Shri Das Mahavidya Kavach Lyrics With Meaning in Hindi, Video of दशमहाविद्या कवच, जानिए हिंदी अर्थ.
Dashmahavidya kavach With Meaning in Hindi: दस महाविद्या कवच, इच्छा पूर्ति, आध्यात्मिक उत्थान और ज्ञान के लिए सबसे शक्तिशाली कवच है। इसमें सभी दिशाओं में रक्षा के लिए प्रार्थना की गई है, शरीर के प्रत्येक अंग की रक्षा के लिए प्रार्थना की गई है. इसका पाठ करने वाला जातक सभी जगह सफलता प्राप्त करता है.
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Shri Das Mahavidya Kavach Lyrics With Meaning in Hindi |
Lyrics of Shri Das Mahavidya Kavach:
॥ विनियोगः ॥
ॐ अस्य श्रीमहाविद्याकवचस्य श्रीसदाशिव ऋषिः उष्णिक् छन्दः
श्रीमहाविद्या देवता सर्वसिद्धीप्राप्त्यर्थे पाठे विनियोगः ।
॥ ऋष्यादि न्यासः ॥
श्रीसदाशिवऋषये नमः शिरसी उष्णिक् छन्दसे नमः मुखे
श्रीमहाविद्यादेवतायै नमः हृदि सर्वसिद्धिप्राप्त्यर्थे
पाठे विनियोगाय नमः सर्वाङ्गे । Dashmahavidya kavach With Meaning in Hindi
॥ मानसपुजनम् ॥
ॐ पृथ्वीतत्त्वात्मकं गन्धं श्रीमहाविद्याप्रीत्यर्थे समर्पयामि नमः ।
ॐ हं आकाशतत्त्वात्मकं पुष्पं श्रीमहाविद्याप्रीत्यर्थे समर्पयामि नमः ।
ॐ यं वायुतत्त्वात्मकं धूपं श्रीमहाविद्याप्रीत्यर्थे आघ्रापयामि नमः ।
ॐ रं अग्नितत्त्वात्मकं दीपं श्रीमहाविद्याप्रीत्यर्थे दर्शयामि नमः ।
ॐ वं जलतत्त्वात्मकं नैवेद्यं श्रीमहाविद्याप्रीत्यर्थे निवेदयामि नमः ।
ॐ सं सर्वतत्त्वात्मकं ताम्बूलं श्रीमहाविद्याप्रीत्यर्थे निवेदयामि नमः।
॥ अथ श्री महाविद्याकवचम् ॥
ॐ प्राच्यां रक्षतु मे तारा कामरूपनिवासिनी ।
आग्नेय्यां षोडशी पातु याम्यां धूमावती स्वयम् ॥ १॥
नैरृत्यां भैरवी पातु वारुण्यां भुवनेश्वरी ।
वायव्यां सततं पातु छिन्नमस्ता महेश्वरी ॥ २॥ Dashmahavidya kavach With Meaning in Hindi
कौबेर्यां पातु मे देवी श्रीविद्या बगलामुखी ।
ऐशान्यां पातु मे नित्यं महात्रिपुरसुन्दरी ॥ ३॥
ऊर्ध्वं रक्षतु मे विद्या मातङ्गीपीठवासिनी ।
सर्वतः पातु मे नित्यं कामाख्या कालिका स्वयम् ॥ ४॥
ब्रह्मरूपा महाविद्या सर्वविद्यामयी स्वयम् ।
शीर्षे रक्षतु मे दुर्गा भालं श्रीभवगेहिनी ॥ ५॥
त्रिपुरा भ्रुयुगे पातु शर्वाणी पातु नासिकाम् ।
चक्षुषी चण्डिका पातु श्रोत्रे निलसरस्वती ॥ ६॥Dashmahavidya kavach With Meaning in Hindi
मुखं सौम्यमुखी पातु ग्रीवां रक्षतु पार्वती ।
जिह्वां रक्षतु मे देवी जिह्वाललनभीषणा ॥ ७॥
वाग्देवी वदनं पातु वक्षः पातु महेश्वरी ।
बाहू महाभुजा पातु कराङ्गुलीः सुरेश्वरी ॥ ८॥
पृष्ठतः पातु भीमास्या कट्यां देवी दिगम्बरी ।
उदरं पातु मे नित्यं महाविद्या महोदरी ॥ ९॥ Dashmahavidya kavach With Meaning in Hindi
उग्रतारा महादेवी जङ्घोरू परिरक्षतु ।
उग्रातारा गुदं मुष्कं च मेढ्रं च नाभिं च सुरसुन्दरी ॥ १०॥
पादाङ्गुलीः सदा पातु भवानी त्रिदशेश्वरी ।
रक्तमांसास्थिमज्जादीन् पातु देवी शवासना ॥ ११॥
महाभयेषु घोरेषु महाभयनिवारिणी ।
पातु देवी महामाया कामाख्यापीठवासिनी ॥ १२॥ Dashmahavidya kavach With Meaning in Hindi
भस्माचलगता दिव्यसिंहासनकृताश्रया ।
पातु श्रीकालिकादेवी सर्वोत्पातेषु सर्वदा ॥ १३॥
रक्षाहीनं तु यत्स्थानं कवचेनापि वर्जितम् ।
तत्सर्वं सर्वदा पातु सर्वरक्षणकारिणी ॥ १४॥
॥ इति श्री दश महाविद्या कवचम् सम्पूर्णम ॥
Hindi Meaning of Das Mahavidya Strotram:
- पूर्व दिशा में मेरी रक्षा करें तारा देवी, जो कामरूप (असम) में निवास करती हैं। आग्नेय दिशा में षोडशी (त्रिपुरसुंदरी) रक्षा करें, और यम दिशा (दक्षिण) में धूमावती स्वयं रक्षा करें।
- नैऋत्य दिशा (दक्षिण-पश्चिम) में भैरवी रक्षा करें, और पश्चिम दिशा (वारुण्य) में भुवनेश्वरी रक्षा करें। वायव्य दिशा (उत्तर-पश्चिम) में सदैव छिन्नमस्ता महेश्वरी रक्षा करें। Dashmahavidya kavach With Meaning in Hindi
- कुबेर दिशा (उत्तर) में मेरी रक्षा करें श्रीविद्या स्वरूपा बगलामुखी देवी। ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में मेरी सदा रक्षा करें महात्रिपुरसुंदरी।
- ऊर्ध्व (ऊपर की ओर) मेरी रक्षा करें मातंगी, जो अपने पीठ पर स्थित हैं। सभी दिशाओं से मेरी सदा रक्षा करें कामाख्या देवी, जो स्वयं कालिका हैं।
- ब्रह्मा स्वरूपा महाविद्या, जो सभी विद्याओं की अधिष्ठात्री हैं, मेरा सिर दुर्गा देवी सुरक्षित रखें, और मस्तक (भाल) की रक्षा श्री भवगेहिनी करें। Dashmahavidya kavach With Meaning in Hindi
- त्रिपुरा देवी मेरी दोनों भौंहों की रक्षा करें, शर्वाणी मेरी नासिका (नाक) की रक्षा करें। मेरी आंखों की रक्षा चण्डिका करें, कानों की रक्षा नीलसरस्वती करें।
- मुख की रक्षा सौम्यमुखी देवी करें, गले की रक्षा पार्वती करें। मेरी जीभ की रक्षा देवी करें, जो जिह्वाललनभीषणा (भयंकर जीभ वाली) हैं।
- वाणी की देवी वाग्देवी मुख की रक्षा करें, वक्षस्थल की रक्षा महेश्वरी करें। बाहुओं की रक्षा महाभुजा करें और उंगलियों की रक्षा सुरेश्वरी करें।
- पीठ की रक्षा भयानक मुख वाली देवी करें, कटि (कमर) की रक्षा दिगम्बरी देवी करें। पेट की सदा रक्षा करें महाविद्या, जिनका पेट विशाल (महोदरी) है।
- उग्रतारा महादेवी जंघा और ऊरु (जांघों) की रक्षा करें। गुदा, मुष्क (वृषण), लिंग और नाभि की रक्षा सुरसुन्दरी करें। Dashmahavidya kavach With Meaning in Hindi
- पैरों की उंगलियों की सदा रक्षा भवानी करें, जो देवताओं की अधीश्वरी हैं। रक्त, मांस, अस्थि और मज्जा आदि की रक्षा शव पर विराजमान देवी करें।
- भीषण और अत्यंत भयावह परिस्थितियों में रक्षा करें महामाया देवी, जो कामाख्या पीठ में निवास करती हैं और सभी भयों को दूर करती हैं।
- जो भस्माचल पर्वत पर विराजमान हैं और दिव्य सिंहासन पर आसीन हैं, वे श्री कालिका देवी सदैव सभी विपत्तियों से मेरी रक्षा करें।
- जो स्थान इस कवच में वर्णित नहीं हुए और जहाँ रक्षा नहीं की गई है, उन सभी स्थानों की भी सदैव रक्षा करें सर्वरक्षणकारिणी देवी।
॥ इस प्रकार श्री दश महाविद्या कवच सम्पूर्ण हुआ ॥
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