Skip to main content

Latest Astrology Updates in Hindi

Pushya Nakshatra Ka Mahttw Diwali Ke Pahle

दिवाली के पहले पुष्य नक्षत्र का महत्त्व 2024, क्या करे सुख सम्पन्नता, भाग्योदय के लिए ज्योतिष अनुसार. हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या को दीपावली आती है हिन्दू पंचांग अनुसार और इससे पहले एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण दिन आता है जिसे पुष्य योग कहते हैं. पुष्य नक्षत्र जब दिवाली के पहले आता है तो अति महत्त्वपूर्ण कार्यो के लिए योग बना देता है. ये व्यापारियों, गृहस्थो, नौकरीपेशा, विद्यार्थियों आदि के लिए शुभ होता है. pushya in diwali significance विद्वानों ने इस बात को माना है की इस शक्तिशाली दिन में किसी भी चीज को खरीदना बहुत महत्त्व रखता है. इस दिन ख़रीदा सोना सम्पन्नता देता है, इस दिन खरीदी किताबे विद्याप्रप्ती में सहयोग प्रदान करती है. इसी कारण व्यापारी वर्ग इस दिन बही खाते खरीदते नजर आते हैं. महिलाए अपने लिए आभूषण खरीदती है, कुछ लोग श्री यन्त्र की स्थापना करते हैं आदि. साल 2024 में दिवाली से पहले पुष्य नक्षत्र 24 और 25 October को रहेगा |  पुष्य नक्षत्र 24 तारीख बृहस्पतिवार को प्रातः लगभग 6:16 से शुरू होगा और 25 तारीख को प्रातः लगभग 7:40 बजे तक रहेगा | Watch Video Here आ

Jyotish Mai 12 Rashiyo Ko Janiye Bhag 3

vedic jyotish lesson 3 in hindi, 12 rashiyan aur unke swabhaav in details, how we can check zodiac by seeing he number in horoscope.

हम jyotish lesson 2 में ये देख चुके है की वैदिक महीनो के बारे में जिसका जिक्र हमे हिन्दू पंचांग में मिलता है , 9 ग्रह कौन से है और इनकी हेसियत क्या है ?, ग्रहों का सम्बन्ध कौन से तत्त्व से हैं ?, उत्तरायण और दक्षिणायन क्या होते हैं? |

अब इस jyotish lesson 3 मे हम जानेंगे की-
  1. १२ राशियाँ कौन सी हैं और उनका स्वभाव क्या है, ये हम विस्तार से देखेंगे |
  2. कुंडली मे राशियों के लिए अंक लिखे होते हैं. ज्योतिष उन अंको को देख कर कैसे राशी बता देते हैं.

12 rashi details in hindi jyotish tutorial
jyotish lesson part 3

इससे ये भी जान लेते हैं की कौन से भाव मे कौन सी राशि है. उदाहरण के लिए १ अंक मेष राशी को बताता है, ४ अंक कर्क को बताता है, 9 धनु को बताता है, १२ मीन राशी को बताता है आदि. इस पाठ मे आप इनके बारे मे पूर्ण जानकारी पायेंगे.

राशि चक्र मे हर राशी का अपना एक विशेष स्थान है और उसके लिए हम उसके डिग्री का अध्ययन करते हैं. इस पाठ मे हम इसके बारे मे भी पढेंगे.

हर राशी का एक स्वामी होता है जिसके बारे मे जानना भी आवश्यक है अगर कुंडली को पढना है. इससे भी बहुत कुछ पता चल जाता है.

यही नहीं हर राशि का अपना रंग, लिंग और वर्ण भी होता है. इन सभी के बारे मे हम ज्योतिष सीखिए के पाठ ३ मे पढेंगे.



हमारा स्वभाव राशि पर निर्भर करता है अतः ज्योतिष राशि को जानकार स्वभाव के बारे मे भी जान जाते हैं. इस पाठ को पढ़कर आप बहुत कुछ इस बारे मे जान जायेंगे.

ज्योतिष मे राशियों का बहुत महत्त्व है क्यूंकि हर व्यक्ति की एक राशी होती है जो की उस व्यक्ति के स्वाभाव को प्रभावित करती है. अतः किसी के राशी को जानकार हम उसके स्वभाव और व्यक्तित्त्व के बारे मे जान सकते हैं.
12 rashi ki jankari in jyotish
know about 12 rashi in hindi

आइये जानते है की कैसे जाने किसी के राशी को ?

किसी के राशी को जानने के लिए उसकी कुंडली बनाना जरुरी है, राशी को अंग्रेजी मे zodiac कहते हैं. सबसे पहले ये देखिये की चन्द्रमा कौन से भाव मे बैठा है और वह पे कौन सा अंक लिखा है. हर अंक एक राशी को बताता है. जो अंक चन्द्रमा के साथ होगा वही उस व्यक्ति की राशि होगी. उदाहरण के लिए अगर चन्द्रमा अंक ४ के साथ बैठा हो तो राशी होगी कर्क.

आइये अब जानते है कौन सा अंक कौन से राशी से सम्बन्ध रखता है :

  1. मेष राशी
  2. वृषभ राशि
  3. मिथुन राशी
  4. कर्क राशी
  5. सिंह राशी
  6. कन्या राशी
  7. तुला राशी
  8. वृश्चिक राशी
  9. धनु राशी
  10. मकर राशी
  11. कुम्भ राशी
  12. मीन राशी

आइये अब जानते हैं १२ राशियों के बारे मे विस्तार से :

1-मेष राशी –

  • ये पहली राशी है और १ से 30 डिग्री तक का स्थान राशी चक्र मे इसका होता है. ये भेड़ जैसी दिखती है जिस प्रकार भेड़ लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहता है उसी प्रकार मेष राशी के लोग भी शक्तिशाली होते हैं और उग्रता नजर आ सकते हैं. अगर वातावरण बन जाए तो ये लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे.
  • मेष राशी का स्वभाव बहुत चंचल होता है.
  • मेष राशी का स्वामी ग्रह मंगल है.
  • इससे सम्बंधित रंग लाल है.
  • लिंग है पुरुष
  • इसका निवास स्थान जंगल होता है.
  • मेष राशी से सम्बंधित तत्त्व है अग्नि.
  • वर्ण है क्षत्रिय
  • इसका असर मुख्यतः सर पर होता है और व्यक्ति को निर्भीक, दोस्तों के प्रति इमानदार, गुस्सेल आदि बनता है. इससे व्यक्ति के अन्दर अहंकार भी पैदा होता है. मेष राशी रात को शक्तिशाली होती है.

2. वृषभ राशि :

  • ये वृषभ जैसी दिखती है, राशी चक्र मे इसका स्थान 30 से ६० डिग्री तक होता है.
  • ये राशी स्थिर स्वभाव की होती है और इसका स्वामी शुक्र होता है.
  • इससे सम्बंधित रंग सफ़ेद है और इसका सम्बन्ध दक्षिण दिशा से है.
  • लिंग है स्त्रीलिंग.
  • वृषभ राशी का निवास जल स्थान, घास युक्त मैदान आदि मे होता है.
  • इसका सम्बन्ध पृथ्वी तत्त्व से होता है.
  • इसका असर मुख्यतः चेहरे और जबड़े मे रहता है.
  • वृषभ राशी के कारन व्यक्ति शांत स्वभाव का होता है, थोडा बहुत स्वार्थी भी होता है, बुद्धिमान भी होता है, सांसारिक कार्यो मे कुशल होता है. वृषभ राशी के लोग वृषभ जैसे शक्तिशाली होते हैं काम करने मे और रात्रि को ज्यादा शक्तिशाली होते हैं.

3-मिथुन राशी –

  • राशी चक्र मे मिथुन राशी का स्थान ६० से ९० डिग्री तक होता है. इसका चिन्ह स्त्री और पुरुष के जोड़े जैसा होता है. इसका स्वभाव मिश्रित होता है.
  • मिथुन राशी का स्वामी बुध ग्रह होता है.
  • इससे सम्बंधित रंग हरा होता है.
  • इसका सम्बन्ध पश्चिम दिशा से होता है.
  • लिंग पुरुष होता है.
  • मिथुन राशी का निवास स्थान शयन कक्ष, बगीचा, जुआ खाना अदि मे होता है.
  • इसका सम्बन्ध वायु तत्त्व से होता है.
  • वर्ण शुद्र होता है.
  • इसका प्रभाव मुख्यतः फेफड़ो, गला, बाहों, और स्वशन प्रणाली पर होता है.
  • मिथुन राशी दिन मे शक्तिशाली होता है.
  • ये व्यक्ति को बुद्धिमान और कलाकार बनता है.

4-कर्क राशि –

  • ये चौथी राशी है और राशी चक्र मे इसका स्थान ९० से १२० डिग्री तक है. कर्क राशी का स्वामी चन्द्रमा होता है.
  • इसका स्वभाव गतिशील होता है.
  • इसका सम्बंधित रंग सफ़ेद या गुलाबहि होता है.
  • कर्क राशी की दिशा उत्तर होती है.
  • इसका निवास स्थान तालाब, नदी का किनारा, बालू स्थान अदि होता है.
  • इससे सम्बंधित तत्त्व जल है.
  • वर्ण शुद्र होता है.
  • कर्क राशी का मुख्य प्रभाव पेट, किडनी, ह्रदय, ब्रैस्ट आदि पर होता है.
  • इस राशी के लोग सांसारिक सुख को प्राप्त करने के लिए खूब मेहनत करते हैं, ये शर्मीले भी होते हैं पर बुद्धिमान होते हैं,समय के पाबंद होते हैं, बहार से कठोर दीख सकते हैं परन्तु अन्दर से कोमल स्वभाव के होते हैं.

5- सिंह राशी –

  • ये राशी का चिन्ह शेर जैसा होता है और पांचवी राशी है. राशी चक्र मे इसका स्थान १२० से १५० डिग्री तक होता है. इसका स्वामी ग्रह सूर्य है.
  • ये स्थिर स्वाभाव की राशी है और सम्बंधित रंग पिला है.
  • इसकी दिशा पूर्व है.
  • लिंग पुरुष है.
  • सिंह राशी पहाड़ो, गुफा, जंगल आदि मे निवास करती है.
  • इसका प्रभाव मुख्यतः पेट, पाचन तंत्र, ह्रदय आदि मे होता है.
  • इस राशी के स्वामी स्वस्थ, परोपकारी, घुम्मकड़ स्वाभाव के हो सकते हैं.

6-कन्या राशी –

  • ये छठी राशी है और इसका चिन्ह नाव चलाती हुई लड़की जैसा होता है. राशी चक्र मे इसका स्थान १५० से १८० डिग्री तक है.
  • इसका स्वभाव स्थिर नहीं रहता है और इसका स्वामी ग्रह है बुध.
  • सम्बंधित रंग है हरा.
  • लिंग है स्त्री.
  • कन्या राशी का निवास स्थान है घास युक्त मैदान.
  • इससे सम्बंधित तत्त्व है पृथ्वी.
  • वर्ण है शुद्र.
  • शारीर मे इसका प्रभाव मुख्यतः कमर, अंतड़ियों पर और पेट से निचे के भाग पर होता है.
  • ऐसे लोग स्व-सम्मान का ख्याल रखते हैं और ज्ञान पाने के लिए लालायित रहते हैं अपने आपको बढाने के लिए.
  • ये राशी रात्रि को ताकतवर होती है.

7- तुला राशी –

  • ये सातवी राशी है और इसका चिन्ह हाथ मे तराजू लिए जैसा दीखता है. राशी चक्र मे इसका स्थान १८० से २१० डिग्री तक है. इसका स्वाभाव अस्थिर है. तुला राशी का स्वामी शुक्र ग्रह है. सम्बंधित रंग थोडा कालापन लिए है.
  • सम्बंधित दिशा पश्चिम है.
  • लिंग पुरुष है.
  • इसका निवास स्थान व्यापारिक जगह होती है.
  • तुला राशी का सम्बन्ध वायु तत्त्व से होता है.
  • वर्ण शुद्र है.
  • शारीर मे मुख्यतः ये नाभि के निचे के भाग पर प्रभाव रखता है.
  • शुक्र ग्रह से सम्बन्ध होने के कारण व्यक्ति का रुझान काला की तरफ होता है, चकाचौंध की तरफ होता है.
  • ये राशी दिन मे शक्तिशाली होती है.

8 - वृश्चिक राशी –

  • इसका चिन्ह वृश्चिक जैसा होता है और राशी चक्र मे इसका स्थान आठवां है २१० से २४० डिग्री तक.
  • ये स्थिर राशी है
  • इसका स्वामी ग्रह मंगल है.
  • इससे सम्बंधित रंग सफ़ेद और सुनहरा है.
  • इससे सम्बंधित दिशा उत्तर है.
  • लिंग स्त्री है.
  • इसका निवास स्थान है पथरीला इलाका, गुफा आदि.
  • इससे सम्बंधित तत्त्व है जल.
  • वृश्चिक राशी का सम्बन्ध ब्राह्मण वर्ण से है.
  • शारीर मे इसका प्रभाव मुख्यतः सेक्स अंगो पर रहता है.
  • ये व्यक्ति को जिद्दी, सीधे बात करने वाला, आत्मशक्ति वाला बनाता है.
  • वृश्चिक राशी दिन मे शक्तिशाली होती है.

9-धनु राशी –

  • इस राशी का चिन्ह आधा घोड़ा और आधा आदमी हाथ मे धनुष लिए होता है. ये नवी राशी है और राशी चक्र मे इसका स्थान २४० से २७० डिग्री तक होता है.
  • इसका स्वभाव मिश्रित होता है.
  • इससे सम्बंधित रंग सुनहरा होता है.
  • धनु राशी का स्वामी गुरु होता है
  • दिशा है पूर्व.
  • लिंग है पुरुष.
  • इसका निवास स्थान महल, घुद्शाल आदि.
  • इससे सम्बंधित तत्त्व है अग्नि.
  • धनु राशी का वर्ण है क्षत्रिय.
  • शारीर मे इसका प्रभाव मुख्यतः लीवर/यकृत, धमनियों और नसों मे होता है.
  • ऐसे लोग ताकतवर होते हैं और उनकी नियंत्रण करने की शक्ति भी अच्छी होती है.

10 - मकर राशी –

  • इसका चिन्ह मगरमच्छ का शारीर और हिरन का मुह लिए होता है. ये दसवीं राशी है और राशी चक्र मे इसका स्थान २७० से ३०० डिग्री तक होता है.
  • इसका स्वभाव चंचल और अस्थिर होता है.
  • मकर राशी का स्वभाव चंचल होता है और इसका स्वामी शनि है.
  • लिंग पुरुष है.
  • मकर राशी का निवास स्थान जल से सम्बंधित इलाके होते हैं और जंगल.
  • मकर राशी से सम्बंधित तत्त्व है पृथ्वी
  • वर्ण है वैश्य.
  • शारीर मे इसका प्रभाव मुख्यतः घुटना, हड्डी और जोड़ो पर होता है.
  • ऐसे लोग किसी ख़ास लक्ष्य को रखते हैं, अच्छा शारीर भी होता है और लगातार तरक्की चाहते हैं.
  • मकर राशी रात्रि को शक्तिशाली होती है .

11- कुम्भ राशी –

  • इसका चिन्ह बाँहों मे मटका लिए जैसा है. ये ग्यारहवी राशी है और राशी चक्र मे इसका स्थान ३०० से ३३० डिग्री तक है.
  • कुम्भ राशी का स्वभाव स्थिर रहता है.
  • इसका स्वामी शनि है.
  • रंग है चितकबरा.
  • इस राशी की दिशा है पश्चिम.
  • लिंग है पुरुष.
  • कुम्भ राशी का निवास जल के पास और कुम्हार के यहाँ होता है.
  • इससे सम्बंधित तत्त्व है वायु.
  • वर्ण है शुद्र.
  • इसका प्रभाव मुख्यतः खून/रक्त मे होता है.
  • ऐसे लोग धार्मिक होते हैं, शांत प्रकृति के हो सकते हैं, उत्साहित और शोध करने मे विश्वास रखते हैं.
  • ये राशी दिन मे शक्तिशाली होती है.

12 - मीन राशी –

  • इसका चिन्ह 2 मछलियाँ अपनी पूछ की तरफ देखते हुए है. राशी चक्र मे इसका स्थान बारहवा है और ३३० से ३६० डिग्री तक है.
  • मीन राशी का स्वाभाव मिश्रित होता है.
  • इसका स्वामी गुरु ग्रह है.
  • सम्बंधित रंग मिश्रित है.
  • मीन राशी की दिशा उत्तर है.
  • लिंग है स्त्री.
  • मीन राशी का निवास जल, नदी, तालाब, समुन्दर आदि मे है.
  • सम्बंधित तत्त्व जल है.
  • इसका वर्ण ब्राह्मण है
  • शारीर मे इसका प्रभाव मुख्यतः पाँव पर होता है, कफ पर भी होता है.
  • ऐसे व्यक्ति उदार और अच्छे व्यवहार के होते हैं.
  • मीन राशी रात्रि मे ताकतवर होती है.
तो इस पाठ मे हमने जाना १२ राशियों के बारे मे, उम्मीद करते हैं की इससे बहुत कुछ पाठको को लाभ हुआ होगा. जुड़े रहिये और जानते रहिये ज्योतिष के बारे मे रोज और लगातार.



अगले jyotish lesson4 में हम और जानेंगे
click to donate for astrology research
Donate Here
१२ राशियाँ वैदिक ज्योतिष मे भाग ३, बारा राशियों का स्वाभाव और प्रभाव हिंदी मे ज्योतिष द्वारा,vedic jyotish lesson 3 in hindi, 12 rashiyan aur unke swabhaav in details, how we can check zodiac by seeing he number in horoscope.

Comments

Popular posts from this blog

om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi

कामदेव मंत्र ओम क्लीं कामदेवाय नमः के फायदे,  प्रेम और आकर्षण के लिए मंत्र, शक्तिशाली प्रेम मंत्र, प्रेम विवाह के लिए सबसे अच्छा मंत्र, सफल रोमांटिक जीवन के लिए मंत्र, lyrics of kamdev mantra। कामदेव प्रेम, स्नेह, मोहक शक्ति, आकर्षण शक्ति, रोमांस के देवता हैं। उसकी प्रेयसी रति है। उनके पास एक शक्तिशाली प्रेम अस्त्र है जिसे कामदेव अस्त्र के नाम से जाना जाता है जो फूल का तीर है। प्रेम के बिना जीवन बेकार है और इसलिए कामदेव सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका आशीर्वाद जीवन को प्यार और रोमांस से भरा बना देता है। om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi कामदेव मंत्र का प्रयोग कौन कर सकता है ? अगर किसी को लगता है कि वह जीवन में प्रेम से वंचित है तो कामदेव का आह्वान करें। यदि कोई एक तरफा प्रेम से गुजर रहा है और दूसरे के हृदय में प्रेम की भावना उत्पन्न करना चाहता है तो इस शक्तिशाली कामदेव मंत्र से कामदेव का आह्वान करें। अगर शादी के कुछ सालों बाद पति-पत्नी के बीच प्यार और रोमांस कम हो रहा है तो इस प्रेम मंत्र का प्रयोग जीवन को फिर से गर्म करने के लिए करें। यदि शारीरिक कमजोरी

Tantroktam Devi suktam Ke Fayde aur lyrics

तन्त्रोक्तं देवीसूक्तम्‌ ॥ Tantroktam Devi Suktam ,  Meaning of Tantroktam Devi Suktam Lyrics in Hindi. देवी सूक्त का पाठ रोज करने से मिलती है महाशक्ति की कृपा | माँ दुर्गा जो की आदि शक्ति हैं और हर प्रकार की मनोकामना पूरी करने में सक्षम हैं | देवी सूक्तं के पाठ से माता को प्रसन्न किया जा सकता है | इसमें हम प्रार्थना करते हैं की विश्व की हर वास्तु में जगदम्बा आप ही हैं इसीलिए आपको बारम्बार प्रणाम है| नवरात्री में विशेष रूप से इसका पाठ जरुर करना चाहिए | Tantroktam Devi suktam  Ke Fayde aur lyrics आइये जानते हैं क्या फायदे होते हैं दुर्गा शप्तशती तंत्रोक्त देवी सूक्तं के पाठ से : इसके पाठ से भय का नाश होता है | जीवन में स्वास्थ्य  और सम्पन्नता आती है | बुरी शक्तियों से माँ रक्षा करती हैं, काले जादू का नाश होता है | कमजोर को शक्ति प्राप्त होती है | जो लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं उनके आय के स्त्रोत खुलते हैं | जो लोग शांति की तलाश में हैं उन्हें माता की कृपा से शांति मिलती है | जो ज्ञान मार्गी है उन्हें सत्य के दर्शन होते हैं | जो बुद्धि चाहते हैं उन्हें मिलता है | भगवती की क

Rinmukteshwar mahadev mantra Ke fayde

कर्ज मुक्ति के लिए महादेव का शक्तिशाली मंत्र |  Rin Mukteshwar Mahadev Mantra | spell to overcome from debt, कहाँ पर है ऋण मुक्तेश्वर मंदिर ?, कर्ज बढ़ने के ज्योतिषीय कारण | ये मंत्र आर्थिक समस्याओं को दूर करने में बहुत मददगार है, किसी भी प्रकार के ऋण से छुटकारा दिलाने में मदद करता है, भगवान् शिव की कृपा को आकर्षित करने का बहुत ही सशक्त और सरल माध्यम है | अगर आपके ऊपर कर्जा बढ़ता जा रहा हो तो ऐसे में ऋणमुक्तेश्वर महादेव की पूजा बहुत लाभदायक है |  Rinmukteshwar mahadev mantra Ke fayde Read in english about Benefits Of RINMUKTESHWAR MANTRA हर महीने जब लेनदार पैसे मांगने आते हैं तो अच्छा नहीं लगता है , स्थिति तब और ख़राब होती है जब की देने के लिए धन नहीं होता है | कर्जा सिर्फ उस व्यक्ति को ही परेशां नहीं करता है जिसने लिया है अपितु पुरे परिवार को शर्मनाक स्थिति से गुजरने के लिए मजबूर करता है अतः जितना जल्दी हो सके कर्जे से बाहर आने की कोशिश करना चाहिए |  आज के इस युग में हर व्यक्ति दिखावटी जीवन जीना चाहता है और इसी कारण एक अंधी दौड़ में शामिल हो गया है | सुख सुविधाओं को एकत्र करने की चाह