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Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar Ka Prabhav

Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar Ka Prabhav, Surya Mithun Rashi Mai kab jayenge, surya gochar june 2025, मिथुन संक्रांति क्या है, १२ राशियों पर असर | मिथुन संक्रांति का महत्त्व: Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar 2025:  जब सूर्य वृषभ राशि से मिथुन में प्रवेश करते हैं  तो उसे मिथुन संक्रांति कहते हैं| ज्योतिष के हिसाब से इस दिन के बाद अगले करीब ३१ दिन तक सूर्य मिथुन राशी में रहता है| जब सूर्य मिथुन राशि में रहते हैं तो भारत के गुवाहाटी में कामख्या मंदिर में  अम्बुबाची का मेला लगता है जब मंदिर के कपाट कुछ दिनों के लिए बंद किये जाते हैं, ऐसा कहा जाता है की साल में एक बार माता कामख्या रजस्वला होती है अतः इसीलिए कुछ दिनों के लिए मंदिर का पठ बंद रहता है और इन्ही दिनों मंदिर में मेला लगता है | ये सिर्फ साल में एक बार होता है और पुरे विश्व से लोग यहाँ आते है| भारत के बहुत से भागो में इस दिन लोग भगवान् विष्णु की पूजा करते हैं. कई भागो में मानसून आ जाता है और लोग बारिश का भी आनंद लेते हैं|  Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar 2025 Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar Ka Pra...

Ujjain Panchkoshi Yatra Ka Mahattw aur Tarikh

Ujjain Panchkoshi Yatra Ka Mahattw aur Tarikh, kab se shuru hogi panchkosi yatra 2025, जानिए ख़ास बातें उज्जैन के पंचकोशी यात्रा के बारे में.     

Ujjain panchkosi yatra 2025: 23 april 2025 से उज्जैन में शुरू होगी पंचकोशी यात्रा जिसमे की श्रद्धालुगण ११८ किलोमीटर की यात्रा करते हैं पैदल वो भी 5 दिन में. इस यात्रा की शुरुआत उज्जैन में नागचंद्रेश्वर मंदिर से होती है जहाँ से भक्त बल लेते हैं और फिर अमावस्या के दिन शिप्रा नदी में स्नान करके इस यात्रा को समाप्त करते हैं. यात्रा के दौरान प्रमुख पड़ाव पिंगलेश्वर, करोहन, अंबोदिया, जैथल और उंडासा होते हैं. 

Ujjain Panchkoshi Yatra Ka Mahattw aur Tarikh, kab se shuru hogi panchkosi yatra 2025, जानिए ख़ास बातें उज्जैन के पंचकोशी यात्रा के बारे में.
Ujjain panchkosi yatra 2025


आइये जानते हैं ख़ास बातें उज्जैन के पंचक्रोशी यात्रा के बारे में :

  1. ये यात्रा हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख महीने में होती है. 
  2. ये यात्रा वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि से शुरू होकर अमावस्या को समाप्त होती है. 
  3. इस यात्रा के समय सूर्य अपने उच्च राशि मेष में राहते हैं. 
  4. ये यात्रा 5 कोस की रहती है. Ujjain panchkosi yatra 2025
  5. ये यात्रा पटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर से दर्शन करके शुरू होती है. 
  6. ये यात्रा सुख और सम्पन्नता के लिए की जाती है. 
  7. ग्रामीण लोग इस यात्रा को उत्तम खेती के लिए करते हैं. 
  8. ये यात्रा 14वीं शताब्दी से चलती आ रही है. 

स्कंद पुराण के अवंति खंड में पंचकोसी यात्रा का वर्णन मिलता है। ये यात्रा वैशाख मास में कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि से शुरू होक अमावस्या तक चलती है. Ujjain panchkosi yatra 2025

इस यात्रा के दौरान उज्जैन में बाबा महाकाल के 4 द्वारपालों की विशेष पूजा होती है जो की हैं पूर्व में पिंगलेश्वर, दक्षिण में कायावरूणेशवर, पश्चिम में बिल्केश्वर और उत्तर में दुर्दुरेश्वर महादेव. 

पढ़िए उज्जैन के ८४ महादेव के बारे में 

Ujjain Panchkoshi Yatra Ka Mahattw aur Tarikh, kab se shuru hogi panchkosi yatra 2025, ujjain kaalbhairav, जानिए ख़ास बातें उज्जैन के पंचकोशी यात्रा के बारे में.   

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