Guru Ka Pravesh Kark Rashi Mai - 12 Rashiyo Par Prabhav, कर्क राशि का गुरु कैसे रहेंगे 12 राशियों के लिए, jyotish updates, rashifal. बृहस्पति विस्तार, ज्ञान, दर्शन, प्रचुरता, उदारता और विकास का ग्रह है। कर्क राशि चंद्रमा द्वारा शासित एक जल राशि है, जो भावनात्मक गहराई, घर, परिवार, जड़ों, पोषण, सुरक्षा और आंतरिक भेद्यता से जुड़ी है। जब बृहस्पति कर्क राशि में प्रवेश करता है, तो इसे अनुकूल या उच्च स्थिति में माना जाता है, जिसका अर्थ है कि बृहस्पति के गुण अधिक आसानी से और अधिक शक्ति के साथ चमकते हैं। Guru Ka kark Rashi Mai Gochar 18 October 2025: जब विस्तार, ज्ञान और प्रचुरता का ग्रह बृहस्पति, 18 अक्टूबर को पोषण देने वाली कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, तो सामूहिक ऊर्जा भावनात्मक विकास, आंतरिक उपचार और जीवन में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी । चंद्रमा द्वारा शासित कर्क राशि परिवार, घर, जड़ों और हमारी अंतरतम भावनाओं को नियंत्रित करती है। चूँकि बृहस्पति कर्क राशि में उच्च के होते है, इसलिए इसका प्रभाव विशेष रूप से प्रबल और शुभ होता है, जो करुणा, पोषण और व्यक्तिगत नवीनीकरण के विषयों ...
Pitra Moksha Amavasya 2025 Date, पितृ मोक्ष अमावस्या का महत्तव, क्या है सर्वपितर अमावस्या, कैसे प्राप्त करे पितरों की कृपा, श्राद्ध अमवस्या की तारीख क्या है 2025 में .
Pitra Moksha Amavasya 2025: हर साल हिन्दू लोग 16 दिन तक विशेष पूजा पाठ करते हैं अपने पितरो की कृपा प्राप्त करने के लिए, ये सोलह दिन श्राद्ध पक्ष कहलाते हैं, पितर पक्ष कहलाते हैं , कुछ जगह पर इसे महालय भी कहते हैं. भारतीय संतो ने ये दिन निकाले थे जिससे की लोग अपने जीवन को सुखमय कर सके और अपने साथ साथ अपने पूर्वजो का कल्याण भी कर सके. पितृ पक्ष की समाप्ति पितृ मोक्ष अमावस्या के साथ होती है.
सन 2025 में 21 September को श्राद्ध अमवस्या का दिन होगा | इस दिन सूर्य ग्रहण भी लगेगा पर भारत में दिखाई नहीं देगा .
वास्तव में ये हमारा कर्त्तव्य है की हम अपने पूर्वजो को पितरो को समय समय पर याद करे और उनकी कृपा के लिए उनका धन्यवाद दे. क्यूंकि हम इस सुन्दर धरती पर अगर है तो उनके कारण. हिन्दू शाश्त्रो में पितरो को पूजने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं जिससे की लोग सुखी और संपन्न जीवन जी सके. हिन्दू पंचांग के हिसाब से आश्विन माह में ये सोलह दिन आते हैं जब लोगो को विशेष रूप से पितरो के निमित पूजा पाठ, दान , तर्पण आदि करना चाहिए.
ऐसा विश्वास किया जाता है की जो भी हम दान- पुण्य पितरो के नाम से करते हैं वो उनको प्राप्त होता है और बदले में वो हमे आशीष प्रदान करते हैं.
श्राद्ध पक्ष का आखरी दिन अमावस्या से होता है जिसे की “पितृ मोक्ष अमावस्या” के नाम से भी जानते हैं . इस दिन सभी लोग सभी दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना, दान, पूजा-पाठ आदि कर सकते हैं.
अगर कोई व्यक्ति अपने परिवार के किसी दिवंगत सदस्य का तिथि नहीं जनता है तो भी पितृ मोक्ष अमावस्या को वो उसके लिए श्राद्ध कर सकता है.
पितृ पक्ष में श्राद्ध का महत्तव:
हमारे शास्त्रों के हिसाब से सभी को अपने कर्मो का फल तो भोगना ही है और शरीर छोड़ने के पश्चात सभी को कर्मो के अनुसार फल प्राप्त होता है. दूसरी और ये भी सत्य है की जो भी हम दान पुण्य अपने पितरो के मुक्ति और कल्याण हेतु करते हैं उससे भी उनको गति मिलती है और वो आगे बढ़ते है और उनकी मुक्ति के रास्ते खुलते हैं. हमारे शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में किया गया दान पुण्य जरुर से उनको प्राप्त होता है.
ऐसी भी मान्यता है की पितृ पक्ष में दिवंगत आत्माए अपने अपने घरो में आते हैं सूक्ष्म शरीर से और आशीर्वाद प्रदान करते हैं. अतः श्राद्ध पक्ष में उनके निमित्त पूजा पाठ, पिंड दान, तर्पण आदि प्रयोग करना चाहिए.
Read in English Significance of Pitru Moksh Amavasya in english,
पितृ मोक्ष अमावस्या का ज्योतिषीय महत्तव:
ज्योतिष के अनुसार कुंडली में अगर पितृ दोष हो तो व्यक्ति जीवन में सफल नहीं हो पाता या फिर उसे सफलता के लिए बहुत संघर्ष करना होता है, अतः ये जरुरी है की पितृ दोष का निवारण करे और इसके लिए पितृ मोक्ष अमावस्या से अच्छा दिन और कोई नहीं हो सकता. इस दिन पितृ दोष निवारण की पूजा करवा के या करके पितरो से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए.
यही नही पितृ मोक्ष अमावस्या में और भी पूजाए की जा सकती है -
- अगर कुंडली में ग्रहण योग हो तो भी इस दिन पूजा करके संकटों को दूर किया जा सकता है.
- अगर कुंडली में कालसर्प योग हो तो भी महालय की अमावस्या शुभता ला सकती है.
- अगर सूर्य और चन्द्र दोनों ही खराब हो कुंडली में तो भी व्यक्ति इस दिन पूजा पाठ कर सकता है और ग्रहों के दुष्प्रभावों को दूर कर सकता है.
- अगर राहू कुंडली में ख़राब हो तो भी सर्व पितृ अमावस्या को इसकी शांति के लिए पूजा पाठ कर सकते हैं.
- अगर शनि परेशान कर रहा है तो भी इस अमावस्या को पूजा पाठ करके जीवन को सुखी किया जा सकता है.
आइये जानते हैं 21 September 2025 pitru moksh amavasya को ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी ?
- सूर्य सम राशि कन्या में रहेंगे।
- चन्द्रमा अपने मित्र राशि कन्या में रहेंगे.
- मंगल सम राशि तुला में रहेंगे.
- बुध अपने उच्च राशि कन्या में रहेंगे.
- गुरु अपने शत्रु राशि मिथुन में रहेंगे.
- शुक्र अपने शत्रु राशि सिंह में रहेंगे.
- शनि अपने सम राशि मीन में रहेंगे.
- राहू अपने मित्र राशि कुम्भ में रहेंगे.
- केतु अपने शत्रु राशि सिंह में रहेंगे.
- कन्या राशि में बुधादित्य योग बना रहेगा.
आइये जानते हैं की सर्व पितृ अमावस्या को किस प्रकार से हम अपने पितरो को प्रसन्न कर सकते हैं ?
- इस दिन पिंड दान करके हम अपने पितरो का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
- पितृ मोक्ष अमावस्या को हम तर्पण करके दिवंगत आत्माओं को प्रसन्न कर सकते हैं.
- इस दिन हवन करके भी पितरो को भोग दिया जा सकता है.
- अमावस्या को भोजन, कपडे, धन आदि का दान पितरो के नाम से करके भी पुण्य कमाया जा सकता है. पढ़िए कुछ टोटके |
- इस दिन पंचबली अवश्य निकालना चाहिए अर्थात गाय, कुत्ते, चींटी कौवे और देवी देवताओं के लिए भोग निकलना चाहिए |
- घर के बड़े बुजुर्गो को कुछ उपहार देना चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए |
- अगर कोई किसी गंभीर समस्या से ग्रस्त हो तो ऐसे में शमशान में मौजूद पीपल के पेड़ की पूजा करे, भोग और दीपक अर्पित करके 8 परिक्रमा लगाये और अपने सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करे |
- पितरो की उन्नति और सद्गति के लिए आप रुद्राभिषेक भी कर सकते हैं |
- वास्तु के दक्षिण-पश्चिम कोने में केसर की धुप भी अमावस्या को देना चाहिए |
- काले जादू से बचाव के लिए भी श्राद्ध अमवस्या को होती है |
अतः किसी भी हालत में सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या को भूलिए मत. अगर आप सही मायने में अपने संकतो से मुक्त होना चाहते हैं तो पितरो को जरुर पुजिये और उनका आशीर्वाद लीजिये सुखी और संपन्न जीवन के लिए. महालय में किया गया आपका दान , पूजा पाठ जरुर आपको शुभ परिणाम देगा.
सभी अपने पितरो की कृपा प्राप्त करे यही शुभ कामना
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