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Latest Astrology Updates in Hindi

Shiv Pradosh Mantra For Puja

Shiv Pradosh Mantra For Puja, शिव पूजा मंत्र सफलता के लिए, धन-ऐश्वर्य-संतान सुख-वैवाहिक सुख की प्राप्ति के लिए शिव मंत्र, Daily Mantra, Evening mantra. Pradoshstrotrashtkam(प्रदोषस्तोत्राष्टकम् ) ka paath प्रदोष व्रत या प्रदोष शिव पूजा के दौरान किया जाता है। इसमें प्रदोष काल की महिमा का वर्णन है और बताया गया है की प्रदोष काल में सिर्फ भगवान् शिव की पूजा करने से ही सभी देवी देवताओं के पूजा का फल प्राप्त होता है. प्रदोष काल में भगवान् शिव की पूजा करने से जातक को पारिवारिक सुख, सांसारिक सुख, सौभाग्य की प्राप्ति होती है.  Shiv Pradosh Mantra For Puja YouTube में सुनिए  Lyrics of Pradoshstrotrashtkam/प्रदोषस्तोत्राष्टकम् in Sanskrit: सत्यं ब्रवीमि परलोकहितं ब्रवीमि सारं ब्रवीम्युपनिषद्धृदयं ब्रवीमि । संसारमुल्बणमसारमवाप्य जन्तोः सारोऽयमीश्वरपदांबुरुहस्य सेवा ॥१॥  ये नार्चयन्ति गिरिशं समये प्रदोषे ये नार्चितं शिवमपि प्रणमन्ति चान्ये । एतत्कथां श्रुतिपुटैर्न पिबन्ति मूढास्ते जन्मजन्मसु भवन्ति नरा दरिद्राः ॥२॥  ये वै प्रदोषसमये परमेश्वरस्य कुर्वन्त्यनन्यमनसोंऽघ्रिसरोजपू...

Hanuman Bahuk Lyrics and Benefits

हनुमान बाहुक | Hauman Bahuk with Lyrics | श्री हनुमान बाहुक के पाठ के फायदे | हनुमानजी भगवान शिव के 11 वें रूद्र अवतार माने गए हैं | हनुमान जी को अनेक नामो से जाना जाता है जैसे पवन पुत्र, अनजानी पुत्र, बजरंगबली, संकट मोचन आदि | इनका नाम लेने से ही बुरी शक्तियां भाग जाती है |  अगर जीवन में पीड़ा ख़त्म नहीं हो रही हो, रोग ख़त्म नहीं हो रहे हों तो ऐसे में रोज हनुमान बाहुक का पाठ करना बहुत लाभदायक होता है | हनुमान बाहुक की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की है | इसमें तुलसीदास जी ने हनुमान जी के कार्यो का गुणगान किया है, उनकी शक्ति की प्रशंशा की है और उनसे प्रार्थना की है की वे सब कष्टों से मुक्त करने में समर्थ है | Hanuman Bahuk Lyrics and Benefits आइये जानते हैं hanuman bahuk के पाठ के क्या फायदे होते हैं ? हनुमानजी की पूजा और बाहुक के पाठ से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा मिलता है | अगर हर काम में बाधा आ रही हो तो इसके पाठ से दूर होती है | मान्यता के अनुसार हनुमान बाहुक के पाठ से गठिया, वात रोग, सिर दर्द, गले में दर्द, जोड़ों के दर्द आदि तमाम तरह के शारीरिक कष्टों से मुक्ति मि...

Love Harmones Ka Rahasya In Hindi

लव हारमोंस का रहस्य, क्या होता है लव हारमोंस, जानिए लव हार्मोन्स के फायदे, कैसे स्वस्थ्य को प्रभावित करता है ये हार्मोन. ये काफी दिलचस्प विषय है क्यूंकि हम बहुत सी बातो के गहराई को नहीं जानते हैं परन्तु उसके पीछे विज्ञान होता है. एक ऐसा विशेष हार्मोन है जो की बच्चे के जन्म के समय पैदा होता है, जब बछा दूध पीता है तब पैदा होता है, जब कुशी होती है , जब शांति होती है मन मे तब पैदा होता है. ये हार्मोन प्रेम और प्रेमियों से भी जुड़ा है. जी हाँ ! जब हम किसी से प्रेम करते हैं और उसके साथ ख़ुशी महसूस करते हैं तब भी ये हार्मोन जन्म लेता है. इस विशेष हार्मोन का नाम है “ऑक्सीटोसिन” जो की जिम्मेदार है स्वस्थ दिमाग और शारीर के लिये. इसका सम्बन्ध भावनाओं से है, निकटता से है आदि. Love Harmones Ka Rahasya In Hindi शोध ये भी बताते हैं की इस हार्मोन का जन्म पारस्परिक शारीरिक सम्बन्ध बनाने के समय भी होता है. परन्तु सिर्फ ऐसा ही नहीं है. महिलाए जब बच्चे को जन्म देती है, जब बच्चे को दूध पिलाती है तब भी ये हार्मोन पैदा होता है. शोध ये भी बताता है की ऑक्सीटोसिन हार्मोन शारीर के अन्दर मेटाबोलिक...

Kundli ka shashtham bhaav kya batata hai

कुंडली का छष्ठ भाव, Kundli ka shashtham bhaav, 6th House in Kundli | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली के छष्ठम भाव पर विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव होता है  ? | हमारी जन्म कुंडली में छठा भाव अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण है | ये जीवन के अनेक महत्त्वपूर्ण विषयों से जुड़ा हुआ है जैसे की हमारे शत्रु, चिंता, रोग, ऋण, मुक़दमे बाजी, शोक, दुःख, अपयश आदि | कुंडली का छठा भाव हमारे अन्दर की भावनाओं को भी व्यक्त करता है  | Kundli ka shashtham bhaav kya batata hai Read in english about 6th house in Horoscope आइये अब और जानते हैं विस्तार से जन्म पत्रिका के छठे भाव के बारे में : कुंडली के छष्ठम भाव को शत्रु भाव के नाम से भी जाना जाता है | इस घर से सम्बंधित प्राकृतिक ग्रह और राशि बुध और कन्या है | कानूनी मामलो में, षड़यंत्र में फंसने के योग भी इसी भाव के अध्ययन से पता चलता है | इस भाव से शत्रु, चिंता, रोग, ऋण, मुक़दमे बाजी, शोक, दुःख, अपयश आदि का पता चलता है | माता के छोटे भाई बहन की स्थिति का पता इस भाव से लगता है | जीवनसाथी के खर्चे यात्राओं और रोग का अध्ययन भी इस भाव से किया जा सकता है | Watch ...

Guru Ashtkam Lyrics with hindi meanings

 श्री गुरु अष्टकम के बोल, Guru Ashtakam by Shrī Ādi Shankarāchārya , meaning in hindi. आदि शंकराचार्य जी के द्वारा रचा गया एक अद्भुत अष्टकम है जिसमे गुरु के महत्त्व को बताया गया है | इसका पाठ हमे अपने गुरु के प्रति और श्रद्धावान बनाता है |  आदि शंकराचार्य जी कहते हैं की कैसे भी धन हो, कैसा भी सुख हो परन्तु अगर हमारा मन गुरु चरणों में नहीं लगा तो सब व्यर्थ है | उनके अनुसार अपार धन-संपत्ति, ज्ञान, कीर्ति, और यहाँ तक कि यौगिक सफलता,सिद्धियाँ भी गुरु की कृपा के बिना व्यर्थ हैं। इस लेख में हम जानेंगे श्री गुरु अष्टकम के बोल और उसका हिंदी अर्थ | Guru Ashtkam Lyrics with hindi meanings Shree Guru Ashtkam Lyrics in Sanskrit: || ॐ श्री गुरुभ्यो नमः || शरीरं सुरुपं तथा वा कलत्रं यशश्चारू चित्रं धनं मेरुतुल्यम् । मनश्चेन्न लग्नं गुरोरंघ्रिपद्मे ततः किं ततः किं ततः किं ततः किम् ॥ 1 ॥ कलत्रं धनं पुत्रपौत्रादि सर्वं गृहं बान्धवाः सर्वमेतद्धि जातम् । मनश्चेन्न लग्नं गुरोरंघ्रिपद्मे ततः किं ततः किं ततः किं ततः किम् ॥ 2 ॥ षडंगादिवेदो मुखे शास्त्रविद्या कवित्वादि गद्यं सुपद्यं करोति । ...

Kundli ka Pancham Bhaav In Jyotish

कुंडली का पंचम भाव, Kundli Pancham bhaav, 5th House in Kundli | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली के पंचम भाव पर विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव होता है  ? | जन्म कुंडली हमारे जीवन का दर्पण है जिसमे भूत, वर्तमान और भविष्य छिपा हुआ है | जन्म पत्रिका के 12 भाव अलग अलग विषयों से जुड़े हुए हैं और इसी कारण से हर भाव का अध्ययन बहुत जरुरी है जीवन को पूरी तरह से समझने के लिए | इस लेख में हम कुंडली के पंचम भाव के बारे में जानेंगे | ये भाव अती महत्त्वपूर्ण है क्यूंकि इस भाव का सम्बन्ध भाग्य, संतान, प्रेम, जीवन साथी के आय पुण्य आदि से होता है |  जब पंचम भाव शुभ होता है जो जातक के जीवन में चमत्कारी रूप से लाभ देखने को मिलते हैं |  Kundli ka Pancham Bhaav In Jyotish Read in English about 5th House In Horoscope आइये जानते हैं जन्म कुंडली के पांचवे भाव के बारे में विस्तार से : इस भाव को संतान का घर और विद्या भाव भी कहा जाता है | कुंडली के पांचवे घर से सम्बंधित प्राकृतिक ग्रह और राशि सूर्य और सिंह है | शेयर बाजार,सट्टा, लाटरी से कमाने के योग भी इसी भाव के अध्ययन से पता चलते हैं |  ...

Kundli Ka Chaturth bhaav in Jyotish

कुंडली का चौथा भाव, Kundli chautha bhaav, 4th House in Kundli | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली के चौथे भाव पर विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव होता है  ?| जन्म पत्रिका का चौथा भाव अती महत्त्वपूर्ण है  क्यूंकि इसका सम्बन्ध अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण विषयो से होता है जैसे माता, परिवार, सुख, जीवन साथी का करियर, वाहन और भूमि सुख आदि | कुंडली के चतुर्थ भाव का अध्ययन इसीलिए बहुत जरुरी है की हमारे जीवन में भौतिक सुख साधन, पारिवारिक सुख की स्थिति कैसी रहेगी इसका पता इसी भाव से चलता है | Kundli Ka Chaturth bhaav in Jyotish Read in english about power of 4th house in Birth Chart आइये और विस्तार से समझते हैं जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव को : इस भाव को सुख भाव भी कहा जाता है | इस भाव का सम्बन्ध माता, भूमि, वाहन, अचल संपत्ति पारिवारिक सुख आदि से होता है | कुंडली के चतुर्थ भाव से सम्बंधित प्राकृतिक ग्रह और राशि है चंद्रमा और कर्क. हमारे पास पशुधन की स्थिति का अध्ययन भी इसी भाव से किया जाता है | ये भाव संतान के खर्चे को भी बताता है |  जीवनसाथी के काम काज में सफलता को  भी इसी ...

Kundli ka Teesra Bhav in Jyotish

कुंडली का तीसरा भाव, Kundli ka Tesra bhaav, 3rd House in Kundli | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में तीसरा भाव पर विभिन्न ग्रहों का प्रभाव क्या होता है  | जन्म कुंडली का तीसरा भाव अती महत्त्वपूर्ण है क्यूंकि जीवन के अती महत्त्वपूर्ण विषयो का सम्बन्ध इस भाव से है जैसे छोटी यात्राओं को करना, भाई बहन के साथ सम्बन्ध, पराक्रम, माता का स्वास्थ्य, जीवनसाथी का भाग्य, स्वयं का धैर्य आदि | जैसा की हम अपने पहले लेख में देख चुके है की जन्म पत्रिका में कुल 12 घर होते हैं और 9 ग्रह इन्ही में से किसी में बैठते हैं  और जीवन को प्रभवित करते हैं | हमारे कुंडली हमारे जीवन का दर्पण होता है जिसके अध्ययन से ये पता चलता है की हमारे जीवन में कब लाभ होगा, कब परेशानी आएगी, कौन सा काम ठीक रहेगा, किनसे सावधान रहना चाहिए आदि | Kundli ka Teesra Bhav in Jyotish जन्म कुंडली के तीसरे भाव के बारे में महत्वपूर्ण बातें : जन्म पत्रिका का तीसरा भाव पराक्रम भाव और सहज भाव भी कहलाता है| इस भाव से समबंधित प्राकृतिक ग्रह और राशि मिथुन और बुध हैं | हमारे शरीर में श्वास नाली, गर्दन, हाथ, कंधे, कान का सम्बन्ध कु...

Shree Hanumad Beesa Ke Fayde

  Hanuman Bisa , श्री हनुमद् बीसा के फायदे , हनुमानजी को प्रसन्न करने का एक सरल उपाय | श्री राम भक्त हनुमानजी को प्रसन्न करने का एक अत्यंत ही सरल तरीका है श्री हनुमद् बीसा का पाठ | इसकी सबसे बड़ी विशेषता ये है की ये साधारण भाषा में लिखी गई है जिससे कोई भी भक्ति से इसका पाठ आसानी से कर सकता है |  श्री हनुमद् बीसा में 20 चौपाई है जिसमे की हनुमानजी से रक्षा के लिए प्रार्थना की गई है,मनोकामना पूरी करने के लिए प्रार्थना की गई है |  हनुमद् बीसा के पाठ से हनुमान जी प्रसन्न होतें हैं और अपने भक्त की सभी समस्यों का समाधान करतें हैं. श्री हनुमद् बीसा की रचना किसने की है ? Hanumanji के परम भक्त श्री यशपाल जी ने इन चौपाई की रचना की है |  Shree Hanumad Beesa Ke Fayde Lyrics of Hanumad Beesa || हनुमत् बीसा ||: || दोहा || राम भक्त विनती करूँ,सुन लो मेरी बात ।  दया करो कुछ मेहर उपाओ, सिर पर रखो हाथ ।। Listen On YOUTUBE || चौपाई || जय हनुमन्त, जय तेरा बीसा,कालनेमि को जैसे खींचा ।।१॥  करुणा पर दो कान हमारो,शत्रु हमारे तत्क्षण मारो ।।२॥  राम भक्त जय ज...

Kundli Ke Dusre Bhaav Ki khaas Baate in hindi

कुंडली का दूसरा भाव, Kundli ka dusra bhaav, 2nd House in Kundli | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में दूसरा भाव पर विभिन्न ग्रहों का प्रभाव | जन्म कुंडली में हर भाव का अपना एक विशेष महत्त्व होता है क्यूंकि हर भाव एक विशेष विषय से सम्बन्ध रखता है | वैदिक ज्योतिष के हिसाब से हमारे जन्म पत्रिका में 12 भाव होते हैं और हर भाव का सम्बन्ध विभिन्न विषयो से होता है | आज इस लेख में हम जानेंगे की कुंडली के दुसरे भाव का क्या महत्त्व है | कुंडली का दूसरा भाव का महत्त्व : इस भाव को धन भाव भी कहा जाता है और इसका सम्बन्ध स्थाई संपत्ति से भी है | अगर इस भाव में शुभ ग्रह मौजूद हो या फिर ये घर शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो ऐसे जातक के पास धन की कमी नहीं रहती और स्थाई संपत्ति भी अच्छी होती है | जन्म कुंडली के दूसरे भाव का सम्बन्ध जिस भाव और ग्रह से बनेगा उसके आधार पर जातक को लाभ मिलता है जीवन में |  दुसरे भाव का सम्बन्ध जीवनसाथी के स्वास्थ्य से भी होता है, जातक की वाक् चातुर्यता से भी होता है, दाहिनी आँख आदि से होता है |  कुंडली के दूसरे भाव की प्राकृतिक राशि वृषभ है | कुंडली के दूसरे भाव से ...