Skip to main content

Latest Astrology Updates in Hindi

Kundli Ke Pahle Ghar Mai Shani Ka Fal

Kundli Ke Pahle Ghar Mai Shani Ka Fal, लग्न में शनि का प्रभाव, कुंडली के पहले भाव में शनि का फल, लग्न में शनि के उपाय, Saturn in 1st house. जन्म कुंडली में पहला घर जिसे की लग्न भी कहा जाता है बहुत महत्त्वपूर्ण होता है क्यूंकि इसका सम्बन्ध हमारे मस्तिष्क से होता है और इसीलिए हमारे निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है, लग्न में मौजूद ग्रह और राशि का बहुत गहरा प्रभाव जातक पर रहता है जीवन भर |  Kundli Ke Pahle Ghar Mai Shani Ka Fal अब आइये जानते हैं शनि ग्रह के बारे में : हमारे कर्मो के फल को देने वाले ग्रह हैं शनिदेव इसीलिए इन्हें न्याय के साथ जोड़ा जाता है | वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि का सम्बन्ध  मेहनत, अनुशाशन, गंभीरता, जिम्मेदारी, स्वाभिमान, दुःख, अहंकार, देरी, भूमि, रोग आदि से जुड़े हैं |  शनि ग्रह मेष राशि में नीच के होते हैं और तुला राशि में उच्च के होते हैं | शनि ग्रह की मित्र राशियाँ हैं – वृषभ, मिथुन और कन्या| शनि ग्रह की शत्रु राशियाँ है – कर्क, सिंह और वृश्चिक| शनि की दृष्टि : ये भी ध्यान रखना चाहिए की शनि के पास 3 दृष्टि होती है अर्थात शनि जहाँ भी बैठेंगे वहां से तीसरे, सा

Hanuman Kawach Ke laabh

पंचमुखी हनुमान कवच के फायदे || Panchmukhi Hanuman Kavac, Panchmukhi Hanuman Kavach lyrics, श्री हनुमान कवच का पाठ कैसे करे ?|

यह एक अत्यंत शक्तिशाली कवच है जो व्यक्ति को हर प्रकार के बुरे प्रभाव से बचाने में समर्थ है जैसे काले जादू से बचाएगा, नजर दोष से बचाएगा,ग्रहों के अशुभ प्रभाव से सुरक्षा देगा, नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा देगा| इसी के साथ इस कवच के पाठ करने वाले में साहस उत्पन्न होता है, जपकर्ता निडर बनता है, उसमे निर्णायक शक्ति पैदा होती है, बुद्धि का विकास होता है आदि |

हनुमानजी अमर है इसीलिए कलयुग में उनकी अराधना बहुत ही जल्दी फलदाई होती है | वे महाबली है, महा दयालु है, शत्रु हन्ता है | उनके कवच का पाठ व्यक्ति की हर प्रकार से रक्षा करता है | 

पंचमुखी हनुमान कवच के फायदे || Panchmukhi Hanuman Kavac, Panchmukhi Hanuman Kavach lyrics, श्री हनुमान कवच का पाठ कैसे करे ?|
Hanuman Kawach Ke laabh

पंचमुखी हनुमान कवच के पाठ के लाभ क्या है ?

  1. पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ करने से पढने वाले के आस पास एक कवच का निर्माण हो जाता है हनुमान जी की कृपा से और कोई भी नकारात्मकता उसे छु भी नहीं पाती है | 
  2. हर प्रकार के रोग, शोक, ग्रह दोष, भय से भगवान् रक्षा करते हैं | 
  3. पंचमुखी हनुमान की आराधना करने से साधक के जीवन के शुख-शांति का वास होता है.
  4. हनुमान जी की पूजा से जीवन में बड़े से बड़े दु:खों से निजात पाया जा सकता है. ऐसी मान्यता है की रावण से युद्ध करते समय स्वयं भगवान श्री राम ने भी हनुमान कवच का पाठ किया था. 
  5. जीवन में कैसा भी सनकत क्यों न हो बस श्रद्धा और भक्ति से हनुमान कवच का पाठ करें और देखे जीवन कैसे बदलता है | 
  6. जिन लोगो पे शनि साडेसाती चल रही है या फिर धैया का प्रभाव है उन्हें जरुर करना चाहिए hanuman kawach का पाठ |
  7. जो लोग किसी असाध्य बीमारी से ग्रस्त है उन्हें भी पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ सुनना चाहिए और शक्ति अनुसार करना चाहिए |
  8. अगर शत्रु परेशान कर रहे हो तो भी पंचमुखी हनुमा कवच का पाठ शुरू करें |

Kaise karen Hanuman kawach ka path ?

पंचमुखी हनुमान जी का एक फोटो अपने सामने रखें और विधिवत उनकी पूजा कें, धुप, दीप नैवद्य अर्पित करें, उनका ध्यान करें और फिर हनुमान कवच का पाठ शुरू करें | 

पंचमुखी हनुमान कवच के फायदे || Panchmukhi Hanuman Kavac, Panchmukhi Hanuman Kavach lyrics, श्री हनुमान कवच का पाठ कैसे करे ?|

पंचमुखी हनुमान कवच के पाठ के फल के बारे में बताया गया है की :

हनुमान कवच का रोज एक बार पाठ करने से शत्रुओ का नाश होता है, जो भक्त रोज 2 बार पाठ करते हैं उन्हें पुत्र, पौत्र का सुख प्राप्त होता है अर्थात पारिवारिक सुख प्राप्त होता है, जो लोग 3 बार पाठ करते हैं उन्हें संपत्ति प्राप्त होती है, 4 बार नित्य पाठ करने से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है, 5 बार रोज पाठ करने से वशीकरण की शक्ति प्राप्त होती है, 6 बार पाठ करने से सभी देवो के वशीकरण की शक्ति प्राप्त होती है, 7 बार रोज पाठ करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है, रोजाना 8 पाठ करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं, 9 पाठ करने से सभी प्रकार के ऐश्वर्या की प्राप्ति होती है , 10 पाठ रोज करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है, और 11 पाठ रोज करने से सब प्रकार की सिद्धि प्राप्ति होती है |


।।अथ श्री हनुमान कवचम् ।।

।। श्री गणेशाय नम: ।।

।। ॐ श्री हनुमते नमः ।।


|| अथ विनियोगः ||

ॐ अस्य श्री पञ्चमुख हनुमतकवच मंत्रस्य ब्रहमा ऋषि: ।

गायत्री छंद्: । श्रीपञ्चमुख विराट हनुमान देवता| ह्रीम बीजम् ।

श्रींम शक्ति:। क्रौ कीलकम्। क्रूं कवचम्। क्रै अस्त्राय फ़ट् मम् सकल कामना सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः |


।। श्री गरूड उवाच् ।।

अथ ध्यानं प्रवक्ष्यामि श्रुणु सर्वांगसुंदरम् ।

यत्कृतं देवदेवेन ध्यानं हनुमत्: प्रियम् ।।


पञ्चवक्त्रं महाभीमं त्रिपंच नयनैर्युतम् ।

बाहुभिर्दशभिर्युक्तं सर्वकामार्थसिध्दिदम् ।।

पूर्वतु वानरं वक्त्रं कोटिसूर्यसमप्रभम् ।

दंष्ट्राकरालवदनं भ्रुकुटी कुटिलेक्षणम् ।।


अस्यैव दक्षिणं वक्त्रं नारसिंहं महाद्भुतम् ।

अत्युग्रतेजोवपुष्पं भीषणम भयनाशनम् ।।


पश्चिमं गारुडं वक्त्रं वक्रतुण्डं महाबलम् ।

सर्वनागप्रशमनं विषभूतादिकृन्तनम् ।।


उत्तरं सौकरं वक्त्रं कृष्णं दिप्तंनभोपमम् ।

पाताले सिंह बेतालं ज्वररोगादिकृन्तनम ।।


ऊर्ध्वं हयाननं घोरं दानवान्तकरं परम् ।

येन वक्त्रेण विप्रेन्द्र तारकाख्यमं महासुरम् ।।


जघानशरणं तस्यात्सर्वशत्रुहरं परम् ।

ध्यात्वा पंचमुखं रुद्रं हनुमन्तं दयानिधिम् ।।

खड्गं त्रिशुलं खट्वांगं पाशमंकुशपर्वतम् ।

मुष्टिं कौमोदकीं वृक्षं धारयन्तं कमण्डलुं ।।


भिन्दिपालं ज्ञानमुद्रा दसभिर मुनिपुंगवम् ।

एतान्यायुधजालानि धारयन्तं भजाम्यहम् ।।


प्रेतासनोपविष्टं तं सर्वाभरण्भुषितम् ।

दिव्यमाल्याम्बरधरं दिव्यगन्धानुलेपनम ।।


सर्वाश्चर्यमयं देवं हनुमद् विश्वतोमुखम् ।

पंचास्यमच्युतमनेकविचित्रवर्ण वक्त्रं शशांकशिखरं कपिराजवर्यम् ।

पीताम्बरादिमुकुटैरूप शोभितांगं पिंगाक्षमाद्यमनिशं मनसा स्मरामि ।।

मर्कटेशं महोत्साहं सर्वशत्रुहरं परम् । शत्रुं संहरमां रक्ष श्री मन्नापदमुध्दर ।।

ओम हरिमर्कट मर्कट मंत्रमिदं परिलिख्यति लिख्यति वामतले ।।

यदि नश्यति नश्यति शत्रुकुलं यदि मुंच्यति मुंच्यति वामलता ।।


ओम हरिमर्कटाय स्वाहा ओम नमो भगवते पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय सकलशत्रुसंहारकाय स्वाहा ।

ओम नमो भगवते पंचवदनाय दक्षिणमुखाय करालवदनाय नरसिंहाय सकलभूतप्रमथनाय स्वाहा ।

ओम नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिममुखाय गरूडाननाय सकलविषहराय स्वाहा ।

ओम नमो भगवते पंचवदनाय उत्तरमुखाय आदिवराहाय सकलसंपत्कराय स्वाहा ।

ओम नमो भगवते पंचवदनाय उर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय सकलजनवशकराय स्वाहा ।


|| फलस्त्रुतिः ||

इदं कवचं पठित्वा तु महाकवचं पठेन्नरः ।

एकवारं जपे स्त्रोत्रं सर्वशत्रुनिवारणम् ।।

द्विवारं तु पठेन्नित्यं पुत्रपौत्रप्रवर्धनम् ।

त्रिवारं च पठेत नित्यं सर्वसंपत्करं शुभम ।।


चतुर्वारं पठेन्नित्यं सर्वरोगनिवारणम् ।

पञ्चवारं पठेन्नित्यं सर्वलोक वशमकरम् ।।


षड्वारं तु पठेन्नित्यं सर्वदेव वशमकरम् ।

सप्तवारं पठेन्नित्यं सौभाग्यदायकम् ।।


अष्टवारं पठेन्नित्यं सर्व अष्टकामार्थसिद्धिदम् ।

नववारं पठेन्नित्यं सर्वैश्वर्य प्रदायकम् ।।


दशवारं च पठेन्नित्यं त्रैलोक्य ज्ञानदर्शनम् ।

एकादशं पठेन्नित्यं सर्वसिद्धिं लभेन्नरः ।।


।। ओम श्रीपंचमुखहनुमंताय आंजनेयाय नमो नम: ।।


।। श्रीपञ्चमुखी हनुमत्कवच समाप्तं ।।

People also search for :

पंचमुखी हनुमान कवच के फायदे || Panchmukhi Hanuman Kavac, Panchmukhi Hanuman Kavach lyrics, श्री हनुमान कवच का पाठ कैसे करे ?|

Comments

Popular posts from this blog

om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi

कामदेव मंत्र ओम क्लीं कामदेवाय नमः के फायदे,  प्रेम और आकर्षण के लिए मंत्र, शक्तिशाली प्रेम मंत्र, प्रेम विवाह के लिए सबसे अच्छा मंत्र, सफल रोमांटिक जीवन के लिए मंत्र, lyrics of kamdev mantra। कामदेव प्रेम, स्नेह, मोहक शक्ति, आकर्षण शक्ति, रोमांस के देवता हैं। उसकी प्रेयसी रति है। उनके पास एक शक्तिशाली प्रेम अस्त्र है जिसे कामदेव अस्त्र के नाम से जाना जाता है जो फूल का तीर है। प्रेम के बिना जीवन बेकार है और इसलिए कामदेव सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका आशीर्वाद जीवन को प्यार और रोमांस से भरा बना देता है। om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi कामदेव मंत्र का प्रयोग कौन कर सकता है ? अगर किसी को लगता है कि वह जीवन में प्रेम से वंचित है तो कामदेव का आह्वान करें। यदि कोई एक तरफा प्रेम से गुजर रहा है और दूसरे के हृदय में प्रेम की भावना उत्पन्न करना चाहता है तो इस शक्तिशाली कामदेव मंत्र से कामदेव का आह्वान करें। अगर शादी के कुछ सालों बाद पति-पत्नी के बीच प्यार और रोमांस कम हो रहा है तो इस प्रेम मंत्र का प्रयोग जीवन को फिर से गर्म करने के लिए करें। यदि शारीरिक कमजोरी

Tantroktam Devi suktam Ke Fayde aur lyrics

तन्त्रोक्तं देवीसूक्तम्‌ ॥ Tantroktam Devi Suktam ,  Meaning of Tantroktam Devi Suktam Lyrics in Hindi. देवी सूक्त का पाठ रोज करने से मिलती है महाशक्ति की कृपा | माँ दुर्गा जो की आदि शक्ति हैं और हर प्रकार की मनोकामना पूरी करने में सक्षम हैं | देवी सूक्तं के पाठ से माता को प्रसन्न किया जा सकता है | इसमें हम प्रार्थना करते हैं की विश्व की हर वास्तु में जगदम्बा आप ही हैं इसीलिए आपको बारम्बार प्रणाम है| नवरात्री में विशेष रूप से इसका पाठ जरुर करना चाहिए | Tantroktam Devi suktam  Ke Fayde aur lyrics आइये जानते हैं क्या फायदे होते हैं दुर्गा शप्तशती तंत्रोक्त देवी सूक्तं के पाठ से : इसके पाठ से भय का नाश होता है | जीवन में स्वास्थ्य  और सम्पन्नता आती है | बुरी शक्तियों से माँ रक्षा करती हैं, काले जादू का नाश होता है | कमजोर को शक्ति प्राप्त होती है | जो लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं उनके आय के स्त्रोत खुलते हैं | जो लोग शांति की तलाश में हैं उन्हें माता की कृपा से शांति मिलती है | जो ज्ञान मार्गी है उन्हें सत्य के दर्शन होते हैं | जो बुद्धि चाहते हैं उन्हें मिलता है | भगवती की क

Rinmukteshwar mahadev mantra Ke fayde

कर्ज मुक्ति के लिए महादेव का शक्तिशाली मंत्र |  Rin Mukteshwar Mahadev Mantra | spell to overcome from debt, कहाँ पर है ऋण मुक्तेश्वर मंदिर ?, कर्ज बढ़ने के ज्योतिषीय कारण | ये मंत्र आर्थिक समस्याओं को दूर करने में बहुत मददगार है, किसी भी प्रकार के ऋण से छुटकारा दिलाने में मदद करता है, भगवान् शिव की कृपा को आकर्षित करने का बहुत ही सशक्त और सरल माध्यम है | अगर आपके ऊपर कर्जा बढ़ता जा रहा हो तो ऐसे में ऋणमुक्तेश्वर महादेव की पूजा बहुत लाभदायक है |  Rinmukteshwar mahadev mantra Ke fayde Read in english about Benefits Of RINMUKTESHWAR MANTRA हर महीने जब लेनदार पैसे मांगने आते हैं तो अच्छा नहीं लगता है , स्थिति तब और ख़राब होती है जब की देने के लिए धन नहीं होता है | कर्जा सिर्फ उस व्यक्ति को ही परेशां नहीं करता है जिसने लिया है अपितु पुरे परिवार को शर्मनाक स्थिति से गुजरने के लिए मजबूर करता है अतः जितना जल्दी हो सके कर्जे से बाहर आने की कोशिश करना चाहिए |  आज के इस युग में हर व्यक्ति दिखावटी जीवन जीना चाहता है और इसी कारण एक अंधी दौड़ में शामिल हो गया है | सुख सुविधाओं को एकत्र करने की चाह