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Suraya grahan Mai Kya kare Jyotish Anusar

surya grahan Date and time, 21 september 2025 surya grahan, कहाँ कहाँ दिखेगा सूर्य  ग्रहण, जानिए ज्योतिषीय प्रभाव,surya grahan ke upay.  Surya Grahan September 2025: इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा इस दिन सर्वपितृ अमावस्या भी है । यह आंशिक सूर्यग्रहण कुछ खास देशों में ही दिखाई देगा।  भारत में ये सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा इसीलिए यहाँ सूतक मान्य  नहीं होगा.  21 सितंबर के सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढक लेगा।  ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रहण का समय किसी भी प्रकार की साधना के लिए सबसे श्रेष्ठ समय होता है अतः जो लोग मंत्र साधना, तंत्र साधना, कुंडलिनी साधना करते हैं उनके लिए सिद्धि प्राप्त करने का सुनहरा अवसर होगा |  कब लगता है सूर्य ग्रहण ? जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आ जाता है तब सूर्य का प्रकाश कुछ समय के लिए पृथ्वी पर नहीं पंहुच पाता है धरती पर अँधेरा छा जाता है | इसी को कहते हैं सूर्य ग्रहण |   Surya Grahan 2025 Suraya grahan Mai Kya kare Jyotish Anusar क्या 21 September का सूर्य ग्रहण भा...

Mahamrityunjay Aur Laghu Mrityunjay Mantra Ke Laabh

महा मृत्युंजय और लघु मृत्युंजय मंत्र के लाभ क्या हैं ?, जानिए किस विधि से कर सकते हैं अनुष्ठान, कैसे जपे मृत्युंजय मंत्र को, laghu mrityunjay aur mahamrityunjay mantra ke laabh.

जैसा की मंत्र के नाम से ही समझ आता है की जो मृत्यु पर विजय दिला दे वो है महामृत्युंजय मंत्र. तो इस मंत्र का मुख्य उपयोग रोग और अकाल मृत्यु से बचाना होता है | परन्तु इससे भी ऊपर इस मंत्र   का एक और सबसे बड़ा लाभ ये है की जप करने वाला जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है महादेव की कृपा से | 

महामृत्युंजय मंत्र हो या लघु मृत्युंजय मन्त्र दोनों के अनुष्ठान से जातक रोग, शोक, अकाल मृत्यु के भय से छूट जाता है |  इसके जप से पापों का नाश होता है| 

जो लोग खुद इसका जाप नहीं कर सकते हैं वे दूसरों से करवा भी सकते हैं | 

यहाँ ये बात भी ध्यान रखना चाहिए की ये मंत्र न सिर्फ रोगों से बचाता है बल्कि मृत्यु के पश्चात भी बहुत फायदा देता है, हम जन्म मारण के चक्कर से बच सकते हैं महादेव की कृपा से | 

महा मृत्युंजय और लघु मृत्युंजय मंत्र के लाभ क्या हैं ?, किस विधि से कर सकते हैं अनुष्ठान, कैसे जपे मृत्युंजय मंत्र को, laghu mrityunjay
Mahamrityunjay Aur Laghu Mrityunjay Mantra  Ke Laabh

अब आइये जानते हैं की महामृत्युंजय मंत्र और लघु मृत्युंजय मंत्र में क्या अंतर है ?

  • दोनों ही मंत्र रोग, शोक, अकाल मृत्यु से बचने में काम आते हैं | 
  • अगर पुरश्चरण  की बात करें तो महा मृत्युंजय मंत्र का पुरश्चरण सवा लाख का होता है तो वहीँ लघु मृत्युंजय मंत्र का पुरश्चरण 11 लाख का होता है | 
  • भक्त अपनी पसंद से मंत्र चुन सकते हैं |

Lyrics of Mahamrityunjay Mantra:

|| महा मृत्युंंजय मंत्र ||

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||

पढ़िए Shiv Panchakshari Mantra Sadhna Kaise Karen?

|| संपुटयुक्त महा मृत्युंकजय मंत्र ||

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बजकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्ध नान् मृत्योबर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ

महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ:

हम त्रिनेत्र को पूजते हैं, जो सुगंधित हैं, हमारा पोषण करते हैं, जिस तरह फल, शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है,

वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं। 

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Lyrics of Laghumrityunjay Mantra:

||लघु मृत्युंiजय मंत्र के बोल जब खुद के लिए करना हो  ||

ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ। 


||लघु मृत्युंाजय मंत्र के बोल जब दूसरे के लिए करना हो  ||


ॐ जूं स (व्यक्ति का नाम) पालय पालय स: जूं ॐ


कैसे करना चाहिए महामृत्युंजय मंत्र का जप ?

  1. सबसे पहले तो अनुष्ठाना शुरू करने के लिए कोई अच्छा महुरत चुन लेना चाहिए जैसे सोमवार, सावन का महिना, नवरात्री, शिव रात्रि, सर्वार्थ सिद्धि के योग आदि | 
  2. सुबह नित्य कर्म से निपट के भगवन शिव की पूजा करें और फिर संकल्प ले की किस कार्य के लिए आप मृत्युंजय मंत्र का जप करने वाले हैं | 
  3. अब ये भी संकल्प ले की आप कितना जप करने वाले हैं | कम से कम 11 माला रोज करे तो बहुत अच्छा होगा | 
  4. अगर आप रोज 11 माला जप करते हैं तो १०६  दिन में सवा लाख जप पूरे होंगे | तो अगर आप कम समय में पूरा करना चाहते हैं तो माला बढ़ा भी सकते हैं | 
  5. आप laghu mrityunjay या फिर mahamrityunjay mantra किसी का भी जप कर सकते हैं | 
  6. मन्त्र जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना चाहिए | 
  7. अगर घर पे स्थान अभाव के कारण जप नहीं कर पा रहे हों तो किसी शिवालय में जाके जप करें नियमित रूप से | 
  8. अगर खुद नहीं कर सकते हैं तो करवा भी सकते हैं | 

पढ़िए Mrityunjay Sanjeevanai Mantra Kya hai ?

Mrityunjay Mantra : 

जो भी भक्त सच्चे मन से पूर्ण समर्पित होक शिव आराधना करता है उसके ऊपर किसी भी तरह का कोई संकट नहीं आता है,  भगवान शिव का मृत्युंजय मंत्र का जो भी नियमित रूप से जाप करता है उसकी कभी अकाल मृत्यु नहीं होगी | तो अगर आपको किसी भी प्रकार के स्वास्थ्य हानि का भय हो तो निश्चिंत होके laghu mrityunjay या फिर mahamrityunjay mantra का जप करिए | 

आइये जानते हैं की मृत्युंजय मंत्र के अनुष्ठान से क्या क्या लाभ होते हैं ? 

  • अगर गंभीर रोग ने घेर रखा हो और कोई रास्ता नहीं दिख रहा हो तो mrityunjay mantra का अनुष्ठान करना चाहिए या फिर करवाना चाहिए |
  • अगर कुंडली में ग्रह ज्यादा ख़राब हो जिससे पीड़ा हो रही हो और आप किसी ज्योतिष से सलाह लेने में सक्षम नहीं हैं तो मृत्युंजय मंत्र का जप शुरू कर देना चाहिए | 
  • अगर कुंडली बिना मिलाये विवाह हुआ हो और मंगल दोष या अन्य किसी दोष के कारण वैवाहिक जीवन बिगड़ रहा हो तो महामृत्युंजय मंत्र या फिर लघु मृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए या करवाना चाहिए | 
  • अगर आपको लगता है की शत्रु आपके ऊपर कोई गलत तंत्र प्रयोग कर रहा है तो भी आप mrityunjay mantra का प्रयोग कर सकते हैं | 

तो अनेक प्रकार की समस्याओं का समाधान है मृत्युंजय मंत्र का अनुष्ठान | 

तो अपने और अपने परिवार की स्वास्थ्य के लिए, संपन्न जीवन के लिए महादेव को करें प्रसन्न मृत्युंजय मंत्र से |


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