Vivah Mai Deri Ke karan In Hindi, विवाह में देरी के क्या कारण हो सकते हैं, ज्योतिष से कैसे जाने विवाह में बाधा को, क्या समाधान है शीघ्र विवाह योग के लिए.
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vivah me deri ke karan |
मानव जन्म से ही सामाजिक होता है अतः उसे कदम कदम पर दोस्त, परिवार के सदस्य, प्रेमी, जीवन साथी की जरुरत पड़ती है. अकेला रहना एक श्राप ही होता है. इसमे भी कोई शक नहीं की कई लोगो की जिन्दगी तो एक अच्छा साथी ढूंढने में ही निकल जाती है.
विवाह एक सामाजिक उत्सव के रूप मे मनाया जाता है जिसमे दो लोग एक दुसरे के साथ रहने और एक दुसरे का ख्याल रखने की कसम खाते हैं . अगर विवाह समय पर हो जाए तो स्त्री और पुरुष दोनों सुखी जीवन बिता सकते हैं और महत्वपूर्ण क्षणों का आनंद अच्छी तरह से ले सकते हैं परन्तु समय निकल जाने पर व्यक्तिगत जीवन और सामाजिक जीवन में भी बहुत कुछ सहन करना पड़ता है.
इस लेख में हम जानेंगे विवाह में देरी के कुछ कारणों को.
आइये सबसे पहले जानते हैं कुछ साधारण कारणों को जिसके कारण कुछ लोग बिना विवाह के जीवन बिता रहे हैं –
- कुछ लोग अपनी उच्च अभिलाषाओ के कारण जीवन अकेले जिए जा रहे हैं.
- कुछ लोग इसीलिए अकेले हैं क्यूंकि उनके घरवाले उत्सुक नहीं हैं.
- कुछ लोग दुसरो के बुरे अनुभवों को सुन कर और देखकर भी विवाह से दूर अकेले जीवन जी रहे हैं.
- कुछ लोग प्रेम में असफल होने के कारण भी अकेले जीये जा रहे हैं.
- कुछ लोगो को कोई मिल ही नहीं रहा है अथाह प्रयास करने पर भी.
- कुछ लोग नौकरी या आय के स्त्रोत नहीं होने के कारण शादी से वंचित हैं.
- कुछ इतने जायद पढ़ लिख गए हैं की उनके लायक साथी नहीं मिल रहा है.
- कुछ कुंडली में ख़राब योग के कारण भी परेशान है.
ये तो कुछ साधारण कारण है जो की समाज में दिख जाते हैं और असला में बहुत से परेशानियों से व्यक्ति सिर्फ अपनी सोच बदलकर बहार आ सकता है. परन्तु यहाँ हम बात कर रहे हैं ज्योतिषीय कारणों का तो आइये देखते हैं कैसे ग्रहों का प्रभाव पड़ता है विवाह पर.
शादी/ विवाह के देरी होने के ज्योतिषीय कारण :
वैदिक ज्योतिष के हिसाब से कुंडली का सातवां घर विवाह के लिए जिम्मेदार होता है परन्तु और भी कई योग इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. चन्द्रमा से सातवां घर भी विवाह के लिए जिम्मेदार हो सकता है. सुख स्थान की स्थिति भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.आइये इसे जानते हैं कुछ उदाहरण से .मान लीजिये अगर कुंडली के सातवें घर में गुरु ख़राब हो या फिर सातवें घर का स्वामी कुंडली में बुरा असर दाल रहा हो तो विवाह में देरी हो सकती है या फिर व्यक्ति का वैवाहिक जीवन अस्त व्यस्त हो सकता है.
इसी प्रकार अगर कुंडली का चौथा घर अगर ग्रस्त हो तो भी व्यक्ति को सुखी जीवन के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है.
बुरे योग के कारण या फिर ग्रहों के कमजोर होने की स्थिति में व्यक्ति का विवाह उम्र ढलने के बाद हो सकता है या फिर विवाह असफल हो सकता है. अतः ये जरुरी है की अच्छे ज्योतिष से परामर्श लिए जाए.
कई बार शुक्र के ख़राब होने से या कमजोर होने से भी विवाह में बढाए आती है , इसी प्रकार मंगल के दुष्प्रभाव के कारण भी व्यक्ति को भोगना पड़ता है.
शीघ्र विवाह के लिए क्या उपाय करने चाहिए?
इस प्रश्न का उत्तर सभी जानना चाहते हैं परन्तु यहां मैं कहना चाहूँगा की इसके लिए कोई एक फिक्स उपाय नहीं है. विवाह में बाधा का जो कारण होगा वैसा उपाय करना होगा जैसे की –- अगर मांगलिक दोष के कारण व्यक्ति का विवाह नहीं हो रहा हो तो मंगल शांति की पूजा लाभदायक हो सकता है.
- अगर शुक्र या गुरु के कारण व्यक्ति को परेशानी आ रही है तो उससे सम्बंधित शांति पूजा की जरुरत होती है.
- कई विकत परिस्थितियों में शिव परिवार का पूजा लाभ दायक होता है.
- कभी शनि साडेसाती के कारण भी व्यक्ति को परेशानी आती है जीवन में अतः उस समय शनि शांति पूजा लाभदायक होती है.
आइये अब कुछ आसान तरीके बताते जिसका प्रयोग करके सभी लाभ उठा सकते हैं:
- रोज शिव परिवार के सामने दीपक जला के प्रार्थना करे की जैसे परिवार आपके पास है वैसा परिवार आपको भी प्रदान करे.
- राधा कृष्ण की साथ में पूजा करके अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए प्रार्थना करें.
- नए शादी शुदा जोड़े से अपने लिए शुभकामनाये लीजिये.
- कन्याओं को भोजन करवा के सौंदर्य के सामान भेंट करके उनका आशीर्वाद ले.
- माता के मंदिर में नारियल का दान करे और प्रसाद अपने हाथो से बाटे और प्रार्थना करे.
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