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Kundli Ka Pancham bhaav kya batata hai

जन्म कुंडली में 5वां भाव क्या दर्शाता है?, पांचवे भाव का स्वामी ग्रह कौन होता है ?, ज्योतिष में 5वें भाव से करियर कैसे देखते हैं ?, पंचम भाव को कैसे सक्रीय कर सकते हैं ?, kundli ka pancham bhav.

वैदिक ज्योतिष में भाव:

हमारी जन्म कुंडली में 12 भाव होते हैं  जिन्हें घर भी कहते हैं और 9 ग्रह होते हैं जो की किसी न किसी भाव में बैठे रहते हैं | इसी के आधार पे किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्त्व, भावी जीवन के बारे में पता लगाया जाता है | 

जन्म कुंडली के हर घर का सम्बन्ध एक विशेष विषय से होता है | इस लेख में हम पंचम भाव पर प्रकाश डालेंगे और समझेंगे की कुंडली का पंचम भाव किन विषय से सम्बन्ध रखता है और कैसे हमारे जीवन को प्रभावित करता है | 

जन्म कुंडली में पंचम भाव का विश्लेषण बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह धर्म त्रिकोण भावों में से एक है। इस घर का स्वामी सूर्य होता है। मजबूत पंचम भाव व्यक्ति को अच्छी शिक्षा, संतान पक्ष से सुख, अच्छा प्रेम जीवन आदि का आशीर्वाद देता है।

जन्म कुंडली में 5वां भाव क्या दर्शाता है?, पांचवे भाव का स्वामी ग्रह कौन होता है ?, ज्योतिष में 5वें भाव से करियर कैसे देखते हैं ?, kundli ka pancham
Kundli Ka Pancham bhaav kya batata hai

Read in English about 5th house in Horoscope

आइये जानते हैं कुछ महत्त्वपूर्ण बातें जन्म कुंडली के पंचम भाव के बारे में :

  1. कुंडली में पंचम भाव अचानक लाभ, सट्टा, शेयर बाजार, लाटरी आदि से भी संबंधित है।
  2. पंचम भाव का अध्ययन पिछले जन्म के कर्मों और पुण्यो को जानने के लिए भी किया जाता है।
  3. जन्म कुंडली का पंचम भाव पढाई लिखाई से जुड़ा हुआ है | 
  4. कुंडली का पंचम भाव संतान भाव भी कहलाता है | 
  5. जुआ, सट्टा. शेयर बाजार से भी कमाने के योग इसी भाव को देखके जाना जाता है | 
  6. प्रेम और रोमांस का भी भाव है ये | 
  7. कुंडली के पंचम भाव का अध्ययन पूर्व जन्म में किये गए कृत्यों को जानने के लिए भी किया जाता है | 
  8. इस भाव का सम्बन्ध मनोरंजन से भी है | 
  9. वैदिक ज्योतिष के हिसाब से इस भाव का स्वामी ग्रह सूर्य हैं | 

अब आइये जनत हैं की 9 ग्रहों का असर कुंडली के पंचम भाव में की होता है ?

  1. अगर जन्म कुंडली के पांचवें घर में सूर्य ग्रह शुभ के मौजूद हो तो जातक को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बनाता है | अपने ज्ञान के कारण जातक का नाम सभी तरफ होता है | इसके कारण संतान भी गुणी होगी और आपका नाम रोशन करेगी | रोमांस के क्षेत्र में भी आप खुशनसीब रहेंगे|
  2. अगर जन्म कुंडली के पांचवें घर में चन्द्रमा शुभ के मौजूद हो तो जातक भावनावो में बहने वाला होगा, दिल का साफ होगा परन्तु अपने निर्णय में स्थिर रहने में उसे दिक्कत आ सकती है | संतान पक्ष से सुख प्राप्त होगा | जातक का दिमाग बहुत रचनात्मक होगा | ऐसे जातक खुश रहने के नए नए तरीके इजाद करने में माहिर रहते हैं | 
  3. अगर जन्म कुंडली के पांचवें घर में शुभ के मंगल बैठे तो जातक साहसिक कार्यो में सफलता प्राप्त करता है, खेल, मनोरंजन की दुनिया में सफलता प्राप्त कर सकता है | ऐसे जातक चुनौतीपूर्ण कार्यो में रूचि लेते हैं | 
  4. अगर जन्म कुंडली के पांचवें घर में शुभ बुध बैठ जाए तो जातक को रचनात्मक दिमाग देता है, ऐसे जातक तेज दिमाग के होते हैं और कार्यो को करवाने में माहिर होते हैं | इस भाव में बुध जातक को अच्छा लेखक भी बनाता है | देखिये youtube विडियो 
  5. अगर जन्म कुंडली के पांचवें घर में शुभ के गुरु विराजमान हो तो जातक को ज्ञानी बनाता है | ऐसा जातक शिक्षण क्षेत्र में काफी तरक्की करते हैं, सलाहकारी के काम में सफलता प्राप्त करते हैं | ऐसे जातको के संतान भी काफी बुद्धिमान होते हैं |
  6. अगर जन्म कुंडली के पांचवें घर में शुभ के शुक्र मौजूद हो तो जातक को रोमांटिक बनाता है, कला प्रेमी बनाता है| प्रेम के मामलो में ऐसे जातक खुशनसीब होते हैं | ऐसे जातकों में दुसरो को आकर्षित करने की जबरदस्त कला होती है | 
  7. अगर जन्म कुंडली के पांचवें घर में अगर शुभ के शनि मौजूद हो तो जातक को भूमि सम्बन्धी लाभ देता है | ऐसे जातक बहुत मेहनती होते हैं और चाहें तो अध्यात्मिक मार्ग पर भी बहुत तरक्की कर सकते हैं | शनि के प्रभाव से जातक इमानदार होते हैं | 
  8. अगर जन्म कुंडली के पांचवें घर में शुभ के राहू मौजूद हो तो जातका को ज्ञानी तो बनाता है पर साथ ही अहंकारी भी बना देता है | ऐसे जातको में सफलता प्राप्त करने की प्रबल ईच्छा होती है | राहू के प्रभाव से समाज में कुछ अलग दिखने की ईच्छा ऐसे जातको में होती है | 
  9. अगर जन्म कुंडली के पांचवें घर में शुभ के केतु विराजमान हो तो जातक बहुमुखी प्रतिभा का धनी होता है | ऐसा जातक परा विद्याओं को सीखने में भी रूचि रखता है | समाज सेवा और अध्यात्मिक क्षेत्र में जातक सफलता प्राप्त करता है | 

आइये अब जानते हैं की पंचम भाव को कैसे सक्रीय कर सकते हैं ?:

अगर कुंडली के 5वें घर में शुभ ग्रह मौजूद हो और कमजोर हो तो ऐसे में हम निम्न तरीके से इस भाव को सक्रीय कर सकते हैं –

  • हम सम्बंधिर रत्न धारण कर सकते हैं |
  • हम ग्रह से सम्बंधित मन्त्र का जप कर सकते हैं |
  • इस भाव की ताकत बढाने के लिए एक और अच्छा उपाय ये है की बड़े बुजुर्गो का आशीर्वाद लेते रहें |
  • सूर्य देव की नियमित रूप से पूजन करें |  
  • इसके अलावा जब पांचवे भाव से सम्बंधिर ग्रह की दशा शुरू होती है तो ये भाव सक्रीय हो जाता है अर्थात पूरा फल देने लगता है |

कुंडली अध्ययन करने के समय इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए की पंचम भाव पर अन्य ग्रहों की दृष्टि कैसी है और दुसरे भावो से उसके सम्बन्ध कैसे बन रहे हैं |

जानिए राजयोग क्या होते हैं ?

अपने कुंडली के अनुसार जानिये :

  • कौन से ग्रह आपके लिए शुभ हैं ?
  • कुंडली में कौन से ग्रह अशुभ हैं ?
  • कौन से ख़राब योग संघर्ष पैदा कर रहे हैं ?
  • कौन से उपाय करने चाहिए ?
  • भाग्योदय के लिए कौन सा रत्न धारण करना चाहिये ?
  • विवाह कब होगा ? आदि 

जन्म कुंडली में 5वां भाव क्या दर्शाता है?, पांचवे भाव का स्वामी ग्रह कौन होता है ?, ज्योतिष में 5वें भाव से करियर कैसे देखते हैं ?, पंचम भाव को कैसे सक्रीय कर सकते हैं ?, kundli ka pancham bhav.

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