलाई बुधवार को है। कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत 1 अगस्त गरुवार को है | शिव चतुर्दशी व्रत 2 तारीख शुक्रवार को है | आगामी सप्ताह का पूरा पंचांग और महूरत पढ़ें आइए अब जानते हैं 28 जुलाई से 03 अगस्त  २०२४  के बी

Rashi Ka Tattw Se Sambandh Jyotish Mai

राशियों के तत्व कैसे प्रभावित करते हैं व्यक्तित्त्व और व्यवहार को, मेरी राशि का तत्व कौन सा है, तत्त्व के आधार पर करियर, तत्त्व के आधार पर जातक के गुण और अवगुण, राशि मित्रता के आधार पर सम्बन्ध कैसे प्रभावित होते हैं |

राशि चक्र तत्वों के रहस्यों का अनावरण

12 राशियों के अलग अलग तत्त्व से सम्बन्ध होते हैं जैसे पृथ्वी, वायु, अग्नि और जल | ज्योतिष का दिलचस्प पहलु ये है की जिस राशि का जिस तत्त्व से सम्बन्ध होता है उसका प्रभाव व्यक्तित्व , व्यवहार में देखने को मिलता है इसीलिए राशियों से सम्बंधित तत्त्व का अध्ययन करना आवश्यक होता है | 

राशि चक्र में 12 राशियाँ होती है मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ और मीन | हर तत्त्व के साथ 3 राशियाँ जुडी हुई हैं | 

Rashi ke Tattw Kaun Se hain, राशियों के तत्व कैसे प्रभावित करते हैं व्यक्तित्त्व और व्यवहार को, मेरी राशि का तत्व कौन सा है, तत्त्व के आधार पर करियर
Rashi Ka Tattw Se Sambandh Jyotish Mai

Read in English about Zodiac Signs and Related elements

राशि और तत्त्व तालिका : 

  1. मेष, सिंह और धनु राशि का सम्बन्ध अग्नि तत्त्व से होता है |
  2. वृषभ, कन्या और मकर राशि का सम्बन्ध पृथ्वी तत्त्व से होता है |
  3. मिथुन, तुला और कुम्भ राशि का सम्बन्ध वायु तत्त्व से होता है |
  4. कर्क, वृश्चिक और मीन  राशि का सम्बन्ध जल तत्त्व से होता है |

आइये अब विस्तार से समझते हैं तत्त्वों को : 

पृथ्वी तत्व : 

इस तत्त्व का मुख्य गुण है व्यावहारिकता, विश्वसनीयता और जिम्मेदारी अतः जिनकी राशि वृषभ, कन्या और मकर हैं उनमे हमे ये सब गुण देखने को मिल सकते हैं | पृथ्वी तत्त्व के प्रभाव से जातक व्यावहारिक, धैर्यवान और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होता है | ऐसे लोग स्थिरता और सुरक्षा को महत्व देते हैं। पृथ्वी तत्व के कारण जागरूकता, सुरक्षा, स्थिरता, शक्ति आदि के गुण पैदा होते हैं |  

Watch Video On YouTube

जल तत्त्व :

इस तत्त्व का मुख्य गुण है चंचलता, भावनात्मक और सहानुभूति अतः जो लोग कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के हैं उन लोगो में रचनात्मकता, सहानुभूति, भाव वेग आदि के गुण देखने को मिलते हैं | जल तत्त्व के कारण रहस्यों को खोजना, किसी विषय के गहरे में उतरना, समय के साथ आगे बढ़ते जाने का गुण पैदा होता है | 

वायु तत्त्व

इस तत्त्व का मुख्य गुण है मिलनसारिता, बौद्धिकता, अस्थिरता अतः जिन लोगो की राशि मिथुन, तुला और कुम्भ है उनके अन्दर ये सारे गुण देखने को मिल सकते हैं | ऐसे लोग सामाजिक कार्यो में, बौद्धिक कार्यो में सफल होते हैं | आपका दिमाग आपका सबसे शक्तिशाली उपकरण है, और आप अक्सर विचारों की खोज करने, बहस में शामिल होने और सार्थक कनेक्शन खोजने के लिए तैयार रहते हैं। आपकी खुली सोच और संचारी स्वभाव आपको एक शानदार बातचीत करने वाला बनाता है। वायु तत्त्व के कारण गतिशील रहना, स्पष्ट रहने के गुण पैदा होते हैं |

अग्नि तत्त्व:

इस तत्त्व का मुख्य गुण है तेज, उर्जा, जूनून अतः जिन लोगो की राशि मेष, सिंह और धनु हैं उनमे हमे ये गुण देखने को मिल सकते हैं | ऐसे लोग अपने लक्ष्य को लेके जुनूनी हो सकते हैं, अपने काम करने में पूरी उर्जा लगा देते हैं, कुछ अलग करने के लिए उत्साहित रहते हैं |  जोखिम उठाने को तैयार रहते हैं | अग्नि तत्त्व के कारण नेता बनने के गुण, आगे बढ़ने की उत्कट अभिलाषा, जोखिम उठाने का साहस, उत्सुकता आदि गुण पैदा होते हैं | 

पढ़िए वैदिक ज्योतिष में 12 राशियों को जानिये 

राशि के तत्त्वों का रिश्तो पर असर : 

व्यक्तियों के बीच अनुकूलता का आकलन करने में राशि चक्र के तत्वों को समझना महत्वपूर्ण है। जिन राशियों में समान तत्व होते हैं, वे जीवन के प्रति अपने समान दृष्टिकोण के कारण एक-दूसरे के साथ अच्छी तरह मेल खाते हैं। पृथ्वी के संकेत साझा व्यावहारिकता से जुड़ते हैं, जल के संकेत गहरी भावनात्मक समझ के माध्यम से जुड़ते हैं, वायु के संकेत बौद्धिक सद्भाव में पनपते हैं, और अग्नि के संकेत एक-दूसरे के जुनून को प्रज्वलित करते हैं।

राशियों के तत्वों के आधार पर ही पति-पत्नी, प्रेमी-प्रेमिका,मित्रों का पारस्परिक संबंध आदि पर विचार किया जाता है | 

प्रत्येक राशि का जो तत्व होता है, उसके आधार पर ही राशियों में परस्पर शत्रुता, मित्रता और अधिमैत्री का निर्णय होता है| 

प्रत्येक तत्व के शत्रु, मित्रऔर अधिमित्र तत्व हैं- 

  1. अग्नि तत्व का अधिमित्र-वायु, मित्र-पृथ्वी, शत्रु-जल है|
  2. पृथ्वी तत्व का अधिमित्र जल, मित्र-अग्नि, शत्रु-वायु है|
  3. वायु का अधिमित्र अग्नि,मित्र-जल, शत्रु-पृथ्वी|
  4. जल का अधिमित्र-पृथ्वी, मित्र-वायु, शत्रु-अग्नि होता है|

उदाहरण के लिए-

  • मेष राशि की अधिमित्र राशियाँ हैं मिथुन, तुला, कुम्भ | मित्र राशियाँ हैं वृषभ, कन्या, मकर और शत्रु राशि हैं कर्क, वृश्चिक, मीन  | 
  • वृषभ राशि की अधिमित्र राशियाँ हैं- कर्क, वृश्चिक, मीन| वृषभ राशि की मित्र राशियाँ हैं – मेष, सिंह, धनु  और शत्रु राशि है मिथुन, तुला और कुम्भ |
  • मिथुन राशि की अधिमित्र राशियाँ हैं मेष, सिंह, धनु| मित्र राशियाँ हैं कर्क, वृश्चिक, मीन और शत्रु राशियाँ हैं वृषभ, कन्या और मकर |

इसी प्रकार हम अन्य राशियों के अधि मित्र और शत्रु राशि निकाल सकते हैं | 

पढ़िए 12 Houses in Kundli 

राशि चक्र के तत्व करियर विकल्पों को कैसे प्रभावित करते हैं?

विभिन्न तत्व निश्चित कैरियर पथों की ओर आकर्षित होते हैं; पृथ्वी राशियाँ व्यावहारिक भूमिकाओं में उत्कृष्टता प्राप्त करती हैं, वायु राशियाँ संचार-संबंधी क्षेत्रों में फलती-फूलती हैं, जल राशियाँ रचनात्मक व्यवसायों की ओर आकर्षित होती हैं, और अग्नि राशियाँ नेतृत्व की स्थिति अपनाती हैं।

निष्कर्ष:

राशि चक्र के तत्वों की जानकारी हमारे  व्यक्तित्व, रिश्तों और जीवन यात्रा में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। चाहे आप पृथ्वी की स्थिरता, जल की गहराई, वायु की बुद्धि, या अग्नि के जुनून के साथ अधिक प्रतिध्वनित हों, प्रत्येक तत्व आपकी विशिष्टता में योगदान देता है। इन तत्वों को अपनाने से आपको और आपके आस-पास की दुनिया के बारे में गहरी समझ पैदा हो सकती है।

राशियों के तत्त्व को जानके मित्र और शत्रु का निर्णय हो सकता है | इसे जानके आप अपने संबंधो के बीच की निकटता को भी समझ सकते हैं की किनके साथ आपकी सम्बन्ध मजबूत हैं और क्यों | 

कुछ अनुभवी ज्योतिष तत्त्व के आधार पर राशि मिलान को बहुत महत्त्व देते हैं विवाह से पहले | इससे यह पता चलता है कि किस राशि वाले लोगों के साथ आपके संबंध कैसे रहेंगे, इसलिए विवाह के पूर्व लड़का और लड़की की मैत्री राशि जरूर देखी जानी चाहिए| 

राशियों के तत्व कैसे प्रभावित करते हैं व्यक्तित्त्व और व्यवहार को, मेरी राशि का तत्व कौन सा है, तत्त्व के आधार पर करियर, तत्त्व के आधार पर जातक के गुण और अवगुण, राशि मित्रता के आधार पर सम्बन्ध कैसे प्रभावित होते हैं |

Comments

Popular posts from this blog

84 Mahadev Mandir Ke Naam In Ujjain In Hindi

उज्जैन मंदिरों का शहर है इसिलिये अध्यात्मिक और धार्मिक महत्त्व रखता है विश्व मे. इस महाकाल की नगरी मे ८४ महादेवो के मंदिर भी मौजूद है और विशेष समय जैसे पंचक्रोशी और श्रवण महीने मे भक्तगण इन मंदिरों मे पूजा अर्चना करते हैं अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए. इस लेख मे उज्जैन के ८४ महादेवो के मंदिरों की जानकारी दी जा रही है जो निश्चित ही भक्तो और जिज्ञासुओं के लिए महत्त्व रखती है.  84 Mahadev Mandir Ke Naam In Ujjain In Hindi आइये जानते हैं उज्जैन के ८४ महादेवो के मंदिरों के नाम हिंदी मे : श्री अगस्तेश्वर महादेव मंदिर - संतोषी माता मंदिर के प्रांगण मे. श्री गुहेश्वर महादेव मंदिर- राम घाट मे धर्मराज जी के मंदिर मे के पास. श्री ढून्देश्वर महादेव - राम घाट मे. श्री अनादी कल्पेश्वर महादेव- जूना महाकाल मंदिर के पास श्री दम्रुकेश्वर महादेव -राम सीढ़ियों के पास , रामघाट पे श्री स्वर्ण ज्वालेश्वर मंदिर -धुंधेश्वर महादेव के ऊपर, रामघाट पर. श्री त्रिविश्तेश्वर महादेव - महाकाल सभा मंडप के पास. श्री कपालेश्वर महादेव बड़े पुल के घाटी पर. श्री स्वर्न्द्वार्पलेश्वर मंदिर- गढ़ापुलिया

om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi

कामदेव मंत्र ओम क्लीं कामदेवाय नमः के फायदे,  प्रेम और आकर्षण के लिए मंत्र, शक्तिशाली प्रेम मंत्र, प्रेम विवाह के लिए सबसे अच्छा मंत्र, सफल रोमांटिक जीवन के लिए मंत्र, lyrics of kamdev mantra। कामदेव प्रेम, स्नेह, मोहक शक्ति, आकर्षण शक्ति, रोमांस के देवता हैं। उसकी प्रेयसी रति है। उनके पास एक शक्तिशाली प्रेम अस्त्र है जिसे कामदेव अस्त्र के नाम से जाना जाता है जो फूल का तीर है। प्रेम के बिना जीवन बेकार है और इसलिए कामदेव सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका आशीर्वाद जीवन को प्यार और रोमांस से भरा बना देता है। om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi कामदेव मंत्र का प्रयोग कौन कर सकता है ? अगर किसी को लगता है कि वह जीवन में प्रेम से वंचित है तो कामदेव का आह्वान करें। यदि कोई एक तरफा प्रेम से गुजर रहा है और दूसरे के हृदय में प्रेम की भावना उत्पन्न करना चाहता है तो इस शक्तिशाली कामदेव मंत्र से कामदेव का आह्वान करें। अगर शादी के कुछ सालों बाद पति-पत्नी के बीच प्यार और रोमांस कम हो रहा है तो इस प्रेम मंत्र का प्रयोग जीवन को फिर से गर्म करने के लिए करें। यदि शारीरिक कमजोरी

Mrityunjay Sanjeevani Mantra Ke Fayde

MRITYUNJAY SANJEEVANI MANTRA , मृत्युंजय संजीवनी मन्त्र, रोग, अकाल मृत्यु से रक्षा करने वाला मन्त्र |  किसी भी प्रकार के रोग और शोक से बचाता है ये शक्तिशाली मंत्र |  रोग, बुढ़ापा, शारीरिक कष्ट से कोई नहीं बचा है परन्तु जो महादेव के भक्त है और जिन्होंने उनके मृत्युंजय मंत्र को जागृत कर लिए है वे सहज में ही जरा, रोग, अकाल मृत्यु से बच जाते हैं |  आइये जानते हैं mrityunjaysanjeevani mantra : ऊं मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः।। Om mriyunjay mahadev trahimaam sharnagatam janm mrityu jara vyadhi peeditam karm bandanah || मृत्युंजय संजीवनी मंत्र का हिंदी अर्थ इस प्रकार है : है कि हे मृत्यु को जीतने वाले महादेव मैं आपकी शरण में आया हूं, मेरी रक्षा करें। मुझे मृत्यु, वृद्धावस्था, बीमारियों जैसे दुख देने वाले कर्मों के बंधन से मुक्त करें।  Mrityunjay Sanjeevani Mantra Ke Fayde आइये जानते हैं मृत्युंजय संजीवनी मंत्र के क्या क्या फायदे हैं : भोलेनाथ दयालु है कृपालु है, महाकाल है अर्थात काल को भी नियंत्रित करते हैं इसीलिए शिवजी के भक्तो के लिए कु