Shaadi Na Hone Ke 14 Jyotishi Karan – विवाह में देरी के प्रमुख ज्योतिषीय कारण, सही उपाय और जन्म कुंडली के भावों की भूमिका। यदि आप विवाह में बार-बार बाधाओं का सामना कर रहे हैं, तो यह लेख आपकी मदद करेगा।
विवाह में विलंब एक गंभीर समस्या बन जाती है, जिससे न सिर्फ व्यक्ति मानसिक तनाव में आता है बल्कि सामाजिक और पारिवारिक दबाव भी बढ़ता है। यदि आप बार-बार रिश्तों के टूटने या शादी की बात पक्की न होने जैसी परेशानियों से गुजर रहे हैं, तो जरूरी है कि आप इसकी जड़ यानी जन्म कुंडली में मौजूद कारणों को समझें।
एक अच्छा और अनुभवी ज्योतिषी न सिर्फ समस्याओं की पहचान करता है, बल्कि सही उपायों से आपको समाधान भी प्रदान करता है।
जन्म कुंडली में अशुभ ग्रहों, कमजोर योगों और दोषपूर्ण भावों की स्थिति विवाह में विलंब का मुख्य कारण बनती है। उचित ज्योतिषीय परामर्श से इन बाधाओं को दूर किया जा सकता है।

Read in English – 14 Astrology Reasons of Delay in Marriage
शादी में देरी के 14 मुख्य ज्योतिषीय कारण:
- सातवां भाव (विवाह भाव) अगर अशुभ ग्रहों से प्रभावित हो तो शादी में बाधा आती है।
- सप्तम भाव में नीच के या पाप ग्रह की दशा चल रही हो तो रिश्ते बार-बार टूटते हैं।
- कुंडली में शुक्र (लड़के के लिए) और बृहस्पति (लड़की के लिए) अशुभ हों तो विवाह में देरी होती है।
- शनि सप्तम भाव में हो तो विवाह में विलंब कराता है।
- शनि-मंगल, राहु-मंगल, सूर्य-राहु या सूर्य-मंगल की युति सप्तम/अष्टम भाव में हो तो समस्या आती है।
- मांगलिक दोष भी विवाह में अड़चन लाता है।
- कमजोर चंद्रमा, शुक्र या गुरु से विवाह में रुकावट आती है।
- सप्तमेश पाप प्रभाव में हो तो देरी होती है।
- लग्न पर पाप ग्रहों की दृष्टि हो तो शादी रुकती है।
- नवांश कुंडली में 1st और 7th भाव खराब हों तो भी विवाह में विलंब होता है।
- छठा भाव कमजोर या पापी हो तो भी रुकावटें आती हैं।
- शनि की दृष्टियां यदि लग्न, पंचम, दशम पर अशुभ प्रभाव डालें तो विवाह बाधित होता है।
- खराब गुरु यदि लग्न, तृतीय या एकादश भाव में हो तो भी विवाह में रुकावट आती है।
- खराब मंगल लग्न, चतुर्थ या द्वादश भाव में हो तो विवाह में अड़चन होती है।
अगर उम्र बढ़ रही है और विवाह की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है, तो तुरंत कुंडली का विश्लेषण करवाएं।
शीघ्र विवाह हेतु प्रभावी ज्योतिषीय उपाय:
- नियमित रूप से माँ दुर्गा की पूजा करें।
- देवगुरु बृहस्पति का व्रत और पूजन करें।
- शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का पूजन करें।
- मंगल ग्रह की शांति हेतु जप करें।
- माँ कात्यायनी का व्रत रखें।
- बहुत गंभीर स्थिति में घट विवाह भी कराया जाता है।
- दोषपूर्ण ग्रह की शांति के लिए जप/पूजन करें।
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यदि सही समय पर ज्योतिषीय उपाय किए जाएं तो विवाह में आ रही बाधाओं को हटाया जा सकता है और एक सुखद दांपत्य जीवन की शुरुआत की जा सकती है।
Shaadi Na Hone Ke 14 Jyotishi Karan, विवाह परेशानी के ज्योतिषीय कारण, विवाह से जुड़े ग्रह दोष और उनका समाधान।
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