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Sharad Poornima Jyotish In Hindi

Sharad poornima kab hai 2025 mai, sharad poornima ka mahattwa, kya kare safaltaa ke liye, kisi pooja kare sharad poornima ko as per jyotish, शरद पूर्णिमा पर hindi में जानिये महत्तव और क्या करे सफलता के लिए. sharadpoornima 2025:  साल की सबसे बड़ी और शक्तिशाली पूर्णिमा है शरद पूर्णिमा और ऐसी मान्यता है की अगर कोई आर्थिक और शारीरिक परेशानी से गुजर रहा हो तो इस रात्रि को पूजन जरुर करना चाहिए, इससे बहुत लाभ मिलता है | ये रात्रि माता लक्ष्मी से भी सम्बन्ध रखता है |  वैदिक ज्योतिष के हिसाब से अगर कुंडली में चंद्रमा ग्रह मजबूत हो तो जातक बहुत ही संपन्न जीवन जीता है ऐशो -आराम के साथ वहीँ कमजोर चंद्रमा असंतुष्ट जीवन का प्रतीक होता है |अतः चन्द्रमा अती महत्त्वपूर्ण है हमारे जीवन में | २०२५ में शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर की रात्री को रहेगा, पूर्णिमा तिथि 6 तारीख को दोपहर में लगभग 12:25 पे शुरू होगा और 7 तारीख को सुबह लगभग 9:18 तक रहेगा.  अगर आपको चाह है एक शांति पूर्ण जीवन की, अगर आपको चाह है एक स्वस्थ जीवन की अगर आप चाहते हैं एक सुखी और संपन्न जीवन तो शरद पूर्णिमा की रात्री आपके...

Ujjain Panchkoshi Yatra Ka Mahattw aur Tarikh

Ujjain Panchkoshi Yatra Ka Mahattw aur Tarikh, kab se shuru hogi panchkosi yatra 2025, जानिए ख़ास बातें उज्जैन के पंचकोशी यात्रा के बारे में.     

Ujjain panchkosi yatra 2025: 23 april 2025 से उज्जैन में शुरू होगी पंचकोशी यात्रा जिसमे की श्रद्धालुगण ११८ किलोमीटर की यात्रा करते हैं पैदल वो भी 5 दिन में. इस यात्रा की शुरुआत उज्जैन में नागचंद्रेश्वर मंदिर से होती है जहाँ से भक्त बल लेते हैं और फिर अमावस्या के दिन शिप्रा नदी में स्नान करके इस यात्रा को समाप्त करते हैं. यात्रा के दौरान प्रमुख पड़ाव पिंगलेश्वर, करोहन, अंबोदिया, जैथल और उंडासा होते हैं. 

Ujjain Panchkoshi Yatra Ka Mahattw aur Tarikh, kab se shuru hogi panchkosi yatra 2025, जानिए ख़ास बातें उज्जैन के पंचकोशी यात्रा के बारे में.
Ujjain panchkosi yatra 2025


आइये जानते हैं ख़ास बातें उज्जैन के पंचक्रोशी यात्रा के बारे में :

  1. ये यात्रा हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख महीने में होती है. 
  2. ये यात्रा वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि से शुरू होकर अमावस्या को समाप्त होती है. 
  3. इस यात्रा के समय सूर्य अपने उच्च राशि मेष में राहते हैं. 
  4. ये यात्रा 5 कोस की रहती है. Ujjain panchkosi yatra 2025
  5. ये यात्रा पटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर से दर्शन करके शुरू होती है. 
  6. ये यात्रा सुख और सम्पन्नता के लिए की जाती है. 
  7. ग्रामीण लोग इस यात्रा को उत्तम खेती के लिए करते हैं. 
  8. ये यात्रा 14वीं शताब्दी से चलती आ रही है. 

स्कंद पुराण के अवंति खंड में पंचकोसी यात्रा का वर्णन मिलता है। ये यात्रा वैशाख मास में कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि से शुरू होक अमावस्या तक चलती है. Ujjain panchkosi yatra 2025

इस यात्रा के दौरान उज्जैन में बाबा महाकाल के 4 द्वारपालों की विशेष पूजा होती है जो की हैं पूर्व में पिंगलेश्वर, दक्षिण में कायावरूणेशवर, पश्चिम में बिल्केश्वर और उत्तर में दुर्दुरेश्वर महादेव. 

पढ़िए उज्जैन के ८४ महादेव के बारे में 

Ujjain Panchkoshi Yatra Ka Mahattw aur Tarikh, kab se shuru hogi panchkosi yatra 2025, ujjain kaalbhairav, जानिए ख़ास बातें उज्जैन के पंचकोशी यात्रा के बारे में.   

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