Guru grah Mithun Rashi me kab jayenge 2026, गुरु का गोचर १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा, Guru kab rashi badlenge, Mithun Rashi Ke guru ka prabhav kya hoga. Guru grah gochar 2026: 4 December २०२५ गुरुवार को गुरु ग्रह मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और 2 जून २०२६ तक इसी राशि में रहेंगे. गुरु एक अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण ग्रह है जिसका सम्बन्ध धन, ऐश्वर्य, ज्ञान, संतान, भाग्य, धार्मिक कार्य, अभिमान, विवाह, प्रभुत्त्व, सफलता आदि से होता है | Guru Ka Gochar Mithun Rashi Mai Rashifal जब भी बृहस्पति राशि परिवर्तन करते हैं तो 12 राशि वालो के जीवन में बहुत बड़े बदलाव करते हैं | आइये जानते हैं की किनके विवाह के योग मजबूत होंगे, किन्हें मालामाल करेगा, किनके जीवन में संघर्ष बढेगा, किन्हें मिलेगी अपार सफलता, किन्हें रखना होगी विशेष सावधानी आदि | गुरु धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं. गुरु ग्रह का मंत्र है - ''ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:''. Watch Rashifal On YouTube In Hindi आइये जानते हैं १२ राशियों पर गुरु के राशि परिवर्तन का क्या असर होगा ? मेष राशिफल : Guru Gochar 2026- 4 De...
⭐ Dusra Vivah Aur Jyotish – दूसरा विवाह और ज्योतिष
Dusra Vivah Aur Jyotish, दूसरा विवाह और ज्योतिष, दुसरे विवाह की जरुरत, कुंडली के हिसाब से दुसरे विवाह के योग, और रुकावटों को कैसे हटाएं ज्योतिष उपायों द्वारा जानें।
Dusra Vivah Aur Jyotish
दूसरा विवाह क्यों होता है आवश्यक?
दूसरा विवाह सुनने में आसान लगता है, पर वास्तविकता में कई समझौते और परिस्थितियों से गुजरना होता है। कभी सामाजिक, कभी मानसिक, और कई बार शारीरिक और पारिवारिक जरूरतें इंसान को दूसरा विवाह करने को मजबूर कर देती हैं।
कब होता है दूसरा विवाह जरुरी?
- लंबे जीवन के लिए साथी की आवश्यकता – अकेलापन जीवन को कठिन बना देता है। इसलिए दूसरा विवाह जीवन में संतुलन लाने का माध्यम बन सकता है।
- बेमेल या असफल पहला विवाह – जब पहले विवाह में तालमेल न बने और रिश्ता टूट जाए, तब दूसरा विवाह समाधान बनता है।
- तलाक – तलाक के बाद एक नई शुरुआत के लिए दूसरा विवाह जरूरी हो सकता है।
- सहारा और जिम्मेदारी बाँटने के लिए – अकेले बच्चों या परिवार की जिम्मेदारी निभाना मुश्किल हो सकता है।
- भावनात्मक संतुष्टि न मिलना – अगर पहला जीवनसाथी अपेक्षाओं पर खरा न उतरे तो भी व्यक्ति दूसरा विवाह सोच सकता है।
दूसरा विवाह भी क्यों टूट जाता है?
- कुंडली मिलान न होना
- जल्दबाजी में विवाह करना
- सच छुपाना – आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य, बच्चों की जानकारी
- नशा और घरेलू हिंसा
- शारीरिक समस्या (सेक्सुअल इनकंपैटिबिलिटी)
- पहली शादी से बच्चों का विरोध
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कुंडली में कैसे जानें दुसरे विवाह के योग?
- सप्तम भाव का कमजोर होना लेकिन शुभ दृष्टि होना
- लग्न, द्वितीय, सप्तम और नवम भाव की विस्तृत जांच
- शुक्र और सुख भाव का मजबूत होना
- विवाह भाव का स्वामी द्विस्वभाव राशि में होना
- राहु या शनि का विवाह भाव में प्रभाव
- भाग्य भाव और विवाह भाव के स्वामी का परस्पर स्थान परिवर्तन
- द्वितीय भाव (परिवार) की स्थिति का महत्व
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कैसे बनाएं दुसरे विवाह को सफल?
- शुभ ग्रहों की शांति हेतु पूजा, रत्न, उपाय
- कल सर्प दोष, पितृ दोष आदि की शांति
- कुंभ विवाह, घट विवाह जैसे उपाय
- विवाह बाधा दूर करने हेतु विशेष अनुष्ठान
- सही मार्गदर्शन के लिए अनुभवी ज्योतिष से परामर्श आवश्यक
दूसरा विवाह अगर सही दिशा में और ज्योतिष सलाह से किया जाए, तो यह जीवन को सुखमय और संतुलित बना सकता है।
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